UP board live solution class 10th social science unit 2 chapter 4 geography(भूगोल)
इकाई -2 समकालीन भारत 2 (भूगोल)
UP board class 10th social science solution
अध्याय-4 कृषि
बहुविकल्पी प्रश्न-
प्रश्न-1 इनमें से कौन -सी एक रबी की फसल है?
(क) चावल
(ख) मोटे अनाज
(ग) चना (काला चना)
घ) कपास
उत्तर-(ग) चना (काला चना)
प्रश्न-2 ब्राजील में' स्थानांतरित कृषि' को क्या कहा जाता है?
(क) कोनुको
(ख) रोका
(ग) दीपा
(घ) मसोले
उत्तर-(ख) रोका
प्रश्न-3 निम्नलिखित में से कौन- सी एक रेशेदार फसल है?
(क) जूट
(ख) कॉफी
(ग) जौ
(घ) रबर
उत्तर-(क) जूट
प्रश्न-4 निम्न में से कौन खरीफ की फसल है?
(क) चना
(ख) धान
(ग) कपास
(घ) ख तथा ग दोनों
उत्तर- (घ) ख तथा ग दोनों
प्रश्न-5 भूदान -आंदोलन किसके द्वारा प्रारंभ किया गया?
(क) महत्मा गांधी
(ख) जवाहरलाल नेहरू
(ग) विनोबा भावे
(घ) इंदिरा गांधी
उत्तर - (ग) विनोबा भावे
अति लघु उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न-1 भारत की महत्वपूर्ण रोपण फसलें कौन-कौन सी है?
उत्तर- भारत में चाय ,कॉफी ,रबड़, गन्ना केला इत्यादि महत्वपूर्ण रोपण फसलें हैं।
प्रश्न-2 रोपण कृषि की दो विशेषताएं बताइए।
उत्तर- रोपण कृषि की दो विशेषताएं निम्नलिखित है-
1- रोपण कृषि व्यापक क्षेत्र में की जाती है
2- इस कृषि में अधिक पूंजी और श्रमिकों की आवश्यकता होती है।
प्रश्न-3 गहन कृषि की दो विशेषताएं बताइए।
उत्तर- गहन कृषि की दो विशेषताएं निम्नलिखित हैं-
1- अधिक उत्पादन के लिए अधिक मात्रा में रासायनिक खाद और सिंचाई का प्रयोग किया जाता है।
2- भूमि का आकार छोटा होने के कारण भूमि पर कई- कई फसलें उगाई जाती हैं।
प्रश्न-4 चाय की भौगोलिक दशाओं के बारे में वर्णन कीजिए।
उत्तर- चाय के लिए भौगोलिक दशाएं निम्नलिखित है-
1- चाय का पौधा उष्ण और उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु, ह्यूमस और जीवाश्म युक्त गहरी मिट्टी तथा शुगम जल निकास वाले ढलवां क्षेत्रों में उगाया जाता है।
2- चाय को उगाने के लिए वर्ष भर कोष्ण,नम और पालारहित जलवायु की आवश्यकता होती है।
प्रश्न-5 भारत की एक खाद्य फसल का नाम बताइए और जहां यह पैदा की जाती है। उन क्षेत्रों का विवरण दीजिए।
उत्तर- गेहूं भारत की एक प्रमुख फसल है ।देश में गेहूं उगाने वाले दो मुख्य क्षेत्र उत्तर -पश्चिम में गंगा सतलुज का मैदान और दक्कन का काली मिट्टी वाला प्रदेश पंजाब, हरियाणा ,उत्तर प्रदेश ,बिहार ,राजस्थान ,मध्य प्रदेश के कुछ भाग गेहूं पैदा करने वाले प्रमुख राज्य हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न-1 भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का क्या महत्व है?
