MP Pre Board 12th Physics paper 2022 / एमपी प्री बोर्ड 2022 कक्षा-12वीं भौतिक विज्ञान पेपर full solution

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MP Pre Board 12th Physics paper 2022 / एमपी प्री बोर्ड 2022 कक्षा-12वीं भौतिक विज्ञान पेपर full solution

MP Pre Board 12th Physics paper 2022 / एमपी प्री बोर्ड 2022 कक्षा-12वीं भौतिक विज्ञान पेपर full solution




MP Pre Board 12th Physics paper 2022 full solution


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             प्री बोर्ड परीक्षा:- 2022 


                   कक्षा:- 12वीं 


               विषय:- भौतिक शास्त्र




समय :- 3 घण्टे.                                 पूर्णांक :- 70


                                                  


निर्देश:




1. सभी प्रश्न करना अनिवार्य है। प्रश्न क्र 5 से 19 तक प्रत्येक में आंतरिक विकल्प दिए गए है।


2. प्रश्न क्र 1 से 4 तक वस्तुनिष्ठ प्रश्न है, प्रत्येक प्रश्न पर 7 अंक तथा उपप्रश्न पर 1 अंक निर्धारित है।


3. प्रश्न क्र 5 से 12 तक प्रत्येक प्रश्न पर 2 अंक निर्धारित है, जिसकी शब्द सीमा 30 शब्द है। 


4. प्रश्न क्र 13 से 16 तक प्रत्येक प्रश्न पर 2 अंक निर्धारित है, जिसकी शब्द सीमा 75 शब्द है।


5. प्रश्न क्र 17 के लिये 4 अंक निर्धारित है, जिसकी शब्द सीमा 120 शब्द है।


6. प्रश्न क्र 18 से 19 तक प्रत्येक प्रश्न पर 2 अंक निर्धारित है, जिसकी शब्द सीमा 120 शब्द है।




1.सही विकल्प का चयन कीजिये


                                                    1 x 7 = 7


(i) तीव्रता वाले विद्युत क्षेत्र में आवेश q रखने पर उस पर लगने वाला बल होगा


(a) F=E/q


(b)F=q/E


(c) F=qE


(d) F=E-q



उत्तर  .F=E/q


ii.एक गतिमान आवेश उत्पन्न करता है


(a) केवल विद्युत क्षेत्र


(b) केवल चुम्बकीय क्षेत्र


(c) विद्युत एवं चुम्बकीय क्षेत्र दोनों


(d) कोई नहीं


उत्तर (c)


ii. लैज का नियम संबंधित है


(a) आवेश संरक्षण के नियम से


(b)ऊर्जा संरक्षण के नियम से


(c) द्रव्यमान संरक्षण के नियम से 


(d) संवेग संरक्षण के नियम से 


उत्तर ( b)


(iii) निम्नलिखित में से किसका तरंगधेर्य सबसे कम है


(a)y किरणे,


(b) दृश्य प्रकाश,


(c) अवरक्त विकिरण,


(d) पराबैंगनी विकिरण


उत्तर .(d)


V. निम्नलिखित में से किस रंग के लिए कांच का अपवर्तनाक न्यूनतम होगा


(a) बैगंनी.


(b) लाल.


(C) पीला .


(d) नीला.


उत्तर ( b)


vi. अच्छे विभेदन के लिए किसी दूरदर्शी में होना चाहिए


(a) अधिक व्यास का अभिदृश्यक 


(b). कम व्यास का अभिदृश्यक


(C). कम फोकस दूरी का अभिदृश्यक


(d) कम फोकस दूरी की नेत्रिका


उत्तर (a)


(Vii) 150 वोल्ट के विभवान्तर से त्वरित इलेक्ट्रान से सम्बद्ध डी ब्रोग्ली तरंगधैर्य होगी


(c) 1nm


(d) 1A


(a) 150 A


(b) 1m


उत्तर .




