फेरीवाला पर निबंध | Essay on hawkers in Hindi

Ticker

फेरीवाला पर निबंध | Essay on hawkers in Hindi

फेरीवाला पर निबंध | Essay on hawkers in Hindi

प्रस्तावना


फेरीवाला वह व्यक्ति होता है, जो उपभोक्ता उत्पादों को आपके दरवाजे पर लाता है। जाहिर सी बात है कि फेरीवाले अपना दुकान साथ लेकर आते हैं। उनकी दुकान का कोई स्थाई पता नहीं है। शहरों में फेरी वालों से तो हर कोई परिचित है हाकर्ष उनका दूसरा नाम है। यह फेरीवाले शहर और देहात दोनों जगह पर पाए जा सकते हैं। बिहार गली और हर मोहल्ले से अंदर और बाहर से ही लगाते हैं। शहरों में गांवों की तुलना में उनमें से अधिक है। वी राजमार्ग के नुक्कड़ उत्पादों और स्कूल के पाठकों के साथ साथ मेलों के दौरान भी पाए जा सकते हैं।


फेरीवाला पर निबंध | Essay on hawkers in Hindi


Table of contents 

फेरीवाला पर निबंध | Essay on hawkers in Hindi

प्रस्तावना

फेरी वालों का वेशभूषा

बेचने का तरीका

फेरीवाले पर निबंध 500 शब्दों में

फेरी वाला कौन-कौन से कार्य करते हैं?

फेरी वाली के कर्तव्य क्या है?

FAQ-question

निष्कर्ष


फेरी वालों का वेशभूषा


फटे-पुराने कपड़े पहने हुए होते हैं। वे अक्सर धोती और कुर्ता पहनते हैं। कुछ फेरीवाले भी बच्चों की रुचि को आकर्षित करने के लिए अलग-अलग वेशभूषा में तैयार होते हैं। दिन भर फेरीवाले गली-गली फेरी लगाकर अपना माल बेचते रहते हैं। फेरीवालों की अलग-अलग आवाजें (नारे, तुकबंदी, आदि) हमें उनसे संपर्क करने के लिए लुभाती हैं। मूंगफली को गरीबों का फल और आम को फलों के राजा के रूप में पुकारते है, जो स्वाभाविक रूप से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। उन्हें अक्सर वस्तुएं बेचने के लिए बच्चों को आकर्षित करने के लिए तुकबंदी गाते हुए देखा जाता है।


बेचने का तरीका


हर फेरीवाले का ग्राहकों को लुभाने का अपना तरीका होता है। वे समझते हैं कि अपने उत्पादों का विपणन कैसे किया जाए। कुछ फेरीवाले तेज आवाज में अपने माल का विज्ञापन करते हैं, जबकि अन्य सुखद गीत गाकर उनका विज्ञापन करते हैं। कुछ लोग अपनी उपस्थिति का संकेत देने के लिए घंटी भी बजाते हैं, जबकि अन्य नाचते, गाते और बेचते हैं। नतीजतन, हर फेरीवाला अपने ही अनोखे अंदाज में अपना माल बेचता है। चूंकि इन फेरीवालों द्वारा बेची जाने वाली वस्तुएं दुकानों में बेची जाने वाली वस्तुओं की तुलना में बहुत कम महंगी हैं, इसलिए फेरीवालों ने काम करना जारी रखा है।


फेरीवाले पर निबंध 500 शब्दों में


फेरीवाला उन्हें कहा जाता है जो लारी पर किसी भी प्रकार के सामान को बेचने का काम करते हैं। यह अक्सर सुबह,शाम अथवा दोपहर के समय में शहर या फिर गांव की गलियों में अपनी लारी लेकर के अपना सामान बेचने के लिए आते हैं। इनके पास कई प्रकार के समान होते हैं। कुछ फेरीवाले पानी पुरी बेचने का काम करते हैं तो कुछ फेरीवाले फूल बेचने का काम करते हैं, वहीं कुछ फेरी वाले ऐसे भी हैं जो फल सब्जी या फिर कॉस्मेटिक की चीजें बेचने का काम करते हैं।


