जल बचाओ पर निबंध || Essay On Save Water in Hindi

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जल बचाओ पर निबंध || Essay On Save Water in Hindi

जल बचाओ पर निबंध || Essay On Save Water in Hindi

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"जल बचाओ जल बचाओ,

महत्व इसका सबको बतलाव।"


प्रस्तावना


जल हमारी धरती पर उपलब्ध अमूल्य संसाधनों में से एक है। बिना जल के धरती पर जीवन की कल्पना करना भी नामुमकिन है। जल धरती पर सीमित मात्रा में ही उपलब्ध है और धरती पर आबादी निरंतर बढ़ती ही जा रही है।

आने वाले समय में हमें जल की कमी का सामना ना करना पड़े इसीलिए हम सबको आज जल को बचाना है।


सेव वाटर का अर्थ


अभी भी भारत के कुछ ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में स्वच्छ जल एक बहुत ही महत्वपूर्ण वस्तु है और कई लोगों को मात्र दो बाल्टी पानी के लिए प्रतिदिन कई किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है। वह दूसरी तरफ हम से कुछ लोग प्रतिदिन भारी मात्रा में जल व्यर्थ कर देते हैं। पीने के लिए स्वच्छ पाने की प्राप्ति हर नागरिक अधिकार होना चाहिए। हमें जल के महत्व को समझाना होगा और जल संकट के कारणों को लेकर जागरूक होना पड़ेगा।


जल संरक्षण का महत्व


इस बात को समझाना बहुत ही आसान है कि यदि हमने जल को संरक्षित करना शुरू नहीं किया तो हम भी जीवित नहीं बचेंगे। जल पृथ्वी पर हर प्रकार के जीवन का आधार है। यद्यपि हम यह सोचते हैं कि पृथ्वी पर पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध है पर हम इस बात भूल जाते है कि यह एक सीमित मात्रा में ही उपलब्ध है अगर हमने जल संरक्षण को लेकर प्रयास नहीं शुरू किए तो जल्द ही पृथ्वी से ताजे पानी के भंडार समाप्त हो जाएंगे। जल संरक्षण सभी सरकारी संस्थाओं और नागरिकों की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए, ताकि इस समस्या का समाधान हो सके।


जल संरक्षण से समाज पर कई सारे सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। बढ़ते शहरीकरण के वजह से भूमिगत जल का स्तर तेजी से कम होता जा रहा है, इस वजह से खेती और सिंचाई इत्यादि जैसे हमारे जरूरी गतिविधियों के लिए बहुत ही कम बचा हैं। यदि हम जल संरक्षण करेंगे तो हमारे पास खेतो के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध रहेगा तथा इससे फसलों की पैदावार ज्यादा अच्छी होगी।


जल संरक्षण का अर्थ है कि हमें पेड़ों की कटाई भी रोकनी पड़ेगी क्योंकि पेड़ों के जड़ भूमिगत जल के स्तर को रोककर रखते हैं, इससे साथ ही हम और अधिक संख्या में वृक्षारोपण करके पानी की इस समस्या को कम करने का प्रयास कर सकते हैं और एक हरे-भरे पृथ्वी के निर्माण में अपना योगदान दे सकते हैं।


इसके साथ ही यदि हम जल को बचाना चाहते हैं, तो हमें अपने जल स्त्रोतों को भी बचाने की आवश्यकता है। हमारे द्वारा समुद्रों और नदियों में फैलाए जाने वाले प्रदूषण भी बहुत ही विकराल रूप धारण कर चुका है, जिससे यह जलीय जीवन को भी नष्ट कर रहा है। हमें तत्काल रूप से जल प्रदूषण को रोकने और हमारे द्वारा प्रदूषित नदियों को स्वच्छ करने का प्रयास करने की आवश्यकता है क्योंकि एक अच्छा जलीय पारिस्थितिकी तंत्र हमारे ग्रह के जन जीवन के लिए बहुत आवश्यक है। इसके साथ ही जल संरक्षण के द्वारा हम पृथ्वी पर जीवन का सही संतुलन भी स्थापित कर पाएंगे।


