Up board live class- 10th hindi (खंडकाव्य) ज्योति- जवाहर खंडकाव्य की कथावस्तु संक्षेप में लिखिए।
प्रश्न.1 'ज्योति- जवाहर' खंडकाव्य की कथावस्तु संक्षेप में लिखिए। (2008, 09,10,11,12,13,14,15,16,17,18,19,21)
अथवा
ज्योति जवाहर के आधार पर बताइए कि जिस जवाहरलाल नेहरू के व्यक्तित्व को किन-किन व्यक्तियों ने किस रूप से प्रभावित किया? (2008, 9,10,12,15,18,19)
अथवा
ज्योति जवाहर खंड काव्य के तृतीय सर्ग का सारांश संक्षेप में लिखिए। (2014, 15,18)
उत्तर - श्री देवी प्रसाद शुक्ला जी द्वारा रचित ज्योति जवाहर नामक खंडकाव्य कथावस्तु घटना प्रधान ना होकर भाव प्रदान है इस खंड काम में भारत के निर्माता युवा अवतार पंडित जवाहरलाल नेहरू का विराट लोकनायक का रूप चित्रित हुआ है कवि ने संपूर्ण कथानक को एक ही स्वर्ग में रचा है कथावस्तु का सारांश इस प्रकार है।
कथा का प्रारंभ नायक में देवत्व और मनुष्य के सम्मिश्रण से हुआ है विधाता ने जवाहरलाल नेहरू के अलौकिक व्यक्तित्व का निर्माण अपनी रचना का समस्त कौशल लगाकर किया है विधाता ने इन्हें दूर से ज्योति चंद्रमा से चुराता हिमालय से 100 विमान सागर से मन की गहराइयों वायु की गति और धरती से उधार लेकर दिव्य पुरुष के रूप से रचा है गुजरात लायंस में जन्मे महात्मा गांधी के कर्म योग सिद्धांत से प्रेरणा पाकर जीवन के संघर्ष की प्रेरणा लेते हैं उन्हें गांधीजी का शुभ आशीष सत अहिंसा दया क्षमा समानता ममता आदित्य रूप में उसी प्रकार प्राप्त हुआ है जैसे राम को वशिष्ट कासवाची प्राप्त हुआ था।
महाराष्ट्र मैं उन्हें वीर शिवाजी की तलवार के रूप में शक्ति प्रदान की जिससे वे विदेशी शक्तियों से उसी प्रकार लोहा लेते रहे जिस प्रकार वीर शिवाजी ने औरंगजेब से लोहा लिया था।
राजस्थान वीर जवान पर मिटने की अदा और संघर्षों से जूझने की मस्ती प्रदान करता है हल्दीघाटी की माटी बीजाभार को स्वतंत्रता पर मिटने की भावना देती है राजस्थान उन्हें भारत की संपूर्ण संस्कृत ऐतिहासिक धरोहर के रूप में आबू की पवित्र कला का जौहर व्रत पन्नाधाय की स्वर भक्ति और प्रेम में दीवानापन है और उनको राणा कुंभा और महाराणा प्रताप का सौभाग्य तथा त्याग प्रदान करता है।
सतपुड़ा इन्हें दक्षिण का समस्त वैभव शॉप से हुई उच्च स्वर में भारत की अखंडता बताता है सतपुड़ा के संत से इन्होंने सत्याग्रह का महान मंत्र प्राप्त किया है कालिदास की भावुकता कुमार की विलक्षण प्रतिभा अंगारों की भाषा वाला कथा पीर मोहन तथा अकबर से लड़ने वाली चांदबीबी जैसी महान विभूतियों को सतपुड़ा अपने हृदय में धारण किए हुए हैं इन विभूतियों की समस्त विशेषताओं को वह नेहरू जी को समर्पित कर देता है।
बिहार गौतम बुद्ध की तपोभूमि है यह सब दया अहिंसा क्षमा त्याग आदि का नंदनवन है महावीर स्वामी की विभूति वैशाली नेहरू जी को मानवीय गुणों के मोती अर्पित करती है।
समुद्रगुप्त की यशोगाथा आज की विद्यमान है समुद्रगुप्त के पुत्र चंद्रगुप्त ने भी अपनी वीरता से भारत का मस्तक कभी झुकने नहीं दिया कलिंग को जीतने के बाद अशोक वैराग्य भावना से ओतप्रोत हो गए इस प्रदेश की ये सभी घटनाएं नेहरू जी के व्यक्तित्व पर विशेष प्रभाव डालते हैं।
