Nationalism essay in Hindi// राष्ट्रवाद पर निबंध

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Nationalism essay in Hindi// राष्ट्रवाद पर निबंध

Nationalism essay in Hindi// राष्ट्रवाद पर निबंध

हेलो दोस्तों स्वागत है आज की नई पोस्ट में आज आपको बताने वाले राष्ट्रवाद क्या होता है राष्ट्रवाद पर निबंध हिंदी में सभी जानकारी इस पोस्ट के माध्यम से दी जाएगी। तो इस पोस्ट को पूरा पढ़ें। और अपने दोस्तों में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।

Nationalism essay in Hindi// राष्ट्रवाद पर निबंध
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Table of contents


राष्ट्रवाद क्या है?

भारत में राष्ट्रवाद क्यों हुआ था?

राष्ट्रवाद पर निबंध हिंदी में

भारत में राष्ट्रवाद कैसे हुआ

राष्ट्रवाद की विशेषता क्या है?

राष्ट्रवाद का अर्थ क्या है?

भारतीय राष्ट्रवाद का अर्थ क्या है?

राष्ट्रवाद के कारण कौन से हैं?

राष्ट्रवाद का उद्देश्य क्या है?

FAQ


प्रस्तावना

एक मास जिस प्रकार से अपने बच्चे पर प्यार स्नेह एवं आशीर्वाद से सींचती हुए उसका लालन-पालन करती है ठीक उसी प्रकार हमारी मातृभूमि भी हमें पालती है। जिस प्रकार मां अपने बच्चों की भलाई करती है और बदले में कोई अपेक्षा नहीं करती, उसी प्रकार हमारी मातृभूमि भी हम पर ममता की बारिश करते हुए बदले में कुछ भी नहीं मांगती। लेकिन हर एक भारतीय के लिए यह जरूरी है कि वह अपने राष्ट्र के प्रति गर्व एवं कृतज्ञता की भावना प्रदर्शित करें। दूसरे शब्दों में कहें तो, हमें अपने वचन एवं कार्य दोनों ही के द्वारा हम राष्ट्रवाद की भावना को अपने जीवन में उतारे।


भारत, धार्मिक एवं क्षेत्रीय विविधता के भाव बावजूद एक राष्ट्र है


हम सभी के अलग-अलग मान्यताओं पर विश्वास करने, भिन्न भिन्न प्रकार के त्योहारों के मनाने एवं अलग-अलग भाषाओं के बोलने के बावजूद राष्ट्रवाद हम सभी को एकता के सूत्र में रोता है। यह राष्ट्रवाद ही भावना ही है जो एकता और अखंडता के लिए खतरो के खिलाफ राष्ट्रीय की रक्षा करता है। हम संस्कृति और भाषायी रूप से अलग होने के बावजूद राज्यों में रहने वाले लोग हैं एवं हमारी पहचान भी अलग है। लेकिन एक ध्वज, राष्ट्रीय गान और राष्ट्रीय प्रतीक के तहत एक के रूप में एक साथ खड़े हो सकते हैं। हमारा देश दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और एक वफादार नागरिक के तौर पर हमें इस पर गर्व होना चाहिए।


राष्ट्रवाद एक भावना

  • राष्ट्रवाद एक ऐसी अवधारणा है जिसमें राष्ट्र सर्वोपरि होता है।

  • हमारे हृदय में अपने वतन की प्रति सम्मान एवं प्रेम की भावना का होना ही राष्ट्रवाद का लाता है।

  • राष्ट्रवाद की वजह से ही देश के नागरिक अपने देश के लिए बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटते।

  • जाति, धर्म और क्षेत्रीय ताकि मानसिकता से ऊपर उठकर देश के प्रति गर्व की एक गहरी भावना महसूस करना ही राष्ट्रवाद है।

  • यह राष्ट्रवाद की भावना ही है जो एकता और अखंडता के लिए खतरो के खिलाफ राष्ट्र की रक्षा करता है।

  • केवल राष्ट्रवादी एक अटूट भावना द्वारा ही भारत को राष्ट्र विरोधी ताकतों की चपेट में आने से बचाता है।

  • राष्ट्रवाद की भावना के साथ किए गए संघर्ष एवं अखंड बलिदानों का ही परिणाम है कि भारत का अंग्रेजों से आजादी मिल गई।

  • विश्व के सभी देशों के राष्ट्रपति के जरिए ही नागरिकों में राष्ट्रपति से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर सहमति बनाने में गायब हो गए।


