साइबर क्राइम पर निबंध || Essay On Cyber Crime in Hindi

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साइबर क्राइम पर निबंध || Essay On Cyber Crime in Hindi

साइबर क्राइम पर निबंध || Essay On Cyber Crime in Hindi

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प्रस्तावना

जब कोई व्यक्ति किसी कंप्यूटर, मोबाइल या किसी ऐसे डिवाइस की सहायता से कोई गलत काम करता है जिसका दूसरे व्यक्ति पर बुरा असर पड़ता है। 

दुनिया तेजी से डिजिटल दुनिया की तरफ बढ़ रही है। डिजिटल होने के कारण हम सभी एक ऊंचाई तो छू ही रहे हैं। साथ ही साथ विज्ञान का दुरुपयोग भी हो रहा है। आपको बता दें कि साइबर क्राइम वह होता है जो एक साइबर अपराधी अपनी पहचान छुपाकर किसी उपकरण की सहायता से दूसरों को हानि पहुंचाने के उद्देश्य से उनकी सारी गोपनीय जानकारियों जैसे कि वित्तीय, व्यक्तिगत जानकारियां इत्यादि की चोरी करता है,उसे ही साइबर क्राइम कहते हैं।


साइबर अपराध का स्वरूप


साइबर अपराध की परिधि विस्तृत है, इसकी श्रेणी में "वायरस के माध्यम से व्यवस्था बाधित करना, छद्म ईमेल, ऑनलाइन खाते हैक करना, भद्दे पोस्ट, डेटाबेस चोरी आदि कृत्य सम्मिलित हैं।

"साइबर अपराध एक जंजाल है,

कर सकता जो सभी को कंगाल है।"


साइबर अपराध की शुरुआत


साइबर अपराध की शुरुआत अमेरिका से हुई। इसलिए वहां सबसे पहले 1984 में साइबर कानून बना। भारत में इसकी शुरुआत सन् 2000 में हुई।


कानून


भारत में सर्वप्रथम 9 जून 2000 को सूचना प्रौद्योगिक अधिनियम लागू हुआ परंतु यह कानून अप्रभावी रहा। अतः सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम में संशोधन किया तथा इसका संशोधित रूप सन 2008 में लागू हुआ। इसके बाद 12 अक्टूबर 2010 को भारतीय संचार उपग्रह इन्सैट-48 में 'स्टेक्सनेट' नामक वायरस सामने आया जिसे चीन ने भेजा था। तत्पश्चात देश में 2013 में राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति 2013 जारी की गई। जिसमें राष्ट्रीय स्तर पर नोडल एजेंसी का गठन किया तथा साइबर अपराध से निपटने हेतु कानूनी ढांचा तैयार किया।


साइबर सुरक्षा 


साइबर सुरक्षा को बढ़ावा देने हेतु तीन स्तरों पर प्रयास आवश्यक हैं–


1.अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक ऐसा नियामक तंत्र होना चाहिए जो राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए कानून बनाए। कानून का उल्लंघन करने वाले राष्ट्र पर दंड आरोपित हो।

2. राष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा हेतु विशेष एजेंसियों का गठन हो।

3. व्यक्तिगत स्तर पर जनता में साइबर सुरक्षा व अपराध से परिचित कराना होगा


साइबर अपराध का उद्देश्य


हैकर या अपराधियों के पास इस अपराध को करने के विभिन्न उद्देश्य होते हैं। वे किसी व्यक्ति, किसी संगठन या सरकार को भी नुकसान पहुंचाने के लिए ऐसा कर सकते हैं। साइबर अपराध के कई उदाहरणों में धोखाधड़ी, पहचान की चोरी, साइबरस्टॉकिंग, सिस्टम को नष्ट करने के लिए वायरस जैसे मैलवेयर बनाना या भेजना या फिर पैसे कमाने के लिए डेटा चोरी करना आदि शामिल हैं। ऐसी गतिविधियों में शामिल लोग उन्हें पैसे कमाने का एक आसान तरीका मानते हैं।