फेरीवाले का सबसे अधिक इंतजार महिलाएं करती है क्योंकि महिलाएं ही फेरीवाले से सामान लेना पसंद करती है। फेरीवाला जब आता है तब वह जोर-जोर से आवाज देता है ताकि लोगों को यह पता चल जाए कि वह आ गया है और लोग उससे सामान खरीदने के लिए अपने घरों से बाहर निकले।


अगर फेरी वाला किसी दिन सामान बेचने के लिए नहीं आता है तो उस सामान को लेने के लिए हमें घर से बाहर मार्केट में जाना पड़ता है जिसकी वजह से हमारा समय भी नष्ट होता है साथ ही मोटरसाइकिल के पेट्रोल का खर्चा भी बढ़ता है।


आमतौर पर फेरीवाला सामान्य कपड़े पहनता है और वह अक्सर सर पर टोपी लगा कर के रखता है। हालांकि यह आवश्यक नहीं है कि उसके सर पर हमेशा टोपी हो। कभी-कभी वह अपने सर पर गमछा डाल लेता है। कुछ फेरीवाले ऐसे होते है, जिनके हाथ में घंटी होती है और वह लोगों को बुलाने के लिए उसी घंटी का इस्तेमाल करता है।


ऐसे में हमें सावधानी के साथ फेरीवाले से सामान की खरीदारी करनी चाहिए और जब कभी भी हमें कोई संदिग्ध फेरीवाला नजर आ रहा है तो हमें अवश्य ही उसकी जांच पड़ताल करनी चाहिए और अगर फेरीवाला अपराधी किस्म का है तो हमें उसे अपनी सोसाइटी अथवा अपनी गली में नहीं आने देना चाहिए अथवा उसे पुलिस के हवाले करना चाहिए।


इस प्रकार से फेरीवाला अगर अच्छे स्वभाव का है तो हमें उससे कई लाभ भी प्राप्त होते हैं। हमें अपने आवश्यक सामान घर बैठे ही प्राप्त हो जाते हैं परंतु अगर फेरी वाले का स्वभाव अच्छा नहीं है अथवा उसके मन में खोट है तो कभी-कभी हमें इसकी वजह से नुकसान भी हो जाता है। इसलिए हमें सावधानी के साथ फेरीवाले से सामान की खरीदारी करनी चाहिए और इन्हे निश्चित समय में ही सोसाइटी में आने देना चाहिए।


फेरीवाले का जीवन बेहद कठिनाई से भरा होता हैं उन्हें अपनी जीविका के निर्वहन के लिए विपरीत हालातों तेज ठंड, गर्मी और बरसात के दिनों में भी फेरी लगानी पड़ती हैं. बेहद छोटे व्यापारी होने के कारण इन्हें लाभ की प्राप्ति भी बहुत कम होती हैं फिर भी ये अपनी मेहनत की कमाई से संतोष कर लेते हैं तथा अपने परिवार का गुजारा करते हैं. दिन की थोड़ी सी कमाई से ही इन्हें अपने घर के खर्चे तथा बच्चों को पढ़ाई उनकी शादी आदि करवानी होती हैं जो कि बेहद जटिल कार्य हैं.


फेरीवाले के कार्य की स्थितियां भी बहुत खराब होती हैं. कई बार उन्हें पुलिसवाले तथा नगर निगम या नगर पालिका के लोग अक्सर उन्हें तंग करते हैं उनसे पैसे वसूल करते हैं. बेहद कम पूंजी के साथ फेरीवाले अपना कारोबार शुरू कर, निरंतर कठिन परिश्रम और लोगों के बीच अच्छी छवि बनाकर अपने परिवार की जरूरतों को पूरा कर लेते हैं.


