UP Board solutions for class 12 sahityik Hindi खंडकाव्य chapter 1 मुक्ति यज्ञ
UP Board solutions for class 12 sahityik Hindi खंडकाव्य chapter 1 मुक्तियज्ञ(सुमित्रानंदन पंत)
प्रश्न 1. 'मुक्ति यज्ञ' खंडकाव्य कथावस्तु (कथानक) संक्षेप में (अपने शब्दों में लिखिए
अथवा
'मुक्तियज्ञ' खंडकाव्य की कथासार (सारांश) अपने शब्दों में लिखिए।
अथवा
'मुक्तियज्ञ' के आधार पर स्वाधीनता आंदोलन (स्वतंत्रता संग्राम) की घटनाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
'मुक्तियज्ञ' सुमित्रानंदन पंत द्वारा लिखित 'लोकायतन' महाकाव्य का एक अंश है। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की कथा वर्णित है। काव्य की कथा संक्षेप में इस प्रकार है-
अंग्रेजों ने भारतीयों को और परेशान करने के लिए नमक कानून बनाया। अंग्रेजों के इस काले कानून को तोड़ने के लिए गांधी जी ने डांडी यात्रा की। इस यात्रा में 24 दिन लगे। डांडी गांव पहुंचकर गांधी जी ने समुद्र तट पर नमक बनाया और कानून को तोड़ा।
यह आंदोलन सत्य और अहिंसा पर आधारित था किंतु अंग्रेजों ने कठोरता से सत्याग्रहियों का दमन किया। देश के अनेक नेता जेल में डाल दिए गए। लेकर आंदोलन तेज ही होता गया।
संपूर्ण देशवासी गांधी जी के पीछे चल पड़े। गांधी जी ने जेल में ही आमरण अनशन कर दिया।
गांधीजी ने सन 1942 ईस्वी में 'अंग्रेजों, भारत छोड़ो' का नारा लगाया। सारे देश में क्रांति की आग धधक उठी। सभी बड़े नेताओं सहित गांधी जी को उसी रात्रि को बंदी बना लिया गया। अंग्रेजों का दमन चक्र चरम सीमा पर पहुंच गया। अत्याचारों से भारतीयों का आक्रोश और बढ़ गया।
गांधी जी की धर्मपत्नी का जेल में ही स्वर्गवास हो गया। इस घटना से संपूर्ण देश में अंग्रेजों के विरुद्ध हिंसा भड़क उठी। फलत: 15 अगस्त 1947 ईस्वी को अंग्रेजों ने भारत छोड़ दिया। जाते-जाते वे भारत का विभाजन कर गए।
सारे देश में स्वतंत्रता के उत्सव मनाए जा रहे थे, परंतु उसी समय नोआखाली में सांप्रदायिक दंगा हो गया। इस घटना से गांधी जी बहुत दुखी हो गए। उन्होंने उपवास किया। 23 जनवरी सन 1948 ईस्वी को दुष्ट नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर गांधी जी की हत्या कर दी।
इस प्रकार इस खंडकाव्य का आधार फलक बहुत विराट् है। इसमें आधुनिक युग का इतिहास अंकित है। सारांश यह है कि 'मुक्तियज्ञ' गांधी युग के स्वर्ण- इतिहास का काव्यात्मक आलेख है।
प्रश्न 2. 'मुक्तियज्ञ' खंडकाव्य के नायक का चरित्र चित्रण कीजिए।
अथवा
'मुक्तियज्ञ' का अभिप्राय स्पष्ट करते हुए उसके नायक (प्रमुख पात्र) के चरित्र पर प्रकाश डालिए।
अथवा
'राष्ट्रनायक' गांधी 'मुक्तियज्ञ' के मुख्य पुरोधा थे।' इस कथन की सत्यता सिद्ध कीजिए।
अथवा
'मुक्तियज्ञ' के आधार पर महात्मा गांधी की चारित्रिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
उत्तर-
'मुक्तियज्ञ' खंडकाव्य के नायक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी हैं। इस नाटक के द्वारा गांधी जी के चरित्र में निम्नलिखित विशेषताएं दर्शाई गई है-
महान जननेता- महात्मा गांधी भारतीय जनता के सच्चे नेता है। भारत के जन-मन पर उनका पूर्ण अधिकार है। इस महान नेता के नेतृत्व में स्वतंत्रता का संग्राम लड़ा जाता है और अंग्रेजों को भारत से निकाल दिया जाता है। गांधी के विचार मानव जाति के लिए हितकारी हैं।
सत्य और अहिंसा के पुजारी- गांधीजी सत्य और अहिंसा के पुजारी हैं। उन्होंने सत्य और अहिंसा का अभिनव प्रयोग किया और सिद्ध कर दिया कि बिना रक्तपात और अहिंसा के बल पर भी बड़े से बड़े शत्रु को पराजित किया जा सकता है।
साहसी एवं दृढ़व्रती- महात्मा गांधी अपने संकल्प पर दृढ़ और अत्यंत साहसी थे। बड़ी से बड़ी कठिनाई का भी वे बड़े साहस से सामना करते थे। अंग्रेजी शासक के नमक कानून को तोड़ने में गांधीजी ने जिस अभूतपूर्व साहस का परिचय दिया उससे अत्याचारी अंग्रेजों के छक्के छूट गए।
समदृष्टा - गांधीजी सबको समान दृष्टि से देखते थे ।उनकी दृष्टि में ना कोई बड़ा था ।ना छोटा छुआछूत को वे समाज का कलंर् समझते थे उनकी दृष्टि में कोई अछूत नहीं था।
मानवीय गुणों से युक्त- गांधीजी युगपुरुष महान नेता थे ।उनमें दया ,करुणा त्याग, इंद्रिय संयम ,प्रेम आदि सभी मानवीय गुणों का अद्भुत संगम था। उन्हें मानव मात्र से प्रेम था। उदार चरितानां तू वसुधैव कुटुंबकम का आदर्श उनके जीवन में चरितार्थ होता था।
संक्षेप में कहा जा सकता है कि गांधीजी समस्त मानवीय गुणों से युक्त एक महामानव थे।वे विश्व की समस्त मानव जाति के लिए गौरव की वस्तु के सत्य एवं अहिंसा उनके अद्वितीय अस्त्र थे।
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Writer- Nitya Kushwaha
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