स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध//Essay on health is wealth in Hindi

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स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध//Essay on health is wealth in Hindi

स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध//Essay on health is wealth in Hindi

स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है। शरीर के द्वारा ही सारे कार्य संपन्न किए जा सकते हैं। जाहिर है कि यदि हमारा स्वास्थ्य अच्छा होगा तभी हम अपनी जिम्मेदारियों को भलीभांति निभा सकेंगे।

स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध//Essay on health is wealth in Hindi
स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध//Essay on health is wealth in Hindi

Table of contents


स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध हिंदी में।

स्वास्थ्य का निबंध क्या है धन है?

स्वास्थ्य का महत्व से भी अधिक क्यों है?

धन का स्वास्थ्य से क्या संबंध है?

स्वस्थ कैसे रहे पर निबंध?

स्वास्थ्य का हमारे जीवन में क्या महत्व है?

स्वास्थ्य हमारे लिए अच्छा क्यों है?

स्वास्थ्य का क्षेत्र

शारीरिक स्वास्थ्य

FAQ


स्वास्थ्य का क्षेत्र

स्वास्थ्य का क्षेत्र अत्यंत विशाल है। स्वास्थ्य से तात्पर्य केवल शारीरिक स्वास्थ्य से नहीं है इसके अंतर्गत मानसिक आध्यात्मिक बौद्धिक और सामाजिक स्वास्थ्य भी शामिल है।


शारीरिक स्वास्थ्य

शारीरिक स्वास्थ्य के अंतर्गत हमारी तन की सफाई आ जाती है शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हमें प्रतिदिन स्नान करना चाहिए और प्रतिदिन अपने वस्त्रों को बदलना चाहिए इसके साथ साथ हमारा भोजन संतुलित और पौष्टिक होना चाहिए एक संतुलित आहार का सेवन हमें स्वस्थ बने रहने में मदद करता है और साथ ही हमें नियमित समय पर भोजन करना चाहिए शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हमें प्रतिदिन व्यायाम करना चाहिए और हमें अपनी भोजन में हरी सब्जियां दूध और अंडे का सेवन करना चाहिए।

मानसिक स्वास्थ्य

मानसिक स्वास्थ्य के अंतर्गत हमारे मन में चल रहे अनेक प्रकार के विचार आते हैं हमारा मन सकारात्मक विचारों से युक्त होना चाहिए यदि हमारा मन किसी भी प्रकार के द्वेष कलह या मत भेद जैसे विचारों से ग्रस्त हैं तो हम एक स्वस्थ जीवन व्यतीत नहीं कर सकते और ना ही जीवन में आगे बढ़ सकते हैं अगर हमारा मन हमेशा सात्विक विचारों को सुनता और उन में विश्वास रखता है तो हमारा मन अत्यंत शांत रहता है जिसके कारण हम हर कार्य में अपना मन लगाते हैं और जीवन में सफलता हासिल करते हैं।


नियमित दिनचर्या शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। सूर्योदय से पहले हमें नित्य क्रियाओं से निवृत्त हो लेना चाहिए। यदि संभव हो तो रोज सुबह शेयर करनी चाहिए अन्यथा घर पर ही कुछ योगासन तथा हल्के व्यायाम करने चाहिए। व्यायाम के उपरांत शीतल जल से स्नान ध्यान आदि करने के बाद अपने दैनिक कार्यों में जुट जाना चाहिए।


आहार संतुलित पौष्टिक तथा सादा होना लाभदायक है। मिर्च मसाला युक्त या तली हुई वस्तुएं स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। वासी या अस्वच्छ भोजन कभी नहीं खाना चाहिए।


खाना खाने की आदत सुधरी रहने से स्वास्थ्य भी हमेशा सही रहता है। कुछ लोगों में दिनभर थोड़ी थोड़ी देर पर कुछ ना कुछ खाते रहने की आदत होती है यह उचित नहीं है क्योंकि इससे हमारी आंतो को हर वक्त काम करते रहना पड़ता है और आराम न मिलने से आंते कमजोर हो जाते हैं। कुछ लोगों को सुबह उठते ही चाय पीने की आदत होती है यह ठीक नहीं है क्योंकि इसमें मुंह में जमा हो चुकी रात भर की गंदगी फिर से पेट में पहुंच जाती है इसलिए रात को सोने से पहले दांतों को ब्रश कर लेना चाहिए और सुबह भी कुछ खाने पीने से पहले ब्रश कर लेना चाहिए। चॉकलेट है मिठाई जैसे पदार्थ खाने के बाद कुल्ला कर लेना चाहिए अन्यथा दांत खराब हो जाते हैं ब्रश भी ज्यादा या फिर जोर लगाकर नहीं करना चाहिए अन्यथा दांत खराब हो सकते हैं दांत खराब तो आंत खराब यह बात ध्यान रखना चाहिए।