2 रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिये।      1×7=7


(i) एक आदर्श वोल्टमीटर का प्रतिरोध……. होता है।

(अनंत)


(ii) LC परिपथ में धारा और विभवांतर के मध्य का कलांतर …..होता है।(90)


(iii)अंधेरे में फोटोग्राफी के लिए तरंगों …….का उपयोग किया जाता है।(लाल)


(iv) जीवाणु नाशक के रूप में…….. तरंगों का उपयोग किया जाता है। (मार्कोनी)


(v) एक सूक्ष्मदर्शी की नली की लंबाई बढ़ाने पर उसकी आवर्धन क्षमता …….जाती है।(घटती)


(vi) श्वेत प्रकाश में पतली फिल्म के रंगीन दिखाई देने का कारण........है।(व्यतिकरण)




Vii. NOT गेट को …....भी कहते है।(डिजिटल तर्क द्वार)


3 एक वाक्य / शब्द में उत्तर दीजिये।  (1 x 7 )= 7


i.विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का SI मात्रक लिखिये।


उत्तर . (किलोग्राम मीटर/एम्पीयर सेकेंड ³)


(ii.) एक तार को खींचकर उसकी लंबाई तीन गुना कर दी जाती है। उसका प्रतिरोध कितने गुना हो जायेगा?


उत्तर .तीन गुना हो जायेगा



(iii.)  स्वप्रेरकत्व का SI मात्रक लिखिये ।


उत्तर . वोल्ट सेकेंड/ऐंपियर या हेनरी



(iv.)  ट्रांसफार्मर किस सिद्धांत पर कार्य करता है? 


उत्तर . अन्योनय प्रेरण


V.कोहरे में दूरस्थ वास्तुओं को देखने में उपयोगी किरणों का नाम लिखिये । 


उत्तर .अवरक्त करने


(vi.)उत्तल लेंस के द्वारा किसी वस्तु का आभासी प्रतिबिम्ब कब बनाया जाता है? 


उत्तर.  जब वस्तु को लेंस की फोकस और ध्रुव के प्रकाशन के बीच रखा जाता हैं।


LED निर्माण के लिए प्रयुक्त अर्धचालकों में बैंड अन्तराल कम से कम कितना होना चाहिए?


Vil.


4 सही जोड़ी मिलाइये                    1x7 = 7


कॉलम (अ)                              कॉलम (ब)


a. विद्युत शक्ति।                           ध्रुवण


b. प्रेरण प्रतिघात।                   ii. धारा का चुंबकीय प्रभाव


  C बूस्टर का नियम                iii.    प्रकाश विद्युत प्रभाव। 


                                         iv.    प्रकाश का प्रकीर्णन

d. आकाश का नीला रंग


v) वोल्टेज नियमन


e. विद्युत चुम्बकीय तरंग की क्वांटम प्रकृति। V.वोल्टेज नियमन


f. जेनर डायोड


                                                 ( Vi)wL



( G)चल कुण्डल धारामापी                 ( vii)  IR



                                                 ( viii) PR


5. दो विद्युत् क्षेत्र रेखाएं एक दूसरे को क्यों नहीं काटती है?2


अथवा


समविभव पृष्ठ की कोई दो विशेषताएँ लिखिए।

समविभव पृष्ट की विशेषता


उत्तर


 समविभव पृष्ठ के प्रत्येक बिन्दु पर बल-रेखाएँ पृष्ठ के लम्बवत् होती हैं। एक बिन्दु-आवेश + q से के चलने वाली बल-रेखाएँ खींची गई हैं। बिन्दु-आवेश को केन्द्र मानकर खींचे गये किसी गोलीय पृष्ठ (spherical surface) का प्रत्येक बिन्दु, आवेश से समान दूरी पर होने के कारण समान वैद्युत विभव पर





6.मोटर गाड़ी के इंजन को स्टार्ट करने के दौरान उसकी हेडलाइट कुछ मंद क्यों हो जाती है?       2


अथवा


अनओमीय प्रतिरोध क्या है? इसका एक उदाहरण दीजिये


उत्तर.

सभी धातुएँ, जैसे-ताँबा, टंगस्टन, पारा आदि ओम के नियम का पालन करती है। ... अन-ओमीय प्रतिरोध जो पदार्थ ओम के नियम का पालन नहीं करते है, उनके प्रतिरोध को हम अन-ओमीय प्रतिरोध कहते है, जैसे- अर्द्ध-चालक। ऐसे पदार्थों के लिए यदि V व i के मध्य ग्राफ खींचे तो वह तक सीधी रेखा न होकर एक वक्र प्राप्त होता है। 


7 .साइक्लोट्रान क्या है? यह किस तथ्य पर आधारित है?                 2


अथवा


चल कुण्डली धारामापी की सुग्राहिता कैसे बढ़ायी जा सकती है? 


उत्तर.