राष्ट्रवाद यानी राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना का विकास किसी भी देश के नागरिकों की एकजुटता के लिए आवश्यक है। यही वजह है कि बचपन से ही स्कूल में राष्ट्रगान का नियमित अभ्यास कराया जाता है और आजकल तो सिनेमाघरों में भी फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान चलाया जाता है, और साथ ही पाठ कर्मों में देश के महान सपूतों, वीरो एवं स्वतंत्रता सेनानियों की गाथाओं का समावेश किया जाता है। राष्ट्रवाद वह भावना है जो सैनिकों को देश की सीमा पर डटे रहने की ताकत देती है। राष्ट्रवाद की वजह से ही देश के नागरिक अपने देश के लिए बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटते। वह राष्ट्रवाद ही है जो किसी भी देश के नागरिकों को उनके धर्म, भाषा, आदि इत्यादि सभी संकीर्ण मनोवृति यों को पीछे छोड़कर देश हित में एक साथ खड़े होने की प्रेरणा देती है।


भारत की सांस्कृतिक, धार्मिक और भाषाई विधिता वाला देश है। राष्ट्रवाद फीवर धागा है जो लोगों को उनके विभिन्न सांस्कृतिक-जातिय पृष्ठभूमि से संबंधित होने के बावजूद एकता के सूत्र में एक साथ बनता है। एक कश्मीर से कन्याकुमारी तक सभी भारतीयों को एकजुट रहने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।



राष्ट्रवाद एक ऐसी अवधारणा है जिसमे राष्ट्र सर्वोपरि होता है अर्थात राष्ट्र को सबसे अधिक प्राथमिकता दी जाती। यह एक ऐसी विचारधारा है जो किसी भी देश के नागरिकों को सजा पहचान को बढ़ावा देती है। किसी भी राष्ट्र की उन्नति एवं संपन्नता के लिए नागरिकों में सांस्कृतिक, धार्मिक और भाषाई विविधता से ऊपर उठकर राष्ट्र के प्रति गौरव की भावना को मजबूती प्रदान करती है।

Nationalism essay in Hindi// राष्ट्रवाद पर निबंध
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भारत समेत ऐसे कई देश हैं जो सांस्कृतिक धार्मिक और भाषाई विविधता से संपन्न है और उन देशों में राष्ट्रवाद की भावना जनता के बीच आम सहमति बनाने में मदद करती है। देश के विकास के लिए प्रत्येक नागरिक को एकजुट होकर कार्य करना पड़ता है और उन्हें एक सूत्र में पिरोने का कार्य राष्ट्रवाद की भावना ही करती है।


निष्कर्ष 

भारतीय नागरिकों में राष्ट्रवाद की भावना सर्वोपरि है, और इसलिए जब यहां के नागरिकों से देश के राष्ट्रीय ध्वज एवं राष्ट्रगान, जो कि देश की एकता एवं अखंडता के राष्ट्रीय प्रतीक है, के प्रति सम्मान की अपेक्षा की जाती है तो वह पूरी जनता के साथ खुलकर इन सभी के लिए अपना सम्मान प्रकट करती है।


FAQ

1-राष्ट्रवाद क्या है?

 उत्तर-लिखित उत्तर जो विचारधारा किसी भी राष्ट्र के सदस्यों में एक साझा पहचान को बढ़ावा देती है। उसे राष्ट्रवाद कहते हैं राष्ट्रवाद की भावनाओं की जड़ें जमाने के लिए कई प्रतीकों को सहारा लिया जाता है जैसे- राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रीय प्रतीक, राष्ट्रगान आदि


2-भारत में राष्ट्रवाद क्यों हुआ था?

 उत्तर-भारत में राष्ट्रवाद क्यों हुआ था समस्त भारत पर ब्रिटिश सरकार का शासन होने से भारत एकता के सूत्र में बंध गया इस प्रकार देश में राजनीतिक एकता स्थापित हुए यातायात के साधनों तथा अंग्रेजी शिक्षा ने इस एकता की नींव को और अधिक ठोस बना दिया जिससे राष्ट्रीय आंदोलन को बल मिला।


3-भारत में राष्ट्रवाद कैसे हुआ? 

उत्तर-देश में यह चेतना किस तरह पैदा हुए दूसरे उपनिवेश हो की तरह भारत में भी आधुनिक राष्ट्रवाद के उदय की परिघटना उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलन के साथ गहरे तौर पर जुड़ी हुई थी औपनिवेशिक शासकों के खिलाफ संघर्ष के दौरान लोग आपसी एकता को पहचानने लगे थे उत्पीड़न और दमन के ताजा भाव ने विभिन्न समूह के एक दूसरे से बांध दिया था।


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