UP board live solution class 12th Hindi निबंध: भारत में कंप्यूटर का महत्व
प्रस्तावना----
हम वैज्ञानिक युग में जी रहे हैं। विज्ञान के माध्यम से मानव ने एक से बढ़कर एक आश्चर्यजनक खोजे की हैं। रोटी, कपड़ा और मकान के क्षेत्र में विज्ञान हमारा साथी बनकर उभरा है। औषधि निर्माण एवं शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञान की अनूठी प्रगति दर्शनीय हैं। यौद्विक निर्माण में भी विज्ञान पीछे नहीं रहा है। विज्ञान ने मानव को प्रकृति विजेता बना दिया है जिसमें उसका सहायक आविष्कार है कंप्यूटर । इसकी चर्चा अभी विगत कुछ वर्षों से ही होने लगी है। इसने आकर प्रगति के द्वार खोल दिए हैं। अब कंप्यूटरों से भी आगे सुपर कंप्यूटर बनने लगे हैं।
कंप्यूटर का इतिहास---
कुछ विद्वान मानते हैं कि कंप्यूटर निर्माण का प्रथम प्रयास यूनान एवं मिस्त्र में हुआ था। ईसा से दस शताब्दी पूर्व यहां एक ऐसा यंत्र बनाया गया जो कुछ गणितीय क्रियाओं को करने में सक्षम एवं सहायक था। इस यंत्र का नाम था अबेकस जो बालकों को प्रारंभिक गणितीय शिक्षा देने में काफी था। इसके बाद एक फ्रांसीसी युवक ने इस दिशा में कार्य किया। उसने पहियों वाला एक यंत्र बनाया जो अनेक क्रियाएं संपादित करता था। इसके बाद इंग्लैंड के वैज्ञानिक चार्ल्स बेबेज ने कंप्यूटर का निर्माण करने का सुश्रेय प्राप्त किया। कंप्यूटर स्वयं गणनाएं करके जटिल से जटिल समस्या का समाधान कुछ ही पलों में खोज सकता है। कंप्यूटर की भाषाएं, सूचनाएं एवं निर्देश 'प्रोग्राम' कहलाते हैं। यह मानवीय भाषा में संदेश नहीं ग्रहण कर सकता है। इसके लिए विशेष भाषाएं आविष्कृत हैं जिन्हें बेसिक, कोबोल एवं पास्कल आदि नाम दिया गया है। वह पूरी पुस्तकों, फाइलों आदि को स्मृति भंडार (मेमोरी) में रख सकता है जिसे कभी भी छापा जा सकता है।
कंप्यूटर का विकास एवं उसका उपयोग---
जब कंप्यूटर का जन्म हुआ तो उसकी प्रारंभिक अवस्था में यह अति विशाल एवं मूल्यवान था। विशाल होने के कारण यह अधिक जगह घेरता था। इसे वातानुकूलित स्थान की आवश्यकता होती थी। ट्रांजिस्टर के विकास ने कंप्यूटर विकास में चार चांद लगा दिए। इससे कंप्यूटर के आकार पर अधिक प्रभाव पड़ा। वह छोटा हो गया। कंप्यूटर के विकास में दूसरा योगदान किया 'ब्लूचिप्स' ने । इसके अति सूक्ष्म आकार में असंख्य संदेश तथा आदेश भंडारित हो सकते हैं। आज का युग व्यक्तिगत कंप्यूटर अथवा पी०सी का है जिसका आकार लघु तथा कार्यकुशलता अधिक होती है।
आज कंप्यूटर का प्रयोग अति व्यापक हो रहा है। लैपटॉप कंप्यूटर तो आज प्रत्येक शिक्षित नागरिक के लिए आवश्यक सा हो गया है। आज जीवन का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं जहां कंप्यूटर आवश्यक ना हो। बैंकिंग के क्षेत्र में भी कंप्यूटर हिसाब किताब का अच्छा साधन बनकर उभरा है। कुछ समय बाद यह होगा कि निजी कंप्यूटरों को बैंक कंप्यूटरों से जोड़कर लोग घर बैठे ही लेनदेन कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त पुस्तक प्रकाशन के क्षेत्र में कंप्यूटर का विशेष योगदान है। कंप्यूटरों में लोग विषय वस्तु भरते हैं तो दूसरी ओर इलेक्ट्रॉनिक प्रिंटर तेजी से उस सामग्री का मुद्रण करले देता है। इससे सूचना एवं समाचार प्रेषण के क्षेत्र में आमूल परिवर्तन आ गया है। आजकल कंप्यूटर नेटवर्क