उत्तर प्रदेश अपनी कोख में वीर जवान को जन्म देकर धन है मथुरा वृंदावन और अयोध्या की गली गली में चर्चा है कि आज राम और कृष्ण ने प्रयाग में जन्म दिया है उत्तर प्रदेश तुलसी की राम वाणी सारनाथ में बुद्ध के उपदेश गंभीर की आम जनता की सौहार्द सूर्य के गीतों का उपहार लिए इस महामानव का अभिनंदन करता है।
पंजाब भी अपने गौरवमई परंपरा को सोते हुए जननायक जवाहर के व्यक्तित्व की अभिव्यक्ति में योग दे रहा है सिकंदर को स्वाभिमान का पाठ पढ़ाने वाले राजा पुरस्कार और उसे सिंधु घाटी की सभ्यता गुरु नानक की वाणी आदि सबकुछ पंजाब वीर जवानों को सौंप देता है।
कश्मीर नेहरू जी को अर्जुन की संज्ञा से विभूषित करता है सात अर्जुन से उठवा कर दो दन जैसे अत्याचारी व्यक्तियों को समाप्त करने का आदेश देता है।
का सौंदर नेहरू जी को आकर्षित करता है तो उन पर फूलों की वर्षा करता है।
कुरुक्षेत्र पराधीनता के पास में जकड़ी दिल्ली मोहम्मद गोरी चंगेज खान तैमूर लंग की खूनी बर्बादी की स्मृतियों को नायक को सौंपने की कल्पना में ही हो जाती है किंतु अकबर की हिंदू मुस्लिम एकता की ज्योति को सौंपते हुए वह गौरवान्वित है यमुना अपने संगम के राजा के अभियान के लिए अपनी निधियों को न्यौछावर करने संगम तक गई है कभी नायक के व्यक्तित्व में संपूर्ण राष्ट्र की चेतना की झलक देखते हुए कहता है ।
जब लगा देखने मानचित्र भारत ना मिला तुझको पाया।।
जब तुझको देखा नैनों में भारत का चित्र उभर आया।
निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि कवि श्री देवी प्रसाद राही जी ने ज्योति जवाहर की कथा नाथू प्रतीकों के माध्यम से लड़े परिवेश में चित्रित करके का थाना के आदि मध्य और अंत को एक आत्मकथा के सूत्र में पिरो कर घटना प्रदान कर लो कि किसी भी पार्टी से हटकर खंडकाव्य के कलेवर को मौलिक स्वरूप प्रदान किया।
प्रश्न-2 ज्योति जवाहर खंड काव्य के आधार पर लोकनायक पंडित जवाहरलाल नेहरू का चरित्र चित्रण लिखिए। (2008, 9,10,12,13,14,15,16,17,18,21)
1. अलौकिक पुरुष कवि ने जवाहरलाल नेहरू के व्यक्तित्व में आलोक गुप्ता का समावेश किया है। वह दिव्य तत्वों से निर्मित और ऑफिस पुलिस ने विरात्रा ने अपनी रचना कौशल से शुद्ध से तेज चंद्रमा से शोभायात्रा हिमालय से स्वाभिमान सागर से गंभीरता वायु से गति और धरती से घर लेकर उनके व्यक्तित्व का निर्माण किया है। कवि ने उनके व्यक्तित्व का रामकृष्ण के गुणों से संपन्न बनाकर युगवतार का शिव रूप प्रदान किया है।
2.गांधीजी से प्रभावित- जवाहरलाल नेहरू महात्मा गांधी के सच्चे अनुयाई एवं शिष्य थे उन्हें गांधी जी से सत्य ,अहिंसा ,उदारता ,मानव, प्रेम ,का आशीर्वाद उसी प्रकार प्राप्त हुआ था। जैसे राम को विशिष्ट का शुभाशीष प्राप्त हुआ था उन्होंने गांधीजी के कर्म सिद्धांत से प्रेरणा पाकर अपने जीवन को कर्ममय में बनाया है।
3. राष्ट्रीय भावो के प्रेरक - जवाहरलाल नेहरू का व्यक्तित्व भारतीयों को राष्ट्रीय भावनाओं की प्रेरणा देने वाला है। उनके व्यक्तित्व में अशोक की युद्ध विरक्ति बुद्ध की करुणा महावीर की अहिंसा प्राप्त का स्वाभिमान शिवराज जी की देशभक्ति और विवेकानंद के आरक्षण की झलक दिखाई पड़ती है। भारत का कर कर उन्हें त्याग और बलिदान से अभिमंत्रित कर रहा है। इसकी भाव को व्यक्त करते हुए राही जी कहते हैं।
