Up board live class- 10th हिंदी निबंध (प्रदूषण की समस्या और समाधान)

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Up board live class- 10th हिंदी निबंध (प्रदूषण की समस्या और समाधान)

 Up board live class- 10th  हिंदी निबंध (प्रदूषण की समस्या और समाधान)


प्रदूषण की समस्या और समाधान


                    या

         पर्यावरण एवं स्वस्थ

      

                    या

     प्रदूषण तथा मानव समाज


प्रस्तावना - आज का मानव औद्योगीकरण के जंजाल में फंसकर स्वयं भी मशीन का एक ऐसा निर्जीव पुर्जा बनाकर रह गया है कि वह अपने पर्यावरण की शुद्धता का ध्यान भी ना रख सका अब एक और नई समस्या उत्पन्न हो गई है वह है प्रदूषण की समस्या| इस समस्या की ओर आजकल सभी देशों का ध्यान केंद्रित है| इस समय हमारे समक्ष सबसे बड़ी चुनौती पर्यावरण को बचाने की है; क्योंकि पानी हवा जंगल मिट्टी आदि सब कुछ प्रदूषित हो चुका है| इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को पर्यावरण का महत्व बताया जाना चाहिए; क्योंकि यही हमारे अस्तित्व का आधार है|


प्रदूषण का अर्थ - संतुलित वातावरण में ही जीवन का विकास संभव है| पर्यावरण का निर्माण प्रकृति के द्वारा किया गया है | प्रकृति द्वारा प्रदत्त पर्यावरण जीव धारियों के अनुकूल होता है | जब वातावरण में कुछ हानिकारक घटक आ जाते हैं तो वे वातावरण का संतुलन निकाल कर उसके दूषित कर देते हैं यह गंदा वातावरण जीव धारियों के लिए अनेक प्रकार से हानिकारक होता है |इस प्रकार वातावरण के दूसरे तो जाने को ही प्रदूषण कहते हैं|


(क) वायु प्रदूषण-  वायु जीवन का अनिवार्य स्रोत है| प्रत्येक प्राणी को स्वस्थ रुप से जीने के लिए शुद्ध वायु अर्थात ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है जिस कारण वायुमंडल में इसकी विशेष अनुपात में उपस्थिति आवश्यक है जीवधारी सांस द्वारा अक्सीजन ग्रहण करता है |और कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ता है पेड़ पौधे कार्बन डाइऑक्साइड ग्रहण कर हमें अक्सीजन प्रदान करते हैं| इससे वायुमंडल में शुद्धता बनी रहती है| आजकल वायुमंडल में ऑक्सीजन गैस का संतुलन बिगड़ गया और वायु अनेक अन्य कारणों से प्रदूषित हो गई है|


(ख) जल प्रदूषण- जल को जीवन काहा जाता है| और यह भी माना जाता है कि जल में ही सभी देवता निवास करते हैं |इसके बिना जीव जंतु और पेड़ पौधों का भी अस्तित्व नहीं है फिर भी बड़े बड़े नगरों के गंदे नाले और सीवर नदियों में मिला दिए जाते हैं |कारखानों का सारा मैला बहकर नदियों के जल में आकर मिलता है| इससे जल प्रदूषित हो गया है और उससे भयानक बीमारियां उत्पन्न हो रही हैं जिससे लोगों का जीवन ही खतरे में पड़ गया है|


(ग) ध्वनि प्रदूषण - ध्वनि प्रदूषण की आज की नई समस्या है |इसे वैज्ञानिक प्रगति ने पैदा किया है |मोटर कार ट्रैक्टर जेट विमान कारखानों के सायरन मशीनों तथा लाउडस्पीकर  ध्वनि के संतुलन को बिगाड़ कर ध्वनि प्रदूषण उत्पन्न करते हैं |अत्यधिक ध्वनि प्रदूषण से मानसिक विकृति तीव्र क्रोध अनिद्रा  एवं चिड़चिड़ापन जैसी मानसिक समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं|