साइबर क्राइम के प्रकार


साइबर Experts के अनुसार साइबर क्राइम कई प्रकार के होते हैं–


1.वेब हाईजैकिंग

2.अनधिकृत पहुंच एवं हैकिंग

3.साइबरस्टॉकिंग

4.वायरस अटैक 

5.सॉफ्टवेयर पायरेसी

6.सर्विस अटैक

7.पोर्नाग्राफी

8.फिशिंग

9.सलामी धोखाधड़ी

10.साइबर बुलिंग इत्यादि।


फिशिंग (Phishing)


फिशिंग उस क्राइम को कहते हैं जिसमें यूजर को फ्रॉड मेल भेजकर बेवकूफ बनाया जाता है और उसकी निजी जानकारी को चुराने की कोशिश की जाती है। इसमें ऑफर, इनाम, लॉटरी लगने जैसे मैसेज किए जाते हैं ताकि यूजर लालच में आकर अपनी बैंक डिटेल्स, एड्रेस और अन्य प्रकार की डिटेल सबमिट कर दें।


साइबर बुलिंग (cyber bulling)


सोशल मीडिया साइट्स पर अशोभनीय कमेंट करना, इंटरनेट पर धमकियां देना किसी का इस स्तर तक मजाक बनाना कि वो तंग हो जाए, इंटरनेट पर किसी को दूसरे के सामने शर्मिंदा करना, इसे साइबर बुलिंग कहते हैं। अक्सर बच्चे और नए लोग इसका शिकार होते हैं।


बाल अश्लीलता (Child Pornography)


इस प्रकार के crime में criminals ज्यादातर chat rooms का उपयोग करते हैं और खुद की identity छिपाकर minors से बातचीत करते हैं, नए लोगों और छोटे बच्चों को इसकी समझ नहीं होती है जिसके चलते वो child को abuse करते हैं, उन्हें डराते हैं, धमकाते हैं और Pornography के लिए उकसाते हैं। इस अपराध के शिकार बच्चे, लड़कियां ज्यादा होती हैं।


स्पैमिंग (Spamming)


इस प्रकार के crime में उपयोगकर्ता को अनेक प्रकार के ईमेल आते हैं जिसमें ऐसे इमेल शामिल होते हैं जो सिर्फ कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाते हैं। उन ईमेल से कंप्यूटर में खराबी आ जाती है। ऐसा तब होता है जब यूजर मेल को ओपन करके उसमें दिए link पर क्लिक करता है और उससे उनके system में virus automatically download हो जाते हैं।


चोरी (Theft)


इस crime में किसी की जानकारी या सामग्री चोरी करना आता है। ये अपराध तब होता है जब कोई Person Copyright Law का उल्लंघन करता है। जैसे कि music, movies, games और software को download करना। ऐसे बहुत से Piracy Websites हैं जो Original Content Owners की Permission के बिना free movies, songs, games और software download करवाती हैं।


फर्जी बैंक कॉल (fraud Bank call)


इस Crime में ‌ Bank Customers को fake call करके उनसे उनकी Bank Details पूछी जाती है। इसमें अधिकतर Credit Card, Debit Card की Details मांगी जाती है ताकि वो Customer के Bank Account से पैसे चोरी कर सके।

Customers पर दबाव बनाने के लिए उन्हें विभिन्न प्रकार की चेतावनी दी जाती है। जैसे जानकारी ना देने पर उनका खाता बंद कर दिया जाएगा या उनके खाते से बैलेंस काट लिया जाएगा इत्यादि।


पहचान की चोरी


इसमें क्रेडिट या डेबिट कार्ड या फिर बैंक विवरण के बारे में जानकारी प्राप्त करना शामिल है, जानकारी चुरा लेने के बाद आगे अवांछित धन आसानी से निकाला जा सकता है।


मैलवेयर अटैक


मैलवेयर एक अवैध सॉफ्टवेयर है जिसे कंप्यूटर का सिस्टम को नुकसान पहुंचाने के लिए बनाया गया है। यह मतलब की जानकारी तक पहुंचने के लिए या उस सिस्टम का उपयोग करके कुछ अपराध करने के लिए किया जाता है।


