अंगदान पर निबंध//Essay on Organ Donation in Hindi

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अंगदान पर निबंध//Essay on Organ Donation in Hindi

अंगदान पर निबंध//Essay on Organ Donation in Hindi

पूरे विश्व में प्रतिवर्ष 13 अगस्त को अंगदान दिवस मनाया जाता है लोगों में जागरूकता की कमी के कारण मन में अंगदान के बारे में भय और मिथक विद्यमान है, इस दिवस को मनाने का उद्देश्य सामान मनुष्य को मृत्यु के बाद अंगदान करने की प्रतिज्ञा दिलाने के लिए प्रोत्साहित करना है।

अंगदान पर निबंध//Essay on Organ Donation in Hindi
अंगदान पर निबंध//Essay on Organ Donation in Hindi

Table of contents

अंगदान पर निबंध हिंदी में

अंगदान क्या है? अंग दान का महत्व बताइए

शरीर के अंगों का दान कैसे करें?

बिना मरे आप कौन से अंग दान कर सकते हैं?

अंग दान करने से क्या फायदा है?

अंगदान दिवस कब मनाया जाता है?

मानव शरीर में कितने अंग होते हैं?

भारत में कितने अंग दान किए जाते हैं?

भारत में पहला अंग दाता कौन है?

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खुद में ही सिमटे, खुद में ही उलझे, खुद से ही जूझते, खुद को ही कोसते, यूं ही जिंदगी बिता देते हैं। हम कभी कुछ देर शहर के खुद से पूछने की जरूरत भी शायद नहीं समझते कि क्या हमारी सामाजिक जिम्मेदारी भी है क्या इंसान और इंसानियत का भी कोई फर्ज है हमारा खून के रिश्ते के दायरे के आगे भी रिश्ते निभाने की जरूरत है कोई।


लेकिन हम  में से भी कुछ लोग हैं जो दूसरों को भी जिंदगी जीते हुए देखने की इच्छा रखते हैं। यही चाह उन्हें अंगदान की प्रेरणा देती है, ताकि उनकी वादे लोग बेहतर जिंदगी जी सकें। और अंगदान करने वाले लोगों को देवदूत भी कहते हैं।


जिंदगी में बहुत कुछ ऐसा है जिसका कोई जिक्र नहीं है। और शरीर के अंगो का तो बिल्कुल भी नहीं लेकिन बदलते समय के साथ लोगों की सोच और चिकित्सा के क्षेत्र में आए क्रांतिकारी बदलाव ने नामुमकिन को मुमकिन कर दिया है। जीवन का श्रेष्ठ दान है अंग दान।


अंगदान के प्रकार

अंगदान दो प्रकार का होता है आंगन और टिशू यानी उत्तको का दान। अंगदान में शरीर के अंदरूनी हिस्सों का दान किया जाता है जबकि उत्तक यानि टिशू दान में आमतौर पर आंख, कान, त्वचा, हड्डी और हृदय वाल्व से जुड़ा है। समानता व्यक्ति के मौत के बाद ही अंग दान किया जाता है लेकिन कुछ अंग दान और टिशू दान जीवित रहने के दौरान भी कर सकते हैं।


कौन-कौन से अंगों का दान कर सकती है?

दान किए जा सकने वाले अंगों में गुर्दे, यकृत, पैंक्रियाज, फेफड़े और दिल शामिल होते हैं। जबकि उत्तक की बात करें तो आंखों, त्वचा, हड्डी, अस्थि मज्जा, नसों, मस्ति,क हृदय वाल्व, कान का पर्दा, कान की हड्डियों, और रक्त का दान कर सकते हैं। 


इन अंगों की सहायता से किसी जरूरतमंद व्यक्ति की जीवन की रक्षा की जा सकती है। भारत में अंगदान के लिए काफी संतुलित प्रोग्राम है परंतु इस मृत्यु के बाद भारत में अंगदान की दर बहुत कम है मानव अंग व्यापार को रोकने तथा मृत्यु के बाद अंगदान को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 पारित किया था सन 2011 में इस अधिनियम में संशोधन किया गया था।

अंगदान पर निबंध//Essay on Organ Donation in Hindi
अंगदान पर निबंध//Essay on Organ Donation in Hindi

अंगदान करने के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं है 18 साल से कम उम्र के व्यक्ति को अंगदान के लिए अपने माता-पिता या संरक्षक से इजाजत लेना जरूरी है।


अंगदान क्यों आवश्यक है?

