Class 8th hindi ardhvaarshik paper full solution pdf download 2023-24 || एमपी बोर्ड कक्षा आठवीं हिंदी अर्धवार्षिक पेपर संपूर्ण हल 2023
मध्य प्रदेश बोर्ड में कक्षा 4 से लेकर आठवीं तक की अर्धवार्षिक परीक्षाएं 20 दिसंबर से शुरू होने जा रही है। तो आज हम आपको कक्षा आठवीं हिंदी अर्धवार्षिक पेपर का संपूर्ण हल बताएंगे और इसके साथ ही हम आपको इसकी पीडीएफ कहां से डाउनलोड करनी है इसके बारे में भी बताएंगे। अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आए तो अपने सभी दोस्तों को share जरूर करिएगा।
Class 8th hindi ardhvaarshik paper full solution pdf download 2023-24 |
अर्धवार्षिक परीक्षा 2023-24
कक्षा - 8वीं
विषय - हिंदी
समय : 3 घण्टे पूर्णांक : 60
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निर्देश –
1. सभी प्रश्न हल करना अनिवार्य हैं।
2. प्रश्न क्र. 1 से 10 तक वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न है।
3. प्रश्न क्र. 11 से 16 तक, अति लघु उत्तरीय प्रकार के प्रश्न हैं।
4. प्रश्न क्र. 17 से 22 तक, लघु उत्तरीय प्रकार के प्रश्न हैं।
5. प्रश्न क्र. 23 से 26 तक दीर्घ उत्तरीय प्रकार के प्रश्न हैं।
प्र.1 सही विकल्प चुनकर लिखिए– (1×5=5)
1. मध्य प्रदेश में सांची का स्तूप कहां स्थित है?
(अ) ग्वालियर (ब) विदिशा
(स) जबलपुर (द) इंदौर
उत्तर - (ब) विदिशा
2. काव्य की शोभा बढ़ाने वाले शब्दों को कहते हैं?
(अ) रस (ब) छंद
(स) अलंकार (द) गुण
उत्तर - (स) अलंकार
3. करुण रस का स्थाई भाव है?
(अ) उत्साह (ब) शोक
(स) विस्मय (द) क्रोध
उत्तर - (ब) शोक
4. संचारी भावों की संख्या होती है?
(अ) 33 (ब) 12
(स) 9 (द) 16
उत्तर - (अ) 33
5. पुत्र के प्रति माता के प्रेम को कहते हैं?
(अ) आशीर्वाद (ब) वात्सल्य
(स) विभाव (द) अनुभाव
उत्तर - (ब) वात्सल्य
प्र.2 रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए– (1×5=5)
1. पाटलिपुत्र नगर …….. के अध्ययन के लिए मशहूर था।
उत्तर - ज्योतिष
2. मुंडा जनजाति में सिंग ……… अर्थ है।
उत्तर - सूर्य
3. कहा जाता है कि …….. ऋषि ने भेड़ाघाट में तपस्या की थी।
उत्तर - भृगु
4. सबद सुने सब कोय ……… सबै सुहावन।
उत्तर - कोकिल
5. बहुत अधिक फूल खिलने के कारण पटना का नाम …….. भी था।
उत्तर - कुसुमपुर
प्रश्न.3 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (2×6=12)
1. बाली को क्या वरदान प्राप्त है?
उत्तर - बाली को ऐसा वरदान प्राप्त था कि जो भी उसके सामने आता, उसकी आधी ताकत उसमें आ जाती थी। इस कारण बाली अपने सामने आए हुए व्यक्ति को आसानी से पछाड़ देता था।
अथवा
लता जी को कौन-कौन से सम्मान व पुरस्कार प्राप्त हुए?
2. पत्र कितने प्रकार के होते हैं? लिखिए।
उत्तर - पत्र के दो प्रकार होते हैं। औपचारिक और अनौपचारिक।
अथवा
विरोधी को हम शक्तिशाली क्यों मान लेते हैं?
3. नव नभ के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?
उत्तर - नव नभ के माध्यम से कवि कहना चाहता है कि सभी प्राणी नए भारतवर्ष की रचना करें और उन्हें इस निर्माण में सभी नए साधन प्राप्त हों। इस कविता में कवि ज्ञान की देवी मां सरस्वती से वरदान मांग रहा है।
अथवा
विनम्रता क्या प्रभाव उत्पन्न करती है?
