हरित विकास पर निबंध || Essay on Green Development 2023-24

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हरित विकास पर निबंध || Essay on Green Development 2023-24

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हरित विकास पर निबंध 2023-24


Essay on Green Development 2023-24

हेलो दोस्तों आज के इस लेख में हम आपको प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हरित विकास पर निबंध 2023-24 बताने जा रहे हैं। मित्रों अगर आपको हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी अच्छी लगे तो अपने सभी दोस्तों को शेयर करें ताकि में जानकारी उन्हें भी मिल सके। और यह आर्टिकल अंत तक जरूर पढ़ें।


हरित विकास केंद्रीय बजट 2023-24 की सात शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है, ताकि देश में हरित औद्योगिक और आर्थिक बदलाव, पर्यावरण-अनुकूल कृषि व सतत ऊर्जा की शुरुआत हो सके। इनसे बड़ी संख्या में हरित रोजगार के अवसरों का भी सृजन होगा।


भारत में हरित क्रांति


भारत में हरित क्रांति पहले से ही बड़ी आबादी के साथ शुरू हो गई थी। हरित क्रांति का प्रारंभ 1960 के दशक के आखिरी भाग में डॉ. MS स्वामीनाथन, डॉ. एमएस स्वामीनाथन और जेऎच कुरियन ने किया था। उन्होंने नई तरीके की खेती के लिए विभिन्न फसलों का विकास किया था।


1950 और 1960 के दशक में भारत अपने प्राथमिक खाद्य संग्रहीत करने के लिए विभिन्न देशों से आयात करने के संक्रमण से गुजर रहा था। भारत सरकार उन जातियों का विकास करने के लिए प्रोत्साहित की, जो शुष्क स्थानों में अच्छे बैरक पैदा करते हैं और नमी वाले स्थानों में अच्छे अनाज पैदा करते हैं।


उन्होंने स्थायी फसलें, जैसे गेहूँ, चावल, जौ, मक्का, और तिलहन की खेती को प्रोत्साहित किया। ये फसलें मौसम की विषमताओं का सामना करने में मदद कर सकती हैं और उत्पादकता में वृद्धि कर सकती हैं।


हरित क्रांति के विज्ञानिक कोन पूरी तरह से आर्केएलेटी को विनिर्देशित किया जाता है जो भारत सरकार के कृषि विभाग में काम कर रहे थे।


प्रधानमंत्री ने ‘हरित विकास’ पर बजट उपरांत वेबिनार को संबोधित किया


“अमृत काल के इस बजट ने हरित विकास की गति को तेज किया है”


“इस सरकार का हर बजट वर्तमान चुनौतियों का समाधान खोजने के साथ-साथ नए युग के सुधारों को आगे बढ़ता रहा है”


“हरित ऊर्जा को लेकर इस बजट में की गई घोषणाएं भावी पीढ़ी के उज्जवल भविष्य की आधारशिला हैं और उसके लिए मार्ग प्रशस्त करती हैं”


“यह बजट वैश्विक हरित ऊर्जा बाजार में भारत को एक अगुआ के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा”


“भारत 2014 के बाद से नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को तेज गति से बढ़ाने के मामले में विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे आगे रहा है”


“भारत में सौर, पवन और बायोगैस की क्षमता हमारे निजी क्षेत्र के लिए किसी सोने की खान या तेल क्षेत्र से कम नहीं है”


“भारत की वाहनों के स्क्रैप संबंधी नीति हरित विकास की रणनीति का एक अहम हिस्सा है”


“भारत में हरित ऊर्जा के क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व करने की अपार क्षमता है। यह हरित रोजगार सृजित करने के अलावा वैश्विक कल्याण को आगे बढ़ाएगा।”


“यह बजट एक अवसर ही नहीं, बल्कि हमारे भविष्य की सुरक्षा की गारंटी भी है”


हरित विकास या स्थायी विकास एक ऐसी प्रक्रिया है, जो समाज के आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय विकास को सुदृढ़ करने के लिए की जाती है। इसका उद्देश्य है समाज के लिए एक निस्तारित विकास मॉडल बनाना ताकि समाज का पूरा विकास हो सके।


