Janmashtami 2023: जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है? इसकी क्या कहानी है?
माना जाता है कि भगवान कृष्ण का जन्म यही हुआ था। उन्होंने अपने बड़े होने के वर्ष यही बताए थे हिंदू पौराणिक कथाओं के मुताबिक विष्णु के आठवें अवतार, भगवान कृष्ण देव की और वासुदेव के पुत्र का जन्म मथुरा के रक्षा राजा कंस को नष्ट करने के लिए जन्माष्टमी पर हुआ था।
Janmashtami 2023: जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है? इसकी क्या कहानी है? |
Janmashtami 2023: कृष्ण जन्माष्टमी हिंदुओं का एक प्रमुख त्यौहार है। जिसे कृष्ण जन्माष्टमी को गोकुलाष्टमी कृष्णाष्टमी या श्री जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन विष्णु के आठवें अवतार, भगवान कृष्ण पैदा हुए थे। भगवान कृष्ण के भक्त इस दिन उनकी पूजा करने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए मंदिरों में आते हैं वैदिक कार्यक्रम के मुताबिक इस वर्ष भगवान कृष्ण का 5250वा जन्मदिन मनाया जाएगा। सबसे बड़ा जन्माष्टमी उत्सव मथुरा वृंदावन और द्वारका में आयोजित किया जाता है। माना जाता है कि भगवान कृष्ण का जन्म ही हुआ था और उन्होंने अपने बड़े होने के वर्ष यही बताए थे।
Table of contents
दही हंडी श्री कृष्ण जन्माष्टमी के समय मनाया जाने वाला एक अतिविख्यात उत्सव है। श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार भगवान कृष्ण के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस अवसर पर पहले श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है और उसके बाद दही हांडी का उत्सव मनाया जाता है। दही हांडी के दौरान कई युवा एक साथ दल बनाकर इसमें हिस्सा लेते हैं, इस उत्सव के दौरान एक ऊंचाई पर दही से भरी हंडी लगा दी जाती है, जिससे विभिन्न युवाओं के दल तोड़ने का प्रयास करते हैं यह एक खेल के रूप में होता है जिसके लिए इनाम भी दिए जाते हैं दही हांडी आमतौर पर किसी वर्ष के अगस्त के सितंबर के बीच में ही होती है। यहां पर इस उत्सव से संबंधित आवश्यक बातों का वर्णन किया जा रहा है।
जन्माष्टमी कब है?
भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। कृष्ण जन्माष्टमी हर वर्ष भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस वर्ष श्री कृष्ण जन्माष्टमी गुरुवार के दिन 6 सितंबर 2023 को है।
इस दिन लोग शाम के समय बड़े पैमाने पर दही हांडी कार्यक्रम का आयोजन करवाते हैं। कुछ समय नाच गाना चलता है, उसके बाद दही हांडी फोड़ कर श्री कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाया जाता है, क्योंकि भगवान श्री कृष्ण बचपन में मक्खन की हांडी को फोड़कर माखन खाया करते थे।
जन्माष्टमी पर्व क्यों मनाते हैं (Why Dahi Handi is Celebrated in Hindi)
बाल गोपाल के जन्म के उपलक्ष्य पर दही हांडी का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण बचपन में दही, दूध, मक्खन आदि बहुत शौक से खाते थे। कृष्ण से बचाने के लिए उनकी माता यशोदा अक्सर दही हंडी को किसी ऊंचे स्थान पर रखती थी, किंतु बाल गोपाल वहां तक भी पहुंचने में सफल हो जाते थे इसके लिए उनके दोस्त उनकी मदद करते थे इसी घटना की याद में सभी कृष्ण भक्तों अपने दही हंडी का पर्व मनाते हैं।
भारत में दही हांडी पर्व (Dahi Handi festival in India)
पूरे भारत में दही हांडी पर बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस समय पूरे भारत के विभिन्न स्थानों को धार्मिक रूप से सजाया जाता है। इस्कोन संस्था द्वारा भी इस पर्व को देश के विभिन्न हिस्सों में आयोजित किया जाता है भारत के निम्न स्थानों पर यह एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
1 महाराष्ट्र में इसकी रौनक सबसे अधिक दिखने को मिलती है। यहां पर पुणे,जूहू आदि स्थानों पर इस त्योहार पर खूब रौनक रहती है। पुणे में इसे बहुत अच्छे से पूरे रीति-रिवाज के साथ मनाया जाता है। इस पर्व में शामिल होने के लिए यहां के युवाओं को जोश देखते ही बनता है। युवाओं के कई दल एक के बाद एक इस दही हंडी को तोड़ने का प्रयत्न करते हैं। इस समय महाराष्ट्र के कई हिस्सों में गोविंदा आला रे' का शोर सुनाई देता है, जिसका अर्थ है भगवान श्री कृष्णा आ चुके हैं।
2 श्री कृष्ण का जन्म स्थान मथुरा है अतः मथुरा में यह पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। यहां पर देश भर से विभिन्न कृष्ण भक्त इकट्ठे होते हैं और श्रद्धा के साथ यहां पर्व मनाते हैं इस समय पूरे मथुरा को इस तरह से सजाया जाता है। कि इसकी शोभा बहुत अधिक बढ़ जाती है पूरा शहर पावन हो उठता है।
