शांति और सदभाव पर निबंध//Peace and Harmony Essay in Hindi

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शांति और सदभाव पर निबंध//Peace and Harmony Essay in Hindi

शांति और सदभाव पर निबंध//Peace and Harmony Essay in Hindi

शांति और सदभाव पर निबंध 200 शब्दों में

किसी भी समाज के निर्माण के लिए शांति और सद्भाव का होना बहुत ही जरूरी है शांति और सद्भाव के माध्यम से ही समाज का निर्माण होता है, समाज में शांति और सद्भाव को आधार माना जाता है अगर देश में शांति होगी तो देश में विकास होगा अन्यथा विकास का होना भी असंभव है। देश की सरकार द्वारा देश में शांति और सद्भाव को सुरक्षित करने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है, लेकिन कई गुर्जरों के चलते सरकार इस काम पर सफल नहीं कर पाती है। और उसी की वजह से देश में शांति भंग होती है देश में शांतिभंग को लेकर कई मुद्दे आपने भी देखे होंगे जिनका जिक्र हम नीचे बताएंगे तो इस पोस्ट को पूरा पढ़ें।

शांति और सदभाव पर निबंध//Peace and Harmony Essay in Hindi
शांति और सदभाव पर निबंध//Peace and Harmony Essay in Hindi

Table of contents


शांति और सद्भाव रहने से क्या तात्पर्य है?

शांति और सद्भाव पर निबंध हिंदी में

शांति निबंध क्या है?

शांति क्या है और इसका महत्व क्या है?

जीवन में शांति क्यों जरूरी है?

शांति से क्या लाभ है?

शांति के दो प्रकार कौन से हैं?

व्यक्ति को शांति कैसे मिलती है?

शांति का मतलब क्या होता है?

FAQ


सरकार द्वारा जो कई प्रकार की बिल विधानसभा और लोकसभा में पारित किये जाते हैं। तब संसद भवन में विपक्ष दल के नेताओं द्वारा जरूर शांति भंग की जाती है, लेकिन कई बार आने लोगों के द्वारा भी संसद भवन के बाहर शांति भंग की जाती है, इसका एक मुख्य कारण किसान आंदोलन है जो आज के समय में भी चल रहा है।


पिछले 7 महीनों से किसान आंदोलन चल रहा है जब से किसान बिल पास हुआ तब से इस बिल का विरोध जताया जा रहा है। वर्तमान में भी इस बिल को लेकर धरना प्रदर्शन जारी है। 26 जनवरी 2021 को किसानों द्वारा लाल किले की प्राचीन पर हमला किया गया था। और वहां पर तिरंगे का अपमान किया गया था इस प्रकार की घटना शांति और सद्भाव के खिलाफ हैं।


देश में शांति और सद्भाव का नक्शा धर्म के नाम पर माना जाता है। कई धर्म के लोग अन्य धर्म के लोगों को बदनाम करने की कोशिश करते हैं। और इसकी वजह से समाज में शांति और सद्भाव का नाम नहीं रहता है जिसकी वजह से समाज में असंतोष पैदा होने लगता है और लड़ाई होनी शुरू हो जाती है।


राजनीतिक दल में तो आपने अक्सर ही देखा होगा कि यहां पर शांति पूरी तरह से बंधी हुई है, की राजनीतिक दलों शांति का नाम लेना ही गलत है। कई प्रकार की आतंकवादी हमले भी शांति को बाधित करते हैं।

शांति और सदभाव पर निबंध//Peace and Harmony Essay in Hindi
शांति और सदभाव पर निबंध//Peace and Harmony Essay in Hindi


शांति और सदभाव पर निबंध 600 शब्दों में

प्रस्तावना

शांति और सद्भाव किसी भी देश की सबसे जरूरी आवश्यक होती है किसी भी देश के नागरिक सभी अपने आप को सुरक्षित व समृद्ध महसूस कर सकते हैं। जब उनके देश में शांति का माहौल हो लेकिन फिर भी कभी ना कभी किसी ना किसी देश का शांतिभंग तो ही हो ही जाता है। आपको पता हो कि भारत विविधताओं वाला देश है यहां विविधता में एकता देखने को मिलती है।


भारत में विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं तथा किसी भी त्योहार को आपस में मिलजुल कर मनाते हैं। यहां का संविधान सभी लोगों को स्वतंत्रता प्रदान करता है किसी भी देश में शांति बनाए रखने के लिए कानून बनाए जाते हैं ताकि कोई भी व्यक्ति शांति भंग ना कर सके। शांति और सद्भाव के कारण किसी भी देश का निर्माण होता है। क्योंकि देश में शांति और सद्भाव बना तो देश का विकास किया जा सकता है। लेकिन निहित स्वार्थ के कारण यह शांति भंग हो जाती है। ऐसे बहुत से कार वनण होती है जिससे देश में अशांति हो जाती है।


शांति और सद्भाव पर प्रभाव डालने वाले कारक

किसी भी देश की शांति में सबसे ज्यादा दखल आतंकवादी के द्वारा किया जाता है, इसमें कई लोगों की मौत भी हो जाती है। जिसे प्रत्येक जगह पर विरोध और प्रदर्शन किए जाते हैं। आतंकवाद के बाद दूसरे नंबर पर सबसे अधिक धर्म को बदनाम करने की कोशिश में समाज में असंतोष फैल जाता है। कई राजनीतिक दल ऐसे होते हैं, जो अपने हित के लिए दूसरी पार्टी के लोगों के खिलाफ असभ्य भाषा का प्रयोग करके समाज के लोगों को गुमराह करने की कोशिश करते हैं, जिससे देश में अशांति फैल जाती है।