एटीएम धोखा


इस अपराध में एटीएम मशीन को पूरी तरह से हैक कर लिया जाता है। अपराधियों द्वारा कार्ड पर अंकित डेटा तथा पिन दोनों तक पहुंचने का तरीका विकसित कर लिया है, इससे वह कार्ड का डुप्लीकेट बनाने में सफल होते हैं और पैसे निकालने के लिए वो उसी का उपयोग करते हैं।


साइबर हैरेसमेंट


अपराधी ऑनलाइन उपायों के माध्यम से व्यक्ति का पीछा करने या परेशान करने में भी काफी सक्रिय है। वे मैलवेयर भेजकर, सिस्टम को नुकसान पहुंचाते हैं और सटीक जानकारी प्राप्त करने में समर्थ होते हैं।


धोखा देना


इस तरह के अपराध में आपको एक ईमेल मिलता है जो ऐसा लगता है कि किसी प्रमाणिक स्रोत से ही भेजा गया है, लेकिन ऐसा होता नहीं है, यह भ्रामक होता है।


पायरेसी


यह गोपनीय जानकारी तक पहुंचने का एक अनधिकृत तरीका होता है। कई बार सरकारी वेबसाइटों को हैक कर लिया जाता है और फाइलों के महत्वपूर्ण डेटा की पायरेटेड कॉपी बना दी जाती है, जिससे काफी समस्या उत्पन्न होती है या फिर महत्वपूर्ण डेटा नष्ट हो जाता है।


साइबर अपराध की रोकथाम


साइबर अपराध पर रोकथाम करने की सरकार को कुछ नियम बनाने चाहिए और आम लोगों को भी सावधानियां बरतनी चाहिए। यहां तक कि बहुत से पढ़े लिखे और ज्ञान से परिपूर्ण व्यक्ति भी इस तरह की गतिविधियों में शामिल होते हैं। अपने दिमाग को सकारात्मक तरीके से इस्तेमाल करने के बजाय वे साइबर अपराधिक गतिविधियों में खुद को नियुक्त करते हैं।


साइबर क्राइम एक्ट क्या है


साइबर क्राइम किसी भी देश के सबसे अहम चुनौतियों में से एक है। इसलिए भारतीय दंड संहिता में साइबर क्राइम एक्ट एवं प्रावधानों को जोड़ा गया है। आपको बता दें कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 ऐसा ही एक साइबर अपराध से निपटने के लिए प्रावधान किया गया है। जिसके अंतर्गत 43, 43A, 66, 66B, 66C, 66D, 66E, 66F, 67A, 67B, 70, 72, एवं 74 धाराएं सम्मिलित की गई हैं।


साइबर क्राइम के प्रभाव


कई लोग ऐसे होते हैं, जो कि अपने निजी डेटा को दुनिया के साथ साझा नहीं करना चाहते हैं। और इस हद तक पहुंच जाते हैं कि लोग आत्महत्या तक कर लेते हैं। आपको बता दें कि साइबर अपराध इंटरनेट की मदद से होता है।

साइबर अपराध ने कई लोगों का जीवन बर्बाद कर दिया है। साइबर अपराध में शामिल लोगों को हैकर के नाम से जाना जाता है। यदि हम व्यक्तिगत स्तर पर चर्चा करें, तो ऐसे प्रभावित लोग अभी भी नुकसान की भरपाई करने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ ने तो आत्महत्या करने का फैसला किया और कुछ लोगों का सारा पैसा ऑनलाइन चोरी कर लिया गया जिससे उनकी आर्थिक स्थिति काफी कमजोर हो गई है। कंपनी के स्तर पर अगर हम देखे तो कंपनी में से कुछ चीजें होती हैं जो काफी गोपनीय होती हैं। और ऐसे में अगर कोई उन्हें चोरी कर ले तो कंपनी को अरबों खरबों का नुकसान होता है। इसलिए साइबर अपराध के प्रभाव काफी खतरनाक होते हैं। यह किसी भी व्यक्ति के जीवन को बर्बाद कर सकता है। इसलिए सरकार को इसके ऊपर कड़ी लगाम लगाने के लिए कठोर से कठोर नियम और कानून बनाने होंगे ताकि कोई भी साइबर अपराध करने की कोशिश ना करें और अगर करता है तो उसकी पूरी जिंदगी जेल में कटे।

