मजदूर दिवस पर निबंध || Essay on Labour Day in Hindi

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मजदूर दिवस पर निबंध || Essay on Labour Day in Hindi

मजदूर दिवस पर निबंध || Essay on Labour Day in Hindi 

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नमस्कार दोस्तों, आज की इस पोस्ट में हम आपको मजदूर दिवस पर निबंध लिखना सिखाएंगे और इसके साथ ही हम आपको इस दिवस के बारे में संपूर्ण जानकारी देने का प्रयास करेंगे। तो आइए देखते हैं कि मजदूर दिवस पर निबंध किस प्रकार से लिखा जाएगा। दोस्तों अगर आपके लिए यह post useful हो तो अपने सभी दोस्तों के साथ भी शेयर करिएगा।

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हिम्मत जो ना हारे कभी,

अपने कर्मों पर अडिग रहे,

हर बाधा नतमस्तक जिसके आगे,

दुनिया उसको मजदूर कहे।


Table of contents –


प्रस्तावना

श्रमिक दिवस कैसे और क्यों हुई शुरुआत

भारत में मजदूर दिवस की शुरुआत

विभिन्न भारतीय राज्यों में मजदूर दिवस

भारत में मजदूर दिवस उत्सव –

निष्कर्ष


प्रस्तावना –


"1 मई" को दुनिया के कई देशों में 'अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस' मनाया जाता है। दुनियाभर में करोड़ों मेहनतकशों के लिए आज का दिन (1 मई) त्योहार से कम नहीं है। क्योंकि आज के ही दिन मजदूरों ने संघर्ष करके, दमनकारी, शोषणकारी व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष करके काम के घंटे को 8 घंटे तक सीमित करने में सफल हुआ था। तब से '1 मई' को 'अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस' के रुप में मनाया जाता है। दुनिया में औद्योगिकरण की शुरुआत होने पर कल-कारखाना खोली गई। उत्पाद, माल और चीजों को बनाने के लिए मजदूरों से काम तो लिए जाते थे, लेकिन काम के घंटे तय नहीं थे। मजदूरों से 24 घंटों में 18 घंटों तक काम लिया जाता था। उन्हें कारखानों में ही रहने के लिए मजबूर होना पड़ता था। इससे मजदूरों का जीवन जीना मुश्किल हो गया। मजदूरों में असंतोष फैलने लगा। वे संगठित होने लगे थे।


इस दिन को labour Day, worker day, मई दिवस, श्रमिक दिवस और मजदूर दिवस भी कहा जाता है। इस दिन भारत समेत कई देशों में मजदूरों की उपलब्धियों को और देश के विकास में उनके योगदान को सम्मान किया जाता है। ये दिन मजदूरों के सम्मान, उनकी एकता और उनके हक के समर्थन में मनाया जाता है।


श्रमिक दिवस कैसे और क्यों हुई शुरुआत -


अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की शुरुआत '1 मई 1886' को हुई थी जब अमेरिका में 'मजदूर यूनियन' के सदस्यों ने काम का समय 8 घंटे से ज्यादा ना रखें की मांग की थी; और इसके लिए हड़ताल की थी। इस हड़ताल के दौरान 'शिकागो' की 'हेमार्केट' में बम धमाका हुआ था। यह बम धमाका किसके द्वारा किया गया था इसकी जानकारी तो किसी को नहीं थी, लेकिन प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए और हड़ताल को खत्म कराने के लिए पुलिस ने मजदूरों पर गोलियां चला दी और कई मजदूर मर गए। 'शिकागो' में 'शहीद मजदूरों'  की याद में पहली बार मजदूर-दिवस मनाया गया।


इसके बाद पेरिस में 1889 में अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन में ऐलान किया गया कि 'हेमार्केट' नरसंहार में मारे गए निर्दोष लोगों की याद में '1 मई' को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाएगा और इस दिन सभी कामगारों और श्रमिकों का अवकाश रहेगा। तब से ही भारत समय दुनिया के करीब 80 देशों में मजदूर दिवस को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाने लगा।


भारत में मजदूर दिवस की शुरुआत –


भारत में 'मजदूर दिवस' मनाने की शुरुआत सबसे पहले 'मद्रास' में '1 मई 1923' को हुई थी। इसकी शुरुआत भारतीय मजदूर किसान पार्टी के नेता 'कामरेड सिंगरा वेलू चेटयार' ने शुरू की थी। भारत में 'मद्रास हाई कोर्ट' के सामने एक बड़ा प्रदर्शन किया गया और एक संकल्प पास करके यह सहमति बनाई गई कि इस दिवस को भारत में भी 'मजदूर दिवस' के तौर पर मनाया जाए और इस दिन छुट्टी का ऐलान किया जाए। उस समय भारत में मजदूरों की जंग लड़ने के लिए कई नेता सामने आए जिनमें ' दत्तात्रेय नारायण सामंत' उर्फ 'डॉक्टर साहब' और 'जॉर्ज फर्नांडिस' का था। दुनिया भर में मजदूर संगठित होकर अपने साथ हो रहे अत्याचारों व शोषण के खिलाफ आवाज उठा रहे थे। यही वह मौका था, जब पहली बार 'लाल रंग' का 'झंडा' 'मजदूर-दिवस' के प्रतीक के रूप में इस्तेमाल किया गया था। इसी के साथ भारत सहित दुनिया के तमाम देशों में मजदूरों के 8 घंटे काम करने से संबंधित 'कानून' लागू किए गए।