के द्वारा देश के सभी प्रमुख नगरों को जोड़ दिया गया है। इतना ही नहीं आज कंप्यूटर एक कलाकार की भूमिका भी निभा रहे हैं। अब चित्रकार को रंग, तूलिका एवं केनवास आदि की कोई आवश्यकता नहीं है। कंप्यूटर के समक्ष बैठकर अपने 'नियोजित प्रोग्राम' के अनुसार स्क्रीन पर चित्रांकन करता है तथा उन्हें वास्तविक रंगों के साथ छापा जाता है। आज वैज्ञानिक अनुसंधान का रूप भी बदलता जा रहा है। अंतरिक्ष विज्ञान के विषय में तो कंप्यूटर ने क्रांति ही ला दी है। भवनों, मोटर वाहनों, वायुयानों आदि की डिजाइन तैयार करने हेतु 'कंप्यूटर ग्राफिक' के प्रयोग हो रहे हैं। आधुनिक वेधशालाओं के लिए कंप्यूटर सर्वाधिक आवश्यक हो गया है। बड़े-बड़े कल कारखानों का संचालन भी आज कंप्यूटर कर रहे हैं। 'रोबोट' कभी संचालन कंप्यूटरों के माध्यम से हो रहा है। युद्ध साधन के रूप में अमेरिका ने सर्वप्रथम यौद्विक कंप्यूटरों की रचना की थी। जर्मन सेना के गुप्त संदेशों को जानने हेतु अंग्रेजों ने कोलोसम नामक कंप्यूटर बनाया। अमेरिका ने स्टारवॉर्स योजना को कंप्यूटर नियंत्रण के रूप में प्रारंभ किया। कंप्यूटर ज्योतिष ने ज्योतिष व्यवसाय को आगे लाकर रख दिया। परीक्षाफल हो अथवा विद्युत बिल, अंतरिक्ष यात्रा हो या मौसम विषयक जानकारी, चिकित्सा कार्य हो अथवा चुनाव कार्य, सर्वत्र कंप्यूटर का ही बोलबाला है। अनुवाद, खेल, हवाई जहाज संचालन आदि सभी पर कंप्यूटर ने अपना अधिकार जमा लिया है।
भारत में कंप्यूटर का भविष्य---
हमारे देश में कंप्यूटर प्रयोग की अपार संभावनाएं हैं। हमारे देश में अभी तो सामान्य रूप से दुकानों तथा मिलिट्री कैंटीनों में मात्र बिल बनाने का कार्य कंप्यूटरों से लिया जाता है लेकिन वह दिन दूर नहीं जब रोबोट यंत्र का संचालन कंप्यूटर से करते हुए मानव को हाथ पैर हिलाने की आवश्यकता ही ना हो। विद्यालयों में वह शिक्षक के रूप में कार्य करेगा, वाहनों में चालक होगा, वही कारखानों का सुदृढ़ प्रबंधन करेगा, युद्ध क्षेत्र में सैनिक नाममात्र के कंप्यूटर संचालक ही होंगे। भारत में इसके भविष्य की कल्पना कितनी सुखद एवं रोमांचकारिणी है।
कंप्यूटर एवं मानव मस्तिष्क---
क्या हम कंप्यूटर की तुलना मानव मस्तिष्क से कर सकते हैं? इन दोनों में कौन श्रेष्ठ है? इन प्रश्नों के उत्तर में हम कह सकते हैं कि इसकी तुलना हम मानव मस्तिष्क से कर सकते हैं तथा मानव मस्तिष्क की अपेक्षा कंप्यूटर अत्यल्प समय में एवं सही रूप से एक समस्या का हल कर सकता है। साथ ही यह भी स्पष्ट है कि वह मानवीय संवेदनाओं, अभिरुचियों एवं भाव संपदा से रहित शुष्क यंत्र पुरुष है जो मानव निर्देशित कार्य करने में सक्षम है। वह कोई समुचित निर्णय स्वयं नहीं ले सकता है तथा उसमें मौलिक सोच का भी सर्वथा अभाव है।
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उपसंहार---
हमारा देश कंप्यूटर युग की ओर बढ़ रहा है। यह अति हर्षप्रदायक एवं रोमांचकारी है। कंप्यूटर के लाभ, महत्व एवं उपयोगिताओं की कोई कमी नहीं। कंप्यूटर पर अत्याश्रित रहना शायद अपने को पंगु बनाना ना हो जाए? कहीं यौद्विक उपकरण के रूप में कंप्यूटर हमारा विनाशक ना बन जाए? अतः हमें अति सोच विचार कर कदम उठाना चाहिए क्योंकि मानव बुद्धि की सर्वोपरिता कायम रहनी चाहिए।
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