फेरीवाले पर निबंध 200 शब्द


फेरीवाले अपने सामान को सर के ऊपर एक टोकरी में रखकर घुमते हैं। वह अपना सामान बेचने के लिए लोगों को आवाज लगाते हैं। उनकी आवाज  बड़ी ही रोचक होती है, वह बड़े ऊँचे स्वर में एक विशेष अंदाज़ में आवाज लगाते हैं। वह मिठाइयां, सब्जियां, नमकीन, कपडे, साधारण उपयोग की वस्तुओं तथा मरम्मत का काम भी करते हैं। वह जूते, बर्तन व हरमाल आदि भी बेचते हैं। 


बच्चों, बूढ़ों व महिलाओं द्वारा फेरीवाले का सदैव स्वागत किया जाता है। अपनी दैनिक खरीदारी के लिए वे उसका इंतज़ार करते हैं, क्योंकि वह बाजार नहीं जा सकते। फेरीवाले की आवाज़ सुनकर सभी उसके चारों ओर  इकठ्ठा हो जाते हैं। वह अपनी जरुरत की बहुत सी चीजें उससे खरीदते हैं। फेरीवाले अपना सामान बहुत सस्ते दामों पर बेचते हैं। सामान बेचते समय मोल-भाव भी होता है। 


सड़क पर फेरी लगाने वाले अपनी जीविका कमाने के लिए बहुत कठिन परिश्रम करते हैं। वह अपने सर व कन्धों पर सामान रखकर बहुत दूर-दूर तक जाते हैं। उन्हें अपनी वस्तुओं को बेचकर बहुत ही काम लाभ प्राप्त होता है लेकिन अपनी छोटी सी कमाई से ही वह अपने शरीर व आत्मा को संतुष्ट कर लेते हैं। इसी छोटी सी आमदनी से ही उन्हें अपने परिवार को भी पालना होता है। वास्तव में उनकी स्थिति अत्यंत दयनीय होती है तथा उन पर कोई भी ध्यान नहीं देता है। कई बार उन्हें पुलिस वालों व नगर निगम वालों द्वारा दी गई प्रताड़ना का भी सामना करना पड़ता है।


निष्कर्ष


एक आम नगरवासी के दिल में फेरीवाले के प्रति अच्छी भावना होती हैं. एक फेरीवाला चार पहिये के ठेले हथगाड़ी या सिर पर टोकरी में सामान लादकर बेचता हैं. वह अपने सामान की बिक्री के लिए हर घर के पास से गुजरता हुआ मधुर आवाज में लोगों को बताता हैं. मिठाइयां, सब्जियां, नमकीन, कपडे, जूते, बर्तन व हरमाल के सामान फेरीवाला बेचता हैं.


FAQ-question 


प्रश्न- फेरी वाली के कर्तव्य क्या है?

उत्तर-अधिकांश जगह पर जहां इस शब्द का प्रयोग किया जाता है कि एक फेरीवाले सस्ते सामान हस्तशिल्प या खाद पदार्थ बेजता है। चाहे स्टेशनरी हो या मोबाइल फेरी वाले अक्सर ध्यान आकर्षित करने की बिक्री बढ़ाने के लिए सड़क पर ऊंची आवाज में चिल्लाकर या मंत्रोचार चार के साथ विज्ञापन करते हैं और ग्राहकों के साथ हंसी मजाक करते हैं।


प्रश्न-फेरी वाला कौन-कौन से कार्य करते हैं?

उत्तर- फेरी वाले रोजमर्रा के इस्तेमाल की साधारण वस्तुएं बेचता है । इनमें सब्जी, फल, साधारण किस्म के कपड़े, बर्तन, मिठाई, आइसक्रीम, भुने हुए चने, साबुन, खिलौने तथा चाट आदि होते हैं । वह जो भी बेचता है, उसे एक बड़ी थाली या टोकरी में सजाकर रखता है।


प्रश्न- गली का फेरी वाला कहां रहता है?

उत्तर- एक व्यक्ति जो एक गली से दूसरे गली में जाकर विभिन्न चीजें बेचता है, उसे फेरीवाला कहा जाता है। वह शहरों और कस्बों में सबसे परिचित व्यक्ति हैं। एक गांव में वह भी नजर आ रहा है। वह अलग-अलग रंगों की एक अजीबोगरीब पोशाक पहनता है और अपने ग्राहकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए एक अजीबोगरीब आवाज निकालता है।


इसे भी पढ़ें👇👇


सुनीता विलियम्स पर निबंध


सर आइजैक न्यूटन पर निबंध




Post a Comment

और नया पुराने

inside

inside 2