Up board live class 12th Hindi (पत्र लेखन) विषय-कम होते भूजल स्तर से उत्पन्न समस्याएं।
पत्र लेखन
किसी हिंदी दैनिक समाचार पत्र के संपादक के नाम एक पत्र लिखिए जिसमें निरंतर कम होते जल स्तर से उत्पन्न संकट की ओर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित किया गया हो।
सेवा में,
संपादक,
दैनिक हिंदुस्तान,
श्रीराम प्लाजा, मेरठ।
विषय-कम होते भूजल स्तर से उत्पन्न समस्याएं।
महोदय,
मैं आपके लोकप्रिय समाचार पत्र के माध्यम से केंद्र सरकार का ध्यान मेरठ परिक्षेत्र में कम होते भूजल स्तर से उत्पन्न समस्याओं की ओर आकर्षित करना चाहता हूं।
मेरठ परिक्षेत्र में निरंतर गिरता भूजल स्तर इतनी खतरनाक स्थिति तक पहुंच गया है कि पेयजल का संकट उपस्थित हो गया है इसका मुख्य कारण भूमिगत जल का अनियंत्रित जल दोहन है। परी क्षेत्र में ऐसे अनेक कारखाने हैं। जो बड़ी मात्रा में निरंतर भूमिगत जल का दोहन करते हैं। पेयजल आपूर्ति के लिए भूमिगत जल का दोहन बड़े स्तर पर किया जाता है। तालाबों पर निरंतर अवैध कब्जों खुले मैदानों के स्थान पर उगते कंक्रीट के जंगलों और सड़कों के जाल से वर्षा का पानी बैकार हो जाता है। और भूमिगत जल का रिचार्ज नहीं हो पाता है। जिसके परिणाम स्वरूप परी क्षेत्र में भूजल का स्तर 18 मीटर तक गिर गया है।इस कारण प्रतिवर्ष हजारों नलकूप एवं कुएं सूख जाते हैं गिरते भूजल स्तर के कारण यहां पर जल संकट उत्पन्न हो गया है। वहीं अनेक आवासीय क्षेत्रों में भूमि के गर्म होने और मकानों में दरारें पड़ने की घटनाएं भी सामने आ रही हैं। मेरठ परिक्षेत्र वैसे ही भूकंप संवेदी जोन में आता है भूजल स्तर कम होने से छोटी वनस्पतियां तो सो ही रही है बड़े वृक्ष भी बड़ी मात्रा में सूख रहे हैं जिससे हरियाली निरंतर घट रही है इसका सीधा प्रभाव वायु प्रदूषण पर पड़ रहा है यदि शीघ्र ही इस भूमिगत जल दोहान को ना रोका गया तो पेयजल के लिए त्राहि-त्राहि मचेगी ही , भूकंप एवं वायु प्रदूषण के बैंकर विनाशकारी परिणाम भी निकट भविष्य में भुगतने पड़ सकते हैं।
अतः मैं केंद्र सरकार से कहना चाहूंगा कि मैं वह मेरठ परिक्षेत्र को गिरते भूजल स्तर की त्रासदी से बचाने हेतु यहां ऐसे कारखानों एवं उद्योग धंधों को लाइसेंस देना बंद करें जो भूजल का किसी भी रूप में दोहान करते हैं भूमिगत जल के रिचार्ज के लिए तालाबों को कब्जा मुक्त कराकर उनकी पुणे खुदाई की जाए साथ ही कुछ ऐसी नियम कानून भी बनाए जाएं जिससे लोग जल की बर्बादी ना करें कम से कम बड़े भवन निर्माण की अनुमति देने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था को अनिवार्य किया जाए।
आशा है सरकार और संबंधित प्रशासनिक अधिकारी इस आसन संकट की ओर ध्यान देकर संपूर्ण मेरठ परिक्षेत्र की समृद्धि में अपनी सार्थक भूमिका का निर्वहन करें।
दिनांक 18 जनवरी 2020
भवदीय
वैभव
शास्त्री नगर, मेरठ
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