(घ) रेडियोधर्मी प्रदूषण-  आज के युग में वैज्ञानिक परीक्षणों का जोर है | परमाणु परीक्षण निरंतर होते ही रहते हैं |इसके विस्फोट से रेडियोधर्मी पदार्थ संपूर्ण वायुमंडल में फैल जाते हैं| और ने प्रकार से जीवन को क्षति पहुंचाते हैं|


(ड़) रसायनिक प्रदूषण - कारखानों से बहते हुए अपशिष्ट द्रव्य के अलावा रोग नाशक तथा कीटनाशक दवाइयों से और रसायनिक खादों से भी स्वस्थ पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है |यह पदार्थ पानी के साथ बहकर जीवन को अनेक प्रकार से हानि पहुंचाते हैं


प्रदूषण की समस्या तथा इससे हानियां - बढ़ती हुई जनसंख्या और औद्योगिकरण ने विश्व के सम्मुख  प्रदूषण की समस्या पैदा कर दी है |कारखानों के धुयें से विषैले कचरे के भाव से तथा जहरीली गैसों के रिसाव से आज मानव जीवन समस्या ग्रस्त हो गया है| इस प्रदूषण से मनुष्य जानलेवा बीमारियों का शिकार हो रहा है |कोई अपंग होता है तो कोई बहरा किसी की दृष्टि शक्ति नष्ट हो जाती है तो किसी का जीवन| विविध प्रकार की शारीरिक विकृतियां मानसिक कमजोरी असाध्य ज्वर कैंसर  इन सभी रोगों का मूल कारण विषैला वातावरण ही है|


समस्या का समाधान-  वातावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए वृक्षारोपण सर्वश्रेष्ठ साधन है |दूसरी ओर वृक्षों के अधिक काटन पर भी रोक लगाई जानी चाहिए कारखानों और मशीन लगाने की अनुमति उन्हीं लोगों को दी जानी चाहिए जो आद्योगी कचरे और मशीनों के धुएँ को बाहर निकालने की समुचित व्यवस्था कर सकें संयुक्त राष्ट्र संघ को चाहिए कि वह परमाणु परीक्षणों को नियंत्रित करने की दिशा में उचित कदम उठाए |तेज ध्वनी वाले वाहनों पर साइलेंसर आवश्यक रूप से लगाए जाने चाहिए तथा सार्वजनिक रूप से लाउडस्पीकर आदि के प्रयोग को नियंत्रित किया जाना चाहिए| जल प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिए औद्योगिक संसाधनों में ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए| कि व्यर्थ पदार्थों एवं जल को उपचारित करके ही बाहर निकाला जाए तथा इनको जल स्रोतों में मिलने से रोका जाना चाहिए|


उपसंघार - प्रसन्नता की बात है कि भारत सरकार प्रदूषण की समस्या के प्रति जागरुक है| उसने 1974 ई० में जल प्रदूषण निवारण अधिनियम लागू किया था| इसके अंतर्गत एक केंद्रीय बोर्ड तथा प्रदूषण  नियंत्रण बोर्ड गठित किए गए हैं |इसी प्रकार नए उद्योगों को लाइसेंस देने और वनों की कटाई रोकने की दिशा में कठोर नियम बनाए गए हैं| इस बात के भी प्रयास किए जा रहे हैं कि नए वन क्षेत्र बनाए जाएं और जन सम्मान तो वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित किया जाए |न्यायालय द्वारा प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को महानगरों से बाहर ले जाने के आदेश दिए गए हैं |यदि जनता भी अपने ढंग से इन कार्यक्रमों में सक्रिय सहयोग दें और यह संकल्प ले कि जीवन में आने वाले हैं | प्रत्येक शुभ अवसर पर कम -से -कम एक वृक्ष अवश्य लगाएगी तो निश्चित ही हम प्रदूषण के दुष्परिणामों से बच सकेंगे और आने वाली पीढ़ी को भी इसकी काली छाया से बचाने में समर्थ हो सकेंगे |


          Writer - sandhya kushwaha          

            

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