UP board live solutions class 10th social science unit 2 geography (भूगोल)chapter3 जल संसाधन
UP board class 10th social science solution chapter 3
अध्याय -3 जल संसाधन
बहुविकल्पी प्रश्न-
प्रश्न-1 भारत विश्व वृष्टि मात्रा का कितना प्रतिशत प्राप्त करता है?
(क) 4%
(ख) 6%
(ग) 8%
(घ) 10%
उत्तर-(क) 4%
प्रश्न-2 विश्व में सर्वाधिक वर्षा किस स्थान पर होती है?
(क) मासिनराम
(ख) चेन्नई
(ग) ब्लादिवोस्टक
(घ) न्यूयॉर्क
उत्तर-(क) मासिनराम
प्रश्न-3 भारत की पहली नदी घाटी परियोजना किस नदी पर बनाई गई?
(क) दामोदर
(ख) नर्मदा
(ग) कोसी
(घ) चिनाब
उत्तर -(क) दामोदर
प्रश्न-4 बहुउद्देशीय परियोजनाओं को किसने आधुनिक भारत का मंदिर का कहा?
(क) महात्मा गांधी
(ख) जवाहरलाल नेहरू
(ग) विनोबा भावे
(घ) अन्ना हजारे
उत्तर-(ख) जवाहरलाल नेहरू
प्रश्न -5 टिहरी बांध परियोजना किस राज्य में स्थित है?
(क) पंजाब
(ख) गुजरात
(ग) उत्तराखंड
(घ) मध्य प्रदेश
उत्तर- (ग) उत्तराखंड
अति लघु उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न-1 जल के बारे में क्या भविष्यवाणी की गई है?
उत्तर- 2025 में विश्व के अनेक देशों में 20 करोड़ लोग जल की नितांत कमी झेल लेंगे भविष्यवाणी है कि 2025 तक भारत का एक बड़ा हिस्सा विश्व के अन्य देशों और क्षेत्रों की तरह जल की नितांत कमी महसूस करेगा।
प्रश्न-2 सरदार सरोवर बांध कहां और किस नदी पर बना है?
उत्तर- सरदार सरोवर बांध गुजरात राज्य में नर्मदा नदी पर बना है।
प्रश्न-3 अलवणीय जल किस प्रकार से प्राप्त होता है?
उत्तर- अलवणीय जल हमें सतही अपवाह और जल स्रोत से प्राप्त है जिसका लगातार नवीकरण और पुनर्भरण जलीय चक्र द्वारा होता रहता है।
प्रश्न-4 कृष्णा -गोदावरी विवाद की शुरुआत क्यों हुई थी?
उत्तर- कृष्णा -गोदावरी विवाद की शुरुआत महाराष्ट्र सरकार द्वारा कोयना पर जल विद्युत परियोजना के लिए बांध बनाकर जल की दिशा में परिवर्तन कर कर्नाटक और आंध्र प्रदेश सरकारों द्वारा आपत्ति जताए जाने से हुई ।इससे इन राज्यों में पड़ने वाले नदी के निचले हिस्से में जल प्रवाह कम हो जाएगा और कृषि उद्योग पर विपरीत असर पड़े।
प्रश्न-5 स्वतंत्रता के बाद भारत में बहुउद्देशीय योजनाओं को प्रारंभ करने का मुख्य उद्देश्य क्या था?