कुछ मामलों में देखा गया है कि सरकार की साइबर अपराध की शिकार हो जाती है और अगर ऐसा होता है तो राष्ट्र की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी। क्योंकि सरकार के पास अधिक मात्रा में गोपनीय जानकारी होती है जो देश की सुरक्षा से जुड़ी होती है।


Cyber Crime से कैसे बचें 


आप निम्न तरीकों से साइबर क्राइम से बच सकते हैं–


1.किसी भी Website पर अपनी Personal Details शेयर ना करें, केवल Verified Sites पर ही करें।


2.जहां तक हो सके, अपनी Personal Information को Online Publish करने से बचें।


3.किसी भी Software या App को डाउनलोड करने से पहले अच्छे से Confirm कर ले कि आप कुछ गलत तो नहीं कर रहे हैं।


4. कोई भी Online Scheme जिसमें पैसे जीतने और प्राइज मिलने की बात हो तो उसके लालच में ना पड़े और उन पर बिल्कुल भी विश्वास ना करें।


5. हमेशा अपने Internet Browser (Chrome, Firefox, Opera) जो भी यूज करते हो उसे Update करके रखें। Free Wi-Fi का इस्तेमाल करने से बचें और हमेशा अपने Wi-Fi Accounts के लिए Secure Password का इस्तेमाल करें।


साइबर अपराधों का वर्गीकरण


1.एक व्यक्ति के खिलाफ अपराध –


किसी व्यक्ति के खिलाफ उसके क्रेडिट कार्ड की जानकारी, गोपनीय डेटा और स्पैम ईमेल भेजना आदि अपराध की श्रेणी में आता है। यह अपराध मुख्य रूप से पैसा कमाने के लिए किया जाता है।


2. एक संगठन के खिलाफ अपराध –


यह अपराध एक फर्म, कंपनी या संगठन के खिलाफ किया जाता है ताकि डेटा तक अनधिकृत पहुंच प्राप्त हो सके। यह कंपनी के महत्वपूर्ण डेटा और कर्मचारी के विवरण को चुराने या फिर पैसे बनाने के लिए किया जाता है।


3. सरकार के खिलाफ अपराध –


यह राष्ट्रीय डेटा और रिकॉर्ड तक पहुंच प्राप्त करके, राष्ट्र के खिलाफ अपराध करना होता है। यह अपराध मुख्य चिंता का विषय है क्योंकि इसका संबंध राष्ट्र के लोगों की सुरक्षा से है।


निष्कर्ष 


साइबर अपराध बेहद निंदनीय हैं। साइबर अपराध को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाना जरूरी है ताकि लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करें, तो पूरी जानकारी के साथ ही करें। 

इन सभी तथ्यों के बावजूद प्रसन्नता की बात यह है कि भारत के साइबर विशेषज्ञों की मांग पूरे विश्व में हो रही है, परंतु फिर भी हम लोगों को साइबर अपराध के प्रति चेतन्य रहना चाहिए तथा सूचनाओं के आदान-प्रदान को सरल बनाना चाहिए। जिससे सभी आपराधिक मंशाए विफल हो जाए। यदि संपूर्ण विश्व इस मुद्दे पर एकजुट हो जाए तो इसमें कोई संदेह नहीं कि आधुनिक प्रौद्योगिकी की श्रेष्ठतम सौगात मानवता के विकास व संरक्षण के लिए भी श्रेष्ठतम उपकरण साबित होगी।


''जन-जन में चेतना जगानी होगी

साइबर अपराध से बचने की कला सिखानी होगी।"


