मध्य प्रदेश पर निबंध//essay on Madhya Pradesh in Hindi
मध्य प्रदेश पर निबंध//essay on Madhya Pradesh in Hindi |
Table of contents
मध्य प्रदेश के बारे में 10 लाइन
आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश पर निबंध
मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर भाषण
हमारा मध्य प्रदेश पर निबंध
मध्य प्रदेश पर संस्कृत में निबंध
मध्यप्रदेश की विशेषताएं
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1 नवंबर मध्य प्रदेश स्थापना दिवस
मध्यप्रदेश को पहले मध्य भारत के नाम से जाना जाता था। 1956 से पहले मध्य भारत नाम था।
10 line on Madhya Pradesh in Hindi
मध्य प्रदेश पर 10 लाइन
1.मध्य प्रदेश मध्य भारत का एक राज्य है।
2.मध्य प्रदेश का गठन 1 नवंबर 1956 को हुआ था।
3.मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल है और सबसे बड़ा शहर इंदौर है।
4.मध्य प्रदेश क्षेत्रफल के हिसाब से दूसरा सबसे बड़ा राज्य और जनसंख्या के हिसाब से पांचवा सबसे बड़ा राज्य है।
5.इस राज्य की राजभाषा हिंदी है।
6.नर्मदा मध्य प्रदेश की सबसे लंबी नदी है।
7.मध्य प्रदेश प्रशासनिक रूप से 10 संभागों में और आगे 52 जिलों में विभाजित है।
8.राज्य का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 308,245 वर्ग किमी है।
9.राज्य की महत्वपूर्ण वृक्ष प्रजातियों में बाबुल, खैर, सफेद खैर आदि शामिल है।
10.इस राज्य में हिंदू धर्म प्रमुख धर्म है।
1.Madhya Pradesh is a state in Central India.
2.Madhya Pradesh rajya formed on 1 November 1956.
3.The capital of Madhya Pradesh is Bhopal and the largest city is Indore.
4.Madhya Pradesh is the 2nd largest state by area and the 5th largest state by population.
5.The official language of the state is Hindi.
6.The Narmada is the longest river in Madhya Pradesh.
7.Madhya Pradesh is administratively divided into 10 divisions and further into 52 districts.
8.The total geographical area of the state is 308, 245 sq. km.
9.Important tree species of the state includes babul, khair, safed khair, etc.
10.Hindustan is the dominant religion in the state.
प्रस्तावना- मध्य प्रदेश राज्य 1 नवंबर 1956 को बनाया गया था। क्योंकि यह भारत का मध्य क्षेत्र है। मध्य प्रदेश में 51 जिले शामिल हैं, जिन्हें 2013 तक 10 विभागों में बांटा गया है। मध्यप्रदेश में उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु है। भारत के दिल में बसे मध्य प्रदेश के राज्यपाल राम नरेश यादव और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हैं। मध्य प्रदेश 1 नवंबर 2000 तक क्षेत्रफल के आधार पर भारत का सबसे बड़ा राज्य था। इस दिन एक मध्य प्रदेश के कई नगर उसे हटाकर छत्तीसगढ़ की स्थापना हुई थी। प्रदेश की सीमाएं 5 राज्यों की सीमाओं से मिलती है। हिना के उत्तर में उत्तर प्रदेश, पूर्व में छत्तीसगढ़, दक्षिण में महाराष्ट्र, पश्चिम में गुजरात, उत्तर पश्चिम में राजस्थान है।
