हिमालय पर्वत पर निबंध | Essay on Himalaya parvat
प्रस्तावना
हिमालय दो शब्दों से बना है- हिम+आलय। ‘हिम’ का अर्थ है- बर्फ और ‘आलय’ का अर्थ है- घर। हिमालय के ऊपर साल भर बर्फ जमी रहती है। हिमालय, संसार के पर्वतों में सबसे ऊंचा है। इसे भारत में ‘गिरिराज’ के नाम से भी जाना जाता हैं। संसार की अधिकांश ऊँची पर्वत चोटियाँ हिमालय में ही स्थित हैं। संसार का सबसे ऊँचा शिखर ‘माउंट एवरेस्ट’ हिमालय का ही एक शिखर है। भौगोलिक रूप से हिमालय पर्वत श्रृंखला भारत के उत्तरी भाग में स्थित है। हिमालय पर्वत भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योकि यह भारत को सुरक्षा प्रदान करता है और इससे बहुत सारी नदिया निकलकर भारत के मैदानी इलाको में बहती है और जिससे जमीन उपजाऊ बनती है। हिमालय के कारन ही भारत में मानसून की मूसलाधार बारिश होती है। हिमालय से भारत को बहुत सारी जड़ी बुटिया और काम में लाई जाने वाली बहुत सारी लकड़ियों का स्रोत है।
हिमालय पर्वत पर्वत पर निबंध | Essay on Himalaya parvat |
यह पर्वत श्रृंखला भारतीय उपमहाद्वीप को मध्य एशिया और तिब्बत से अलग करती है। हिमालय पर्वत पाँच देशों की सीमाओं में फैला हैं। ये देश हैं भारत, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान और चीन। हिमालय, लम्बाई में 2500 किलोमीटर और क्षेत्रफल में 612,021 वर्ग किलोमीटर में फैला है। हिमालय श्रेणी में 15 हजार से ज्यादा हिमनाद हैं, जो 12 हजार वर्ग किलोमीटर में फैले हुए हैं।
- प्रस्तावना
- हिमालय पर्वत की विविधता
- हिमालय का भूगोल और भूविज्ञान
- हिमालय पर्वत की विविधता
- हिमालय का अर्थ:-
- हिमालय पर्वत का महत्व:-
- हिमालय का आर्थिक महत्व:-
- हिमालय पर्वत की विशेषता
- पर्यटन स्थल
हिमालय पर्वत की विविधता
हिमालय पर्वत की विविधता के बारे मे आइये जानते है, हिमालय पर्वत का हमारे जीवन मे बहुत महत्व होता है। हिमालय पर्वत से मानव जीवन मे बहुत से लाभ प्राप्त होते है। हिमालय पर्वत से अलग -अलग तरह के फल -फूल और देवदार प्रकार के पेड, जड़ी -बूटीयां, वनस्पति और खनिज पदार्थ आदि प्राप्त होते है।
जानवर अक्सर ठंडक वाले स्थानो पर ज्यादा रहते है और हिमालय पर्वत के जंगलो मे बहुत से पेड -पौधों होते है, जिनके नीचे ठंडक छाया रहती है और वह उन्ही स्थानों जानवर अपना घर बना कर रहते है।
इसके पर्वतो के जंगलो मे कई जानवर रहते है जैसे -बाघ, भालू, हिरण, गेंडा, नील गाय, तेंदुआ, बारहसिंघा, आदि देखने को मिलते है। हिमालय पर्वत की विविधता बहुत ही रोचक और मनमोहक लगती है वहां का दृश्य देखने लायक होता है। वहां दृश्य इतना सुहावना होता है कि लोग पर्वत कि पहड़ियों मे घूमने जाते है उनको वहां दृश्य इतना सुहावना लगता है, उनका मन ही नहीं मानता उधर से आने के लिए मानो ऐसा प्रतीत होता है कि हमेशा के लिए वही पर वश जाये।
हिमालय का भूगोल और भूविज्ञान
पर्वतराज हिमालय पहाड़ों की एक विशाल श्रृंखला है, जिसकी 100 से अधिक चोटियाँ 7,200 मीटर (23,600 फीट) से अधिक ऊँचाई तक पहुँचती हैं। सीमा 2,400 किलोमीटर (1,500 मील) से अधिक फैली हुई है और इसकी औसत चौड़ाई 200 किलोमीटर (125 मील) है। हिमालय एक अपेक्षाकृत युवा पर्वत श्रृंखला है, जिसका गठन लगभग 50 मिलियन वर्ष पहले हुआ था जब भारतीय प्लेट यूरेशियन प्लेट से टकरा गई थी। टक्कर के कारण हिमालय का उत्थान हुआ, साथ ही तिब्बती पठार का निर्माण हुआ।
