UP Board final exam 2023 class 12th physics real paper solution//कक्षा 12 भौतिक विज्ञान रियल पेपर संपूर्ण सलूशन यूपी बोर्ड फाइनल पेपर
वार्षिक परीक्षा 2022 23
भौतिक विज्ञान
कक्षा 12
समय 3 घंटा 15 मिनट। पूर्णांक 70
निर्देश (i) प्रारंभ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्न पत्र पढ़ने के लिए निर्धारित हैं।
(ii) सभी खंडों के प्रश्न हल करना अनिवार्य है।
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UP Board final exam 2023 class 12th physics real paper solution//कक्षा 12 भौतिक विज्ञान रियल पेपर संपूर्ण सलूशन यूपी बोर्ड फाइनल पेपर |
1.(क) एक इलेक्ट्रॉन विद्युत क्षेत्र में क्षेत्र के अभीलंबवत प्रवेश करता है इलेक्ट्रॉन का गमन पथ होगा।
(i) वृत्ताकार । (ii) दीर्घ वृत्ताकार।
(iii) अर्ध-वृत्ताकार। (iv) परवलयाकार।
(ख) एक बंद पृष्ठ से भीतर विद्युत द्विध्रुव स्थित है। बंद पृष्ठ से निर्गत विद्युत फ्लक्स होगा–
(i) q/ɛ₀ (ii)2q/ɛ₀
(iii)-2q/ɛ₀ (iv) शून्य
(ग) एक खगोलीय दूरदर्शी की आवर्धन क्षमता 10 तथा नेत्रिका की फोकस दूरी 20 सेंटीमीटर है। अभिदृश्यक लेंस की फोकस दूरी है–
(i)200सेमी। (ii)1/2 सेंमी ।
(iii)2सेमी। (iv)1/200सेमी।
(घ) प्रकाश तरंगों की अनुप्रस्थ प्रकृति की पुष्टि होती है–
(i) ध्रुवण के कारण। (ii) विवर्तन से।
(iii) व्यतिकरण से। (iv) अपवर्तन के कारण।
(ड़) अपवर्तन की घटना में किस राशि पर प्रभाव नहीं पड़ता (i) प्रकाश की चाल (ii) प्रकार की आव्रृति (iii) प्रकार की आव्रृति (iv) प्रकाश की तरंगदैर्ध्य।
(च) सूर्य की विकरण ऊर्जा का स्त्रोत है-
(i) नाभिकीय विखण्डन (ii) प्रकाश की विद्युत प्रभाव
(iii) नाभिकीय संलयन (iv) इनमें से कोई नहीं।
खण्ड - ब
2. (क) जर्मेनियम को कैसे p- प्रकार का अर्धचालक बनाया जाता है?
उत्तर - इसे या तो समूह 13 के तत्व (B, Al, Ga, In) से अपमिश्रित करके ap प्रकार का अर्धचालक बनाया जाता है या इसे समूह 15 के तत्व (N, P, As, Sb) से अपमिश्रित करके n प्रकार का अर्धचालक बनाया जाता है। जर्मेनियम एक समूह 14 तत्व है इसलिए इसकी चालकता में सुधार करने के लिए इसे Si के साथ अपमिश्रित नहीं किया जा सकता है।
(ख) नाभिकीय विखंडन में श्रृंखला अभिक्रिया क्या है?
उत्तर - नाभिकीय विखंडन में श्रंखला अभिक्रिया
अगर आगे भी यूरेनियम नाभिक हो तो ये नये न्यूट्रॉन ही यूरेनियम से टकराकर उसे भी विखंडित कर देते हैं। एवं आगे भी यही नियम लागू होता है। जैसा चित्र में दिखाया गया है तब नाभिकों के विखंडन की एक श्रंखला बन जाती है। इस प्रक्रिया को नाभिकीय विखंडन की श्रंखला अभिक्रिया कहते हैं।
(ग) पराबैगनी किरणों के किन्ही दो उपयोग को लिखे।
उत्तर - पराबैंगनी विकिरण देने वाले लैंपों के बल्ब क्वार्टज के बनाये जाते हैं, ... कुहरे में किसी वस्तु को देखने के लिए किन किरणों का उपयोग किया जाता है
(घ) यदि प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान√2 एम्पीयर हो तब धारा का शिखर मान क्या होगा?