अंगदान पूरी तरह से आपकी सोच पर निर्भर करता है। यदि आप दूसरों को जीवन दान करना चाहते हैं। तो यह अंगदान एक बेहतर विकल्प हो सकता है आप जीवित रहते हुए मरने के बाद दूसरों को एक स्वस्थ जीवन दे सकते हैं। अंग की जरूरत किसी को भी हो सकती है। वह आपका मित्र या कोई भी हो सकता है।


कैसे करें अंगदान

अंगदान के लिए दो तरीके हो सकते हैं कई एनजीओ और अस्पतालों में अंगदान से जुड़ा काम होता है इनमें से कहीं भी जाकर आप एक फॉर्म भर कर दे सकते हैं कि आप मरने के बाद अपने कौन से अंग दान करना चाहते हैं जो अंग आप चाहेंगे केवल उसी अंग को लिया जाएगा। शरीर के किसी भी अंग को दान करने वाला व्यक्ति शारीरिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए।


अंगदान पर भारत की कानूनी स्थिति भारतीय कानून द्वारा अंगदान कानूनी है। भारत सरकार ने मानव अंग अधिनियम (THOA)1997 के प्रत्यारोपण को अधिनियमित किया जो अंगदान की अनुमति देता है और मस्तिक की मृत्यु की अवधारणा को वैध बनाता है।


महत्व

एक रिपोर्ट के अनुसार किसी भी समय किसी व्यक्ति के मुख्य क्रियाशील अंग के खराब हो जाने की वजह से प्रति वर्ष कम से कम पांच लाख से ज्यादा भारतीयों की मौत हो जाती है। उम्मीदों से ज्यादा एक जीवन जीने के उसके समय को बढ़ाने के द्वारा उसके सुंदर जीवन में अंग प्रतिरूपण एक बड़ी भूमिका अदा करता है व अंग प्रतिरूप एक व्यक्ति के जीवन में अंगदान करने वाला व्यक्ति एक ईश्वर की भूमिका निभाता है।


अंगदान दिवस अभियान जो 13 अगस्त को मनाया जाता है बेहतरीन मौका देता है हर एक के जीवन में कि वह आगे बढ़े और अपने बहुमूल्य अंगों को दान करने का संकल्प लें।


लक्ष्य

अंगदान की जरूरत के बारे में लोगों को जागरूक करना।


पूरे देश में अंगदान के संदेश को फैलाना।


अंगदान करने के बारे में लोगों की हिचकिचाहट को हटाना।


अंग दाता का आभार प्रकट करना।


अपने जीवन में अंगदान करने के लिए और लोगों को प्रोत्साहित करना।


FAQ

1-अंगदान क्या है? दान का महत्व बताइए उत्तर-जीवित या मृत व्यक्ति द्वारा किसी अन्य व्यक्ति को कोई उत्तक या अंगदान करना अंगदान कहलाता है। दाता द्वारा दान किया गया अंग ग्राही के शरीर में प्रत्यारोपित किया जाता है इस तरह अंगदान से दूसरे व्यक्ति की जिंदगी को ना केवल बचाया जा सकता है वह खुशहाल भी बनाया जाता है।


2-अंग दान करने से क्या फायदा है?

उत्तर-अंगदान किसी ऐसे व्यक्ति को जीवन का दूसरा मौका दे सकता है जो प्रत्यारोपण के बिना मर सकता है अपने अंगों को दान करके एक व्यक्ति संभावित रूप से कई लोगों के जीवन को बचा सकता है और प्रत्यारोपण के लिए अंगों की कमी को दूर करने में मदद कर सकता है।


3-लोग अपने अंगदान क्यों करते हैं? 

उत्तर-आनंद प्राप्त करना इन लोगों के लिए जीवन बदलने वाले घटना बन सकती है यह किसी परिवार को शोक प्रक्रिया से निपटने और उनके नुकसान से निपटने में यह जानकर मदद कर सकता है कि उनका प्रयोजन दूसरों की जान बचाने में मदद कर रहा है।


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