Swachh Bharat Abhiyan essay / स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध हिंदी में
Swachh Bharat Abhiyan essay in hindi /
स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध
swachh bharat abhiyan par nibandh / स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध 1000 शब्द
स्वच्छ भारत अभियान
[ रूपरेखा - (1) प्रस्तावना, (2) मोदी जी की स्वच्छ भारत की संकल्पना, (3) स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत (4) स्वच्छ भारत अभियान का प्रारूप (क) शहरी क्षेत्रों के लिए स्वच्छ भारत अभियान, (ख) ग्रामीण क्षेत्रों के लिए स्वच्छ भारत अभियान, (ग) स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान (5) उपसंहार।]
प्रस्तावना- स्वच्छता के महत्त्व को समझते हुए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्वच्छता पर विशेष बल दिया था। गांधी जी की स्वच्छ भारत की संकल्पना जनान्दोलन न बन सकी। स्वतन्त्रता की अर्द्धशती बीते भी एक लम्बा अन्तराल हो गया, किन्तु गांधी जी की स्वच्छ भारत की संकल्पना परवान न चढ़ सकी। माननीय प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी जी ने उनकी इस संकल्पना को साकार करने के लिए 'स्वच्छ भारत अभियान' का बिगुल फूंका है। स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार की सराहनीय कोशिश है। देखा जाए तो, अपने आस-पास साफ-सफाई रखना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। अगर सभी को अपनी जिम्मेदारियों का आभास होता, तो इस अभियान की जरूरत ही नही पड़ती।
कितनी शर्मिन्दगी की बात है कि हर कोई अपना घर तो जरूर साफ करता है, लेकिन अपनी सारी गंदगी, कूड़ा-कचरा बाहर, गलियों, सड़को और चौराहों पर फेंक देते है। ये नहीं सोचते कि पूरा देश ही हमारा घर है। इसे भी साफ रखना हमारा ही काम है। कोई पड़ोसी या बाहर का नहीं आएगा साफ करनें, इसे हमें ही साफ करना है।
मोदी जी की स्वच्छ भारत की संकल्पना – माननीय मोदी जी की स्वच्छ भारत अभियान की संकल्पना यह है कि देश के प्रत्येक शहरी और ग्रामीण परिवार में एक स्वच्छ शौचालय हो, जिन घर परिवारों में स्थानाभाव के कारण शौचालय बनाया जाना सम्भव न हो, वहाँ पर सुलभ सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया जाए। देश के प्राथमिक से लेकर उच्चशिक्षा तक के प्रत्येक विद्यालय में छात्र-छात्राओं के लिए स्वच्छ और पृथक्-पृथक् शौचालय हों। उनकी इस संकल्पना से जहाँ सिर पर मैला ढोने की अमानवीय प्रथा समाप्त होगी, वहीं देश की उन करोड़ों महिलाओं को सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर प्राप्त होगा, जिनको खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है। उन बालिकाओं के विद्यालय जाने का मार्ग प्रशस्त होगा, जो विद्यालयों में अलग शौचालय की व्यवस्था न होने के कारण विद्यालय नहीं जा पातीं।
हमारे देश के विकास में बाधा पहुंचाने वाली समस्याओं में एक मुख्य कारण गंदगी है क्योंकि इसके कारण लोग हमारे देश में आना पसंद नहीं करते हैं और जिससे हमारे देश को इतनी ख्याति नहीं मिलती है। हमारा देश भी पूर्णतया स्वच्छ हो, इसके लिए कई महापुरुषों ने सपने देखे थे और उन्हें साकार करने की भी कोशिश की थी लेकिन वह किसी कारण सफल नहीं हो पाए।