पृथ्वी पर जल बचाने की क्या जरूरत है


वर्तमान समय में 75% पानी है। उसमें से 97% पानी समुद्र में स्थित है, जो पीने योग्य नहीं है। सिर्फ 2.4% पानी जो पीने योग्य पानी है और उसी पानी पर पूरी पृथ्वी निर्भर है। मानव प्रजाति के साथ-साथ संपूर्ण जीव जंतु और पेड़ पौधे सिर्फ इसी पानी पर निर्भर हैं।


पृथ्वी पर पानी का संतुलन बनाए रखने के लिए हमें पानी को बचाना बहुत ही ज्यादा जरूरी है। क्योंकि वायु प्रदूषण की वजह से वाष्पीकरण और वर्षा की प्रक्रिया पर काफी ज्यादा असंतुलन देखने को मिल रहा है और इसी कारण से साफ पानी की कमी भविष्य में एक सबसे बड़ा मुद्दा बनकर सामने आने वाली है।

अतः हम सभी को पृथ्वी पर जल बचाने की जरूरत है। आने वाली पीढ़ी के लिए जल की समस्या को कम करने के लिए हमें अभी से ही जल को बचाने का प्रयास करना चाहिए।


पृथ्वी पर जल प्रदूषण की वजह


दिन प्रतिदिन जल प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है। जल प्रदूषण के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। लोग अपशिष्ट पदार्थों को पानी में मिलाकर उस पानी को दूषित कर देते हैं। जिसकी वजह से उस पानी का प्रयोग करना काफी मुश्किल हो रहा है।


इतना ही नहीं और योगी स्तर पर कई प्रकार के जहरीले रसायन और अपशिष्ट पदार्थ शुद्ध पानी में मिला दिए जाते हैं, जिसकी वजह से पानी पूरी तरह से प्रदूषित हो जाता है और उस पानी को पीना संभव नहीं है।


आज के समय में पानी की समस्या कई इलाकों में बहुत अधिक है। लोगों को पीने के लिए पानी की समस्या आ रही है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार उपलब्ध करवाई गई जानकारी के माध्यम से पता चला है कि भारत में जितनी भी आत्महत्या हो रही हैं उनमें से करीब 14.4% आत्महत्या पानी की कमी और सूखे और अकाल की वजह से हो रही है।


जल को बचाना क्यों आवश्यक है


पानी सभी जीवित चीजों के लिए आवश्यक है। पानी हमारे शरीर के वजन का लगभग 75% हिस्सा है। हम पानी के बिना जीवित नहीं रह सकते क्योंकि यह हमारे शरीर में सभी जैविक प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक है। यह जीवन में जल के महत्व को दर्शाता है। कई जगहों पर लोग जल संसाधनों का अत्यधिक उपयोग करते हैं।

अत्यधिक दोहन के कारण अधिकांश स्थानों पर लोग पानी की भारी किल्लत से जूझ रहे हैं। इसीलिए जल को बचाना अति आवश्यक है।


"जल है जीवन का आधार,

मत करो इसको बेकार।"


जल को बचाने के उपाय


धरती पर स्वच्छ जल को बचाने हेतु सर्वप्रथम हर नागरिक को समस्या के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है। रोजमर्रा के कार्यों में छोटे-छोटे उपायों को अपनाकर जल को बचाया जा सकता है।

नदियों व तालाबों के जल को गंदा ना करके भी हम जल बचाने में अपना योगदान दे सकते हैं। कटते वृक्षों के कारण भूमि की नमी लगातार कम हो रही है जिससे भूजल स्तर पर बुरा असर पड़ रहा है। अत: जरूरी है कि वृक्षारोपण कार्यक्रम हेतु जागरूकता लाई जाए। वर्षा का जल छत पर संरक्षण कर उसका उपयोग करना भी जल संरक्षण का अच्छा उदाहरण है। रेनवाटर हार्वेस्टिंग तकनीक का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार किया जाए।