साइबर अपराध पर 10 लाइन निबंध


1. साइबर अपराध बहुत तेजी से बढ़ने वाला अपराध है।

2. आज भारत ही नहीं पूरी दुनिया इस समस्या से जूझ रही है।

3. अपराधी यह अपराध कंप्यूटर और इंटरनेट के जरिए करते हैं।

4. किसी भी व्यक्ति की व्यक्तिगत जानकारी को गलत तरीके से इस्तेमाल करना ही साइबर अपराध कहलाता है।

5. साइबर क्राइम की वजह से कई लोग रातों-रात अपने बैंक अकाउंट से सारे पैसे खो दिए।

6. इस अपराध को अंजाम देने वाले अपराधी को पकड़ने के लिए पुलिस को काफी मेहनत करनी पड़ती है।

7. इस अपराध से बचने के लिए हमें हर संदेश को अच्छी तरह से पढ़ना चाहिए और किसी link पर click नहीं करना चाहिए।

8. हमें कभी भी ओ.टी.पी. जैसी कोई अन्य व्यक्तिगत जानकारी किसी के भी साथ साझा नहीं करनी चाहिए।

9. साइबर क्राइम को ज्यादातर सोशल मीडिया की मदद से अंजाम दिया जाता है।

10. इसलिए हमें सोशल मीडिया पर किसी अनजान व्यक्ति को अपनी निजी जानकारी देने से बचना चाहिए।


People Also Asked –


प्रश्न - साइबर क्राइम किसे कहते हैं?

उत्तर - साइबर अपराध एक कंप्यूटर या कंप्यूटर नेटवर्क से जुड़ा अपराध है। हो सकता है कि अपराध करने में कंप्यूटर का इस्तेमाल किया गया हो, या यह लक्ष्य हो सकता है। साइबर अपराध किसी की सुरक्षा या वित्त को नुकसान पहुंचा सकता है।


प्रश्न - साइबर क्राइम का कारण क्या है?

उत्तर - वे अमीर लोगों या अमीर संगठनों जैसे बैंकों, कैसीनो और वित्तीय फार्मों को लक्षित करते हैं जहां प्रतिदिन भारी मात्रा में धन प्रवाहित होता है और संवेदनशील जानकारी को हैक करते हैं। ऐसे अपराधियों को पकड़ना मुश्किल होता है। इसलिए, यह दुनिया भर में साइबर अपराधों की संख्या को बढ़ाता है।


प्रश्न - भारत में साइबर अपराध क्या है?

उत्तर - साइबर अपराधों में ऐसी आपराधिक गतिविधियां शामिल हो सकती हैं जो प्रकृति में पारंपरिक हों, जैसे की चोरी, धोखाधड़ी, जालसाजी, मानहानि और शरारत ये सभी भारतीय दंड संहिता के अधीन हैं। कंप्यूटर के दुरुपयोग ने नए युग के अपराधों को भी जन्म दिया है जिन्हें सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 द्वारा संबोधित किया गया है।


प्रश्न - साइबर क्राइम हानिकारक क्यों है?

उत्तर - साइबर अपराध व्यक्तियों की गोपनीयता और उनके डेटा की सुरक्षा का उल्लंघन करता है, विशेष रुप से हैकिंग, मैलवेयर, पहचान की चोरी, वित्तीय धोखाधड़ी, चिकित्सा धोखाधड़ी और व्यक्तियों के खिलाफ कुछ अपराध जिनमें व्यक्तिगत जानकारी, संदेश, चित्र और वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग का खुलासा करना शामिल है।


प्रश्न - साइबर क्राइम क्या है उदाहरण सहित लिखिए?

उत्तर - साइबर क्राइम को एक कंप्यूटर को एक हथियार या उपकरण के रूप में उपयोग करने के रूप में माना जाता है, जो कि अवैध मानी जाने वाली किसी चीज को आगे बढ़ाने या सुरक्षित करने के लिए है। पहचान या बौद्धिक संपदा की चोरी करने, धोखाधड़ी करने या गोपनीयता कानूनों का उल्लंघन करने के बारे में सोचें।


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