उत्तर- कृषि की दृष्टि से भारत एक महत्वपूर्ण देश है ।इसकी दो-तिहाई जनसंख्या कृषि कार्यों में संलग्न है। कृषि एक प्राथमिक क्रिया है जो हमारे लिए अधिकांश खाद्यान्न उत्पन्न करती हैं। खाद्यान्नों के अतिरिक्त यह विभिन्न उद्योगों के लिए कच्चा माल प्रदान करती हैं। इसके अतिरिक्त कुछ उत्पादों जैसे ;चाय ,कॉफी ,मसाले इत्यादि का भी निर्यात किया जाता है। कृषि भारत की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है। सकल घरेलू उत्पादन में 26 % योगदान कृषि का है ।कृषि हमारे देश की प्राचीन आर्थिक क्रिया है ।पिछले हजारों वर्षों में भौतिक पर्यावरण ,प्रौद्योगिकी और सामाजिक, सांस्कृतिक रीति रिवाजों के अनुसार खेती करने की विधियों में परिवर्तन हुआ है।
प्रश्न-2 गन्ने की खेती के लिए उपयुक्त भौगोलिक दशाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर- गन्ना एक उष्ण और उपोष्ण कटिबंधीय फसल है ।यह फसल 21 डिग्री सेल्सियस से 27 डिग्री सेल्सियस तापमान और 75 सेंटीमीटर से 100 सेंटीमीटर वार्षिक वर्षा वाली और जलवायु में बोई जाती है ।कम वर्षा वाले क्षेत्रों में सिंचाई की आवश्यकता होती है। इसे अनेक मिट्टियों में उगाया जा सकता है। इसके लिए बुवाई से लेकर कटाई तक काफी शारीरिक श्रम की आवश्यकता होती है। गन्ना ,चीनी, गुड़ और शीरा बनाने के काम आता है। उत्तर प्रदेश ,महाराष्ट्र ,कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश बिहार, पंजाब और हरियाणा के मुख्य उत्पादन राज्य हैं।
प्रश्न-3 भारतीय कृषि की कोई तीन विशेषताएं लिखिए।
उत्तर- भारतीय कृषि की तीन विशेषताएं निम्नलिखित हैं-
1- कृषि पर निर्भरता- भारतीय कृषि मानसूनी वर्षा पर निर्भर करती है ।यही कारण है कि वर्षा की अनियमितता एवं अनिश्चितता भारतीय कृषि अर्थव्यवस्था को सर्वाधिक प्रभावित करती है ।जिस वर्ष मानसूनी वर्षा नियमित होती है, कृषि उत्पादन भी श्रेष्ठ मात्रा में प्राप्त होता है।
2- कृषि की निम्न उत्पादकता- भारत में कृषि उपजाऊ का प्रति हेक्टेयर उत्पादन अपेक्षाकृत अन्य देशों से कम है ।प्रति श्रमिक की दृष्टि से भारत में कृषि श्रमिक की औसत वार्षिक उत्पादकता केवल $105 है।
3- खाद्यान्न फसलों की प्रमुखता- भारतीय कृषि में खाद्यान्न फसलों की प्रमुखता रहती है क्योंकि 100 करोड़ से अधिक जनसंख्या के भरण-पोषण के लिए ऐसा किया जाना आवश्यक है ।तीव्र गति से बढ़ती जनसंख्या की खाद्यान आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कुल कृषि भूमि के लगभग 65.8 परसेंट भाग पर खाद्यान्न तथा शेष भाग में व्यापारिक व अन्य फसलों का उत्पादन किया जाता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न- 1 भारतीय कृषि ने खाद्य उत्पादन में घटती प्रवृत्ति क्यों प्रारंभ कर दी है?
