मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध || essay on my favourite book in Hindi- हिंदी में

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मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध || essay on my favourite book in Hindi- हिंदी में

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध || essay on my favourite book in Hindi- हिंदी में

नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत करते हैं आज हम मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध essay on my favourite book in Hindi आपके साथ शेयर कर रही हूं मेरी सबसे प्रिय पुस्तक रामचरितमानस, गीता, पंचतंत्र, आदि यह निबंध हिंदी में यहां दिया जा रहा है।

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध || essay on my favourite book in Hindi- हिंदी में

Table of contents 

1.Easy on my favourite book in Hindi
2.मेरी प्रिय पुस्तक पर 10 लाइन लिखें 

3.मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध 200 शब्दों में (meri 

Priya pustak per nibandh

4.प्रस्तावना

5.रामचरित्र मानस के बारे में

6.रामचरितमानस पुस्तक की खास बात 

7.मेरी प्रिय पुस्तक -गीता

8.गीता की सीख

9.उपसंहार


Easy on my favourite book in Hindi:

पुस्तक वहां ज्ञान का भंडार, है जिसके जरिए व्यक्ति महान बनता है। पुस्तक ही व्यक्ति को सही रास्ता दिखाती है। उत्तम और आदर्श पुस्तक व्यक्ति को नर्क से स्वर्ग तक ले जा सकती हैं।


पुस्तक की हमेशा इज्जत करनी चाहिए। पुस्तक जो व्यक्ति को मित्र और गुरु दोनों का ज्ञान और सहारा देने में सक्षम हैं। पुस्तक से व्यक्ति को आदर्श संस्कार मिलते हैं।


हमें यहां पर मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध हिंदी में शेयर कर रहे हैं। इस निबंध में मेरी प्रिय पुस्तक संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेयर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।


मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध/easy on my favourite book in Hindi 


1. जीवन में सफलता दिलाने के लिए पुस्तक एक मार्गदर्शक काम करती है।


2. एक सही पुस्तक में मनुष्य के विचार, अचार और मानसिकता को बदलने की ताकत होती है।


3. पुस्तक एक बच्चे मित्र और गुरु दोनों की दोहरी भूमिका अदा करती है।


4. सभी पुस्तक में से मेरी सबसे पसंदीदा पुस्तक गीता है।


5. हिंदू शास्त्रों मैं गीता का सर्वप्रथम स्थान है।


6. जीवन के सभी प्रश्नों और समस्याओं का समाधान की गीता में है।


7. गीता में बताती है कि कर्म करना मनुष्य का अधिकार है। कर्म करो और फल की इच्छा मत रखो।


8. गीता बताती है कि मनुष्य को क्रोध और मन पर नियंत्रण बनाए रखना चाहिए कि कि दोनों ही शांति के दुश्मन हैं।


9. गीता हमें विश्व बंधुत्व का संदेश भी देती है।


10. गीता ही एक ऐसी पुस्तक है, जिसका कई भाषा मैं अनुवाद भी किया गया है।


मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध 200 शब्दों में (meri 

Priya pustak per होता है


nibandh)


पुस्तक ज्ञान का भंडार है। एक सही पुस्तक में मनुष्य के विचार, अचार और मानसिकता को बदलने की ताकत होती है। पुस्तक से बढ़कर दुनिया में कोई भी सच्चा मित्र नहीं है। मैंने मेरे जीवन में 100 से भी ज्यादा पुस्तके लगभग सभी विषयों पर पढ़ी हैं, जिसमें से मेरी प्रिय पुस्तक है गांधी जी की आत्मकथा 'सत्य के प्रयोग'।


लड़का एक असाधारण सी जिंदगी जीता है। इस पुस्तक को लिखने में गांधी जी ने बड़ी ईमानदारी बताई है। उन्होंने मांस खाना, चुप कर धूम्रपान करना, पैसे की चोरी करना, आत्महत्या की कोशिश और पत्नी के प्रति कठोर व्यवहार आदि प्रसंगों को प्रेरक प्रसंग के रूप में प्रस्तुत किया है।


दक्षिण अफ्रीका से लेकर भारतीय स्वतंत्रता-सग्राम के सभी अंगो का इतनी सहजता से वर्णन किया है। ऐसा लगा रहा है सभी घटनाएं आंखों के सामने हो। इसके अलावा गांधी जी ने सत्य और अहिंसा, धर्म भाषा जाति आदि उनके विषयों पर अपने विचार सहज ढंग से व्यक्त किए हैं।


मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध 500 शब्दों में (my favourite book easy in Hindi)