उत्तर- इससे कृषि तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था का विकास होगा, औद्योगीकरण में तेजी आएगी तथा शहरी अर्थव्यवस्था का विकास होगा।
लघुउत्तरीय प्रश्न -
प्रश्न-1 जल दुर्लभता क्या है? इसके तीन मुख्य कारण बताइए।
उत्तर- जल के इस विशाल भंडार तथा नवीकरणीय गुणों के होते हुए भी यदि जल की कमी महसूस की जाए तो उसे जल दुर्लभता कहते हैं ।विभिन्न क्षेत्रों में जल की कमी या दुर्लभता के लिए निम्नलिखित कारण उत्तरदाई हो सकते हैं-
1-बढ़ती जनसंख्या- जल अधिक जनसंख्या के घरेलू उपयोग में ही नहीं बल्कि अधिक अनाज उगाने के लिए भी चाहिए। आत: अनाज का उत्पादन बढ़ाने के लिए जल संसाधनों का अतिशोषण करके सिंचित क्षेत्र को बढ़ा दिया जाता है।
2- जल का असमान वितरण- भारत में बहुत से क्षेत्र ऐसे हैं जहां सूखा पड़ता है वर्षा बहुत कम होती है ।ऐसे क्षेत्रों में भी जल दुर्लभता या जल की कमी देखी जा सकती है।
3- निजी कुएं या नलकूप- बहुत से किसान अपने खेतों में निजी कुओं व नलकूपों से सिंचाई करके उत्पादन बढ़ा रहे हैं किंतु इसके कारण लगातार भूजल का स्तर नीचे गिर रहा है। और लोगों के लिए जल की उपलब्धता में कमी हो सकती है।
4- औद्योगिकरण- स्वतंत्रता के बाद हुए औद्योगिकरण के कारण भारत में अलवणीय जल संसाधनों पर दबाव बढ़ गया है। उद्योगों को ऊर्जा की आवश्यकता होती है जिसकी पूर्ति जलविद्युत से की जाती है इस कारण भी जल की कमी का सामना करना पड़ता है।
प्रश्न- 2 बहुउद्देशीय परियोजनाओं से होने वाले लाभ और हानियों की तुलना कीजिए।
उत्तर- नदियों पर बांध बनाकर एक साथ कई उद्देश्यों को पूरा किया जाता है। जैसे- बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई विद्युत ,उत्पादन तथा मत्स्य पालन ऐसी योजनाओं को बहुउद्देशीय योजनाएं कहा जाता है। इस परियोजना से कुछ लाभ होते हैं तो कुछ हानियां भी होती हैं।
लाभ- नदियों पर बांध बनाकर केवल सिंचाई ही नहीं की जाती अपितु इनका उद्देश्य विधुत उत्पादन, घरेलू और औद्योगिक उत्पादन, जल आपूर्ति,बाढ़ नियंत्रण ,मनोरंजन ,आंतरिक नौचालन और मछली पालन भी है ।इसलिए बांधों को बहुउद्देशीय परियोजनाएं भी कहा जाता है ।यहां एकत्रित जल के अनेक उपयोग समन्वित होते हैं।
हानियां- नदियों पर बांध बनाने और उनका बहाव नियंत्रित करने से उनका प्राकृतिक बहाव अवरुद्ध हो जाता है ।जिसके कारण तलछट बहाव कम हो जाता है अत्यधिक तलछट जलाशय की तलों पर जमा होता रहता है जिसे नदी का तल अधिक चट्टानी हो जाता है। नदी जलीय जीव आवासों में भोजन की कमी हो जाती है ।बांध नदियों को टुकड़ों में बांट देते हैं जिससे जलीय जीवो का नदियों में स्थानांतरण अवरुद्ध हो जाता है ।बाढ़ के मैदान में बने जलाशयों से वहां मौजूद वनस्पति और वनस्पति जल में डूब जाती हैं। इन परियोजनाओं के कारण इस स्थानीय लोगों को अपनी जमीन ,आजीविका और संसाधनों से लगाव , नियंत्रण आदि को कुर्बान करना पड़ता है।
