Up board live class- 10th hindi निबन्ध (व्यायाम और स्वास्थ्य)
निबंध
व्यायाम और स्वास्थ्य
(2008, 09,11,12,13,14,16,18,)
प्रस्तावना - मानव जीवन में स्वास्थ्य का अत्यधिक महत्व यदि मनुष्य का शरीर स्वास्थ्य जीवन में अपने उद्देश्य की प्राप्ति कर सकता है। मानव जीवन का सर्वश्रेष्ठ कुंजी एक तंदुरुस्ती हजार नियम के अनुसार स्वास्थ्य पर संपदा है। जिसके द्वारा मनोज धर्म अर्थ काम और मोक्ष चारों पुरुष शास्त्रों को प्राप्त कर सकता है। धर्म अर्थ काम मोक्षणारम आरोग्य मूलकारणम अंग्रेजी में भी कहावत है। हेल्थ इज वेल्थ अर्थात स्वास्थी दाने प्राचीन काल से ही स्वास्थ्य की महत्ता पर बल दिया जाता रहा है। शरीर स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक भोजन चिंतामुक्त जीवन उचित दाम और पर्याप्त व्यायाम की आवश्यकता होती है। उत्तम स्वास्थ्य के लिए व्यायाम सर्वोत्तम साधन है।
व्यायाम का अर्थ - मन को प्रफुल्लित कर रखने एवं तन को सशक्त एवं स्फूर्ति मैच बनाने के लिए हम कुछ नियमों के अनुसार जो शारीरिक गति करते हैं। उससे ही व्यायाम कहते हैं। केवल दंड बैठक कुश्ती आकर आदि व्यायाम नहीं है वरन शरीर के अंग प्रत्यंग का संचालन भी जिससे स्वास्थ्य की वृद्धि होती है व्यायाम कहा जाता है। टहलना, दौड़ लगाना ,कूदना, कबड्डी, क्रिकेट ,आदि खेलना! दंडवत लगाना शरीर का संचालन करके योगदान करना आदि व्यायाम के अंतर्गत आते ही तैरना मुकद्दर घूमना वजन उठाना पीटी आदि विज्ञान के रूप में है
व्यायाम के रूप - मन की शक्ति के विकास के लिए चिंतन मनन करना आदि मानसिक व्यायाम करें जाते हैं। शारीरिक बल व स्फूर्ति बढ़ाने को शारीरिक व्यायाम का जाति प्रधान रूप से व्यायाम शरीर को पुष्ट करने के लिए किया जाता है। शारीरिक व्यायाम को दो वर्गों में रखा गया है!
1.खेलकूद
2. नियमित व्यायाम
खेलकूद में रस्साकशी दौड़ना ,कबड्डी तैरना आदि व्यायाम आते हैं इनके करने से रक्त का तेजी से संचार होता है। और प्राण वायु की वृद्धि होती है। आधुनिक खेलों में हॉकी ,फुटबाल वालीबाल ,क्रिकेट , आदि खेल व्यायाम के रूप में खेलकूद सभी स्थानों पर सभी लोग सुविधापूर्वक नहीं कर पाते इसलिए वह शरीर को पौष्टिक रखने के लिए कुश्ती घूमना योगासन आदि अन्य नियमित व्यायाम करते व्यायाम केवल पुरुषों के लिए आवश्यक नहीं है। अपितु स्त्रियों को भी व्यायाम करना चाहिए रस्सी कूदना नृत्य करना आदि स्त्रियों के लिए परम उपयोगी व्यायाम है ।
व्यायाम की मात्रा - व्यायाम कितना किया जाए वह व्यक्ति विशेष पर निर्भर करता है। ,बालक, युवा ,स्त्री, वृद्धा, आदि के लिए व्यायाम के अलग-अलग मात्राएं कुछ के लिए हल्के व्यायाम कुछ के लिए प्रातः प्रणाम तथा कुछ के लिए अन्य प्रकार के खेल व्यायाम का कार्य करते आयुष की नई एवं स्थान के भेद से व्यायाम की मात्रा में अंतर हो जाता है।