जब हम प्रतियोगी परीक्षाओं की बात करते हैं, तो यह निश्चित है कि हमारे देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था के कारण तकनीक का विकास तेज हुआ है। दूरसंचार, इंटरनेट से लेकर मोबाइल एप्स, स्मार्ट टेक्नोलॉजी, अद्वितीय अल्गोरिदम आदि सभी इस समय तकनीक का उपयोग करते हुए जो समाज हमारे देश में बढ़ता जा रहा है, इससे हमारे प्रतियोगी परीक्षाओं में भी एक बड़ा असर पड़ा है।


हमारे देश में लगभग हर वर्ग के छात्र इन तकनीकों का उपयोग करके प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेते हैं। इसके अलावा, आज के समय में ऑनलाइन पेमेंट, इलेक्ट्रॉनिक परीक्षा फॉर्म भरना, ऑनलाइन एडमिशन आदि भी तकनीक के उपयोग से होता है।


तकनीक के इस विकास के बीच हरित विकास की भूमिका भी बढ़ती जा रही है। जो शिक्षा में, पर्यावरण में, स्वास्थ्य में और सोशल सेक्टर में होता है। यह बहुत जरूरी है कि हमारे संदर्भ में हरित विकास पर संशोधन किया जाए, ताकि हमारे समाज का स्थायी विकास हो सके।


यदि हम इस संदर्भ में प्रतियोगी परीक्षाओं की बात करें, तो हम देखेंगे कि छात्र आधुनिक तकनीक से अवगत होते हैं, लेकिन उनके पास हरित विकास की अच्छी जानकारी नहीं होती। इसलिए, इन परीक्षाओं में सफल होने के लिए सिर्फ तकनीक से काम नहीं चलता है, बल्कि उन्हें हरित विकास की भी अच्छी जानकारी होनी चाहिए जो उन्हें एक निस्तारित विकास मॉडल समझने में मदद करती है।


इसलिए, हम यह कह सकते हैं कि हमारे देश में प्रतियोगी परीक्षां में सफल होने के लिए सिर्फ तकनीक से काम नहीं चलता है, बल्कि हमें हरित विकास के साथ संपूर्ण विकास को ध्यान में रखना चाहिए। हमें इसकी जानकारी और संचार को प्रोत्साहित करना चाहिए। जब हम समाज के लिए एक निस्तारित समाधान का विश्वास रखते हैं, तब हम एक सफलता मॉडल बनाते हैं जो हमारे प्रतियोगी परीक्षाओं में भी सहायक है।


हरित विकास पर निबंध


हरित विकास एक ऐसी प्रक्रिया है जो सम्पूर्ण मानव समुदाय के लिए निस्तारित विकास और सुदृढ़ित भविष्य की तरफ बढ़ती जाती है। इसका उद्देश्य समाज के आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय विकास को सुनिश्चित करना है जो कि समुदाय के स्तर पर होना आवश्यक होता है। हरित विकास के माध्यम से हम सुनिश्चित करते हैं कि हमारे समुदाय का विकास धीमा, स्थिर एवं सुषम होता है जो कि समूह विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।


वर्तमान समय में हरित विकास एक आवश्यकता बन गया है जो कि समाज के सभी क्षेत्रों में लागू होता है। हरित विकास की प्रक्रिया में विभिन्न उद्देश्य होते हैं जैसे कि जनसंख्या वृद्धि, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण, राजनैतिक सुधार, आधुनिक प्रौद्योगिकी, मौखिक और लिखित कम्युनिकेशन तकनीक आदि ये सभी उद्देश्य हमें एक संतुलित और हरित विकसित समाज के लिए आवश्यक होते हैं।


इस निबंध के माध्यम से हमें यह बताते हुए बहुत खुशी होती है कि हरित विकास की प्रक्रिया वर्तमान समय में और ज़रूरी होती जा रही है। इस बात को ध्यान में रखते हुए हमें अपने अध्ययन के दौरान, बच्चों की शिक्षा, अस्पतालों व चिकित्सालयों, बाजारों और कॉलेजों में हरित विकास पर विशेष ध्यान देना चाहिए। हमें अपने आसपास के पर्यावरण की स्थिति की समीक्षा करते हुए और उसमें नागरिकों को जोड़ते हुए हरित विकास को पसंद करना चाहिए।


इस लेख के माध्यम से मैं उन सभी लोगों को सलाम करना चाहता हूं जो हरित विकास के मामले में सदैव गंभीर हैं और वह सक्रियता, संरक्षा और संवर्धन का मजबूत संदेश देते हुए एक स्वस्थ जीवन जीने का संदेश देते हुए एक बेहतर समाज का निर्माण करने की सोच रखते हैं। हम सभी को समाज के इतिहास के लिए सक्षम और एक उन्नत भविष्य के लिए हमेशा यह समझना होगा कि हरित विकास एक सकारात्मक, जिम्मेदारीभरी और आवश्यक प्रक्रिया है।

हरित विकास क्या है?


