UP board live solution class 10th social science unit- 3 लोकतांत्रिक राजनीति 2 (नागरिक शास्त्र) chapter- 3 लोकतंत्र और विविधता

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UP board live solution class 10th social science unit- 3 लोकतांत्रिक राजनीति 2 (नागरिक शास्त्र) chapter- 3 लोकतंत्र और विविधता

 UP board live solution class 10th social science unit- 3 लोकतांत्रिक राजनीति 2 (नागरिक शास्त्र) chapter- 3 लोकतंत्र और विविधता


UP Board class 10 social science full solution


इकाई- 3 लोकतांत्रिक राजनीति 2 (नागरिक शास्त्र)


अध्याय- 3 लोकतंत्र और विविधता


बहुविकल्पीय प्रश्न-


प्रश्न-1 काले दस्ताने और बंदी मुट्ठियां किस की प्रतीक थी?


(क) क्रोध की

(ख) शांति की

(ग) अश्वेत शक्ति की

(घ) खुशी की


उत्तर- (ग) अश्वेत शक्ति की


प्रश्न-2 अमेरिका सामाजिक विभाजन के कारण कौन थे?


(क) अमीर और गरीब

(ख) आधुनिक तथा रूढ़िवादी

(ग) श्वेत और अश्वेत

(घ) इनमें से कोई नहीं


उत्तर- (ग) श्वेत और अश्वेत


प्रश्न-3 सामाजिक विभाजन की राजनीति का परिणाम कितनी चीजों पर निर्भर करता है?


(क) चार

(ख) सात

(ग) तीन

(घ) दो


उत्तर- (ग) तीन


प्रश्न-4 लोकतंत्र का सबसे अच्छा तरीका क्या है?


(क) विविधता को समाहित करना

(ख) विभिन्नता के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखना

(ग) समरूप समाज बनाने का प्रयास करना

(घ) उपर्युक्त सभी


उत्तर- (घ) उपर्युक्त सभी


प्रश्न-5 सामाजिक विभाजनों को संभालने के संदर्भ में इनमे से कौन सा बयान लोकतांत्रिक व्यवस्था पर लागू नहीं होता?


(क) लोकतंत्र में राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के चलते सामाजिक विभाजनों की छाया राजनीति पर भी पड़ती है।


(ख) लोकतंत्र में विभिन्न समुदायों के लिए शांतिपूर्ण ढंग से अपनी शिकायतें जाहिर करना संभव है।


(ग) लोकतंत्र सामाजिक विभाजनों को हल करने का सबसे अच्छा तरीका है।


(घ) लोकतंत्र सामाजिक विभाजनों के आधार पर समाज को विखंडन की ओर ले जाता है।


उत्तर- (घ) लोकतंत्र सामाजिक विभाजनों के आधार पर समाज पर विखंडन की ओर ले जाता है।


अति लघु उत्तरीय प्रश्न-


प्रश्न-1 एफ्रो अमेरिका से क्या तात्पर्य है?


उत्तर- एफ्रो अमेरिका, अश्वेत शब्द अफ्रीकी लोगों के वंशजों के लिए प्रयुक्त होता है जिन्हें 17 वी सदी से लेकर 19वीं सदी की शुरूआत तक अमेरिका में गुलाम बनाकर लाया गया था।


प्रश्न-2 मार्टिन लूथर किंग की हत्या कब की गई थी?


उत्तर- 4 अप्रैल ,1968 को


प्रश्न-3 अमेरिका में नागरिक सुधार आंदोलन क्या था?


उत्तर- मार्टिन लूथर किंग के नेतृत्व में 1954 से नागरिक अधिकार आंदोलन को चलाया गया था ।आंदोलन का मुख्य उद्देश्य एफ्रो अमेरिकी लोगों के विरुद्ध होने वाले नस्ल आधारित भेदभाव को मिटाना था ।आंदोलन हिंसक था।


प्रश्न-4 नागरिक अधिकार आंदोलन किस देश से शुरू किया गया था?


उत्तर- संयुक्त राज्य अमेरिका से


प्रश्न-5 यूगोस्लाविया का विभाजन क्यों हुआ?


उत्तर-  धार्मिक और जातीय विभाजन के आधार पर शुरू हुई राजनीतिक होड़ में युगोस्लाविया कई टुकड़ों में बंट गया गया।


लघु उत्तरीय प्रश्न- 


प्रश्न-1 लोकतंत्र देशों में सामाजिक विभाजन का क्या प्रभाव पड़ता है?