व्यायाम के लिए आवश्यक बातें - व्यायाम का उचित समय प्रातः काल प्रातः काल शादी निर्भर होकर बिना कुछ खाए शरीर पर तेल लगाकर व्यायाम करना चाहिए व्यायाम शुद्ध वायु में लाभकारी होता है। व्यायाम प्रत्येक होना चाहिए इसके प्रतीत होते हैं। बयान काव्या धीरे-धीरे बढ़ाना चाहिए नाम के विभिन्न रूप प्रत्येक व्यक्ति के लिए प्रत्येक अवस्था में लाभदायक नहीं हो सकते । अतः प्रयोग उचित मात्रा में अपने लिए उपयुक्त व्यायाम का चुनाव करना चाहिए व्यायाम करते समय नाक से सांस लेना चाहिए /और व्यायाम के लिए बाद कुछ देर रुक कर स्नान करना चाहिए व्यायाम करने के बाद दूध और आदि पौष्टिक पदार्थों का सेवन आवश्यकता स्वार्थ के अनुसार आवश्यक नहीं करना चाहिए ।
व्यायाम से लाभ - व्यायाम से शरीर पुष्ट होता है। वृद्धि और तेज बढ़ता है अंग प्रत्यंग में उस वक्त प्रभावित होने से पूर्ति आती हमारी पेशियों में दर्द होती है। पाचन शक्ति ठीक रहती है। शरीर स्वास्थ्य और हल्का प्रतीत होता है। व्यायाम के साथ मनोरंजन का समावेश होने से लाभदायक होता है। इससे मन प्रफुल्लित रहता है। और व्यायाम की थकावट भी अनुभव नहीं होती शरीर शरीर स्वस्थ होने से सभी इंद्रियां रूप से काम करते हैं। व्यायाम से शरीर निरोग मन प्रसन्न और जीवन तरफ हो जाता है। शरीर और मन के स्वास्थ्य रहने से बुद्धि भी ठीक कार्य करती अंग्रेजी में कहावत है! Sound mind exists in a sound body अर्थात 'स्वास्थ्य शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है! मन प्रसन्न और बुद्धि सक्रिय रहने से मनुष्य की कार्य क्षमता बढ़ जाती है। वह परिश्रमी और स्वाभाव लंबी हो जाती है। व्यायाम का अभ्यास होने से मनुष्य में स्वयं के गुणों का समावेश हो जाता है। जिससे उसका उपहार विवाद विनम्र हो जाता है। ठीक समय पर व्यायाम करने के लिए सूर्योदय से पूर्व सो कर उठने की आदत पड़ जाती है। इतने सारे दिन शरीर में स्फूर्ति बनी रहती है।
व्यायाम करने से अनेक लाभ होते हैं। परंतु इसमें असावधानी करने के कारण हानियां भी हो सकती है। व्यायाम का चुनाव करते समय एवं शारीरिक शब्द का ध्यान अवश्य रखना चाहिए उचित समय पर उचित मात्रा में और उपयुक्त व्यायाम ना करने से लाभ के बजाय हानि होती है। व्यायाम करने वालों के लिए पालन करना लाभकारी है।
उपसंहार - आज के इस मशीनी युग में व्यायाम की उपयोगिता अत्यधिक बढ़ गई है। क्योंकि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में मशीनों का आधिपत्य हो गया है। देवर कार्यालय में कुर्सी पर बैठकर कलम घटना अब गौरव की बात समझी जाती है तथा कार्यक्रम को तिरस्कार और उपेक्षा की दृष्टि से देश से देखा जाता है। हमारा स्वास्थ्य शिविर हो गया है ।। शारीरिक क्षमता पंगु हो गई है। और रोगो ने हमारे शरीर को जरूर कर दिया आज देश के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। कि वह सुंदर शरीर निर्मल तथा विवेक बुद्धि के लिए उपयुक्त व्यायाम नियमित रूप से प्रदान करता रहे।
Writer -roshani kushwaha
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