पानी बचाओ में अपनी भूमिका कैसे निभाए


पानी बचाओ और जल ही जीवन है। इस प्रकार के कई अभियान सरकार के द्वारा चलाए जा रहे हैं। उन सभी अज्ञान में आपको अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है ताकि आने वाली पीढ़ी के लिए पानी की समस्या को जितना हो सके, उतना कम किया जा सके। हम अपने स्तर पर छोटे-छोटे प्रयास कर सकते हैं। जिससे पानी बचाओ आंदोलन में हम अपनी भी भूमिका निभा सकते हैं।


बारिश के पानी को अपने टाकों में एकत्रित करने का प्रयास करें। पानी के प्रदूषण को कम करने का प्रयास करें। अपने आसपास भी जल प्रदूषण को रोकने के लिए जागरूकता फैलाएं। जितना संभव हो सके, उतना पानी को व्यर्थ करने का प्रयास करें।


अपने आसपास इलाकों में व्यर्थ बह रहे पानी को बंद करें। लाखों लोगों के द्वारा यदि एक साथ पानी बचाओ अभियान में सहयोग दिया जाए तो इस अभियान को बड़ी सफलता मिल सकती है।


पानी की कमी को दूर करने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयास


सरकार के द्वारा पानी की कमी को दूर करने के लिए कई प्रकार के प्रयास किए गए हैं। सरकार आए दिन अलग-अलग जल संरक्षण अभियान चला रही है और उनके माध्यम से लोगों के प्रति जल प्रदूषण को कम करने और जल को बचाने के लिए जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जा रहा है।


1. सरकार के माध्यम से सिंचाई वाले क्षेत्रों में जहां पानी के जरिए सिंचाई की जा रही है, वहां बूंद-बूंद तकनीक के माध्यम से लाखों लीटर पानी प्रतिदिन बचाया जा रहा है।


2. सरकार ने हर जगह पर जल बचाओ कल बचाओ के नारे के माध्यम से भी देशभर में जागरूकता फैलाई है।


3. जल प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार के द्वारा नदियों को साफ किया जा रहा है।


4. औद्योगिक क्षेत्रों से निकलने वाले गंदे पानी को अलग जगह एकत्रित करके उसे पुनः साफ करके उपयोग करने योग्य बनाया जा रहा है।


5. जल संरक्षण को लेकर सरकार के द्वारा पेड़ पौधे लगाने के लिए लोगों से आग्रह किया जा रहा है।


6. ताकि वर्षा का चक्र संतुलित रहे और जिसकी वजह से पानी की आपूर्ति देशभर में सुचारू रूप से चल सके।


जल है तो जीवन है


हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा जल है और हमें यह जीवन यापन करने के लिए बहुत ही जरूरी है। जल के बिना जीने की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। अगर हमें पृथ्वी पर अपना जीवन बनाए रखना है, तो हमें जल की आवश्यकता जरूर होती है।


पानी सिर्फ पीने की ही काम नहीं आता है, बल्कि हमारे अन्य कामों के लिए भी जल को काम में लिया जाता है। जैसे कि नहाना, कपड़े धोना, खाना बनाना, बागवानी करना और भी हमारे दिन में ना जाने कितने काम होते हैं, जिनमें हमें पानी की बहुत ही ज्यादा जरूरत पड़ती है।


पृथ्वी पर जितने भी पेड़ पौधे और जीव जंतु उपस्थित हैं, वह सब पानी पर ही निर्भर रहते हैं। अगर पानी नहीं होगा तो इनकी वृद्धि और विकास रुक जाएगा, जिससे पूरा पर्यावरण तंत्र और खाद्य श्रृंखला बहुत ज्यादा प्रभावित हो जाएगी। इसीलिए हमें चाहिए कि अगर हमें जीवन पर अपना फलता फूलता जीवन यापन करना है तो हमें पानी का संरक्षण करना होगा।