प्रश्न-3' नर्मदा बचाओ 'आंदोलन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- कुछ सामाजिक संगठन बहुउद्देशीय नदी परियोजनाओं का विरोध कर रहे हैं ।इसमें एक आंदोलन "नर्मदा बचाओ आंदोलन" है ।यह आंदोलन एक गैर सरकारी संगठन द्वारा चलाया जा रहा है जो जनजातीय लोगों, किसानों ,पर्यावरणविदों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को गुजरात में नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध के विरोध में लामबंद करता है ।मूल रूप से शुरू में यह आंदोलन जंगलों के बांध के पानी में डूबने जैसे मुद्दों पर केंद्रित था। हाल ही में इस आंदोलन का बांध से विस्थापित गरीब लोगों को सरकार से संपूर्ण पुनर्वास सुविधाएं दिलाना हो गया है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न-1 बहुउद्देशीय परियोजनाओं से होने वाले प्रमुख लाभों का वर्णन कीजिए।
उत्तर- स्वतंत्रता से पहले जो सिंचाई योजनाएं बनाई जाती थी ,वह केवल एक ही कार्य करती थी अर्थात सिंचाई की व्यवस्था करना तथा खेतों तक पानी पहुंचाना ।इसलिए इन योजनाओं का लाभ काफी सीमित था। किंतु स्वतंत्रता के पश्चात बनाए गई विभिन्न परियोजनाओं के बहुमुखी उद्देश्य होते हैं इसलिए इनसे अनेक लाभ भी होते हैं जो निम्नलिखित हैं-
1- इन परियोजनाओं से जल संग्रहण तथा भंडारण में सहायता मिलती है जिससे हम सिंचाई आदि कार्य के लिए प्रयोग कर सकते हैं ;जैसे- राजस्थान नहर में सतलुज नदी का पानी सिंचाई के लिए उपयोग में लाया जाता है।
2- बहुमुखी परियोजनाओं से बाढ़ रोकने में सहायता मिलती है ।जैसे दामोदर नदी को पहले 'बंगाल का शोक' कहा जाता था ।क्योंकि इस नदी की बाढ़ में पश्चिम बंगाल के लोगों के दुख का कारण बनती थी। किंतु दामोदर परियोजना के निर्माण के बाद बाढ़ पर नियंत्रण पा लिया गया है।
3- योजनाओं से वनरोपण में भी जल का उपयोग किया जाता है। अनुकूल परिस्थितियों में नहरों द्वारा नौका परिवहन में भी सहायता मिलती है।
प्रश्न-2 वर्षा जल संग्रहण से क्या अभिप्राय है? वर्षा जल संग्रहण के उद्देश तरीके कौन से हैं ?इसके लाभों का वर्णन कीजिए।
उत्तर- वर्षा जल संग्रहण का अर्थ है कि वर्षा के जल का उसी स्थान पर प्रयोग करना जहां यह भूमि पर गिरती है ।वर्षा जल संग्रहण के प्रमुख तरीके निम्नलिखित हैं-
1- पहला तरीका यह है कि पानी को भवनों की छतों से इकट्ठा कर लेना चाहिए ।
2- दूसरा तरीका है कि आस-पास पड़ने वाली वर्षा का बहने वाला पानी तालाबों आदि में इकट्ठा कर लेना चाहिए ताकि बाद में उसका उपयोग किया जा सके।
3- जल संग्रहण का तीसरा तरीका यह है कि वर्षा के मौसम में जब नदियों में बाढ़ आई हुई हो तो इस पानी को अतिरिक्त भूमि में खड्ड बनाकर भर लेना चाहिए।
प्रश्न-3 परंपरागत वर्षा जल संग्रहण की पद्धतियों को आधुनिक काल में अपनाकर जल संरक्षण एवं भंडारण किस प्रकार किया जा रहा है?
उत्तर - प्राचीन भारत में उत्कृष्ट जलीय निर्माणों के साथ-साथ जल संग्रहण ढांचे भी पाए जाते थे। लोगों को वर्षा पद्धति और मृदा के गुणों के बारे में गहरा ज्ञान था। उन्होंने स्थानीय परिस्थिति की और अपनी जल आवश्यकतानुसार वर्षा जल, भवन जल, नदी जल और बाढ़ जल संग्रहण के अनेक तरीके विकसित कर लिए थे ।आधुनिक काल में भी भारत के कई राज्यों में इन परंपरागत विधियों को अपनाकर जल संरक्षण किया जा रहा है ;
जैसे -राजस्थान के निर्माण किया जाता है इससे वर्षा के जल को संग्रहित कर के उपयोग में लाया जाता है इसी प्रकार कर्नाटक के मैसूर जिले में स्थित एक गांव में ग्रामीणों ने अपने घरों में जल आवश्यकता की पूर्ति छत वर्षा जल संग्रहण की व्यवस्था से ई हुई है।
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