अथवा
कृषि की तीन प्रमुख समस्याओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर- भारत में हजारों वर्षों से कृषि की जा रही है ,परंतु औद्योगिक और संस्थागत परिवर्तन के अभाव में लगातार भूमि संसाधन के प्रयोगों से कृषि का विकास अवरुद्ध हो जाता है। भारत में कृषि के पिछड़ेपन के लिए निम्नलिखित कारण उत्तरदाई हैं-
1- कृषि की उपजाऊ शक्ति का ह्रास- भारत की कृषि भूमि पर हजारों वर्षों से खेती की जा रही है जिससे भूमि की उपजाऊ शक्ति कम हो जाती है। अधिक रसायनों तथा उर्वरकों का प्रयोग करने से भी भूमि की उपजाऊ शक्ति कम हो गई है।
2- मृदा अपरदन- भारतीय कृषि के पिछड़ेपन का एक बड़ा कारण मृदा अपरदन है ।पेड़ों को काटने, पशुओं द्वारा अतिचराई से पानी तथा हवा के तेज बहाव के कारण मृदा अपरदन तेजी से होता है जिससे भूमि खेती के योग्य नहीं रहती।
3- खेती के पुराने उपकरण तथा ढंग-
देश के कई भागों में किसान अभी पुराने उपकरणों से खेती करता है जिससे कम उत्पादन होता है ।अभी भी किसान मानसून और भूमि की प्राकृतिक उर्वरता पर निर्भर करता है।
प्रश्न-2 भारतीय कृषि पर वैश्वीकरण के प्रभाव पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर- वैश्वीकरण से हमारा तात्पर्य है- विश्व के अनेक देशों का आर्थिक, राजनीतिक ,सामाजिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्र में एक दूसरे के निकट आ जाना। वैश्वीकरण के कारण विभिन्न चीजें एक देश से दूसरे देश में आने जाने लगी जिससे उच्च कोटि की चीजें बाजार में ही टिक सकी हैं वैश्वीकरण के कृषि पर कुछ अच्छे प्रभाव पड़े जो निम्नलिखित हैं-
1- भारत दूसरे देशों को अन्य का निर्यात कर अपनी जरूरत का अन्य सामान खरीदने लगा।
2-विभिन्न फसलों की मांग बढ़ने से भारत में इन चीजों का अधिक उत्पादन होने लगा।
3- अंतरराष्ट्रीय बाजार में टिकने के लिए भारतीय किसानों ने अपने उत्पादन की गुणवत्ता व उसका स्तर बढ़ाने की कोशिश की।
4- कृषि वैज्ञानिकों के सहयोग से बहुत से देशों में नई नई चीजों की पैदावार होने लगी जो पहले संभव नहीं था।
प्रश्न -3 भारत में पाए जाने वाले मोटे अनाजों का वर्णन कीजिए। इन अनाजों के लिए उपयुक्त भौगोलिक परिस्थितियां बताइए।
उत्तर- ज्वार बाजरा और रागी भारत में उगाए जाने वाले मोटे अनाज हैं जिनमें पोषक तत्वों की मात्रा अधिक होती है।
ज्वार- क्षेत्रफल और उत्पादन की दृष्टि से ज्वार देश की तीसरी महत्वपूर्ण फसल है ।यह फसल वर्षा पर निर्भर होती है। अधिकतर आद्र क्षेत्रों में उगाए जाने के कारण इसके लिए सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है ।महाराष्ट्र राज्य इस फसल का सबसे बड़ा उत्पादक है ।कर्नाटक ,आंध्र प्रदेश ,मध्य प्रदेश के अन्य मुख्य उत्पादक राज्य है।
बाजरा- यह बलुआ और उथली काली मिट्टी में उगाया जाता है। राजस्थान बाजरा का सबसे बड़ा उत्पादक है। उत्तर प्रदेश ,महाराष्ट्र ,गुजरात और हरियाणा इसके अन्य मुख्य उत्पादक राज्य हैं।
रागी- यह शुष्क प्रदेशों की फसल है। यह लाल, काली, बलुआ, दोमट और उथली काली मिट्टी पर अच्छी तरह उगाई जाती है। कर्नाटक रागी का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य भी यह महत्वपूर्ण फसल है।
मक्का- यह खाद्यान्न व चारा दोनों रूपों में प्रयोग होती है। यह एक खरीफ की फसल है जो 21 डिग्री सेल्सियस से 27 डिग्री सेल्सियस तापमान में और पुरानी जलोढ़ मिट्टी पर अच्छी प्रकार से उगाई जाती है ।कर्नाटक ,उत्तर प्रदेश ,बिहार ,आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश मक्का के मुख्य उत्पादक राज्य है।
Written by- Bandana Kushwaha
class 10th social science unit 2 geography (भूगोल)chapter3 जल संसाधन
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