हरित विकास एक प्रक्रिया है जो समुदाय के आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय विकास को सुदृढ़ करने के लिए की जाती है। हरित विकास के माध्यम से समाज के स्तर पर निस्तारित विकास के लिए एक समान वैकल्पिक मॉडल तैयार किया जाता है जो समुदाय के साथ स्थायी और स्थिर विकास को सुनिश्चित करता है।


हरित विकास की प्रक्रिया में संभवतः एक से अधिक उद्देश्य होते हैं जैसे कि जनसंख्या का नियंत्रण, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण, आधुनिक प्रौद्योगिकी, राजनैतिक सुधार, आदिम तथा जैविक संसाधनों का आधुनिक उपयोग, वित्तीय स्वच्छता और सामाजिक न्याय आदि।


हरित विकास में केंद्रित उद्देश्य न केवल वातावरण, बल्कि मानव समुदाय को बढ़ावा देने के साथ-साथ यह नये कर्मचारी आधुनिकीकरण, नयी नौकरियों और रोज़गार के साथ साथ वित्तीय स्वच्छता, संगठनात्मक विकास, सुविधाओं के समान वितरण आदि के लिए भी समर्पित होता है।


इन सभी मुद्दों को संभव बनाना आवश्यक होता है ताकि समुदाय का विकास धीमा और स्थायी होता है जो समुदाय के लिए अनुकूल होता है। इसलिए, हरित विकास एक समृद्ध और संतुलित समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है जो समय के साथ साथ उनकी आर्थिक और सामाजिक जरूरतों के साथ-साथ वातावरण के साथ अनुकूल बदलती जा रही हैं।

ग्रीन ग्रोथ का लक्ष्य क्या हासिल करना है?


ग्रीन ग्रोथ का प्रमुख लक्ष्य सम्पूर्ण मानव समुदाय के संतुलित विकास को सुनिश्चित करना है जो पर्यावरण के साथ-साथ आर्थिक और सामाजिक उन्नति को भी ध्यान में रखता है। ग्रीन ग्रोथ उस संचार पद्धति को आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण के साथ संयुक्त निर्देशों के माध्यम से करता है जो कि आधुनिक अर्थव्यवस्था के मानकों पर आधारित होता है।


ग्रीन ग्रोथ का मुख्य लक्ष्य सृजनात्मक, सुसंगत विकास से उत्पन्न आधुनिक अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करना होता है जो संतुलित विकास और पर्यावरण संरक्षण को मिलाते हुए समुदायों के लिए उपयोगी होती है। इसके अलावा ग्रीन ग्रोथ में कार्यक्रम लगातार विकसित होते जा रहे हैं जो अधिक से अधिक आर्थिक उपलब्धियों के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को भी ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ते जारहे हैं। उन्हीं कुछ लक्ष्यों को निम्नलिखित रूप से समझाया जा सकता हैं:


ताकतवर उद्यमिता: ग्रीन ग्रोथ का एक मुख्य लक्ष्य है उद्यमियों को ताकतवर बनाना जो नए आधारभूत नए उत्पादों, सेवाओं, या प्रक्रियाओं के विकास के माध्यम से आर्थिक विकास को प्रोत्साहित कर सकते हैं।


पर्यावरण संरक्षण: ग्रीन ग्रोथ का दूसरा मुख्य लक्ष्य पर्यावरण के कारणों का संज्ञान लेना है और इसी के आधार पर बेहतर नीतियों, संगठनात्मक प्रक्रियाओं, तकनीक एवं व्यापार संबंधी मोडलों को अपनाना होता है।