हिमालय कई अलग-अलग प्रकार की चट्टानों से बना है, जिनमें तलछटी, आग्नेय और कायांतरित चट्टानें शामिल हैं। इस श्रेणी में कई ग्लेशियर और नदियाँ भी हैं, जिनमें गंगा, सिंधु और ब्रह्मपुत्र नदियाँ शामिल हैं, जो लाखों लोगों के लिए पानी उपलब्ध कराती हैं।
हिमालय को तीन क्षेत्रों में बांटा गया है: पश्चिमी, मध्य और पूर्वी हिमालय। पश्चिमी हिमालय में पाकिस्तान और भारत की चोटियाँ शामिल हैं, मध्य हिमालय में नेपाल और भूटान की चोटियाँ शामिल हैं, और पूर्वी हिमालय में तिब्बत और भारत की चोटियाँ शामिल हैं।
हिमालय का अर्थ:-
हिमालय शब्द दो शब्दों के मेल से बना है, हिम+आलय=हिमालय, जिसका अर्थ बर्फ का घर से है, यह भारत के अलावा अन्य कई देशों में फैला हुआ है। जैसे – भूटान, अफगानिस्तान आदि, हिमालय पर्वत की सौंदर्य बहुत ही लोकप्रिय, आकर्षक और मनमोहक है। हिमालय में हमेशा ठंडी रहती हैं जिसके कारण गर्मियों के दिनों में बहुत से लोग गर्म इलाकों से आकर हिमालय पर्वत में ठंडक लेते हैं , और हिमालय पर्वत पर ही अपने परिवार के साथ रहने लगते हैं।
हिमालय पर्वत का महत्व:-
भारत में हिमालय पर्वत का बहुत महत्व है, मानसून में होने वाली वर्षा हिमालय पर्वत के कारण ही होती है।
हिमालय का आर्थिक महत्व:-
पर्वत प्राकृतिक संपदा के भंडार होते हैं, हिमालय पर्वत भी खनिज पदार्थों एवं जड़ी बूटियों के संपदा का भंडार है, हिमालय पर्वत पर बहुत से आवश्यक जड़ी बूटियां पाई जाती हैं जिनका उपयोग औषधि के रूप में कई प्रकार की बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है, इस पर्वत पर कई प्रकार के वन उगते हैं जिनसे इमारती लकड़ियां , गोंद, तथा कागज उद्योगों के लिए लकड़ी आदि प्राप्त किए जाते हैं।
हिमालय पर्वत प्राकृतिक सौंदर्य का केंद्र है तथा स्वास्थ्य वर्धक स्थान भी है जिसके कारण बहुत से पर्वतीय स्थल पर्यटन केंद्रों के रूप में विकसित हो जाते हैं, यहां की जलवायु हमेशा ठंडी होती है।
हिमालय भारत में स्थित एक प्राचीन पर्वत श्रृंखला है, जिसे पर्वत राज भी कहा जाता है जिसका अर्थ होता है पर्वतों का राजा, कवि कालिदास जी हिमालय को पृथ्वी का मानदंड मानते हैं। प्राचीन युग में हिमालय पर्वत पर कई ऋषि-मुनियों का वास रहा है और वे वहां समाधिस्थ होकर तपस्या करते थे।
हिमालय पर्वत की विशेषता
हिमालय पर्वत पर अनेक प्रकार के फल, फूल, पेड़, पौधे, जड़ी-बूटियां, खनिज, वनस्पति पदार्थ और अन्य चीजें बहुत अधिक मात्रा में मिलती हैं और हिमालय पर्वत के जंगलों में अनेक प्रकार के जंगली जानवर जैसे बाघ, भालू, हिरण, गेंडे और अन्य तरह के जानवर भी दिखाई देते हैं
हिमालय पर्वत कई नदियों का उद्गम स्थल भी है और कई नदियां हिमालय पर्वत से होकर भी आती हैं जिनमें प्रमुख गंगा, यमुना, यांगतेज और ब्रह्मपुत्र नदियां हैं इन नदियों का उद्गम स्थल हिमालय पर्वत ही है
पर्यटन स्थल
हिमालय पर्वत हमारे देश की शान है जिससे हमारे देश में पर्यटकों का आना जाना रहता है. हिमालय पर्वत एक बहुत ही सुन्दर पर्वत है जिसको देखने के लिए लोग विदेशों से भी हमारे देश में पर्यटक बन कर आते हैं. हिमालय पर्वत का विस्तार बहुत लंबा है ये बहुत अधिक जगह पर फैला हुआ है
हिमालय पर्वत के अंदर अन्य सभी चीजों के साथ-साथ कई गुफाएं भी हैं जिनमें की बड़े-बड़े ऋषि मुनियों का उपवास रहा है. हिमालय पर्वत में हमेशा बहुत अधिक ठंड होती है जिससे यहां आवाजाही कम रहती है।
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