UP board live solution class 10th social science unit 2 chapter 5 Geography(भूगोल)

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UP board live solution class 10th social science unit 2 chapter 5 Geography(भूगोल)

 UP board live solution class 10th social science unit 2 chapter 5 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन Geography(भूगोल)


इकाई 2 समकालीन भारत 2 (भूगोल)


UP board class 10th social science chapter 5 full solution


अध्याय-5 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन


बहुविकल्पी प्रश्न-


प्रश्न-1 झारखंड में स्थित कोडरमा निम्नलिखित में किस खनिज का अग्रणी उत्पादक है?


(क) बॉक्साइट

(ख) अभ्रक

(ग) लौह- अयस्क

(घ) तांबा


उत्तर- (ख) अभ्रक


प्रश्न-2 झरिया प्रसिद्ध है-


(क) लौह अयस्क के लिए

(ख) कोयला के लिए

(ग) तांबा के लिए

(घ) बॉक्साइट के लिए


उत्तर-(ख)  कोयला के लिए


प्रश्न-3 निम्नलिखित में से कौन- सा गैर- परंपरागत ऊर्जा स्रोत है?


(क) कोयला

(ख) पेट्रोलियम

(ग) सौर ऊर्जा

(घ) प्राकृतिक गैस


उत्तर - (ग) सौर ऊर्जा


प्रश्न-4 भारत में पवन ऊर्जा का विशाल केंद्र कहां स्थित है?


(क) उत्तराखंड

(ख) तमिलनाडु

(ग) हिमाचल प्रदेश

(घ) राजस्थान


 उत्तर- (ख)तमिलनाडु


प्रश्न-5 'अंकलेश्वर' किसके उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है?


(क) पेट्रोलियम

(ख) तांबा

(ग) जस्ता

(घ) यूरेनियम


उत्तर- (क) पेट्रोलियम


अतिलघु उत्तरीय प्रश्न-


प्रश्न-1 रैट हॉल खनन क्या है?


उत्तर-  जोवाई व चेरापूंजी में कोयले का खनन परिवार के सदस्य द्वारा एक लंबी संकीर्ण सुरंग के रूप में किया जाता है ,जिसे रैट हॉल खनन कहते हैं।


प्रश्न-2 पेट्रोलियम कौन-सी चट्टानों में पाया जाता है? पेट्रोलियम उत्पादन क्षेत्रों को बताइए।


उत्तर- पेट्रोलियम सरंन्ध्र और असरंन्ध्र चट्टानों के बीच भ्रंश ट्रैप में ही पाया जाता है। भारत में मुंबई हाई ,गुजरात और असम प्रमुख पेट्रोलियम उत्पादक क्षेत्र है।


प्रश्न-3 बायोगैस कैसे उत्पन्न होती है?


उत्तर- ग्रामीण इलाकों में झाड़ियों, कृषि अपशिष्ट, पशुओं और मानव जनित अपशिस्ट के उपयोग से घरेलू उपयोग हेतु बायोगैस उत्पन्न की जाती है।


प्रश्न-4 भारत के परमाणु संयंत्रों के नाम बताइए।


उत्तर- भारत के प्रमुख परमाणु संयंत्रों में काकरापारा (गुजरात ),तारापुर ( महाराष्ट्र), रावतभाटा (राजस्थान) नरौरा (उत्तर प्रदेश), कैगा (कर्नाटक), कलपक्कम (तमिलनाडु)


प्रश्न-5 धात्विक खनिज किसे कहते हैं ?ऐसे दो खनिजों के नाम लिखिए।


उत्तर- जिन खनिजों से धातु प्राप्त होती है ,जिनमें चमक होती है तथा जिनको कूट-पीटकर चादरों के रूप में ढाला जा सकता है और तारों के रूप में खींचा जा सकता है ,धात्विक खनिज कहलाते हैं; जैसे लोहा ,सोना आदि।


लघु उत्तरीय प्रश्न- 


प्रश्न-1 अधात्विक खनिज किसे कहते हैं? ऐसे दो खनिजों के नाम लिखिए।


उत्तर- वे खनिज जिनसे धातु प्राप्त नहीं होती है, अधात्विक खनिज कहलाते हैं। इन खनिजों में चमक नहीं होती है तथा कूटने- पीटने पर यह टूट जाते हैं। उदाहरण- अभ्रक, कोयला तथा संगमरमर आदि।


प्रश्न-2 भू -तापीय ऊर्जा किसे कहते हैं? इसका प्रयोग कैसे किया जा सकता है।


उत्तर- पृथ्वी के आंतरिक भागों से ताप का प्रयोग कर उत्पन्न की जाने वाली विद्युत को भू-तापीय ऊर्जा कहते हैं ।भू-तापीय ऊर्जा इसलिए अस्तित्व में होती है, क्योंकि बढ़ती गहराई के साथ पृथ्वी प्रगामी ढंग से तप्त होती जाती है। जहां भी भू-तापीय प्रवणता अधिक होती है वहां उथली गहराइयों पर भी अधिक तापमान पाया जाता है। ऐसे क्षेत्रों में भूमिगत जल चट्टानों से ऊष्मा का अवशोषण कर तप्त तो हो जाता है। यह इतना तप्त तो हो जाता है कि यह पृथ्वी की सतह की ओर उठता है तो यह भाप में परिवर्तित हो जाता है ।इसी भाप का उपयोग टरबाइन को चलाने और विद्युत उत्पन्न करने के लिए किया जाता है ।भू-तापीय ऊर्जा के दोहन के लिए भारत में दो प्रायोगिक परियोजना शुरू की गई है। एक हिमाचल प्रदेश में मणिकरण के निकट पार्वती घाटी में स्थित है तथा दूसरी लद्दाख में पूगा घाटी में स्थित है।