बेहतर जीवन की व्याख्या: ग्रीन ग्रोथ का एक तीसरा मुख्य लक्ष्य है समुदाय के लिए सुविधाजनक अनुभव को सुनिश्चित करना। यह उन स्वास्थ्य, शिक्षा, वित्त और क्षेत्रों में बेहतर नीतियों और अधिक मौखिक संवाद के माध्यम से समुदाय के लिए सुविधाजनक अनुभव का निर्माण करते हुए उम्मीदवार होता है।


इस तरह, ग्रीन ग्रोथ का लक्ष्य होता है समाज के सभी क्षेत्रों और स्तरों में संतुलित विकास और पर्यावरण संरक्षण के लिए निस्तारित मॉडल का निर्माण करना।


हरित विकास के लिए रणनीति


हरित विकास के लिए निर्धारित रणनीति हमारे पर्यावरण, सामाजिक और आर्थिक उन्नति की एक संगठित रणनीति होती है। इसके माध्यम से हम संबंधित संसाधनों के उपयोग पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन्हें स्थायी बनाने के लिए एक समृद्ध और संतुलित समुदाय तैयार करते हैं और स्थायी प्रगति के कुछ लक्ष्यों के लिए निम्नलिखित रणनीति का अनुसरण करते हैं:


1. पर्यावरण की संरक्षा: हमारा पहला लक्ष्य होता है पर्यावरण की संरक्षा जिससे हम स्थायी विकास का समर्थन करते हुए बाकी सभी क्षेत्रों में कम या कम खराबी करते हुए हमारा समुदाय सक्रिय रहता है। यह स्थाई संरक्षित संसाधनों का उपयोग करने के नियमों की तैयारी के माध्यम से होता है।


2. संरचनात्मक विकास: हम अपने समुदाय में संरचनात्मक विकास प्रोत्साहित करते हुए उम्मीदवारी मॉडल तैयार करते हैं जो समुदाय को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार सुविधाजनक बनाता है। इसके माध्यम से उन्हें अधिक रोजगार अवसर मिलते हैं और उनके अभिप्रायों से आर्थिक वैश्विक समानता को सुनिश्चित किया जाता है।


3. तकनीकी उन्नयन: यह एक और लक्ष्य होता है जो समुदाय को तकनीकी उन्नयन से जोड़ते हुए समुदाय में नई तकनीक एवं अधिक ऊर्जा संचय विधियों को प्रोत्साहित करता है। इसके माध्यम से हम अधिक सुखद जीवन पद्धतियों, उन्नत और नयी सुविधाओं एवं धोखे से मुक्त संबंधों का प्रोत्साहन देते हैं।


4. संतुलित समुदाय विकास: हम संतुलित समुदाय विकास देखते हुए समुदाय में समानता को सुनिश्चित करते हैं। यह स्थानीय संसाधनों, वित्तीय स्वच्छता, परिश्रम का मूल्य एवं स्वाधीनता समेत अन्य संरचानात्मक पहलुओं का प्रोत्साहन करते हुए होता है।


इन सभी अंतराल में लक्षित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हमें विपणन, धन उपलब्धता, उद्यमिता, साझेदारी एवं संबद्धता जैसे प्रभावकारी और व्यवहारिक उपायों का अनुसरण करना होगा।


पृष्ठभूमि


केंद्रीय विद्युत मंत्रालय के नेतृत्व में इस वेबिनार में छह अलग-अलग सत्र होंगे, जिनमें हरित विकास के ऊर्जा और गैर-ऊर्जा घटकों को शामिल किया जाएगा। केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालयों के मंत्रियों और सचिवों के अलावा, राज्य सरकारों, उद्योग जगत, शिक्षा जगत, अनुसंधान संस्थानों और सार्वजनिक उद्यमों के विभिन्न हितधारक इन वेबिनारों में भाग लेंगे और बजटीय घोषणाओं के बेहतर कार्यान्वयन के लिए सुझाव देने के माध्यम से योगदान देंगे।