पानी की बर्बादी के उपाय


1. पानी की बर्बादी का हम पर कई तरह से प्रभाव पड़ता है, हम इस बहुमूल्य जीवनदायी संपदा को दिन प्रतिदिन खोते जा रहे हैं।

2. वहीं दूसरी तरफ पानी की बर्बादी के वजह से जल स्तर दिन प्रतिदिन गिरता जा रहा है। जल स्तर का तात्पर्य भूमिगत का जल से है। जो कि पर्यावरण संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

3. पानी के बर्बादी के कारण कृषि गतिविधियों में काफी नुकसान होता है, क्योंकि यह तो हम सब ही जानते हैं कि फसल की बुवाई में पानी काफी महत्वपूर्ण है। फसलों की सिंचाई के लिए पानी काफी जरूरी है और यदि हम इसी तरह पानी की बर्बादी करते रहेंगे तो किसानों के इस्तेमाल के लिए बहुत ही कम पानी बचेगा।

4. ज्यादा कचरे और जल प्रदूषण के कारण भी हमारे निजी उपयोग के लिए काफी कम पानी बचेगा। जिससे हमारी दैनिक गतिविधिया बाधित हो जायेंगी।

5. जल स्त्रोतों में बढ़ता प्रदूषण भी पर्यावरणविदो के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गया।

6. जल संकट के वजह से ही हमारी ग्रह से बहुमूल्य जलीय जीवन का अंत होता जा रहा है।

7. पानी की बर्बादी की वजह से हम प्रकृति के परिस्थितिकी तंत्र का भी संतुलन बिगाड़ रहे।


पानी संरक्षण की पहल


पानी संरक्षण की पहल के चलते लोगों में जागरूकता फैलाई जा रही है और उन्हें इसके महत्व के बारे में बताया जा रहा है कि किस तरह से जल को संरक्षित किया जाए। जल संरक्षण अभियान लोगों को इस बात का एहसास दिलाता है कि हमारे लिए पृथ्वी पर जल ही बहुत ही ज्यादा आवश्यक है और यह हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।


हमें अपने भविष्य के लिए जल का संरक्षण करना चाहिए और इस बात का भी ज्ञान कराता है कि स्वच्छ और साफ पानी के स्रोत काफी सीमित हो चुके हैं। उनका अत्यधिक उपयोग करने पर वह जल्द ही समाप्त हो जाएंगे, जिसकी वजह से मानव अस्तित्व के लिए संकट पैदा हो सकता है।


जैसा कि हम सभी जानते हैं पृथ्वी का 71% भाग पानी से ढका हुआ है, परंतु इस पृथ्वी पर जितना भी पानी उपलब्ध है, वह हमारे लिए बिल्कुल भी काम का नहीं है। उसमें से सिर्फ है 1% जल काम के लायक है और उसे हम उपयोग कर सकते हैं। इसीलिए हमें जिम्मेदार नागरिक बनकर पानी का संरक्षण शुरू कर देना चाहिए।


जल संरक्षण के उपाय


ऐसे कई सारे रास्ते हैं जिन्हें हम अपने दैनिक जीवन में अपनाकर जल जैसी बहुमूल्य संपदा को बचा सकते हैं।


1. मंजन करते वक्त लगातार चलते पानी के नल को बंद करके। हमें नल के पानी का तभी इस्तेमाल करना चाहिए जब इसकी जरूरत हो।

2. नहाते वक्त फुहारे के स्थान पर बाल्टी का उपयोग करके, इस उपाय को अपनाकर हम काफी मात्रा में पानी बचा सकते हैं।

3. अपने घरों में पानी की लीकेज की समस्या को सही करें।

4. हाथ धोते वक्त लगातार चलते नल के पानी को बंद कर दीजिए।

5. वाहनों को धोते वक्त कम पानी का इस्तेमाल करें।

6. सब्जियां धोते वक्त कम पानी का इस्तेमाल करें।

7. लान में पानी छिड़कते वक्त कम पानी का इस्तेमाल करें और पानी छिड़कने वाले यंत्रों का सही तरीके से इस्तेमाल करें।