आज भी हमारे देश के कुछ ही घरों में शौचालय की सुविधा है, गाँवो में तो लोग आज भी शौच करने बाहर ही जाते हैं, जिसके कारण गाँवो में गंदगी फैल जाती है और शहरों की बात करें तो शहरों में शौचालय तो है लेकिन वहां पर अन्य गंदगी बहुत ज्यादा है, जैसे कि फैक्ट्रियों का अपशिष्ट कूड़ा-करकट, गंदे नाले और घरेलू अपशिष्ट जो सड़कों पर इतनी ज्यादा मात्रा में पाया जाता है कि हमारे देश की सड़कें दिखाई ही नहीं देती, सिर्फ और सिर्फ कूड़ा-करकट दिखाई देता है।
मोदी जी की स्वच्छ भारत अभियान की संकल्पना केवल शौचालयों के निर्माण तक ही सीमित नहीं है। उनका प्रयास है कि देश का प्रत्येक कोना स्वच्छ हो। इसके लिए देश के प्रत्येक नागरिक की भागेदारी आवश्यक है। इन्होंने देश के सवा सौ करोड़ नागरिकों का आह्वान किया है कि देश के प्रत्येक नागरिक को यह संकल्प लेना होगा कि वह न स्वयं गन्दगी फैलाएगा और न दूसरों को फैलाने देगा। यदि देश का प्रत्येक नागरिक अपनी इस जिम्मेदारी को समझे तो देश गन्दा ही न होगा और सारा देश स्वतः ही स्वच्छ हो जाएगा।
स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत- अपने ड्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत माननीय मोदी जी ने महात्मा गांधी जी की जयन्ती पर 2 अक्टूबर, 2014 ई० को राजपथ से लोगों को स्वच्छता की शपथ दिलाकर की। इस दिन उन्होंने स्वयं मन्दिर मार्ग, नई दिल्ली स्थित वाल्मीकि बस्ती जाकर झाड़ू लगाकर फुटपाथ की सफाई की और स्वच्छ भारत अभियान के अन्तर्गत बने पहले जैविक शौचालय (बायो टॉयलेट) को जनता को समर्पित किया। भारत को स्वच्छ करने की परिवर्तन कारी मुहिम चलाई थी। भारत को साफ-सुथरा देखना गांधी जी का सपना था। गांधी जी हमेशा लोगों को अपने आस-पास साफ-सफाई रखने को बोलते थे।
स्वच्छ भारत के माध्यम से विशेषकर ग्रामीण अँचल के लोगो के अंदर जागरूकता पैदा करना है कि वो शौचालयों का प्रयोग करें, खुले में न जाये। इससे तमाम बीमारियाँ भी फैलती है। जोकि किसी के लिए अच्छा नहीं है।
स्वच्छ भारत अभियान का प्रारूप-स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर चलाया गया जन-आन्दोलन है, जिसका प्रयास सन् 2019 ई० तक सम्पूर्ण भारत को स्वच्छ बनाना है। सरकारी सहायता हेतु इस अभियान को तीन क्षेत्रों में विभाजित किया गया है-
(क) शहरी क्षेत्रों के लिए स्वच्छ भारत अभियान—अभियान का उद्देश्य 1.04 करोड़ परिवारों को लक्षित करते हुए 2.5 लाख सामुदायिक शौचालय, 2.6 लाख सार्वजनिक शौचालय और प्रत्येक शहर में एक ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन की सुविधा प्रदान करना है। इस कार्यक्रम के तहत आवासीय क्षेत्रों में जहाँ व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों का निर्माण करना मुश्किल है, वहाँ सामुदायिक शौचालयों का निर्माण करना तथा पर्यटन स्थलों, बाजारों, बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों जैसे प्रमुख स्थानों पर भी सार्वजनिक शौचालय का निर्माण करना प्रस्तावित है। यह कार्यक्रम पाँच साल की अवधि में 4401 शहरों में लागू किया जाएगा। इस कार्यक्रम में खुले में शौच करने को रोकना, अस्वच्छ शौचालयों को फ्लश शौचालयों में परिवर्तित करने, मैला ढोने की प्रथा का उन्मूलन करने, नगरपालिका के ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन और स्वास्थ्य एवं स्वच्छता से जुड़ी प्रथाओं के सम्बन्ध में लोगों के व्यवहार में परिवर्तन लाने के कार्यक्रम शामिल हैं।
(ख) ग्रामीण क्षेत्रों के लिए स्वच्छ भारत अभियान — निर्मल भारत अभियान भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए मांग आधारित एवं जनकेन्द्रित अभियान है, जिसमें लोगों की स्वच्छता सम्बन्धी आदतों को बेहतर बनाना, स्वसुविधाओं की माँग उत्पन्न करना और स्वच्छता सुविधाओं को उपलब्ध कराना शामिल है, जिससे ग्रामीणों के जीवन स्तर को बेहतर बनाया जा सके।