विभिन्न भारतीय राज्यों में मजदूर दिवस –


भारत में श्रम दिवस को अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस या कामगार दिन के नाम से जाना जाता है। हालांकि देश के विभिन्न राज्य इसे विभिन्न नाम से जानते हैं। तमिल में इसे उज्हैपलर धीनाम के नाम से जाना जाता है, मलयालम में इसे थोझिलाली दीनाम के रूप में जाना जाता है और कन्नड़ में इसे कर्मिकारा दीनाचारेन कहा जाता है।


महाराष्ट्र राज्य में 1 मई को महाराष्ट्र दिवस के रुप में मनाया जाता है और गुजरात में इसे गुजरात दिवस के रुप में मनाया जाता है। इसका कारण यह है कि 1960 में इसी दिन महाराष्ट्र और गुजरात को राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ था।


भारत में मजदूर दिवस उत्सव –


विश्व के अन्य देशों की तरह लेबर डे भी भारत में श्रमिक वर्ग से संबंधित लोगों के लिए उत्सव का दिन है। इस दिन संगठनों द्वारा मजदूरों के खिलाफ किसी भी अन्याय पूर्ण अभ्यास के पालन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाता है। प्रदर्शन करने के लिए भी कार्य किया जाता है ताकि यह दिखाया जा सके कि मजदूर एकजुट खड़े हैं और वे पूंजीपतियों की किसी भी अयोग्य मांग को बर्दाश्त नहीं करेंगे। श्रमिकों के बीच एकता को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख नेताओं द्वारा भाषण दिए जाते हैं। श्रमिक संघ भी पिकनिक और अन्य मनोरंजन गतिविधियों का संचालन करते हैं। 


निष्कर्ष –


यह दिवस उन लोगों के नाम समर्पित है जिन्होंने अपने मेहनत से देश और दुनिया के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। किसी भी देश, समाज, संस्था और उद्योग में मजदूरों, कामगारों और मेहनतकशों का योगदान अतुलनीय है। ऐसे में हमें 'मजदूर दिवस' के बहाने इन कामगर मेहनतकश लोगों का कोटि-कोटि धन्यवाद। 


Frequently asked questions –


प्रश्न - मजदूर दिवस कैसे मनाया जाता है?

उत्तर - 1886 में शिकागो में हेमार्केट दंगा ने अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक, दिवस के निर्माण के लिए प्रेरणा के रूप में कार्य किया, जिसे 1 मई को मनाया जाता है।


प्रश्न - मजदूर दिवस का क्या महत्व है?

उत्तर - यह विशेष दिन श्रमिकों के महत्व और अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को शिक्षित करने के लिए मनाया जाता है। कई देशों में, मजदूर दिवस एक राष्ट्रीय अवकाश होता है जहां कई संगठन अपने कर्मचारियों की बेहतरी के लिए अभियान आयोजित करते हैं।


प्रश्न - मजदूर दिवस क्यों मनाया जाता है?

उत्तर - International Labour Day 2023 देश दुनिया में मजदूर दिवस हर साल 1 मई को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य मजदूरों और श्रमिकों की उपलब्धियों का सम्मान करना और उनके द्वारा किए गए योगदान को याद करना है।


प्रश्न - 1 मई मजदूर दिवस क्यों है?

उत्तर - पहला अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस 1 मई 1890 को यूरोप में सोशलिस्ट पार्टियों की पहली अंतर राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा 14 जुलाई 1889 को पेरिस, फ्रांस में उद्घोषणा के बाद मनाया गया था, हर साल 1 मई को अंतर राष्ट्रीय एकता और श्रमिक दिवस के रूप में समर्पित किया जाता है।


प्रश्न - मजदूर दिवस किसकी याद में मनाया जाता है?

उत्तर - अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस या मई दिन मनाने की शुरुआत 1 मई 1886 से मानी जाती है जब अमेरिका की मजदूर यूनियनों ने काम का समय 8 घंटे से अधिक ना रखे जाने के लिए हड़ताल की थी। इस हड़ताल के समय शिकागो की मार्केट में बम धमाका हुआ था। यह बम किसने फेका किसी का कोई पता नहीं।


प्रश्न - भारत ने मई दिवस कब मनाया शुरू किया?

उत्तर - हालांकि, भारत में, लोगों ने 1 मई 1923 को लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान की शुरुआत के बाद इस दिन को मनाना शुरू किया और कॉमरेड सिंगार वेलर ने इस समारोह का आयोजन किया। एक प्रस्ताव जिसमें कहा गया है कि सरकार को मजदूर दिवस पर सभी को राष्ट्रीय अवकाश की अनुमति देनी चाहिए। तब से मई दिवस प्रतिवर्ष मनाया जाता है।


प्रश्न - भारत में मजदूर दिवस का आविष्कार किसने किया था?

उत्तर - यह पहली बार भारत में चेन्नई में मनाया गया था, जिसे 1 मई, 1923 को मद्रास के नाम से जाना जाता था। यह पहल लेबर किसान पार्टी आफ हिंदुस्तान द्वारा की गई थी। पार्टी के नेता कॉमरेड सिंगार वेलर मैं इस अवसर को मनाने के लिए दो सभाओं का आयोजन किया।


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Reference –

www.hindikiduniya.com

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