8. जल स्त्रोतों को प्रदूषित ना करें हम इस पहल में अपना योगदान दे सकते हैं।

9. वृक्षारोपण द्वारा भी हम इस पहल में अपना योगदान दे सकते हैं क्योंकि यह जल संरक्षण में काफी सहायक है।

10. बिजली की बचत करके क्योंकि कई सारे बिजली उत्पादक केंद्र जल विद्युत ऊर्जा द्वारा बिजली उत्पन्न करते हैं, तो इस प्रकार से हम बिजली बचाकर भी पानी को बचा सकते हैं।


उपसंहार


हम सभी को जल के महत्व और भविष्य में जल की कमी से संबंधित समस्याओं को समझना चाहिए। हमें अपने जीवन में उपयोगी जल को बर्बाद और प्रदूषित नहीं करना चाहिए तथा लोगों के बीच जल संरक्षण और जल की स्वच्छता को बचाए रखने हेतु जागरूकता को बढ़ावा देना चाहिए।

"आज अगर जाग जाओगे,

कल स्वच्छ जल तुम पाओगे।"


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प्रश्न - जल संरक्षण पर निबंध कैसे लिखें?

उत्तर - प्रतिदिन अधिक पानी को बचाने के लिए शौच के समय कम पानी का इस्तेमाल करें। हमें फलों और सब्जियों को खुले नल के बजाए भरे हुए पानी के बर्तन में धोना चाहिए। बरसात के पानी को जमा करना शौच, उद्योनों को पानी देने आदि के लिए एक अच्छा उपाय है जिससे स्वच्छ जल को पीने और भोजन पकाने के उद्देश्य के लिए बचाया जा सकता है।


प्रश्न - जल बचाना क्यों आवश्यक है?

उत्तर - जल संरक्षण का अर्थ पानी बर्बादी तथा प्रदूषण को रोकने से है। जल संरक्षण एक अनिवार्य आवश्यकता है क्योंकि वर्षा जल हर समय उपलब्ध नहीं रहता अतः पानी की कमी को पूरा करने के लिए पानी का संरक्षण आवश्यक है। एक अनुमान के अनुसार विश्व में 350 मिलियन क्यूबिक मील पानी है। इसमें से 97% भाग समुद्र से घिरा हुआ है।


प्रश्न - जल संरक्षण कैसे बचाएं?

उत्तर- जल को देशीय वृक्षारोपण कर तथा आदतों में बदलाव लाकर भी संचित किया जा सकता है, मसलन- झरनों को छोटा करना तथा ब्रश करते वक्त पानी का नल खुला ना छोड़ना आदि। जल संरक्षण का अर्थ है जल के प्रयोग को घटाना एवं सफाई, निर्माण एवं काकी आदि के लिए अवशिष्ट जल का पुनर्चक्रण (रीसाइक्लिंग) करना।


प्रश्न - हम कक्षा 3 में पानी कैसे बचा सकते हैं?

उत्तर - पानी का अनावश्यक उपयोग कम करें, पानी का हर संभव तरीके से पुनः उपयोग करें, फुहारों का प्रयोग कम करें और नहाने के लिए बाल्टी का प्रयोग करें, बालों का उपयोग ना होने पर उन्हें बंद कर दें, पानी के रिसाव की जांच करें और उन्हें तुरंत ठीक करवाएं। पानी बचाने के ज्ञान और महत्व को फैलाएं।


प्रश्न - जल ही जीवन है कैसे?

उत्तर - हम हमेशा से सुनते आए हैं “जल ही जीवन है”। जल के बिना सुनहरे कल की कल्पना नहीं की जा सकती, जीवन के सभी कार्यों का निष्पादन करने के लिए जल की आवश्यकता होती है। पृथ्वी पर उपलब्ध एक बहुमूल्य संसाधन है जल, या यूं कहे की यही सभी सजीवों के जीने का आधार है जल।


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