ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध || Essay on Global warming in Hindi

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ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध || Essay on Global warming in Hindi

ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध || Essay on Global warming in Hindi

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नमस्कार दोस्तों, आज की इस पोस्ट में हम आपको ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध लिखना सिखाएंगे और इसके साथ ही हम आपको इस विकट समस्या को गहराई से समझाने का प्रयास करेंगे। तो आइए देखते हैं कि ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध किस प्रकार से लिखा जाएगा। दोस्तों अगर आपके लिए यह post useful हो तो अपने सभी दोस्तों के साथ भी शेयर करिएगा।


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Table of contents –


1.प्रस्तावना

2.ग्लोबल वार्मिंग का अर्थ

3.ग्लोबल वार्मिंग के कारण

4.ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव

5.ग्लोबल वार्मिंग के परिणाम

6.समस्या का समाधान

7.ग्लोबल वार्मिंग के रोकथाम के उपाय

8.ग्लोबल वॉर्मिंग के नियंत्रण के उपाय

9.भूमंडलीय ऊष्मीकरण या ग्लोबल वार्मिंग के प्रति जागरूकता

10. निष्कर्ष

ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध हिंदी में 10 लाइन

ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध अंग्रेजी में 10 लाइन


"ग्लोबल वार्मिंग को दूर भगाएं,

पर्यावरण को स्वच्छ बनाएं।"


प्रस्तावना –


आधुनिक समय में ग्लोबल वार्मिंग की समस्या पूरी मानव जाति हेतु एक चिंता का विषय बन चुकी है। मगर ग्लोबल वार्मिंग एक ऐसी समस्या है जो एक बार बढ़ गई तो फिर इसे संतुलित कर पाना बड़ा ही मुश्किल होगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि ग्लोबल वार्मिंग को नियंत्रित नहीं किया गया तो आने वाले समय में इस पृथ्वी पर जीवन यापन असंभव हो जाएगा।

आज के युग में जहां मनुष्य दिनोंदिन कई तरह की नई नई तकनीक विकसित करता आ रहा है विकास के लिए मनुष्य कई तरह से प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर रहा है। जिसकी वजह से प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने में बहुत मुश्किल हो रही है। यही असंतुलन कई तरह की समस्याओं को पैदा करता है। इन गंभीर समस्याओं में से एक समस्या ग्लोबल वार्मिंग होती है।


ग्लोबल वार्मिंग का अर्थ –


औद्योगिक क्रांति के बाद से औसत वैश्विक तापमान में वृद्धि को ग्लोबल वार्मिंग कहते हैं।

सामान्य शब्दों में, ग्लोबल वार्मिंग का अर्थ प्रदूषण के कारण पृथ्वी के तापमान में होने वाले वृद्धि से है। हमारी पृथ्वी इस समस्या के कारण दिन प्रतिदिन अधिक गर्म होती जा रही है।

ग्लोबल वार्मिंग का अर्थ होता है लगातार तापमान का बढ़ना। जब कोई परिवर्तन प्रकृति में नियम या शर्त के अनुसार नहीं होता है उसे ग्लोबल वार्मिंग कहते हैं। ये सभी बदलाव मानव द्वारा प्रकृति में दिया जाता है। यह प्रक्रिया वातावरण और धरती को अपने तापमान से ज्यादा गर्म कर देती है। औ


ग्लोबल वार्मिंग के कारण –


ग्लोबल वार्मिंग के बहुत से कारण है जैसे कि वनों की अंधाधुंध कटाई, आवश्यकता से अधिक आधुनिकीकरण, जनसंख्या विस्फोट, औद्योगिकीकरण, विभिन्न प्रकार के प्रदूषण, ग्रीन हाउस प्रभाव आदि। ग्रीन हाउस में शामिल गैसें जैसे-कार्बन डाइऑक्साइड, मेथेन एवं जलवाष्प की मात्रा जब आवश्यकता से अधिक बढ़ने लगती है तो यह पृथ्वी में तापमान को आवश्यकता से अधिक बढ़ा देता है।


       यदि कुछ कारणों को छोड़ दिया जाए तो ग्लोबल वार्मिंग की समस्या का मुख्य कारण मानव जनित ही है। अगर समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वह दिन दूर नहीं जब यह मानवता के विनाश का कारण बन जाएगा।


ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव –


अगर इस तरह से ग्लोबल वॉर्मिंग बढ़ती रहेगी तो जो भी बर्फीले स्थान है वो पिघल कर अपना अस्तित्व खो देंगे। आजकल गर्मी और अधिक बढ़ती जा रही है। सर्दियों में ठंड कम होती जा रही है। जब हम सर्वे को देखते हैं तो पता चलता है कि पृथ्वी का तापमान धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है।