4. रस की परिभाषा लिखिए।
उत्तर - श्रव्य काव्य के पठन अथवा श्रवण एवं दृश्य काव्य के दर्शन तथा श्रवण में जो अलौकिक आनंद प्राप्त होता है, वही काव्य में रस कहलाता है। रस के जिस भाव से यह अनुभूति होती है कि वह रस है, स्थायी भाव होता है।
अथवा
छंद की परिभाषा लिखिए।
5. मूल्यांकन का आधार क्या होना चाहिए बताइए–
उत्तर - विशिष्ट उद्देश्यों के लिए आकलन के आधार पर लिया गया निर्णय मूल्यांकन है। मूल्यांकन द्वारा शिक्षकों, पालकों एवं बच्चों को फीडबैक प्राप्त होता है। यह कक्षा उन्नति का भी आधार होता है। विषयों में निश्चित समय उपरांत बच्चों की प्रगति जानना।
अथवा
कवि युवकों को कैसे बनने की प्रेरणा देता है?
6. सरदार पटेल को लौह पुरुष क्यों कहा जाता है?
उत्तर - सरदार पटेल ने ही बिना किसी जंग से 562 रियासतों का भारत संघ में विलय कराया था, जिसकी वजह से वह भारत के 'लौह पुरुष' कहलाए। साल 1850 में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। सरदार पटेल की खूबियों और देश के लिए उनके किए गए महान कार्यों को शब्दों में परिभाषित करना काफी मुश्किल है।
अथवा
वीर रस की परिभाषा लिखिए उदाहरण सहित।
प्रश्न.4 लघु उत्तरीय प्रश्न (कोई 6) (6×3=18)
1. 'भेड़ाघाट' पाठ के लेखक की ममता नर्मदा से स्वाभाविक रूप से क्यों है?
उत्तर - लेखक की ममता नर्मदा से स्वाभाविक रूप से है, क्योंकि उसने अपनी शिक्षा और अपना शारीरिक विकास भी नर्मदा के ही किनारे प्राप्त किया। नर्मदा के किनारे ऊंचे रुके हुए हैं। यहां का वातावरण और वायुमंडल खुला है। इसके आसपास के बीहड़, उसके झरने और उनकी घर्षण की ध्वनि बहुत अच्छी लगती है। नर्मदा संघर्षमयी है। उसके संघर्ष ने लेखक को भी संघर्षशील बना दिया।
2. 'भेड़ाघाट' पाठ का लेखक विधाता को क्या चुनौती देना चाहता है और क्यों?
उत्तर - लेखक विधाता को चुनौती देना चाहता है कि हे विधाता! तू इस सतपुड़ा के ऊंचे-ऊंचे गौरवशाली शिखरों को एक सा बनाकर दिखाओ तो। ये धवल शिखर इतने ऊंचे हैं कि उनकी ऊंचाई में और श्वेतता में आसमान का नीलापन मालूम ही नहीं पड़ता। वह कहीं खो सा गया है। संगमरमरी श्वेत पर्वत शिखरों का क्रम अट है। उन्हें सृष्टिकारक विधाता भी नीचे झुका नहीं सकता।
3. किस घटना में किला मुंडा के जीवन की दिशा बदल दी?
उत्तर - बिरसा मुंडा चाईबासा के लूथरन मिशन स्कूल में पढ़ते थे। वहां उन्हें दासता का अनुभव हुआ। बिरसा ने शोषण किये आते लोगों की व्यथा के दृश्यों को देखा। वे अंग्रेजों के कारनामों की टीका टिप्पणी करने लगे। उन्हें विद्यालय से निकाल दिया गया। उनकी पढ़ाई छूट गई। वे इस समय युवावस्था में प्रवेश कर रहे थे। विद्यालय से निष्कासन की घटना ने उनके जीवन की दिशा बदल दी।
4. बिरसा मुंडा के आंदोलन के समय और कौन-कौन से सेनानियों की चर्चा की गई है?
उत्तर - बिरसा मुंडा ने अपना आंदोलन अन्याय और शोषण के विरुद्ध शुरू कर दिया। इस आंदोलन के समय महान सेनानियों में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे, नाना साहब, कुंवर सिंह आदि के नाम की चर्चा की गई है।
5. अर्जुन अपने लक्ष्य में कैसे सफल हुआ?
उत्तर - अर्जुन अपने लक्ष्यवेध में सफल उस समय हुआ जब तन्मय होकर उसका समस्त ध्यान लक्ष्य में ही केंद्रित हो गया।
6. वृद्धा सेठ जी के पास अपनी अमानत वापस मांगने क्यों गई थी?