उत्तर-  लोकतंत्र में विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच प्रतिद्वंद्विता का माहौल होता है ।इस प्रतिद्वंद्विता के कारण कोई भी समाज फूट का शिकार बन सकता है। अगर राजनीतिक दल समाज में मौजूद विभाजनों के हिसाब से राजनीति होड़ करने लगे तो इससे सामाजिक विभाजन राजनीतिक विभाजन में बदल सकता है और ऐसे में देश विखंडन की तरफ जा सकता है ।ऐसा कई देशों में हो चुका है। किंतु सच्चाई यह है कि राजनीति में सामाजिक विभाजन की हर अभिव्यक्ति फूट पैदा नहीं करती। कई देशों में ऐसी पार्टियां हैं जो सिर्फ एक ही समुदाय पर ध्यान देती हैं और उसी के हित में राजनीति करती हैं उसी के हित में राजनीति करती है पर इन सबकी परिणति देश के विखंडन में नहीं होती।


प्रश्न-2 सामाजिक अंतर कब और कैसे सामाजिक विभाजन का रूप ले लेते हैं?


उत्तर-  हर सामाजिक भिन्नता सामाजिक विभाजन का रूप नहीं लेती। सामाजिक अंतर लोगों के बीच बंटवारे का एक बड़ा कारण जरूर होता है किंतु यही अंतर कई बार अलग-अलग तरह के लोगों के बीच पुल का काम भी करती हैं। सामाजिक विभाजन कब होता है जब कुछ सामाजिक अंतर दूसरी अनेक विभिन्नता से ऊपर और बड़े हो जाते हैं। अमेरिका में स्वयं और अश्वेत का अंतर एक सामाजिक विभाजन भी बन जाता है क्योंकि अश्वेत लोग आमतौर पर गरीब है, बेघर हैं, भेदभाव के शिकार है। हमारे देश में भी दलित आमतौर पर गरीब और भूमिहीन है। उन्हें भी अक्सर भेदभाव और अन्याय का शिकार होना पड़ता है। जब एक तरह का सामाजिक अंतर अंतरों से ज्यादा महत्वपूर्ण बन जाता है और लोगों को यह महसूस होने लगता है कि वह दूसरे समुदाय के हैं तो इससे एक सामाजिक विभाजन की स्थिति पैदा होती है।


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न-


प्रश्न-1 सामाजिक विभाजनों की राजनीति के परिणाम तय करने वाले तीन कारकों की चर्चा करें।


उत्तर- सामाजिक विभाजनों की राजनीति का परिणाम तीन कारकों पर निर्भर करता है- 


1-लोगों में अपनी पहचान के प्रति आग्रह की भावना- यदि लोग स्वयं को सबसे विशिष्ट और अलग मानने लगते हैं तो उनके लिए दूसरों के साथ तालमेल बैठाना बहुत मुश्किल हो जाता है। यदि लोग अपनी बहु स्तरीय पहचान के प्रति सचेत हैं और उन्हें राष्ट्रीय पहचान का हिस्सा या सहयोगी मानते हैं तब कोई समस्या नहीं होती; जैसे- बेल्जियम के लोगों में भाषाई विभिन्नता के बावजूद वे अपने को बेल्जियाई ही मानते हैं। इससे उन्हें देश में साथ- साथ रहने में मदद मिलती है। भारत में भी लोग स्वयं को पहले भारतीय मानते हैं फिर किसी प्रदेश, क्षेत्रीय धार्मिक, सामाजिक समूह का सदस्य।


2- राजनीतिक दलों की भूमिका- दूसरा महत्वपूर्ण तत्व है कि किसी समुदाय की मांगों को राजनीतिक दल कैसे उठा रहे हैं। संविधान की सीमाओं में आने वाली और दूसरे समुदाय को नुकसान पहुंचाने वाली मांगों को मान लेना आसान है। श्रीलंका में केवल सिंहलियों के लिए ही काम करने की नीति तमिल समुदाय की पहचान और हितों के खिलाफ थी।


3- सरकार का रूप-  सरकार इन मांगों पर क्या प्रतिक्रिया व्यक्त करती है यह महत्वपूर्ण है यदि शासन सत्ता में साझेदारी करने को तैयार हूं और अल्पसंख्यक समुदाय की उचित मांगों को पूरा करने का प्रयास ईमानदारी से किया जाए तो सामाजिक विभाजन मुल्क के लिए खतरा नहीं बनते। यदि शासन राष्ट्रीय एकता के नाम पर किसी ऐसी मांग को दबाना शुरू कर देता है तो अक्सर उल्टे और नुकसान दे परिणाम ही निकलते हैं। ताकत के दम पर एकता बनाने की कोशिश विभाजन की ओर ले जाती है।