मध्य प्रदेश की संस्कृति- भारत की संस्कृति में मध्य प्रदेश जगमगाती दीपक के समान है जिसकी रोशनी की सर्वथा अलग प्रभा और प्रभाव है। यह विभिन्न संस्कृतियों की अनेकता में एकता का जैसे आकर्षण गुलदस्ता है, मध्यप्रदेश जिसे प्रगति ने राष्ट्र की वेदी पर जैसे अपने हाथों से सजा कर रख दिया है, जिसका सतरंगी सौंदर्य और मनमोहक सुगंध चारों ओर फैल रहे हैं। यहां के जनपदों की आबोहवा में कला, साहित्य और संस्कृति की मधुमयी सुवास तैरती रहती है। यहां के लोग समूहों और जनजाति समूह में प्रतिदिन नृत्य, संगीत, गीत की रसधारा सहज रूप से फटती रहती है। यहां का हर दिन पर्व की तरह आता है और जीवन में आनंद रस घोलकर स्मृति के रूप में चला जाता है। इस मध्यप्रदेश के तंग उतुंग शैली शिखर विंध्य-सतपुड़ा, मैकल-कैमूर की उपत्यइकआओं के अंतर से गूंजते अनेक पौराणिक आख्यान और नर्मदा, सोन, ताप्ती, शिप्रा, काली सिंध आदि सर-सरिताओं के और धर्म और मिलन की कथाओं से छोटी सहस्त्रधारा यहां के जीवन को आप्लावित ही नहीं करती , बल्कि परि तृप्त भी करती है।
संस्कृति संगम-मध्यप्रदेश में 5 लोग संस्कृतियों का समावेश संसार है। यह पांच सांस्कृतिक क्षेत्र हैं-
निमाड़
मालवा
बुंदेलखंड
बघेलखंड
ग्वालियर (चंबल)
प्रत्येक सांस्कृतिक क्षेत्र या भू-भाग का एक अलग जीवंत लोकजीवन, साहित्य, संस्कृति, इतिहास, कला, बोली और परिवेश है। जीवन शैली, कला, सहित्य और वाचिक परंपरा मिलकर किसी अंचल की सांस्कृतिक पहचान बनाती है।
मध्य प्रदेश की संस्कृति विविधवर्णी है। गुजरात, महाराष्ट्र अथवा उड़ीसा की तरह इस प्रदेश को किसी भाषाई संस्कृति में नहीं पहचाना जाता। मध्यप्रदेश विभिन्न लोग और जनजातीय संस्कृति और समागम है। यहां कोई एक लोक संस्कृति नहीं है। यहां पर एक तरफ 5 लोग संस्कृतियों का समावेश ही संसार है तो दूसरी और अनेक जनजातियों की आदिम संस्कृति का विस्तृत फलक पसरा है।
निष्कर्ष: मध्य प्रदेश 5 व सांस्कृतिक क्षेत्र निमाड़, मालवा,बुंदेलखंड, बघेलखंड और ग्वालियर
निमाड़: निमाड़ मध्य प्रदेश के पश्चिमी अंचल में अवस्थित है। अगर इसके भौगोलिक सीमाओं पर एक दृष्टि डालें तो यह पता चला है कि निमाड़ के एक और विंध्य की उतुंग शैल श्रृंखला और दूसरी तरफ सतपुड़ा की सात उपत्यइकआओं है, जबकि मध्यम मैं फिर नर्मदा की अजस्त्र जलधारा। पौराणिक काल में निमाड़ अनूप जनपद चलाता था। बाद में इसे निमाड़ की संज्ञा दी गई। फिर इसे पूर्वी और पश्चिमी निमाड़ के रूप में जाना जाने लगा।
मालवा: मालवा महाकवि कालिदास की धरती है। यहां की धरती हरी भरी धन-धान्य से भरपूर रही है। यहां के लोगों ने कभी भी अकाल को नहीं देखा। विंध्याचल के पठार पर प्रसारित मालवा की भूमि सस्य, श्यामल, सुंदर और उर्वर तो है ही यहां की धरती पश्चिम भारत की सबसे अधिक स्वर्णमयी और गौरवमई भूमि रही है।
बुंदेलखंड: एक प्रचलित अवधारणा ही अनुसार, यह क्षेत्र जो उत्तर में यमुना, दक्षिण में विंध्य प्लेटों की श्रेणियों, उत्तर पश्चिम में चंबल और दक्षिण पूर्व में पन्ना, अजमगढ़ श्रेणियों से घिरा हुआ है, बुंदेलखंड के नाम से जाना जाता है। इसमें उत्तर प्रदेश के 4 जिले-जालौन, झांसी, हमीरपुर और बांदा तथा मध्य प्रदेश के 5 जिले- सागर, दतिया, टीकमगढ़, छतरपुर और पन्ना के अलावा उत्तर-पश्चिम में चंबल नदी तक प्रसरित विस्तृत प्रदेश का नाम था। कनिंघम मैं बुंदेलखंड के अधिकतम विस्तार के समय इसमें गंगा और यमुना का समस्त दक्षिणी प्रदेश जो पश्चिम में बेतवा नदी से पूर्व में चंदेरी और सागर की जिलों में सहित विंध्यवासिनी देवी के मंदिर तक तथा दक्षिण में नर्मदा नदी के मुहाने के निकट बिल्हारी तक प्रसारित था माना जाता है।
मध्य प्रदेश 1 नवंबर इतिहास भारत के पटल पर आए थे देश के 6 राज्य कुछ ऐसा है इसका इतिहास