उत्तर - वृद्धा सेठ जी के पास अपनी अमानत वापस मांगने इसलिए गई थी कि उसे अपने पैसे मिल जाए, तो वह अपने बीमार बच्चों को किसी डॉक्टर को दिखाकर उसका इलाज करा सके।
7. वाक्य रचना की विशेषताएं बताइए।
उत्तर - वाक्य रचना की विशेषताएं निम्नलिखित है–
योग्यता वाक्य में प्रयुक्त शब्दों में अर्थ प्रकट करने की योग्यता हो।
सार्थकता वाक्य में निरर्थक शब्दों का प्रयोग ना हो।
आकांक्षा वाक्य में एक पद सुनते ही, उसके विषय में जानने की इच्छा होती है।
पदक्रम वाक्य में शब्दों का एक विशेष कम होता है।
अन्य व्याकरण की दृष्टि से वचन, लिंग, कारक और क्रिया आदि की संवद्धता हो।
आसक्ति वाक्य में प्रयोग किए गए शब्दों में समीपता होनी चाहिए जब उन्हें बोला व लिखा जाए।
प्रश्न.5 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (कोई 4) (4×5=20)
1."नाव रहे पागल हो ताली दे-दे चल दल'' का भावार्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - वर्षा ऋतु में पीपल वृक्ष के चंचल बने हुए पत्ते ताली दे देकर खुशी से पागल होकर नाच रहे हैं।
अथवा
"पकड़ वारि की धार झूलता है मेरा मन" कहकर कवि क्या कहना चाहता है?
2. सावन मनभावन क्यों लगने लगता है?
अथवा
जन्मभूमि की स्वतंत्रता का बिरसा का सपना अधूरा कब रह गया?
उत्तर - बिरसा मुंडा ने अंग्रेज शासको के विरुद्ध आंदोलन चलाने का संकल्प ले लिया। उन्होंने गांव-गांव जाकर सभाएं की। देश को आजादी के लिए लड़ने हेतु मुंडा व अन्य जनजातीयों वाले और तीर कमान लेकर चारकाड गांव में एकत्र होने लगे। बिरसा की क्रांतिकारी गतिविधियों से परेशान होकर डिप्टी कमिश्नर ने उन्हें आदेश दिया कि वे उसके सामने उपस्थित हों।
3. "प्राण जाए पर वृक्ष न जाए" पाठ का मुख्य संदेश अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर - "प्राण जाए पर वृक्ष न जाए" पाठ का मुख्य संदेश है कि पर्यावरण की रक्षा की जानी बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसके लिए अर्थात् पर्यावरण की शुद्धता के लिए वृक्ष लगाए जाएं और उनकी सुरक्षा भी की जाए। आज वृक्षों की संख्या दिन-प्रतिदिन घटती जा रही है। जिसके कारण समूचे विश्व में पर्यावरण की रक्षा की चिंता की जा रही है। वृक्षों की अंधाधुंध कटाई पर रोक लगाई जा रही है तथा नए वृक्ष उगाने और उनको रोपने तथा उनकी रक्षा किए जाने पर जोर दिया जा रहा है। ''प्राण जाए पर वृक्ष न जाए" पाठ का मुख्य संदेश यही है कि वृक्षों को काटने से रोका जाए और वृक्षारोपण किया जाए। वातावरण में प्रतिदिन बढ़ते प्रदूषण से बचने के लिए हमें पेड़ों की रक्षा करनी ही होगी और नए पेड़ उगाने ही होंगे। वृक्षारोपण, वृक्ष रक्षा तथा जीवन रक्षा का संकल्प लेना है इस पाठ का मुख्य संदेश है।
अथवा
'याचक और दाता' कहानी में सही अर्थों में याचक कौन है और क्यों? कारण सहित उत्तर लिखिए।