उत्तर - प्रत्यावर्ती धारा का शिखर मान उसके वर्ग माध्य मूल मान का `(1)/(sqrt 2)` या 0.707 गुना होता है।
(ड़) फ्लेमिंग का बाएं का हाथ नियम लिखो।
उत्तर - फ्लेमिंग के बाएं हाथ का नियम – इस नियम के अनुसार यदि तर्जनी उंगली चुंबकीय क्षेत्र की दिशा और मध्यमा चालक में प्रवाहित धारा की दिशा व्यक्त करे तो चालक पर बल की दिशा अँगूठे की दिशा में होगी। किसी चुंबकीय क्षेत्र में चालक पर आरोपित बल की दिशा को फ्लेमिंग के बाँयें हाथ के नियम द्वारा समझा जा सकता है।
(च) 1 फैराडे वैद्युत धारिता वाले गोपी चालक की त्रिज्या ज्ञात कीजिए।
उत्तर - किसी चालक की वैद्युत धारिता (कैपेसिटी या ... 1 फैरड =9×1011 स्टेट फैरड: 1 माइक्रोफैरड = 10-6 …
खण्ड - स
3. (क) बोहर मॉडल की सहायता से सिद्ध कीजिए कि किसी परमाणु के भीतर किसी स्थाई कक्षा की परिधि उस कक्षा के संगत इलेक्ट्रॉन के दो ब्रागली तरंगदैर्घ्य के पूर्ण गुणज में होती है।
उत्तर - परमाणु भौतिकी में, रदरफोर्ड-बोर मॉडल या बोर मॉडल सन १९१३ में नील्स बोर तथा रदरफोर्ड द्वारा सम्मिलित रूप से प्रस्तुत किया गया था। इस मॉडल के अनुसार परमाणु के केन्द्रीय भाग में छोटा, धनात्मक आवेश वाला नाभिक होता है तथा उसके चारो ओर वृत्ताकार कक्षा में इलेक्ट्रॉन चक्कर लगाते हैं। यह मॉडल सौर मण्डल के मॉडल जैसा ही है, अन्तर केवल इतना है कि यहाँ इलेक्ट्रॉनों की वृत्तीय गति के लिए आवश्यक अभिकेन्द्रीय बल नाभिक में स्थित धनावेशित प्रोटॉनों एवं ऋणावेशित इलेक्ट्रॉनों के बीच के आकर्षण बल से मिलता है, गुरुत्वाकर्षण से नहीं। यह मॉडल, रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल में थोड़ा सुधार करके किया गया है- इसके क्वाण्टम भौतिकी का सहारा लिया गया है।
(ख) संयुक्त सूक्ष्मदर्शी का नामांकित किरण आरेख बनाइए।
उत्तर - श्रांत आँख के लिए अन्तिम प्रतिबिम्ब A”B” अनन्तता पर बनता है। इस दशा में प्रतिबिम्ब A’B’, नेत्रिका E के फोकस F’e पर होगा। संयुक्त सूक्ष्मदर्शी की विभेदन क्षमता के लिए उपर्युक्त देखिए।
(ग) किसी धातु प्लेट पर आपतति प्रकाश की आवृत्ति दो गुनी बढ़ाने पर उत्सर्जित फोटो इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर - E2 का मान 2E1 से अधिक है, अत: आवृत्ति को दोगुना करने से उत्सर्जित इलेक्ट्रॉन की अधिकतम गतिज ऊर्जा दोगुनी से कुछ अधिक होगी।
(घ) तांबे के तीन तारों के द्रव्यमान 1 : 3 : 5 के अनुपात में तथा उसकी लंबाई या 5 : 3 : 1 के के अनुपात में है। उनके वैद्युत प्रतिरोधों में क्या अनुपात होगा?