प्रश्न-3 भारत में पाए जाने वाले लौह- अयस्क पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।


उत्तर- भारत में लौह -अयस्क के विशाल भंडार पाए जाते हैं। ऐसे तीन भागों में बांटा जाता है-


मैग्नेटाइट- यह सर्वोत्तम प्रकार का लौह-अयस्क है। इसमें 70% लोहांश पाया जाता है। इसमें सर्वश्रेष्ठ चुंबकीय गुण होते हैं जो विद्युत उद्योग में विशेष रूप से उपयोगी है।


हेमेटाइट- यह सर्वाधिक महत्वपूर्ण औद्योगिक लौह- अयस्क है ।इसका अत्यधिक उपयोग होता है। इसमें लोहांश की मात्रा 50 से 60% होती है।


लिग्नेटाइट- यह थी निम्न कोटि का लौह -अयस्क है। इसमें लोहांश की मात्रा 30 से 40% होती है।


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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न- 


प्रश्न-1 भारत में लौह अयस्क के विवरण पर प्रकाश डालिए ।

अथवा 

भारत में लौह अयस्क के उत्पादन पर संक्षेप में लिखिए।


उत्तर- लौह -अयस्क एक महत्वपूर्ण खनिज है तथा औद्योगिक विकास की रीढ़ है। भारत में लौह -अयस्क के विपुल संसाधन विद्यमान है ।मैग्नेटाइट सर्वोत्तम प्रकार का लौह- अयस्क है जिसमें 70% लोहांश पाया जाता है। हेमेटाइट सर्वाधिक महत्वपूर्ण औद्योगिक लौह -अयस्क है जिसका अधिकतम मात्रा में उपभोग हुआ है। भारत में लौह -अयस्क की पेटियां निम्नवत् हैं-


उड़ीसा झारखंड पेटी- उड़ीसा में उच्च कोटि का हेमेटाइट किस्म का लौह -अयस्क मयूरभंज व केंदुझर जिलों में बादाम पहाड़ी खदानों से निकाला जाता है ।झारखंड के सिंहभूम जिले में हेमेटाइट अयस्क का खनन किया जाता है।


दुर्ग- बस्तर -चंद्रपुर पेटी- यह पेटी महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ राज्यों के अंतर्गत पाई जाती है। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में बैलाडिला पहाड़ी श्रृंखला में अति उत्तम कोटि का हेमेटाइट पाया जाता है ।इन खदानों का लौह- अयस्क विशाखापट्टनम से जापान तथा दक्षिण कोरिया को निर्यात किया जाता है।


बेलारी -चित्रदुर्ग ,चिकमंगलूर- तुमकुर पेटी- कर्नाटक की इस पेटी में लौह -अयस्क की वृहत राशि संचित है ।कर्नाटक में पश्चिमी घाट में अवस्थित कुदरेमुख की खाने शत-प्रतिशत निर्यात इकाइयां हैं।


प्रश्न-2 ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोतों का विस्तार पूर्वक वर्णन कीजिए।


उत्तर- ऊर्जा के वे साधन जो एक बार प्रयोग करने पर समाप्त नहीं होते और जिनकी पुनः पूर्ति संभव है, गैर- परंपरागत या नवीकरणीय संसाधन कहलाते हैं। जैसे -  सौर ऊर्जा ,पवन ऊर्जा ,ज्वारी ऊर्जा तथा जैविक ऊर्जा आदि।


 सौर ऊर्जा- भारत एक उष्णकटिबंधीय देश है ।यहां सौर ऊर्जा के दोहन की असीम संभावनाएं हैं। फोटोवॉल्टाइक प्रौद्योगिकी द्वारा धूप को सीधे विद्युत में परिवर्तित किया जाता है ।भारत के ग्रामीण तथा सुदूर क्षेत्रों में सौर ऊर्जा तेजी से लोकप्रिय हो रही है। भारत का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र भुज के निकट माधोपुर में स्थित है।


बायोगैस- ग्रामीण इलाकों में झाड़ियों ,कृषि अपशिष्ट ,पशुओं और मानव जनित अपशिष्ट के उपयोग से घरेलू उपयोग हेतु बायोगैस उत्पन्न की जाती है ।बायोगैस संयंत्र नगर पालिका ,सहकारिता तथा निजी स्तर पर लगाए जाते हैं।


पवन ऊर्जा- पवन ऊर्जा का प्रयोग पानी बाहर निकालने खेतों में सिंचाई करने और बिजली पैदा करने के लिए किया जाता है ।वायु ऊर्जा का प्रयोग गुजरात ,तमिलनाडु उड़ीसा और महाराष्ट्र में किया जाता है।


प्रश्न- 3  भारत में सौर ऊर्जा का भविष्य उज्ज्वल है क्यों?


उत्तर- भारत में सौर ऊर्जा का भविष्य बहुत उज्ज्वल है जिसके मुख्य कारण निम्नलिखित हैं- 


1- भारत एक उष्णकटिबंधीय देश है। यहां सौर ऊर्जा के दोहन की असीम संभावनाएं हैं। एक अनुमान के अनुसार यह लगभग 20 मेगावाट प्रति वर्ग किलोमीटर प्रति वर्ष है।


2- भारत में फोटोवोल्टाइक तकनीक द्वारा धूप को सीधे विद्युत में परिवर्तित किया जाता है।


3- भारत का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र भुज के निकट माधवपुर में स्थित है ,जहां सौर ऊर्जा से दूध के बड़े बर्तनों को कीटाणु मुक्त किया जाता है।


4- सूर्य का प्रकाश प्रकृति का मुख उपहार है ।इसलिए निम्न वर्ग के लोग आसानी से सौर ऊर्जा का लाभ उठा सकते हैं।


Written by- Bandana Kushwaha


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