4. आपके आसपास की कोई प्रसिद्ध नदी तथा उसके आसपास का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर - मैं जिस शहर का निवासी हूं उस शहर के समीप से ही एक नदी बहती है। यह नदी अपने जल की शुद्धता और अपने आसपास के सौंदर्य के लिए बहुत प्रसिद्ध है। इस नदी के दोनों किनारे ऊंचे-ऊंचे हैं। वे संगमरमरी पत्थरों से बने हैं। कहीं-कहीं पर दूसरे प्रकार के कच्चे पत्थर भी हैं जो बराबर समय-समय पर जल प्रभाव से प्रभावित होकर कटते रहते हैं। इस नदी के आसपास के क्षेत्र का मैं स्वयं निवासी हूं। यहां की रमणीय प्राकृतिक सुंदरता मुझे आकर्षित करती रहती है। हरे भरे ऊंचे-ऊंचे वृक्ष इसके आसपास की सुंदरता को चार चांद लगा देते हैं। भक्तजन प्राय: सायं इसके जल में डुबकी लगाते हैं। बरसात में तो यहां की सुंदरता और बढ़ जाती है। इसका प्रवाह विस्तृत और तेज हो जाता है। समुद्र जैसा फैलाव, उफनते जल पर फैन उसकी मदमाती युवावस्था का प्रतीक होती है। लोग बाढ़ में बढ़ती नदी की पूजा करते हैं कि वह अपनी सीमाओं में रहकर सभी प्राणियों को सुख समृद्धि देती रहे।
अथवा
निम्नलिखित गद्यांश की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए–
जब हम सूर्य की किरणों को किसी आतशी शीशे के सहारे एक कागज के टुकड़े पर केंद्रित करते हैं तो वह जल उठता है, जल में प्रच्छन्न विद्युत को कुछ साधनों से केंद्रित करके बड़े-बड़े कारखाने चलाए जाते हैं। एकाग्र करके उससे संसार को हिलाया जा सकता है।
(5) निम्नलिखित पंक्तियों को ध्यान से पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए–
''ठाऊ न रहत निदान, जियत जग में जस लीजै।
मीठे वचन सुनाय, विनय सब ही सौं कीजै,
कह गिरधर कविराय, अरे यह सब घट तौलत।
पाहुन निस दिन चारि, रहत सबही के दौलत।"
(क) पंक्तियों में कौन सा छंद है? नाम लिखकर उसके लक्षण लिखिए।
उत्तर - इन पंक्तियों में कुंडलिया छंद है। इसका लक्षण इस प्रकार है। कुंडलिया छंद के छह चरण होते हैं। प्रत्येक चरण में 24 मात्राएं होती हैं। इस छंद के प्रारंभ में दोहा तथा अंत में रोला छंद होता है। इस छंद की एक विशेषता यह भी है कि जो शब्द इसके आरंभ में आता है, वही इसके अंत में भी आता है।
(ख) पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार का अर्थ लिखिए।
उत्तर - इन पंक्तियों में अनुप्रास अलंकार का प्रयोग हुआ है।
(ग) रचनाकार का नाम बताइए।
उत्तर - इस छंद के रचयिता कवि गिरधर है।
(घ) कवि इन पंक्तियों के माध्यम से क्या कहना चाहता है?
उत्तर - कवि ने इन पंक्तियों में लोक व्यवहार की अनुभवजन्य एवं उपयोगी बातों को बताया है। कवि का संदेश है कि हमें विनयशील और मीठी वाणी बोलने वाला होना चाहिए। इस तरह हम अपने जीवन को सहज और बेहतर बना सकते हैं।
अथवा
''चांद आता है तो चांदी जैसी चमक उठती है,
सूरज आता है तो उस जैसी तप उठती है।''
(क) यह कथन किसके बारे में कहा गया है?