उत्तर - अवधारणा:प्रतिरोध: विद्युत परिपथ में विद्युत प्रवाह के विरोध के मापन को इसका प्रतिरोध कहा जाता है।
एक तार का प्रतिरोध उसकी लंबाई, क्षेत्रफल और धातु प्रतिरोधकता पर निर्भर करता है।
प्रतिरोध की गणना निम्न द्वारा की जाती है-
जहां l इसकी लंबाई है, A क्षेत्रफल, और ρ इसकी धातु प्रतिरोधकता है।
हम जानते हैं कि आयतन (V) = द्रव्यमान (m)/ घनत्व (d)
और आयतन = तार की लंबाई (l) × तार का क्षेत्रफल (A)
V = m/d = l × A
A = m/ d l
प्रतिरोध के सूत्र में रखने पर-
ρ
R=ρdl2m
खण्ड - द
4. (क) नाभिकीय संलयन से क्या तात्पर्य है? यह क्रिया नाभिकीय विखंडन से किस प्रकार भिन्न है? प्रकृति में नाभिकीय संलयन का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर - जब दो हल्के नाभिक परस्पर संयुक्त होकर एक भारी तत्व के नाभिक की रचना करते हैं तो इस प्रक्रिया को नाभिकीय संलयन कहते हैं। नाभिकीय संलयन के फलस्वरूप जिस नाभिक का निर्माण होता है उसका द्रव्यमान संलयन में भाग लेने वाले दोनों नाभिकों के सम्मिलित द्रव्यमान से कम होता है। द्रव्यमान में यह कमी ऊर्जा में रूपान्तरित हो जाती है।
(ख) चुंबकीय ध्रुव एवं निरक्ष पर नतिकोण के मान लिखिए। उदासीन बिंदु किसे कहते हैं?।
उत्तर - चुंबकीय ध्रुव नति के उर्द्धाधर झुकाव को प्रदर्शित करता है ध्यातव्य है कि चुंबकीय नति क्षैतिज समतल एवं पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र की दिशा में बनने वाला कोण है। वस्तुत: पृथ्वी एक बड़े चुंबक की भाँति कार्य करती है।
पृथ्वी के गर्भ में ठोस आंतरिक कोर है जिसके चारों ओर बाह्य कोर द्रव अवस्था में है जिसमें लौह एवं निकिल जैसे भारी तत्त्व पाए जाते हैं।
पृथ्वी के घूर्णन के कारण पृथ्वी का द्रव अवस्था वाला बाह्य कोर इलेक्ट्रिक धारा उत्पन्न करता है। इससे चुंबकीय क्षेत्र का निर्माण होता है।
ध्रुवों पर जहाँ से ये चुंबकीय धाराएँ प्रवाहित होती हैं वहीं चुंबकीय क्षेत्र का प्रभाव सर्वाधिक होता है। इन्हीं स्थानों को चुंबकीय ध्रुव कहा जाता है।
पृथ्वी के दो चुंबकीय ध्रुव हैं यथा उत्तरी चुंबकीय ध्रुव तथा दक्षिणी चुंबकीय ध्रुव तथा कंपास की सूई हमेशा उत्तरी चुंबकीय ध्रुव की ओर संकेत करती है।
गौरतलब है कि पृथ्वी के चुंबकीय ध्रुव (उत्तरी व दक्षिणी) पृथ्वी के वास्तविक भौगोलिक ध्रुवों से भिन्न होते हैं।
पृथ्वी के वास्तविक भौगोलिक उत्तरी ध्रुव तथा चुंबकीय उत्तरी ध्रुव के मध्य बनने वाले कोण को चुंबकीय झुकाव
(ग) अनुनादी परिपथ किसे कहते हैं? अनुनादी आवृत्ति का सूत्र लिखिए।
उत्तर - बल की आवृत्ति को अनुनादी आवृत्ति कहते हैं। यह परिपथ अनुनादी विद्युत् परिपथ कहलाता हैं। प्रतिबाधा के लिए व्यंजक-मानलो चित्र (a) में दर्शाये अनुसार एक प्रेरकत्व L, धारिता C तथा प्रतिरोध R एक प्रत्यावर्ती ।
(घ) धारावाही चालक पर चुंबकीय बल की दिशा ज्ञात करने के लिए फ्लेमिंग के बाएं हाथ का नियम लिखिए।
उत्तर - फ्लेमिंग के बाएँ हाथ का नियम: जब हम अपने बाएँ हाथ की तर्जनी, मध्यमा और अंगूठे को इस प्रकार फैलाते हैं कि वे परस्पर लंबवत हों, यदि तर्जनी चुंबकीय क्षेत्र की दिशा को इंगित करती है और मध्यमा धारा की दिशा को इंगित करती है, तो अंगूठा चालक पर बल की दिशा को इंगित करेगा
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