आरक्षण प्रणाली के तहत सामान्य वर्ग के लोगों को अधिक अशांति पैदा की है। ऐसे में कई और समुदाय के लोग भी अपने अपने समुदाय के लोगों के लिए आरक्षण की मांग करने लगे हैं, ऐसे में यह लोग समय-समय पर प्रदर्शन करते रहते हैं। इसके अलावा बेरोजगारी, मुद्रास्फीति और अलग-अलग राज्यों में अन्य कई प्रकार के दंगों के कारण देश में शांति और सभ्दाव की संभावनाएं खत्म हो जाती है।


शांति और भेदभाव के उदाहरण

इतिहास में ऐसे बहुत सारे उदाहरण मौजूद हैं, जिनसे देश में शांति और सद्भाव बिल्कुल समाप्त हो गया है। इसमें से कुछ निम्न प्रकार के हैं।


  • 1987 में हरियाणा में हत्याएं

  • 1990 में हैदराबाद में दंगे

  • सन 2000 में लाल किले पर आतंकवादी हमले किए गए।

  • सन 2002 में गुजरात में दंगे

  • 2007 में दिल्ली में बम विस्फोट

  • 2008 में बम धमाके

  • 2013 में मुजफ्फरनगर में दंगे

  • सन 2016 में जाट आरक्षण आंदोलन


यह सभी उदाहरण है, कि भारत में शांति और सद्भाव खत्म हो चुका था। कभी-कभी ऐसा लगता है कि लोगों की शांति में रहने की आदत ही खत्म हो चुकी थी। कई बार समाज के लोग ही छोटी-छोटी बातों पर इतना बड़ा झगड़ा कर देते हैं, कि लोगों को मौत के घाट उतारने में परहेज भी नहीं करते। लोग अपनी शान को दिखाने के लिए इस हद तक पहुंच जाते हैं, कि वह छोटी सी बच्ची का बलात्कार करने से भी पीछे नहीं हटते हैं।


अभी देश में बलात्कार जैसी बहुत सी घटनाएं देखने को मिलती है। कई बार पीड़िता को न्याय नहीं मिल पाता है। ऐसे में समाज के लोग पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करते हैं और सड़क आदि में जाम लगा लेते हैं। ऐसे में रोकने के लिए पुलिस बल का प्रयोग करना पड़ता है। इस चक्कर में कई अराजक तत्व मौके का फायदा उठा लेते हैं और कई जगह आगजनी व प्रदर्शन करने लग जाते हैं, जिसे सरकार की संपत्ति को काफी नुकसान होता है


निष्कर्ष

किसी भी देश में शांति और सद्भाव तब तक बनाए रखा जा सकता है, जब तक उसका प्रत्येक नागरिक अपनी संवेदनशीलता के बारे में परिपक्व नहीं हो जाता, इसी कारण समाज में अशांति उत्पन्न हो जाती है।


अंतिम शब्द

आज का हमारा यहां आर्टिकल जिसमें हमने शांति और सद्भाव पर निबंध के बारे में संपूर्ण जानकारी आप तक पहुंचाई है। उम्मीद करता हूं कि हमारे द्वारा दी गई है जानकारी आपको अच्छी लगी होगी, यदि किसी व्यक्ति को ऐसा टिकट से संबंधित कोई सवाल है, तो यह में कमेंट करें बुक्स के माध्यम से पूछ सकते हैं।


FAQ

1-शांति और सद्भाव में रहने का क्या मतलब है?

उत्तर-शांति और सद्भाव किसी भी समाज के निर्माण के आधार हैं। अगर देश में शांति और सदभाव होगा तो हर जगह विकास हो सकता है। देश की सरकार देश में शांति और सदभाव सुनिश्चित करने का पुरज़ोर प्रयास करती है लेकिन निहित स्वार्थों के कारण यह अक्सर बाधित होता है।


2-शांति निबंध क्या है?

उत्तर-शांति वह मार्ग है जिसे हम समाज में विकास और समृद्धि लाने के लिए अपनाते हैं । यदि हमारे पास शांति और सद्भाव नहीं है, तो राजनीतिक ताकत, आर्थिक स्थिरता और सांस्कृतिक विकास हासिल करना असंभव होगा। इसके अलावा, इससे पहले कि हम शांति की धारणा दूसरों तक पहुँचाएँ, हमारे लिए अपने भीतर शांति रखना ज़रूरी है।


3-शांति से क्या लाभ है?

उत्तर -आंतरिक शांति हमारे मन को शांत करती है और हमें अपना रास्ता अधिक स्पष्ट रूप से देखने की अनुमति देती है, जिससे हमें ध्यान केंद्रित करने और अपने लक्ष्यों पर नज़र रखने में मदद मिलती है। स्पष्ट लक्ष्य रखना कम्पास रखने जैसा है; आप जानते हैं कि आप कहाँ जाना चाहते हैं, आप इसका लक्ष्य रखते हैं और सड़क पर प्रतिबद्ध हैं, यह विश्वास करते हुए कि सभी बाधाएँ।

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