तुलसी के पौधे पर निबंध || Essay on Tulsi plant in Hindi
प्रस्तावना
भारत में तुलसी या तुलसी के पौधे को एक पवित्र पौधे के रूप में देखा जाता है। यह पौधा आपको भारत के हर घर में मिल जाएगा क्योंकि भारत में लोगों का मानना है कि तुलसी के पौधे को घर में रखने से साकार चमक ऊर्जा आती है। और घर के चारों और नकारात्मक आभा खत्म हो जाती है। इस पौधे का उपयोग रोगों के इलाज में किया जाता है और यह आपके दिमाग को शांत और स्थिर बनाने में मदद करता है आज हम तुलसी के पौधे और उसके फायदे के बारे में जानेंगे।
तुलसी के पौधे पर निबंध || Essay on Tulsi plant in Hindi |
Table of contents
तुलसी के पौधे का महत्व (importance of basil plant)
तुलसी का पौधा होने से घर का वातावरण पूरी तरह से पवित्र और कीटाणु से मुक्त रहता है। तुलसी एक जड़ी बूटी है जिसका उपयोग दबाव बनाने के लिए किया जाता है इसके फूल बैगनी क्रीम रंग के होते हैं। हरी पत्तियों वाली तुलसी को श्री तुलसी और लाल पत्तियों वाली तुलसी को कृष्ण तुलसी कहा जाता है। इसके बीज पीने से लाल रंग के होते हैं।
तुलसी के पत्तों में बहुत आवश्यक तेल होता है। तुलसी आयत मामूली दर्द और सूजन में राहत देता है।और साथ ही बैक्टीरिया, फंगल या वायरल गतिविधि की उपस्थिति को कम करने में मदद करता है। तुलसी के एंटीऑक्सिडेंट लाभ होने के अलावा, यह प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में भी मदद कर सकती है।
तुलसी में महान औषधीय गुण होते है। तुलसी को हर्बल चाय के रूप में भी लिया जाता है। राम तुलसी गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम के लिए प्रभावी उपाय है। इसके पत्तों का रस सर्दी, बुखार, ब्रोंकाइटिस और खांसी में राहत देता है।इसके आलावा तुलसी मलेरिया को ठीक करने में मदद करती है।
तुलसी अपच, सिरदर्द, हिस्टीरिया, अनिद्रा और हैजा में भी प्रभावी है। तुलसी को जड़ी बूटियों की रानी भी कहा जाता है। कई लोग तुलसी की माला भी पहनते हैं। ऐसा माना जाता है कि तुलसी की माला पहनने से व्यक्ति स्वस्थ्य रहता हैं। तुसली की लकड़ी में भी कई औषधीय गुण होते हैं।
तुलसी के पौधे पर 10 पंक्तियाँ निबंध
तुलसी को भारत में एक पवित्र पौधा माना जाता है।
इसे पवित्र तुलसी, तुलसी और धन्य तुलसी जैसे कई अन्य नामों से जाना जाता है।
तुलसी 3 किस्मों में पाई जाती है जैसे राम तुलसी, कृष्ण तुलसी और वन तुलसी।
आप भारत में हरे और बैंगनी छायांकित तुलसी के पत्ते पा सकते हैं।
तुलसी के पौधे की ऊंचाई लगभग 1-3 फीट और पत्तियां 1-2 इंच लंबी होती हैं।
तुलसी के पौधे का उपयोग पुराने समय से ही औषधि के रूप में किया जाता रहा है।
यह पौधा आपकी शारीरिक के साथ-साथ मानसिक रूप से संबंधित समस्याओं को भी दूर करने का काम करता है।
यह अस्थमा, बुखार, सर्दी, हृदय रोग और कई अन्य बीमारियों को ठीक करने में मदद करता है।
तुलसी के पौधे की पत्तियों का इस्तेमाल आप खाने-पीने की चीजों में कर सकते हैं।
एक पवित्र पौधे के रूप में, यह आपके घर को अच्छी वाइब्स प्रदान करता है और पर्यावरण को साफ करता है।
तुलसी का पौधा कैसे उगायें
तुलसी के बीज से पौधा कैसे लगाएं? तुलसी के पौधे को बीजों से उगाने के लिए, आपको सबसे पहले तुलसी के पके हुए बीज लेने है। जो की पूरी तरह से सुख चुके है। इसके बाद आप इन्हे गमले में या फिर जमीन में लगा सकते है।
लगाने से पहले आपको उस जगह को अच्छी तरह से गुड़ाई कर लेना है। जहाँ पर यह बीज लगाने है। गुड़ाई करने के बाद आपको यह बीज उसके अंदर दोनों हाथो से मसलकर मिटटी में मिला देने है।
बीजो को मिटटी में मिलाने के बाद आपको इसके अंदर पानी का छिड़काब करना है। और इस गमले को किसी छायादार जगह पर रख देना है। अगर आपने यह बीज किसी खुली जगह में लगाए है, तो आप इसको कुछ सुखी घास से भी ढक सकते है।
ऐसा करने के बाद आपको लगभग एक महीने का इंतजार करना है।
तुलसी के फायदे एवं उपयोग