मध्य पदेश देश के दिल कहे जाने वाले राज्य मध्य प्रदेश आज 1 नवंबर 2022 को अपना 67 वां स्थापना दिवस मना रहा है इस राज्य की स्थापना 1 नवंबर 1956 को हुई थी भारत के दूसरे सबसे बड़े राज्य मध्यप्रदेश की स्थापना तत्कालीन भारत सरकार के लिए सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण रही थी। जिसका मुख्य कारण था चार प्रांत मध्य प्रांत, पुराना मध्य प्रदेश, विंध्य प्रदेश और भोपल को जोड़ कर एक राज्य बनाना लेकिन असल में बड़े प्रांतों मैं रहने वाली जनता अलग-अलग विचार जीवन शैली, खान-पान, रहन-सहन,जीवन शैली, लोक संस्कृति, आचार विचार की थी, बहुत सी विचार विमर्श के बाद आखिरकार मध्य प्रदेश बना पुनर्गठन के पहले इसे मध्य प्रदेश के नाम के पहले मुख्यमंत्री के तौर पर पंडित रविशंकर शुक्ल का लाल परेड ग्राउंड पर वाला भाषण हुआ।
छत्तीसगढ़- छत्तीसगढ़ 1 नवंबर 2000 में छत्तीसगढ़ एक अलग राज्य के रूप में स्थापित हुआ । माना जाता है कि भगवान श्री राम का ननिहाल दक्षिण कौशल प्रांत की नगरी है। छत्तीसगढ़ी प्राचीन नाम नहीं है। इस नाम का प्रचलन 18 सदी के दौरान मराठा काल में हुआ छत्तीसगढ़ आज 1 नवंबर 2022 को अपना 22 वा स्थापना दिवस मना रहा है साल 1965 में प्रांत का विलय वर्तमान मध्यप्रदेश में कर दिया था लेकिन बाकी राज्यों की तरह मध्य प्रदेश का गठन भाषा के आधार पर नहीं हुआ था तत्कालीन समय इसमें 36 गढ़ समाहित थे और यहां पर सभी लोग छत्तीसगढ़ी और गौड़ भाषा बोलते थे जिसके चलते छत्तीसगढ़ को अलग राज्य बनाने की मांग स्वतंत्रता से पहले ही उठ रही थी लेकिन तब इसे नजरअंदाज कर दिया था बाद में 1 नवंबर 2000 में छत्तीसगढ़ का गठन हुआ अमित जोगी को पहला मुख्यमंत्री बनाया गया।
विश्व सुनामी जागरूकता दिवस 5 नवंबर
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक वर्ष 5 नवंबर विश्व सुनामी जागरूकता दिवस(world tsunami Awareness day) का आयोजन किया जाता है।
- जिसका उद्देश्य आम लोगों को सुनामी जैसी घातक आपदा के बारे में जागरूक करना है।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार सुनामी(tsunami) शब्द की उत्पत्ति जापान से हुई है। जहां(tsu) शब्द का अर्थ है बंदरगाह (Harbour) और नामी ( Nami) का अर्थ है लहर(Waves)
वर्ष 2004 मैं हिंदू महासागर में आई सबसे घातक सुनामी के बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रत्येक वर्ष 5 नवंबर को विश्व सुनामी जागरूकता दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया।
उत्तराखंड स्थापना दिवस 9 नवंबर
9 नवंबर 2022 को उत्तराखंड का 22 वां स्थापना दिवस मनाया जाएगा। इस अवसर पर राज्य में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएगे।
उत्तराखंड का गठन 2 नवंबर 2000 को भारत के 27 राज्य के रूप में किया गया था ।
वर्तमान उत्तराखंड राज्य पहले आगरा और अवध संयुक्त प्रांत का हिस्सा था। यह प्रांत 1902 में अस्तित्व में आया था। और बाद में वर्ष 1935 में इसे संक्षेप केवल संयुक्त प्रांत कहा जाने लगा। जनवरी 1950 में संयुक्त प्रांत का नाम उत्तर प्रदेश रखा गया और वर्ष 2000 में उत्तर प्रदेश के उत्तरी हिस्से को अलग करके उत्तराखंड राज्य की अंतरराष्ट्रीय सीमाएं उत्तर में चीन तिब्बत पूर्व में नेपाल से मिलती है। इसके उत्तर पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश है यह प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध राज्य है
उत्तराखंड की 90% आबादी कृषि पर निर्भर है उत्तराखंड की कुल 13 जिले हैं और वे देहरादून कहां की राजधानी है यहां मुख्य तौर पर हिंदी अंग्रेजी भाषा का प्रयोग किया जाता है जबकि गढ़वाली और कुमाऊंनी यहां की स्थानीय बोलियां हैं।
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