ग्लोबल वार्मिंग के परिणाम –


मौसम में बदलाव, अत्यधिक गर्मी का पड़ना, समुद्र में जल स्तर का बढ़ना, प्राकृतिक आपदा आना, ओजोन परत में छेद होना आदि ग्लोबल वार्मिंग के ही परिणाम हैं।


      वैश्विक तापमान में वृद्धि से तूफान, बाढ़, जंगल की आग, सूखा और लू के खतरे की आशंका बढ़ जाती है।


समस्या का समाधान –


ग्लोबल वार्मिंग से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं और ऐसे कार्यों को ना करें या कम करें जिससे ग्लोबल वार्मिंग बढ़ती है। हमें ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन कम करना चाहिए। सरकारी एजेंसियों, व्यवसाय प्रधान, निजी क्षेत्र, एन.जी.ओ. आदि द्वारा बहुत से कार्यक्रम ग्लोबल वार्मिंग कम करने के लिए चलाए जा रहे हैं।


ग्लोबल वार्मिंग के रोकथाम के उपाय –


सरकार को ग्लोबल वार्मिंग को खत्म करने के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए जागरूकता का अभियान चलाना चाहिए। जागरूकता के अभिमान का काम किसी भी एक राष्ट्र को करने से नहीं होगा। इस काम को हर राष्ट्र के द्वारा करना जरूरी है।


ग्लोबल वार्मिंग के नियंत्रण के उपाय –


1.सरकारी एजेंसियों, व्यापारिक नेतृत्व, निजी क्षेत्रों और एनजीओ आदि के द्वारा, जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए। जागरूकता के अभियान का काम किसी भी एक राष्ट्र के करने से नहीं होगा। इस काम को हर राष्ट्र के द्वारा करना जरूरी है।

2. ग्लोबल वार्मिंग से बहुत तरह की हानियां हुई है जिन्हें ठीक तो नहीं किया जा सकता लेकिन ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ने से रोका जा सकता है जिससे बर्फीले इलाकों को पिघलने से बचाया जा सके।

3. वाहनों और उद्योगों में हानिकारक गैसों के लिए समाधान किए जाने चाहिए जिससे ग्लोबल वार्मिंग को कम किया जा सके।

4. जो चीजें ओजोन परत को हानि पहुंचाती हैं उन सभी चीजों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। हमें कुछ उपायों के द्वारा इसे बढ़ने से रोकना होगा।

5. जिन वाहनों से प्रदूषण होता है उन पर रोक लगानी चाहिए। जितना हो सके प्रदूषण करने वाले वाहनों को कम प्रयोग करना चाहिए जिससे प्रदूषण को कम किया जा सके।

6. घर और ऑफिस में कम से कम एयर कंडीशनर का प्रयोग करना चाहिए। एयर कंडीशनर से निकलने वाली CFC गैसें वायुमंडल को गर्म करती हैं।

7. पेड़ों की कटाई को रोककर अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए।


भूमंडलीय ऊष्मीकरण या ग्लोबल वार्मिंग के प्रति जागरूकता –


ग्लोबल वार्मिंग की समस्या को गंभीरता से लेते हुए सभी देशों को एकजुट होकर कानून पारित करना चाहिए। लोगों को इसके परिणामों से अवगत करवाने के लिए सेमिनार करवाने चाहिए। ताकि सभी व्यक्ति इसके घातक परिणामों को जान सके और जागरूक हो सके। यह समस्या किसी एक की नहीं है बल्कि उन सभी की है जो धरती पर सांस ले रहे हैं।

      ग्लोबल वार्मिंग को रोकने का कोई इलाज नहीं है। इसके बारे में सिर्फ जागरूकता फैलाकर ही इससे लड़ा जा सकता है। हमें अपनी पृथ्वी को सही मायनों में 'ग्रीन' बनाना होगा। अपने कार्बन फुटप्रिंट्स (प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन को मापने का पैमाना) को कम करने के लिए जनसंख्या को बढ़ने से रोकना होगा। हम अपने आसपास के वातावरण को प्रदूषण से जितना मुक्त रखेंगे, इस पृथ्वी को बचाने में उतनी ही बड़ी भूमिका निभाएंगे।


निष्कर्ष –


बहुत से देश ग्लोबल वार्मिंग को लेकर सजग और सतर्क हैं। प्रदूषण को कम करने के लिए हर संभव उपाय कर रहे हैं। यदि इन उपायों को जनसमर्थन मिल जाए तो समस्या का समाधान अवश्य ही मिल जाएगा।

ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के लिए जितने हो सके उतने प्रयास करने चाहिए। वृक्षारोपण के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना चाहिए जिससे कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा को कम कर सकें और प्रदूषण कम किया जा सके।


"पृथ्वी का जब होगा सामान्य तापमान,

अपनी धरती भी बनेगी स्वर्ग समान।"


ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध 10 लाइन हिंदी में –


1.ग्लोबल वार्मिंग पृथ्वी के वातावरण के तापमान में वृद्धि है।

2.पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग की समस्या का सामना कर रही है।