यदि कुंडली के सिरों पर वोल्टेज हो तो चल कुंडली धारामापी की सुग्राहिता विक्षेप तथा वोल्टेज के अनुपात को कहते हैं। इस प्रकार स्पष्ट है कि N, A तथा B का मान बढ़ाकर और c तथा R का मान कम करके चल कुंडली धारामापी की सुग्राहिता बढ़ाई जा सकती है। 



8.प्रत्यावर्ती धारा द्वारा विद्युत अपघटन क्यों नहीं होता है?

उत्तर:।   क्योंकि प्रत्यावर्ती धारा को आसानी से निम्न तथा उच्च वोल्टता में परिवर्तित किया जा सकता है तथा ऊष्मा हानि को कम किया जा सकता है


 ( i) प्रत्यावर्ती धारा का सीधा उपयोग विद्युत अपघटन इलेक्ट्रॉन प्लेटिंग में नहीं किया जा सकता है। इसे विद्युत चुम्बक बनाने में भी प्रयोग नहीं किया जाता है। 



अथवा


किसी विद्युत परिपथ को अचानक तोड़ने पर चिंगारी क्यों निकलती है? 


9.पूर्ण आंतरिक परावर्तन किसे कहते है? इसके लिए आवश्यक शर्ते लिखिए। 2


पूर्ण आंतरिक परावर्तन


जब प्रकाश किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाती है तो इसका कुछ भाग परावर्तित होकर वापस लौट आता है। तथा अधिकांश भाग अपवर्तित होकर विरल माध्यम में चला जाता है। तब इस स्थिति में आपतन कोण, परावर्तन कोण से कम हो जाता है। अब यदि आपतन कोण को बढ़ाया जाता है तो साथ साथ परावर्तन कोण भी बढ़ता जाता है। तथा एक ऐसी स्थिति आ जाती है जब परावर्तन कोण का मान 90° हो जाता है। तब बने आपतन कोण को क्रांतिक कोण कहते हैं  


पूर्ण आंतरिक परावर्तन की परिभाषा


आसान शब्दों में पूर्ण आंतरिक परावर्तन की परिभाषा जब कोई प्रकाश की किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाती है। तथा आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण से अधिक हो जाता है तब विरल माध्यम में प्रकाश की किरण का अपवर्तन नहीं होता है। बल्कि संपूर्ण प्रकाश परावर्तित होकर सघन माध्यम में ही वापस लौट आती है। इस घटना को पूर्ण आंतरिक परावर्तन कहते हैं।


पूर्ण आंतरिक परावर्तन की शर्त


पूर्ण आंतरिक परावर्तन की घटना तभी घटित होती है जब यह दो शर्तें पूरी हो जाती हैं। अर्थात् पूर्ण आंतरिक परावर्तन की दो शर्ते हैं।


1. प्रकाश, सघन माध्यम से विरल माध्यम की ओर जाना चाहिए।


2. आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण से अधिक होना चाहिए।


अथवा


व्यतिकरण क्या होता है? इसका एक उदाहरण लिखिए। 



10.प्रिज्म से अपवर्तन को सचित्र समझाइए।    2


अथवा


 कला सम्बन्ध स्रोत और कला असम्बन्ध स्रोत : जब दो प्रकाश स्रोत समान आवृत्ति की तरंग उत्पन्न करे और दोनों तरंगों के मध्य समय के साथ समान कलान्तर रहे अर्थात कलांतर का मान समय के साथ परिवर्तित न हो तो ऐसे स्रोत जिनसे ये तरंगे उत्पन्न हो रही है उन्हें कला सम्बंध स्रोत कहते है। 


11 डीब्रोग्ली का कण तरंग सिद्धांत दैनिक जीवन में क्यों दृष्टिगोचर नहीं होता?        2



अथवा


निरोधी विभव किसे कहते है?


प्रकाश - विद्युत सेल के ऐनोड पर आरोपित वह ऋणात्मक विभव जिस पर प्रकाश - विद्युत धारा शून्य हो जाती है, निरोधी विभव कहलाता है




12. n और p प्रकार के अर्धचालकों में कोई दो अंतर लिखिए।      2


अथवा


फोटो डायोड और सौर सेल में कोई दो अंतर लिखिए।


फोटोडायोड (photodiode) एक अर्धचालक युक्ति है जो [[प्रकाश] को विद्युत ऊर्जा (या, विद्युत धारा) में बदलती है। ... सौर सेल (solar cell) भी एक फोटोडायोड है जिसका उपयोग प्रकाश से विद्युत ऊर्जा प्राप्त करने के लिये किया जाता है ।