हरित विकास केंद्रीय बजट 2023-24 की सात शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है, ताकि देश में हरित औद्योगिक और आर्थिक बदलाव, पर्यावरण-अनुकूल कृषि व सतत ऊर्जा की शुरुआत हो सके। इनसे बड़ी संख्या में हरित रोजगार के अवसरों का भी सृजन होगा। केंद्रीय बजट में विभिन्न क्षेत्रों और मंत्रालयों के लिए कई परियोजनाओं और पहलों की परिकल्पना की गई है: हरित हाइड्रोजन मिशन, ऊर्जा के स्रोतों में बदलाव, ऊर्जा भंडारण परियोजनाएं, नवीकरणीय ऊर्जा निकासी, ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम, पीएम-प्रणाम, गोबर-धन योजना, भारतीय प्राकृतिक खेती जैव-इनपुट संसाधन केंद्र, मिष्टी, अमृत धारोहर, तटीय नौवहन और वाहन प्रतिस्थापन।


निष्कर्ष


इन सभी जानकारियों को समझाने के बाद निष्कर्ष यह होता है कि हमारे समुदाय और पर्यावरण को संतुलित विकास के लिए समान रूप से विकसित करना बहुत महत्वपूर्ण है। ग्रीन ग्रोथ एक ऐसी रणनीति है जो समुदाय में संतुलित उन्नति और पर्यावरण संरक्षण को मिलाती है। शासन एवं अन्य संगठनों को इस रणनीति का अनुसरण कर प्रभावी नीतियां और योजनाएं तैयार करनी चाहिए जो स्थायी रूप से उन्नति और पर्यावरण संरक्षण दोनों को मिलाएं। हम सबको अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए ताकि हम सभी एक सुसंगत वातावरण में रहकर विकास कर सकें।


FAQ'S


1. हरित विकास क्या है?

उत्तर: हरित विकास वह विकास है जिसमें स्थायी विकास और पर्यावरण संरक्षण दोनों को मिलाकर संभव बनाया जाता है। इस विकास के माध्यम से पूरी दुनिया में एक संतुलित, स्वस्थ एवं विकसित मानव समुदाय को बनाना है।


2. हरित विकास की आवश्यकता क्यों है?

उत्तर: हरित विकास की आवश्यकता इसलिए है क्योंकि विकास के प्रकार जो हम अनुभव कर रहे हैं, उससे पर्यावरण बहुत सारी खराबी झेल रहा है। निरंतर विकास और असंतुलित संसाधन के उपयोग के कारण, वातावरण के साथ हम धीरे-धीरे मुकदमी कर रहे हैं। हम अपनी तरह से संवेदनशील जीवों तक भ्रमण कर रहे हैं। इसलिए, हरित विकास की आवश्यकता है।


3. हरित विकास कैसे हमारी अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है?

उत्तर: हरित विकास एक ऐसी रणनीति होती है जो संतुलित विकास और पर्यावरण संरक्षण दोनों को योगदान देती है। इसमें समान रूप से प्रगति को मिलाकर एक समृद्ध समाज से लाभ होता हैं। हमें एक स्थायी उपलब्धियों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ वित्तीय स्थिति को सुधारने की भी जरूरत है. इसके माध्यम से संपदा एवं अर्थव्यवस्था का सुधार होता है।


4. हरित विकास के लिए कौन-कौन से संगठन जिम्मेदार होते हैं?

उत्तर: हरित विकास के लिए भागीदार हम सभी होते हैं। हालांकि, इसमें अधिक महत्वपूर्ण संगठन निम्नलिखित होते हैं:


- शासन

- स्थानीय समुदायों के संगठन

- वातावरण एवं समुदाय से जुड़ी संस्थाएं

- व्यापार तथा उद्योग संघ

- शैक्षिक संस्थाएं


5. हरित विकास की मुख्य उपलब्धियां क्या होती हैं?

उत्तर: हरित विकास की मुख्य उपलब्धियां निम्नलिखित होती हैं:


- सामाजिक समानता की बढ़त

- शुद्ध वातावरण और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार

- ऊर्जा उत्पादन में अधिक संभवता और ऊर्जा संचय का सुधार

- संकट के समय तकनीकी मदद विकास के समय कम ज्यादा

- संपदा एवं अर्थव्यवस्था में सुधार

- अधिक जल संरक्षण और जल संचय।


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👉 हरित विकास पर निबंध 2023


इन सभी उपलब्धियों की मदद से हम संतुलित विकास और पर्यावरण संरक्षण दोनों को योगदान देते हुए समृद्ध, स्वस्थ और सुरक्षित समाज और वातावरण का निर्माण कर सकते हैं।






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