औषधीय दृष्टि के अनुसार तुलसी के सबसे ज्यादा महत्पूर्ण पत्तो को माना गया है। आप तुलसी के पत्तो को पौधे से तोड़कर और उन्हें पानी से धो कर खा सकते है। इसके अलावा तुलसी के बीज और इसकी शाखाये भी बहुत गुणकारी होती है। बाजार में तुलसी के पत्तो का चूर्ण भी मिलता है, यह भी बहुत ज्यादा लाभकारी होता है। आप इस चूर्ण को घर में भी बना सकते है। तुलसी के पत्तो का चूर्ण पाचन क्रिया को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसके आवला यह पौधा बुखार, और दिल सम्बन्धी बिमारियों में भी लाभदायक माना गया है, तो चलिए जानते है, तुलसी से सम्बंधित गुणों और फायदों के बारे में ।
तुलसी की पत्तियों के कुछ अन्य फायदे
तुलसी के पत्तो में प्राकृतिक रूप से ऐंटी-ऑक्सिडेंट और ऐंटी-बायॉटिक समृद्ध मात्रा में पाए जाते है। यह हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करते है। आप तुलसी के पत्तो को भिगोकर खा सकते है।
तुलसी के अंदर मौजूद अडैप्टोजेन शरीर की रक्त ध्वनि को सामान्य करता है। जिसकी वजह से हमारे शरीर में किसी भी तरह का तनाव नहीं होता है, जिसके कारन आप खुद को अच्छा और स्वस्थ महसूस करते है। इसके सेवन से सिर दर्द को भी रहत मिलती है।
अगर आप प्रतिदिन तुलसी के दो पत्तो को कहते है, तो इससे आपको खासी जैसी सभी समस्याओं से छुटकारा मितला है। आप सेहतमंद रहते है।
तुलसी के पत्तो के सेवन से मुँह के बैक्टीरिया खत्म हो जाते है। जिसकी वजह से आपके मुँह से बदबू नहीं आती है। और आप एक ताजा साँस को महसूस करते है।
अगर आप प्रतिदिन एक तुलसी का पत्ता खाया जाता है, तो इससे आपको सर्दी-खांसी में कुछ दिन तक आराम मिल जाता है। इसके अंदर मौजूद ऐंटी-बैक्टीरियल सभी तरह के कीटाणुओं को नष्ट कर देते है।
तुलसी आपके शरीर के पीएच लेवल को सामान्य रक्त है। इसके साथ ही यह आपकी पाचन क्रिया को भी ठीक करता है। जिससे आपको पेट में जलन नहीं होती है। और आपका पेट साफ़ रहता है।
People also asked
प्रश्न-तुलसी का पौधा हमारे लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर- हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी के पौधे में धन की देवी मां लक्ष्मी का वास होता है। ऐसी मान्यता है कि प्रतिदिन तुलसी की पूजा करने गई के घर में स्मृद्धि आती है और आर्थिक परेशानियां कम हो जाती हैं। तुलसी के पौधे को बहुत ही पवित्र माना गया है इससे घर के आंगन में भी लगाने का फल बताया गया है।
प्रश्न-तुलसी के पौधे से क्या लाभ होता है?
उत्तर- तुलसी के फायदे (Tulsi ke Fayde)
1) नैचुरल इम्यूनिटी बूस्टर तुलसी विटामिन सी और जिंक से भरपूर होती है।
2) सर्दी, खांसी और को कम करता है
3) कैंसर रोधी गुण
4) त्वचा और बालों के लिए होती है सही
5) ओरल हेल्थ के लिए है बेहतरीन
6) तनाव और थकान होती है कम
7) किडनी स्टोन में किया जा सकता है इस्तेमाल
प्रश्न-तुलसी की विशेषता क्या है?
उत्तर- एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीबायोटिक गुण तुलसी के पौधे में पाए जाते हैं। ये गुण शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। घर का वातावरण भी तुलसी के पौधे के होने से शुद्ध रहता है। तुलसी कारगर होती है संक्रामक रोगों को दूर करने में।
प्रश्न-तुलसी का पौधा छत पर क्यों नहीं रखना चाहिए?
उत्तर- ऐसा माना जाता है कि इस पवित्र पौधे को छत में रखने से सकारात्मक ऊर्जा दूर होने लगती है। ख़ास तौर पर जिन लोगों की कुंडली में बुध की स्थिति कमजोर है वो भूलकर भी ऐसा न करें। वास्तु की मानें तो छत पर रखा तुलसी का पौधा हमेशा वास्तु दोष का कारण बनता है।
इसे भी पढ़ें 👇👇👇👇
• अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध
• अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस पर निबंध
• राष्ट्रीय प्रसारण दिवस पर निबंध
• राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस पर निबंध
एक टिप्पणी भेजें