3 वृंदावन की श्री कृष्ण भक्तों के लिए एक बहुत पावन स्थल है। यहां पर श्री कृष्ण की कई मंदिरे हैं। इन मंदिरों की तरफ से लगभग पूरे वृंदावन में दही हांडी का पर्व आयोजित किया जाता है। ताकि लोगों को श्रीकृष्ण की लीलाओं का ध्यान रहे।
इस तरह से यह भारत के कई क्षेत्रों में मनाया है।
Janmashtami 2023: जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है? इसकी क्या कहानी है? |
श्री कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व
सनातन धर्म में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का एक विशेष महत्व है। भगवान श्री कृष्ण को सनातन धर्म के अंतर्गत भारत के सभी राज्यों में विशेष रूप से महत्वता दी गई है।
लोग अपनी आस्था और श्रद्धा से भगवान श्री कृष्ण की भक्ति करते हैं। अब तक भारत में अनेक सारे श्री कृष्ण के बड़े-बड़े भक्त रह चुके हैं।
भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में लीन होने वाले लोगों को बड़े भक्तों का दर्जा दिया गया है। भगवान श्री कृष्ण को सृष्टि का रचयिता भगवान विष्णु का अवतार पूजने देव सरल स्वभाव की ढाणी तथा मार्गदर्शन तौर पर पूजा जाता है।
भगवान श्री कृष्ण ने बाल्यावस्था में अपने मामा कंस राक्षस को मारकर पृथ्वी के लोगों का जीवन बचाया था। इसके बाद लोगों ने उनके दिव्य रूप को समझा और उनके जन्म के दिन को श्री कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मानने लग गए।
भगवान श्री कृष्ण की महत्वत्ता सनातन धर्म में विशिष्ट है। हमारे धर्म के लोग भगवान श्री कृष्ण को अपना आराध्य और पूजनी मानते हैं।
भारत में भगवान श्री कृष्ण से संबंधित सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करवाए जाते हैं देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में भगवान श्री कृष्ण के भक्ति देखने को मिल जाते हैं।
भगवान श्री कृष्ण द्वारा दिए गए उपदेश के आधार पर निर्मित श्रीमद् भागवत गीता दुनिया भर में चर्चित है। भगवत गीता लोगों को जीवन जीने की राह सीखता है।
जन्माष्टमी कैसे बनाते हैं (How to Celebrate Dahi Handi)
कई बार दही हांडी को तोड़ने की कोशिश करते हुए टोलियो में शामिल लोग घायल हो जाते हैं। चिकित्सकों की माने तो इस प्रथा को निभाते हुए लोगों को ऐसे भी चोटे आ सकती हैं कि उनकी मृत्यु हो जाए वर्ष 2012 में लगभग 225 गोविंदा जख्मी हो गए थे आता इसके लिए महाराष्ट्र सरकार ने कुछ विशेष नियम बनाए हैं।
1 वर्ष 2014 में महाराष्ट्र सरकार ने 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों को दही हांडी में भाग लेने की अनुमति नहीं देने की बात कही।
2 बाद में बाम्बे हाई कोर्ट ने इसके लिए न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष की आयु कर दी, अतः दही हांडी में भाग लेने के लिए कम से कम 18 वर्ष की आयु होनी अनिवार्य हो गई।
3 वर्ष 2017 में बांम्बे हाईकोर्ट ने कहां है कि 14 वर्ष की आयु से कम वाले बच्चे दही हांडी में का नहीं ले सकेंगे।
4 राज्य सरकार ने बांम्बे हाईकोर्ट को कहा है कि 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को चाइल्ड लेबर एक्ट (1986) के अंतर्गत दही हांडी प्रतियोगिताओं में शामिल नहीं होने दिया जाएगा। हालांकि कोर्ट ने दही हांडी के लिए बनने वाले 'हुमन' पिरामिड की ऊंचाई की कोई सीमा निर्धारित नहीं की है।
FAQ-question answer
प्रश्न-जन्माष्टमी के दिन किसका जन्मोत्सव बनाया जाता है।
उत्तर- हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है।
प्रश्न-जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है क्या कारण है?
उत्तर- कृष्ण जन्माष्टमी जैसे जन्माष्टमी व गोकुलाष्टमी के रूप में भी जाना जाता है। एक वार्षिक हिंदू त्यौहार है जो विष्णु जी के 10वां तारों में से आठवीं और 24 अवतारों में से 22 सी अवतार श्री कृष्ण के जन्म के आनंद उत्सव के लिए मनाया जाता है।
प्रश्न-जन्माष्टमी के पीछे क्या कहानी है।
उत्तर- इसका रहस्य भगवान श्री कृष्ण के जन्म की कहानी में छिपा है। भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में आठवीं मुहूर्त में रात्रि के 12:00 बजे यानी शून्य काल में हुआ था। यानी अष्टमी तिथि के आठवें मुहूर्त में रोहिणी नक्षत्र में ही जन्माष्टमी मनाई जानी चाहिए।
प्रश्न-जन्माष्टमी 2 दिन को ही क्यों है?
उत्तर- उनका जन्मदिन रक्षाबंधन के 8 दिन बाद मनाया जाता है जो भाइयों और बहनों के बीच के बंधन का जश्न मनाने वाला त्यौहार है। यह हिंदू महा श्रवण में आता है जो सामान्य अगस्त या सितंबर से मेल खाता है उत्सव दो दिनों तक चलते हैं और जीवन और भावुक होते हैं।
यह भी पढ़ें -👇👇👇
👉 श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर हिन्दी में निबंध
एक टिप्पणी भेजें