गूगल क्या है और उसका इतिहास एवं विकास || Google kya hai aur uska itihaas AVN Vikas in Hindi
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गूगल क्या है और उसका इतिहास एवं विकास || Google kya hai aur uska itihaas AVN Vikas in Hindi |
Table of contents
इस समय इंटरनेट की दुनिया में कदम रखते ही जो पहला नाम सुनने को मिलता है, वह है गूगल. इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले लगभग सभी लोग इस नाम से वाकिफ हैं और इसका प्रयोग भी विभिन्न तरह से करते हैं, किंतु बहुत कम लोगों को वास्तविक रूप से यह पता है कि आखिर गूगल है क्या वास्तविक तौर पर गूगल एक मल्टीनेशनल टेक्नोलाजी (अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी) कंपनी है, जो इंटरनेट संबंधित सर्विस (सुविधाएं) और प्रोडक्ट (उत्पाद) लोगों को सेवा के रूप में प्रदान करती है। इसकी सब इसके अंतर्गत ऑनलाइन एडवरटाइजिंग टेक्नोलॉजी सर्च क्लाउड कंप्यूटिंग, सॉफ्टवेयर हार्डवेयर आदि आते हैं।
गूगल का इतिहास (History of Google)
गूगल की स्थापना जनवरी 1996 में लैरी m और सर्जे ब्रिन की खोज के दौरान हुई। इतना ही नहीं स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से दोनों पीएचडी की पढ़ाई कर रहे थे। इस समय दोनों पीएचडी के विद्यार्थियों ने अपनी शोध में सर्च इंजन के नाम से इसे परिभाषित किया था, जिसके बाद में गूगल का नाम दिया गूगल शब्द एक अन्य शब्द गूगल (Google) से आया है। इस सर्च इंजन के पीछे का संकल्पना कंसेप्ट था, एक तरह की दो वेबसाइट के बीच तुलना करना। एक गूगल में 1 के बाद 100 शून्य स्थापित होता है। आरंभ में यह सर्च इंजन स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के लिए प्रयोग किया गया और इस विश्वविद्यालय के औपचारिक वेबसाइट के आधीन चलाया गया।
गूगल का आविष्कार कब हुआ (Establishment of Google)
गूगल को आरंभ में एंडी द्वारा फंडिंग दी गयी, एंडी सन माइक्रोसिस्टम के संस्थापकों में से एक है। यह फंडिंग इसे तब दी गई जब गूगल किसी भी तरह से बाजार में उपलब्ध नहीं था और किसी तरह का धनार्जन नहीं कर रहा था। इसकी सफलता को देखते हुए पुनः तीन और एंजेल निवेशकर्ता द्वारा फंडिंग प्राप्त हुई। ये तीन एंजेल निवेशकर्ता थे अजमेन डॉट कॉम के संस्थापक जेफबेजोस, स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के साइंस प्रोफेसर डिविट चोरीटोन तथा एंटरप्रेन्योर राम श्रीराम वर्ष 1998 के अंत तथा 1999 के आरंभ में इस तरह के निवेश के बाद 7 जुलाई 1999 गूगल को 25 मिलीयन डॉलर की फंडिंग प्राप्त हुई। इस फंडिंग निवेश में कई निवेशकर्ता या इन्वेस्टर मौजूद थे। इन बड़े निवेशकर्ता में उद्यम पूंजी फर्म क्लेनर पर्किन्स कॉफील्ड एंड बियरर्स तथा सेक्वाया कैपिटा शामिल थे।
वर्ष 1999 के आरंभ में ब्रिन और पेज ने मिलकर यह निर्णय लिया था कि वह एक्साइट नामक कंपनी गूगल को बेच देंगे। उन्होंने इस कंपनी के सीईओ जॉर्ज बेल से मुलाकात की और 1 मिलियन डॉलर में इसे बेचने का ऑफर दिया, हालांकि जॉर्ज ने इस ऑफर ठुकरा दिया। एक्साइट कंपनी के मुख्य निवेशकों में से एक विनोद खोसला ने यह डील हाला की 1 मिलियन डॉलर से 750,000 मिलियन डॉलर तक ले आए, लेकिंग जॉर्ज बेलने इसे फिर भी ठुकरा दिया था।
गूगल की जानकारी (information or about Google in Hindi)
गूगल से संबंधित विशेष बातें इस प्रकार हैं:
गूगल का आईपीओ (initiel public offering) वर्ष 2004 में किया गया था इस प्रोग्राम में Larry Page, sergey Brin, और Eric Schmidt ने यह तय किया कि ये तीनों एक साथ मिलकर 20 वर्षों तक कार्यरत रहेंगे अतः 2024 तक यह तीनों एक साथ गूगल कंपनी का संचालन करेंगे।
आईपीयू प्रोग्राम में गूगल की तरह से 19,605,052 ऑफर शेयर किया गया प्रति शेयर का मूल्य 85 डॉलर रखा गया। वह शेयर ऑनलाइन एक सरवर की सहायता से बेचा गया, जिसका निर्माण Morgan Stanley और credit Suisse ने किया था।
इस शेयर के बिकने से गूगल कंपनी की 23 मिलीयन डॉलर से भी अधिक का बाजार पूंजीकरण हुआ। इस समय गूगल के अधीन 271 मिलियन शेयर है।
गूगल कंपनी का विकास (progress of Google)