प्रस्तावना


पुस्तक जो ज्ञान का महासागर है और इन्हीं से व्यक्ति सब कुछ सीखता है। बच्चा जब छोटा होता है तब से लेकर बुढ़ापे तक पुस्तक में एक सहारे के रूप में लड़की बनकर खड़ी रहती है। पुस्तक के जरिए ही हर व्यक्ति विद्वान होता है और हर जगह पुस्तक अपना सहयोग और मुख्य भूमिका निभाती है


मेरी पसंदीदा पुस्तक राम चरित्र मानस है। रामचरित्र मानस पुस्तक सिर्फ एक कहानी मात्र नहीं है। इस पुस्तक से यदि ज्ञान अर्जित किया जाए तो  रामचरित्र मानस जो ज्ञान का भंडार है। या सेल सीखने वाला सब कुछ सीख सकता है।


रामचरित्र मानस के बारे में


राम चरित्र मानस पुस्तक अयोध्या के राजा भगवान श्रीराम पर लिखित एक महान पुस्तक है। इस पुस्तक के जरिए सुख और दुख में रहते हुए व्यक्ति को किस प्रकार जीना चाहिए, इसका विस्तृत ज्ञानेश पुस्तक के जरिए व्यक्ति सीख सकता है।


रामचरितमानस पुस्तक में भगवान श्रीराम पर जो घटनाएं घटी उनका विस्तृत वर्णन है ‌। इस प्रकार से भगवान श्री राम और हनुमान जी वनवास में मिले ।

उसके  पश्चात भगवान श्री राम की पत्नी माता सीता को रावण हरण करके लंका ले गया। उसके बाद भटकते भटकते भगवान श्री राम और हनुमान जी लंका पहुंचे।


लंका जाने के बाद रावण को समझाने का प्रयास किया ।लेकिन रावण नहीं माना तो आखिरकार भगवान श्रीराम ने युद्ध करके लंका को जीता और माता सीता के साथ पुनः आयोजको ने लौटने के पश्चात भगवान श्री राम ने अयोध्या में पुनः कई सालों तक अपना राज किया।


रामचरितमानस पुस्तक की खास बात 


रामचरित्र मानस में लिखी गई बातें जो व्यक्ति को विद्वान बनती है। इस किताब के जरिए व्यक्ति को सुख और दुख में कैसे जीना है और हर परिस्थिति में भाई-बहन माता-पिता पत्नी और प्रिय जनो के साथ किस प्रकार का बर्ताव करना है। इसके बारे में जानकारी है।


भक्ति राम चरित्र मानस जैसी किताब पढ़ कर इस बातों को सीख सकता है। मैंने भी अपने जीवन में रामचरितमानस किताब से अपने अहंकार और गुस्से को कैसे काबू रखना है और कैसे आगे बढ़ना है इसकी शिक्षा ग्रहण की है।


उपसंहार 


किताब मनुष्य का एक अद्भुत सहारा है। पुस्तक मनुष्य को हर परिस्थिति से उबारने और आगे बढ़ाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।


मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध 600 शब्दों में (meri Priya pustak essay in Hindi)


प्रस्तावना


हमारे जीवन में पुस्तक का एक महत्वपूर्ण स्थान होता है। जीवन में सफलता दिलाने के लिए पुस्तक एक मार्गदर्शक काम करती है। पुस्तक ज्ञान की पूंजी होती है। पुस्तक एक सच्चे मित्र और गुरु दोनों की दोहरी भूमिका अदा करती है। एक अच्छी किताब 100 दोस्तों के बराबर होती है, जो विपरीत परिस्थितियों में भी इंसान का साथ नहीं छोड़ती।


एकांत में पुस्तक जैसा कोई साथ ही नहीं है। हमारे जीवन के लिए पुस्तकें प्रेरणादायक होती हैं। बचपन से ही मुझे किताब पढ़ने का बहुत शौक रहा है। मैंने अब तक लगभग धार्मिक, संस्कृतिक, हांरर , पौराणिक , नवलकथा , रोमेटिक लगभग सभी विषयों पर पुस्तकें पढ़ी है।


मेरी प्रिय पुस्तक -गीता


सभी पुस्तक में से मेरी सबसे पसंदीदा पुस्तक गीता है। हिंदू शास्त्रों में गीता का सर्व प्रथम स्थान है। शायद ही कोई ऐसा हिंदू घर होगा, जहां यह पुस्तक ना हो। गीता संस्कृत में लिखी गई है। विदेशो मैं भी गीता को बेहद पसंद किया गया है। गीता ही एक ऐसी पुस्तक है, जिसका कई भाषा में अनुवाद भी किया गया है।