प्रश्न- 2 सामाजिक विभाजन किस तरह से राजनीति को प्रभावित करते हैं ?दो उदाहरण दीजिए।


उत्तर-  सामाजिक विभाजन और राजनीति का मेल काफी खतरनाक और विस्फोटक हो सकता है। लोकतंत्र में विभिन्न राजनीतिक दलों में प्रतिद्वंदिता का माहौल है। इस प्रतिद्वंदिता के कारण कोई भी समाज फूट का शिकार बन सकता है। यदि राजनीतिक दल इन विभागों के हिसाब से राजनीतिक होर करने लगे तो इससे सामाजिक विभाजन राजनीतिक विभाजन में बदल जाएगा। ऐसा कई देशों में हो चुका है; ऐसे आयरलैंड इसका एक उदाहरण है। ग्रेट ब्रिटेन का एक हिस्सा है। इसमें काफी समय तक हिंसा, जाति कटुता रही है। यहां की मुख्य आबादी इस आई है किंतु उनमें से 53 भेज दे आवादी प्रोटेस्टेंट है जबकि 44 फ़ीसदी रोमन कैथोलिक है। कैथोलिकों का प्रतिनिधित्व नेशनलिस्ट पार्टियां करती हैं। उनकी मांग है कि उत्तरी आयरलैंड को आयरलैंड गणराज्य के साथ मिलाया जाए। प्रोटेस्टेंट लोगों का प्रतिनिधित्व यूनियनिस्ट पार्टियां करती हैं जो ग्रेट ब्रिटेन के साथ ही रहने के पक्ष में हैं। 1998 में ब्रिटेन की सरकार और नेशनलिस्टों के बीच शांति समझौता हुआ, इसमें दोनों पक्षों ने हिंसक आंदोलन बंद करने की बात की।


प्रश्न- 3 मार्टिन लूथर किंग जूनियर द्वारा मानवीय अधिकारों के संदर्भ में किए गए योगदान का वर्णन कीजिए।


उत्तर- मार्टिन लूथर किंग का जन्म संयुक्त राज्य अमेरिका में हुआ था। वे बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के बालक थे। उनके विचारों पर गांधी जी के विचारों का बहुत प्रभाव पड़ा। आता उन्होंने जीवन का उद्देश्य समाज में अन्याय, उत्पीड़न, शोषण तथा भेदभाव को समाप्त करना बना लिया ।उन्होंने मेरी कन समाज में जाति तथा रंग के आधार पर किए जाने वाले भेदभाव के विरुद्ध आवाज उठाई उन्होंने सभी व्यक्तियों को बिना किसी जाति, धर्म, रंग तथा लिंग के भेद भाव के समान नागरिक, राजनीतिक, सामाजिक तथा धार्मिक अधिकारों के लिए सत्याग्रह पर आधारित अहिंसात्मक आंदोलन प्रारंभ किया। मार्टिन लूथर किंग नागरिक अधिकारों के एक प्रमुख तथा शक्तिशाली नेता थे। उनके द्वारा प्रथकतावाद नस्लीय भेदभाव के विरुद्ध चलाए गए अहिंसात्मक आंदोलन का सामान्य जनता पर बहुत प्रभाव पड़ा। रंगभेद तथा जातिभेद के विरुद्ध होटलों, पशु तथा सार्वजनिक स्थलों पर धरने तथा प्रदर्शन किए गए। इसमें विद्यार्थियों ने महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया। अश्वेत लोगों के नामों को मतदाता सूची में सम्मिलित करने के लिए भी आंदोलन प्रारंभ किया गया।1963 ईस्वी में लूथर किंग के नेतृत्व में विज्ञान रैली का आयोजन किया गया। लूथर किंग के प्रयासों से नागरिक अधिकारों को कानूनी अधिकारों का स्तर प्राप्त हुआ। इसके पश्चात अन्य नेताओं ने युद्ध विरोधी आंदोलन प्रारंभ किए। अश्वेत लोगों के आंदोलन ने धीरे-धीरे उग्र रूप धारण कर लिया। इसका परिणाम यह हुआ कि 1968 ईस्वी में मार्टिन लूथर किंग की हत्या कर दी गई। तत्पश्चात नवयुवकों तथा बुद्धिजीवियों के गुट ने वियतनाम के युद्ध के विरुद्ध एक शक्तिशाली युद्ध- विरोधी आंदोलन प्रारंभ किया। बाद में इस आंदोलन ने विश्व- शांति नि:शस्त्रीयकरण तथा पर्यावरण संरक्षण आदि विषयों पर भी बल दिया।


Written by- Bandana Kushwaha


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