गूगल एक ऐसी कंपनी है जिसने बहुत कम समय में बहुत अधिक विकास किया है। इसकी विकास के विभिन्न चरण निम्नलिखित हैं।
1. मार्च 1919 के समय गूगल ने अपना ऑफिस कैलिफोर्निया के पालो आल्टो में बनाया । इस समय यहां पर सिलिकन वैली के अंतर्गत स्टार्ट अप करने वाली बहुत सी कंपनियां इसी समय काम कर रही थी।
2. वर्ष 2000 में गूगल ने बेचने एवं प्रचार करने का काम शुरू किया, जिसमें कीवर्ड तकनीकी का प्रयोग किया जाता था। कीवर्ड एटाइजमेन्ट सेलिंग का काम सबसे पहले Goto.com के लिए किया गया। यह वेबसाइट आईडियालैब (idealab) का एक स्पिन ऑफ था, जिसे बिल ग्रोस ने तैयार किया था।
3. वर्ष 2001 में अपने पेज रैंक मैकेनिज्म के लिए गूगल को पेटेंट प्राप्त हो गया। औपचारिक तौर पर ही यह पेटेंट स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय को दिया गया। जिसमें इन्वेंटर के तौर पर लायंस पेज का नाम दिया गया।
4. वर्ष 2003 में इस कंपनी ने अपना ऑफिसियल कोम्प्लेस 1600 एम्फीथिएटर माउंटेन व्यू कैलिफोर्निया में स्थापित किया इस स्थान को अब गूगलप्लेक्स के नाम से जाना जाता है। गूगलप्लेक्स का इंटीरियर क्लीव विलकिंसन द्वारा बनाया गया है।
गूगल पर विवाद (criticism of Google)
1.बहुत कम समय में बहुत अधिक विकास के कारण इस कंपनी पर कई लोगों की आलोचना का शिकार होना पड़ा कई लोगों के आरोप आदि सच भी हुए हैं। गूगल सबसे अधिक जिन बातों के लिए आलोचना का पात्र हुआ वह है, अत्यधिक टैक्स अवॉयडेस, न्युत्रलिटी सर्च, कॉपीराइट, सेंसरशिप और जेंडर डिस्क्रिमिनेशन गूगल हालांकि अमेरिका की पांच सबसे बड़ी कंपनियों में अपना नाम दर्ज कराया है किंतु इन पांचों कंपनियों में सबसे कम टैक्स देने वाली कंपनी यही है।
2.गूगल पर यह भी आरोप है कि यह अपने यहां काम करने वाली स्त्रियों को पुरुषों से कम पैसे देता है। इस तरह से गूगल के ऊपर कई तरह के सवाल उठते रहे हैं।
गूगल सर्च इंजन (Google search Engine)
आम लोगों में गूगल की अन्य सुविधाओं का चलन कुछ कम हो सकता है, किंतु गूगल इंजन का प्रयोग हर इंटरनेट प्रयोग करने वाले व्यक्ति के साथ किया जाता है। इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2009 में अमेरिका के मार्केट में गूगल का प्रयोग अन्य सर्च इंजन की तुलना में सबसे अधिक हो रहा था। अमेरिका के बाजार में गूगल का शेयर 65.6% का था।
वर्ष 2003 में न्यूयॉर्क टाइम्स ने गूगल इंडेक्सिंग की प्रक्रिया के लिए शिकायत की थी। न्यूयॉर्क टाइम्स का कहना था कि गूगल का अपने वेबसाइट के लिए इंफॉर्मेशन कैच करना कॉपीराइट की प्रक्रिया के खिलाफ है। इस केस में यूनाइटेड स्टेट के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने फील्ड वी। गूगल के आधार पर गूगल के हक में फैसला किया। पब्लिकेशन 'द हैकर क्वार्टरली' के अंतर्गत शब्दों की एक इवेंटरी (डेटा संग्रालय) बनाई गयी, जो तुरंत सर्च करने की तकनीकी के अंतर्गत इंजन सर्च ना कर सके।
जुलाई 2010 में विंग के आधार पर गूगल ने अपना इमेज सर्च अपडेट किया ताकि स्ट्रीमिंग के दौरान यूजर को इमेज के थबनेल दिखाई दे सके। साल 2013 में गूगल सर्च इंजन में हमिंग बर्ड अपडेट की खबर सामने आई। इसके आने से यूजर को यह आसानी हुई कि अब वह आम भाषा में भी कीवर्ड का ध्यान रखे बिना सर्च कर सकता था।
अगस्त 2016 में गूगल ने इसके लिए दो बड़ी घोषणाएं की। पहली घोसणा ये थी कि गूगल सर्च इंजन से मोबाइल फ्रेंडली टर्म को हटाना ताकि हाइलाइटेड मेजेस को मोबाइल पर आसानी से समझा जा सके और दूसरा ये कि जनवरी 2017 से उन सभी मोबाइल पेजेस को हटाया जाएगा मध्यवर्ती (हिडन इंटरमीडिएट) किस्म के होते हैं मई 2017 से गूगल अपने सर्च इंजन में पर्सनल टैब' जैसी चीज लाने वाला था
सॉफ्टवेयर पर आधारित सर्विस (service software Google)
गूगल ने एंड्रॉयड मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम का निर्माण किया है। इस सिस्टम का प्रयोग करके लगभग सभी मोबाइल कंपनियों ने स्माटफोन बनाया और उसका व्यापार किया। इसी के साथ गूगल ने स्मार्टवाच, स्मार्टटेलीविजन, आदि बहुत सी चीजें बनायी। ब्राउज़र में गूगल का बनाया हुआ गूगल क्रोम काफी प्रचलित है। इसका एक और वेब ब्राउजर क्रोम ओएस है।
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