4. दृढ़ पुरुष - नायक जवाब लाल में कठिनाई में धैर्य धारण करने की अद्भुत क्षमता है अभी ऊपर से सैनिक के शरीर के समान कठोर और अंदर से साधु के सामान कोमल है।
5. नैतिक एवं स्वाभिमानी - नेहरू जी महान राजनीतिज्ञ हैं वह गुड उन्हें चाणक्य से प्राप्त हुआ था जिनके सामने सिकंदर जैसा विश्व विजेता मात खा गया उन्होंने राजा पोरस में उसका पाठ सीखा जिसने सिकंदर को सलमान का पाठ सिखाया था।
कृष्ण तीसरा ज्योति जवाहर खंड काव्य की ऐसी घटना का उल्लेख कीजिए जगदीश ने आप को सर्वाधिक प्रभावित किया हो और क्यों ( 2021,17,18,19,21)
अथवा
ज्योति जवाहर खंड कार्ड के आधार पर कलिंग युद्ध का वर्णन कीजिए। (2016, 17,19)
उत्तर इस काव्य वर्णित घटनाओं में कलिंग युद्ध और उसके परिणाम का मेरे हृदय पर विशेष प्रभाव पड़ा है क्योंकि इसका अति मार्मिक वर्णन किया गया है संक्षेप में उसका प्रश्न इस प्रकार है।
कलिंग युद्ध की घटना सम्राट अशोक के शासनकाल में हुई यह घटना हृदय को कपा देने वाले हैं इस युद्ध में रक्त की नदियां बह गई थी जिसमें आदमी मछलियों से करते दिखाई दे रहे थे इस युद्ध में अस्त्र शस्त्रों की भयंकर ध्वनि सुनाई पड़ती थी हर तरफ त्राहि-त्राहि मची हुई थी नरमुंड कट कट कर रहे थे ना जाने कितनी माताओं की गोद सूनी हो गई और गणित नारियों की मांग का सिंदूर गया था अनेक बहनें अपने भाइयों की मृत्यु पर बिलख रहे थे इस प्रकार की भावना दृश्य को देखकर सभी का ह्रदय करोड़ क्रंदन करने लगता था।
सम्राट अशोक ने जब इतना भयंकर नरसंहार देखा तो उसका ह्रदय करना से अभिभूत होने लगा उसकी अंतिम स्थल में दया का समुद्र हिलोरे मारने लगा उसने यह प्रण किया कि वह अब कभी भी हिंसा ना करेगा और ना ही कोई युद्ध लड़ेगा वह अपने मन में विचार करने लगा कि मेरे संकेत मात्र से ना जाने कितने व्यक्ति विशाल के मुंह से जमा हो गए हैं उसका मन विचलित होने लगा उसके हृदय में वैराग्य भाव जागृत हो गया।
कलिंग युद्ध से अशोक कायदे इतना दुखी हुआ कि उसने सदैव के लिए तलवार को फेंक दिया तथा महात्मा गौतम बुद्ध का अनुयाई होकर बौद्ध भिक्षु बन गया।
सचमुच कलिंग और युद्ध और उससे प्रभावित अशोक का यह प्रसंग बड़ा ही रोमांचकारी भावपूर्ण ता भारती अशोक इतिहास की अन्य घटनाओं में प्रभाव कारी प्रमुख तथा महत्वपूर्ण हैं।
प्रसिद्ध अखंड काम की कथा में कलिंग युद्ध के प्रसंग का बड़ा ही महत्व है इसमें एक ओर तो अशोक को युद्ध में दिखाया है और दूसरी ओर युद्ध की अतिशय आता रहता भीषण नरसंहार से उसके हृदय को बदलते और हिस्सों को छोड़कर अहिंसक बनते दिखाया गया है अशोक के द्वारा शांति और अहिंसा का संदेश दूर-दूर तक फहराने का वर्णन किया गया है जवाहरलाल नेहरू बीच शांति के अग्रदूत तथा हिंसा के विरोधी थे अशोक के संबंधित इस प्रसंग का वर्णन करके जवाहरलाल नेहरू के विचारों को अहिंसक बनाने का प्रयास कवि द्वारा किया गया है।
Writer by - sandhy kushwaha
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