कार्य सिद्धान्त: प्रकाश को विद्युत धारा में बदलता है।




13 व्हीटस्टोन का सिद्धांत समझाइये तथा इसके संतुलन के लिए आवश्यक प्रतिबंध PR निगमित कीजिए। 3


अथवा


धारा और इलेक्ट्रानों के अपवाह वेग में सम्बन्ध ज्ञात कीजिये ।


अपवाह चाल तथा विद्युत धारा में संबंध 


अपवाह चाल तथा विद्युत धारा में संबंध: अपवाह चाल के बारे में हम पढ़ चुके है की विद्युत क्षेत्र आरोपित करने के बाद यह आवेशों की क्षेत्र के विपरीत दिशा में चाल है।


अब बात करते है की अपवाह चाल का उपयोग करके चालक में प्रवाहित हो रही विद्युत धारा का मान कैसे ज्ञात कर सकते है तथा इनमे आपस में क्या संबंध होता है।



माना किसी चालक के एकांक क्षेत्रफल में n इलेक्ट्रॉन उपस्थित है nऔर चालक का काट क्षेत्रफल A है अब यदि इस चालक पर बाह्य विधुत क्षेत्र आरोपित करेंगे तो इलेक्ट्रॉन विद्युत क्षेत्र के विपरीत दिशा में अपवाह चाल से गति करेंगे, माना अपवाह चाल का मान Vd है। इस चालक का एक अल्पांश VL लेते है और अध्ययन करते है ।



अल्पांश VL में कुल आवेश का मान = VQ = (nAVL) e


आवेश अपवाह चाल से गति कर रहे है अतः अल्पांश से गुजरने में लगा समय Vt = = VL/Va


विद्युत धारा की परिभाषा से अल्पांश से गुजरने वाली धारा का मान । = कुल आवेश / समय


I = (nAVL)e /(VL/Vd) यह धारा तथा अपवाह वेग में संबंध समीकरण है।


I = nAe Va


चूँकि Vd = PE


Va का मान समीकरण में रखने पर


I = nAe pE


यह धारा, अपवाह वेग तथा गतिशीलता में संबंध समीकरण है।


अपवहन वेग तथा विभवांतर में सम्बन्ध (relation between drift velocity and potential difference)


हम जानते है की विद्युत क्षेत्र तथा विभवांतर में निम्न संबंध होता है E = V/L


14 यदि n सेल जिनके प्रत्येक के वि वा.बल E तथा आन्तरिक प्रतिरोध है, को समांतर क्रम में जोड़ा जाये तो तुल्य emf और आन्तरिक प्रतिरोध ज्ञात कीजिये 3


अथवा


तीन प्रतिरोधक 2 ओह्स, 3 ओहम तथा 6 ओहम को समान्तर क्रम में जोड़ने पर तुल्य प्रतिरोध ज्ञात किजिये ।


15 साइक्लोट्रॉन आवृत्ति के लिए व्यंजक निगमित कीजिए।                  3


अथवा


बायो सेवर्ट का नियम लिखिये एवं इसके आधार पर विद्युत धारा के SI मात्रक को परिभाषित कीजिये।


Answer:


बायो सेर्वट नियम - माना AB एक चालक है, जिसमें । विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है। इस धारावाही चालक के एक अल्पांश dl द्वारा उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र किसी बिन्दु P पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता dB


(1). चालक में बहने वाली धारा । के समानुपाती होती है अर्थात् dB al.


(2). चालक क उस अल्पांश की लंबाई dl के समानुपाती होती है अर्थात् dB a dl


(3). अल्पांश की लंबाई और अल्पांश को बिन्दु P से मिलाने वाली रेखा के बीच बनने वाले कोण © की ज्या (Sin) के समानुपाती होती है अर्थात dB a sin


(4). अल्पांश से बिन्दु P की दूरी से वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होती है अर्थात् dB a ( 1 / r 2 )


अतः dBa (Idl Sinee / r2)


या dB = K (Idl Sinee / 12 )


(जहां k एक नियतांक है, जिसका मान मापन की पद्धति तथा आसपास के माध्यम पर निर्भर करता है)



16. 3 cm ऊँधी कोई बिम्ब 21 cm फोकस दूरी वाले लेंस के सामने 14 cm की दूरी पर रखी है। लेंस द्वारा निर्मित प्रतिबिम्ब का प्रकार, आकार और स्थिति ज्ञात कीजिये।