जीवन के सभी प्रश्नों और समस्याओं का संवाद गीता में है। गीता का ज्ञान भगवन श्री कृष्णा मैं खुद अपने मुंह से गाकर बताया है। गीता किसी जाति और धर्म का नहीं बल्कि पूरे मानवता का ग्रंथ है। गीता को पढ़ाने से लोगों का पाप दूर हो जाते हैं।


महाभारत युद्ध के आरंभ में जब अर्जुन अपने भाइयों को युद्ध के मैदान में अपने सामने खड़ा हुआ देखता है, तब वह विचलित हो जाता है और युद्ध करने से मना कर देता है। तब भगवान श्री कृष्णा सारथी बनाकर अर्जुन को कर्म के सिद्धांत के बारे में बताते हैं।


गीता में कुल १८ अध्याय और ७२० श्लोक है/गीता मनुष्य, ब्राह्मड मैं उसकी स्थिति, उसकी आत्मा, खुशी के करतब और जीवन में भूमिका पर एक उत्कृष्ट ग्रंथ है। गीता में कर्मयोग, भक्तियोग, राजयोग और जन योग के बारे में बताया गया है।


गीता की सीख


गीता हमें बताती है कि कर्म करना मनुष्य का अधिकार है। कर्म करो और फल की इच्छा मत रखो। मनुष्य को अपनाकर तब करना चाहिए और परिणाम भगवान पर छोड़ देना चाहिए। भगवान सर्वोच्च न्यायाधीश है और और पूरी सृष्टि उनकी इच्छा के अधीन है। हर परिस्थिति में मनुष्य को खुश और शांत रहने की कोशिश करनी चाहिए।


चीजें वैसी नहीं है जैसी वे दिखती हैं। इसलिए मनुष्य को ईश्वर में विश्वास रखना चाहिए और अपना करतब करते रहना चाहिए। गीता में यह भी बताया है कि आत्मा मृत्युहीन 


FAQ question


Q-हमारे जीवन में पुस्तकों का क्या महत्व है?


Ans- हम किताबें पढ़कर इतिहास दर्शन मूल्यों और विज्ञान के बारे में जान सकते हैं। पढ़ने की आदत हमारे ज्ञान का निर्माण करती है और बुद्धिमान में योगदान देती है कई लोगों के लिए किताबें पढ़ना एक तनाव से राहत देने वाला व्यायाम है और एक अलग दुनिया में पलायन है जिसका वे आनंद ले सकते हैं बच्चों के लिए किताबे भाषा कौशल और कल्पना का निर्माण करते हैं।


Q-मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध कैसे लिखें?


Ans- वैसे तो मैंने अब तक अनेक पुस्तकें पढ़ी है परंतु इन सब में गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस ने मुझे अत्यधिक प्रभावित किया है "रामचरितमानस मेरी सबसे प्रिय पुस्तक है,क्योंकि यह एक कहानी संग्रह मात्र ही नहीं है अपितु उससे अधिक यह है जिसमें दर्शन के लिए साथ ही उत्तम चरित्र निर्माण हेतु सभी तत्व विद्वानमान थे।


Q-पुस्तक हमें क्या सिखाते हैं?


Ans-पुस्तक हमें जिंदादिली के साथ जीना सिखाते हैं, हमारे जीवन में खुशियां भर्ती हैं पुस्तके हमारे अतः करण को प्रकाशित करती। जेनी पुस्तक पढ़ने की आदत लग जाती है वह जीवन में आनंदित और प्रसन्न देखे जाते हैं पुस्तकों में हमारी उम्र को बढ़ाने की भी सामर्थ्य है, क्योंकि यह हमारे मस्तिष्क को क्रियाशील बनाती है।


Q-पुस्तक लाभ क्या है समझाइए?


Ans- वित्तीय उपकरण या निवेश उपकरण


इसका मतलब है कि उदाहरण के लिए, प्रतिभूतियों का वर्तमान मूल्य भुगतान की गई वास्तविक लागत से अधिक हो जाता है, और प्रतिभूतियों को अभी तक भेजा नहीं जाता है, लेकिन फिर भी धारक के स्वामित्व में होता है, तू ऐसे मनाते को किताबी लाभ कहा जाता है।


Q-छात्रों को किताबे क्यों पढ़नी चाहिए?


Ans-पढ़ना मस्तिष्क का व्यायाम करके और अधिक सोचने के कारण ज्ञान को बढ़ाता है, इसलिए बुद्धि को बढ़ाता है। इससे छात्रों को अधिक आसानी से विषयों का अध्ययन करने और ऋषभ से प्राप्त ज्ञान को बनाए रखने में मदद मिलती है, जिस से भी अधिक जानकार बन जाते हैं।


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