उत्तर -
(ख) पंक्ति का आशय अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर -
(6) भारतवर्ष में प्रचलित संवत्/सन् आदि की सूची बनाइए।
उत्तर - विक्रम संवत्, ईसवी संवत् या सन्, हिजरी संवत्,शालिवाहन संवत्, कलि संवत्, बंगला संवत् आदि।
अथवा
पांडवों और कौरवों की परीक्षा संबंधी घटना लिखिए।
(7) गिरधर कवि की कुंडलियां पढ़कर आपके मन में जो विचार उत्पन्न हुए हैं, उन्हें अपने शब्दों में लिखिए।
(8) वृक्षों से लाभ विषय पर एक निबंध लिखिए।
उत्तर -
वृक्षों के कारण हमारी पृथ्वी के वातावरण में समानता बनी रहती है, मिट्टी का कटाव नहीं होता है, पेड़ पौधों से हमें ऑक्सीजन मिलती है जो कि प्रत्येक जीवित प्राणी के लिए बहुत आवश्यक है। पेड़-पौधे कार्बन डाइऑक्साइड जैसी जहरीली गैसों को अवशोषित कर लेते हैं। वनों में हमें कीमती चंदन जैसी लकड़ियां प्राप्त होती हैं। बीमारियों को दूर भगाने के लिए आयुर्वेदिक जड़ी- बूटियां मिलती हैं। पेड़-पौधों के कारण वर्षा अच्छी होती है जिससे हर तरफ हरियाली-ही-हरियाली रहती है। आपातकालीन आपदा, सूखे की स्थिति, आंधी, तूफान और बाढ़ कम आती है। वन अन्य जीव-जंतुओं के रहने का घर है।
वैसे तो देखा जाए वृक्षारोपण से इतने अधिक लाभ है, कि अगर हम गिनने बैठे तो वह कभी पूरे नहीं होंगे। परंतु फिर भी कुछ लाभ के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं–
1.जितने अधिक वृक्ष लगाए जाएंगे वह बड़े होकर फलते फूलते हैं, उसके पश्चात यह सुंदर वनों में बदल जाते हैं, जिसकी वजह से चारों तरफ हरियाली ही हरियाली दिखाई देती है।
2. वृक्षों की हरियाली तो ऐसी होती है कि किसी का भी मन मोह लेती है और उनकी ठंडी छाया ऐसी प्रतीत होती है मानो किसी ने हमें बर्फ की चादर उड़ा दी हो। अगर तपती दोपहर में हम वृक्षों के नीचे खड़े हो जाएं, तो हमें धूप से राहत मिलती है। पेड़ पौधे हमें गर्मी से बचाते हैं और ठंडी शीतल हवा प्रदान करते हैं। साथ ही साथ सुख शांति भी देते हैं।
3. पेड़ों के जितने भी भाग होते हैं, वह सभी काम में आते हैं, चाहे वह पत्ते हो, फूल हों, फल हों सभी के कुछ ना कुछ हमें लाभ जरूर मिलते हैं।
4. पेड़ों से हमें कागज, गोंद, दियासलाई, लाख, तरह-तरह की दवाइयां, तेल ना जाने कितनी अनगिनत चीजें प्राप्त होती हैं।
5. कई पेड़ों से तो इतनी ज्यादा औषधियां बनाई जाती हैं कि उनसे हर प्रकार की बीमारी तक दूर हो जाती है।
6. जितनी जल्दी पेड़ कम होते जा रहे हैं, उतनी ही बारिश में कमी होती जा रही है।
7. पेड़ पौधों से हमें जानवरों के लिए चारा, जलाने के लिए लकड़ी, घर के खिड़की व दरवाजे और ना जाने कितनी ही चीजें प्राप्त होती हैं।
8. हमारे घर में कई प्रकार की वस्तुएं ऐसी होती हैं, जिनमें पेड़-पौधों का बहुत ही बड़ा योगदान होता है जैसे फर्नीचर, पलंग, बर्तन, औजारों के हत्थे और भी कई प्रकार की वस्तुएं प्राप्त होती हैं।
वृक्षारोपण का महत्व –
1. अगर वैज्ञानिकों की दृष्टि से देखा जाए तो पेड़ों से वायुमंडल शीतल एवं शुद्ध बनता है, वृक्षों की वजह से ही कई प्रकार के प्रदूषण समाप्त हो जाते हैं। वृक्षों के वातावरण से जहरीली गैस कार्बन डाइऑक्साइड सब समाप्त हो जाती हैं, क्योंकि वह कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर लेती है और हमें स्वच्छ ऑक्सीजन प्रदान करती है।
2. जहां पर वृक्ष अधिक होते हैं, वहां पर बादल स्वयं ही खींचे चले आते हैं, क्योंकि वृक्ष बहुत ही आकर्षक होते हैं जिसकी वजह से वहां पर बारिश हो जाती है और जल की प्राप्ति होती है और वापस से हरियाली छा जाती है।
3. वृक्ष भूमि कटाव को भी रोकते हैं मिट्टी की उर्वरा शक्ति को क्षीण होने से बचाने में बहुत ही सहायक होते हैं।
4. अगर खेतों के चारों और पेड़ लगाए जाए तो इससे मिट्टी की गुणवत्ता की रक्षा भी होती है और भूमि में कटाव भी नहीं होता है।
5. नदी के किनारे पर वृक्ष लगाने से नदी के किनारे कटते नहीं है, और उससे सुंदरता भी बढ़ती है तथा शीतल छाया भी प्रदान होती है।
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