 अथवा


10 cm गहराई वाले बर्तन में कोई द्रव भरा है। इसके कारण बर्तन का तल वास्तविक स्थिति से 2 cm ऊँचा दिखाई देता है, 



17.द्रव का अपवर्तनांक ज्ञात कीजिये । 



पूर्ण तरंग दिष्टकारी के रूप में P-N संधि डायोड के उपयोग का वर्णन निम्नलिखित शीर्षकों के अंतर्गत कीजिए। 1) परिपथ का नामांकित चित्र



LCR श्रेणी परिपथ LCR series circuit in hindi



(LCR series circuit in hindi ) LCR श्रेणी परिपथ : जब दिए गए परिपथ में एक प्रेरकत्व L, प्रतिरोध R तथा संधारित्र C आपस में श्रेणी क्रम में जुड़े हुए हो तथा इन तीनो के साथ कोई प्रत्यावर्ती धारा स्रोत जुड़ा हो तो इस प्रकार बने परिपथ को LCR श्रेणी परिपथ कहते है।


अतः इस प्रकार पूर्ण तरंग दिष्टकारी में निवेशी प्रत्यावर्ती वोल्टज के दोनों अर्ध चक्रों में ही निर्गत धारा प्राप्त की जाती है। यह प्रक्रिया बार-बार करते हैं इस प्रकार p-n संधि डायोड पूर्ण तरंग दिष्टकारी के रूप में कार्य करता

है।


जोड़कर इसके उभयनिष्ठ बिंदु तथा द्वितीयक कुंडली A व B के केंद्रीय अंश निष्कासित बिंदु T के बीच एक लोड प्रतिरोध R जोड़ देते हैं। निर्गत वोल्टेज को इसी लोड प्रतिरोध के सिरों द्वारा प्राप्त करते हैं।


पूर्ण तरंग दिष्टकारी कार्यविधि


निवेशी प्रत्यावर्ती वोल्टेज के पहले अर्ध चक्र के दौरान, जब द्वितीयक कुंडली का A सिरा धनात्मक तथा B सिरा ऋणात्मक होता है। तब इस स्थिति में पहला संधि डायोड D1 अग्र अभिनति तथा दूसरा D2 पश्च अभिनति में होता है। जैसा चित्र में दिखाया गया है अतः इस प्रकार पहले संधि डायोड D1 में धारा प्रवाहित होती है तथा दूसरे संधि डायोड D2 में धारा प्रवाहित नहीं होती है।


निवेशी प्रत्यावर्ती वोल्टेज के दूसरे अर्ध चक्र के दौरान, जब द्वितीयक कुंडली का A सिरा ऋणात्मक तथा B सिरा धनात्मक होता है। तब इस स्थिति में पहला संधि डायोड D↑ पश्च अभिनति तथा दूसरा संधि डायोड D2 अग्र अभिनति में होता है। चित्र के जैसे ही, अतः इस प्रकार पहले संधि डायोड D1 से धारा प्रवाहित नहीं होती है। तथा दूसरे संधि डायोड D2 से धारा प्रवाहित होती है।




जैसा चित्र में दिखाया गया है की तीनों LCR आपस में श्रेणी क्रम में जुड़े है तथा एक प्रत्यावर्ती स्रोत भी श्रेणी क्रम में जुड़ा हुआ है अत: यह LCR परिपथ है।


जब प्रत्यावर्ती धारा स्रोत को चालू किया जाता है तो प्रतिरोध, प्रेरकत्व तथा संधारित्र इन तीनो के सिरों पर अलग अलग विभवान्तर उत्पन्न हो जाता है माना यह क्रमश: VR


VL, Vc है।


माना प्रत्यावर्ती धारा I = losinwt


प्रतिरोध के सिरों के मध्य विभवान्तर VR = Vosinwt



तथा संधारित्र के सिरों के मध्य विभवान्तर Vc = Vosin(wt - n/2


) है।


तथा प्रेरकत्व के सिरों के मध्य विभवान्तर VIL = Vosin(wt + n/2


) है।


अकेले प्रतिरोध के लिए धारा तथा विभवान्तर दोनों समान कला में होते


है।


अकेले प्रेरकत्व के लिए विभवान्तर धारा से कला में TT/2 आगे रहता है। अकेले संधारित्र के लिए विभवान्तर धारा से कला में TT / 2 पीछे रहता है। अत: तीनों के लिए अलग लग फेजर डायग्राम निम्न प्रकार होगा


कक्षा 12 वीं अर्थशास्त्र प्री बोर्ड पेपर सम्पूर्ण ह


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