3.ग्लोबल वॉर्मिंग बढ़ने से बीमारियां भी बढ़ रही हैं।

4.जीवाश्म ईंधन के जलने से ग्रीन हाउस गैस जैसे कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड गैसे निकलती हैं जो ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ाती है।

5.ग्लोबल वार्मिंग ज्यादातर ग्रीन हाउस गैसों के कारण होती है।

6.यह जलवायु के साथ-साथ पर्यावरण को भी प्रभावित करता है।

7.ग्लोबल वार्मिंग भी अप्रत्याशित जंगल की आग का कारण बनता है।

8.जलवायु में बड़ा परिवर्तन ग्लोबल वार्मिंग का परिणाम है।

9.ग्लोबल वार्मिंग के कारण ग्लेशियरों में बर्फ तेजी से पिघल रही है।

10.ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के लिए हमें पौधे लगाने होंगे।


ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध अंग्रेजी में 10 लाइन –


1.Global warming means the increase in temperature.

2.The temperature of earth is increasing every year.

3.Mill and factories emit poisonous gases which pollute the environmental.

4. Rapid increase in carbon dioxide is major cause of global warming.

5. There are many negative effects of global warming on environment.

6. According to scientists, chlorofluoro carbons destroying green sheet.

7. According to them, earth will become unbearable for life one day.

8. There are steps to reduce global warming.

9. We should decrease the use of harmful gases.

10. We should plant more and tree to make environment.


People Also Asked –


प्रश्न – ग्लोबल वार्मिंग क्या है निबंध?

उत्तर – ग्लोबल वार्मिंग एक गंभीर समस्या बन गई है जिस पर अविभाजित ध्यान देने की आवश्यकता है। यह किसी एक कारण से नहीं बल्कि कई कारणों से हो रहा है। ये कारण प्राकृतिक और मानव निर्मित दोनों हैं। प्राकृतिक कारणों में ग्रीनहाउस गैसों की रिहाई शामिल है जो पृथ्वी से भागने में सक्षम नहीं है, जिससे तापमान में वृद्धि होती है।


प्रश्न – ग्लोबल वार्मिंग क्या है इसका क्या नुकसान है?

उत्तर – ग्लोबल वार्मिंग के कारण स्वास्थ्य समस्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। हवा में प्रदूषण के बढ़ते स्तर से सांस लेने की समस्याएं और फेफड़े के संक्रमण जैसी बीमारियां पनप रही हैं। इससे अस्थमा के रोगियों के लिए समस्या पैदा हो गई है। तेज गर्म हवाएं और बाढ़ भी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में इजाफे का एक कारण है।


प्रश्न – ग्लोबल वार्मिंग के प्रमुख कारण क्या हैं?

उत्तर – जीवाश्म ईंधन को जलाना, जंगलों को काटना और पशुओं की खेती तेजी से जलवायु और पृथ्वी के तापमान को प्रभावित कर रहे हैं। यह वातावरण में स्वाभाविक रूप से होने वाली ग्रीन हाउस गैसों की भारी मात्रा में जोड़ता है। जिससे ग्रीन हाउस प्रभाव और ग्लोबल वार्मिंग बढ़ जाती है।


प्रश्न – ग्लोबल वार्मिंग के लाभ क्या है?

उत्तर – इसके मुताबिक बदलती जलवायु से धरती को कई लाभ हो सकते हैं। जैसे ग्लोबल वार्मिंग के कारण बढ़ती गर्मी, समुद्र में जल वाष्पीकरण में इजाफा करेगी। नतीजतन ज्यादा नमी उत्पन्न होगी जो हवा के साथ बहकर उष्णकटिबंधीय रेगिस्तानी क्षेत्रों में अप्रत्याशित रूप से नमी में वृद्धि करेगी, जिससे वहां हरियाली उत्पन्न होगी।


प्रश्न – ग्लोबल वार्मिंग के लिए कौन जिम्मेदार है?

उत्तर – इंसानी गतिविधियों के कारण वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड बढ़ रही है। यह ग्लोबल वार्मिंग एवं ग्रीनहाउस इफेक्ट के लिए उत्तरदाई है। एक व्यक्ति 1 साल में औसतन 4.8 टर्न कार्बन डाइऑक्साइड वातावरण में छोड़ता है।


प्रश्न – ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के लिए हम क्या- क्या कर सकते हैं?

उत्तर – वैज्ञानिकों और पर्यावरणवादियों का कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग में कमी के लिए मुख्य रूप से सीएफसी गैसों का उत्सर्जन कम रोकना होगा और इसके लिए फ्रिज, एयर कंडीशनर और दूसरे कूलिंग मशीनों का इस्तेमाल कम करना होगा जिनसे सीएफसी गैसें कम निकलती हैं।


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