अभियान का उद्देश्य पाँच वर्षों में भारत को खुला शौच से मुक्त देश बनाना है। अभियान के तहत देश में लगभग 11 करोड़ 11 लाख शौचालयों के निर्माण के लिए एक लाख चौतीस हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएँगे। बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी का उपयोग कर ग्रामीण भारत में कचरे का इस्तेमाल उसे पूंजी का रूप देते हुए जैव उर्वरक और ऊर्जा के विभिन्न रूपों में परिवर्तित करने के लिए किया जाएगा। अभियान को युद्ध स्तर पर प्रारम्भ कर ग्रामीण आबादी और स्कूल शिक्षकों व छात्रों के बड़े वर्गों के अलावा प्रत्येक स्तर पर इस प्रयास में देशभर की ग्रामीण पंचायत समिति और जिला , परिषद् को भी इससे जोड़ा जाना है।
(ग) स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान- मानव संसाधन विकास मन्त्रालय के अधीन स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान 25 सितम्बर, 2014 से 31 अक्टूबर, 2014 ई० के बीच केन्द्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों में आयोजित किया गया। इस दौरान की जानेवाली गतिविधियाँ इस प्रकार रही—
(1) शिक्षकगण स्कूल कक्षाओं के दौरान प्रतिदिन बच्चों के साथ सफाई और स्वच्छता के विभिन्न पहलुओं पर, विशेष रूप से महात्मा गांधी की स्वच्छता और अच्छे स्वास्थ्य से जुड़ी शिक्षाओं के सम्बन्ध में बात करें।
(2) कक्षा, प्रयोगशाला और पुस्तकालयों आदि की सफाई करना ।
(3) स्कूल में स्थापित किसी भी मूर्ति या स्कूल की स्थापना करनेवाले व्यक्ति के योगदान के बारे में बात करना और इनकी मूर्तियों की सफाई करना।
(4) शौचालयों और पीने के पानीवाले क्षेत्रों की सफाई करना।
(5) रसोई और भण्डार गृह की सफाई करना।
(6) स्कूल एवं बगीचों का रख-रखाव और सफाई करना।
(7) खेल के मैदान की सफाई करना।
(8) स्कूल भवन का वार्षिक रख-रखाव, रँगाई एवं पुताई के साथ।
(9) निबन्ध, वाद-विवाद, चित्रकला, सफाई और स्वच्छता पर प्रतियोगिताओं का आयोजन करना।
(10) बाल मन्त्रिमण्डलो का निगरानी दल बनाना और सफाई अभियान की निगरानी करना ।
इसके अलावा फिल्म शो, स्वच्छता पर निबन्ध पेटिंग और अन्य प्रतियोगिताओं, नाटकों आदि के आयोजन द्वारा स्वच्छता एवं अच्छे स्वास्थ्य का सन्देश प्रसारित करना। मन्त्रालय ने इसके अलावा स्कूलों के छात्रों, शिक्षकों अभिभावकों और समुदाय के सदस्यों को शामिल करते हुए सप्ताह में दो बार आधे घण्टे सफाई अभियान शुरू करने क प्रस्ताव भी रखा है।
उपसंहार— आशा की जा सकती है कि स्वच्छ भारत अभियान की संकल्पना निश्चय ही साकार होगी; क्योंकि जिस अभियान के प्रणेता माननीय नरेन्द्र मोदी जी जैसा कर्मठ, श्रमशील, ईमानदार और राष्ट्रवादी व्यक्ति हो, उसकी सफलता में किसी प्रकार का सन्देह नहीं किया जा सकता है। गांधी जी की 145वीं जयंती को शुरू हुआ यह अभियान, 2 अक्टूबर 2019 को पूरे पाँच वर्ष पूरे कर चुका है। जैसा कि 2019 तक भारत को पूर्ण रूप से ओपन डेफिकेसन फ्री (खुले में शौच मुक्त) बनाने का लक्ष्य रखा गया था। यह लक्ष्य पूर्णतः फलीभूत तो नहीं हुआ, परंतु इसके आँकड़ो में आश्चर्यजनक रूप से उछाल आया है। जिस दिन यह अभियान सफलतापूर्वक सम्पन्न हो जाएगा. उस दिन न केवल कश्मीर, वरन् सम्पूर्ण भारत देश धरती का स्वर्ग कहलाएगा।
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