ईर्ष्या द्वेष जैसे दुर्गुण मन में ही रखनी चाहिए। दूसरो की खुशहाली और तरक्की देखकर जलना स्वयं को जलाने के बराबर है बुरे विचारों का हमारे मन मस्तिक पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। कहावत है मन चंगा तो कठौती में गंगा। अतः मन निर्मल रखना चाहिए मन की सफाई मानसिक शांति के लिए आवश्यक है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त निंद्रा भी लेनी चाहिए। शयनकक्ष साफ-सुथरा और हवादार होना चाहिए कीड़े मकोड़े और मक्खी मच्छर भी वहां नहीं होने चाहिए। सोने का बिस्तर साफ सुथरा और आराम दे हो तथा सराहनीय में तकिया ना लिया जाए तो और भी अच्छा है। रोज 6-7 घंटे सोना चाहिए पर दिन में सोना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध//Essay on health is wealth in Hindi
स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध//Essay on health is wealth in Hindi

अकर्मण्यता शारीरिक स्वास्थ्य के लिए धीमा जहर है हमें कभी बेकार बैठ कर अपना समय नहीं बताना चाहिए हमेशा स्वयं को किसी ना किसी काम में व्यस्त रखने की कोशिश करनी चाहिए। वेद शास्त्र पुराण और गीता में सब में कर्म की महिमा गाई गई है गुरु गोविंद सिंह का गीत शुभ कर्मन ते कबहु ना टरै…हमें सब कर्म करते रहने हेतु प्रेरित करता है अतः कर्म अच्छे करना चाहिए।


जीवन में कई प्रकार की कठिनाइयां और विघ्न बाधाएं आकर अक्सर हमें विचलित करते हैं हमें घबराना नहीं चाहिए बल्कि डटकर इनका सामना करना चाहिए चिंता और तनाव को पास नहीं भटकने देना चाहिए कहावत भी है की चिंता और चिता एक समान। चिंता और चिता में फर्क सिर्फ इतना है कि चिता मृत व्यक्ति को जलाती है और चिंता जीवित ही भष्म कर देती है।


धूम्रपान या अन्य कोई भी नशीला पदार्थ स्वास्थ्य के लिए घातक है नशीली वस्तुओं में एक बड़ी खराब बात यह है की इनके सेवन से इंसान को इनका चस्का लग जाता है कुछ अरसा बीत ने परी आदत छोड़नी मुश्किल हो जाती है और व्यक्ति हमेशा के लिए नशे का गुलाम हो जाता है अता नशे की लत लगे इसके लिए नशीली वस्तुओं से दूर ही रहना चाहिए।


FAQ

1-स्वास्थ्य का निबंध क्या है धन है?

उत्तर-असली धन स्वास्थ्य ही है। सिर्फ इसलिए कि एक आदमी स्वस्थ है इसका मतलब यह नहीं है कि वह बीमार नहीं हो सकता यह तब होता है जब कोई व्यक्ति मानसिक शारीरिक और सामाजिक रुप से स्वस्थ होता है इतने व्यस्त दुनिया में हर किसी को अपना स्वास्थ्य ठीक रखना और स्वस्थ जीवन जीना कठिन लगता है।


2-धन का स्वास्थ्य से क्या संबंध है? 

उत्तर-स्वास्थ्य के बिना कोई विधान अधिक लाभप्रद नहीं होता है अर्थात स्वस्थ शरीर के बिना अन्य धन का लाभ नहीं उठाया जा सकता है। यदि किसी व्यक्ति के पास बहुत धन है लेकिन वह बीमारी से पीड़ित है तो वह धन का आनंद नहीं ले सकता है यदि कोई व्यक्ति स्वस्थ है लेकिन उसके पास धन नहीं है तो वह कड़ी मेहनत से धन कमा सकता है।


3-स्वस्थ कैसे रहे पर निबंध? 

उत्तर-हमारी शारीरिक प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और इस प्रकार हम किसी भी प्रकार की बीमारी की चपेट में आसानी से आ जाते हैं हमारे शरीर को स्वस्थ और फिट रखने के लिए बहुत ही धैर्य और प्रयास की आवश्यकता होती है ऐसा करना मुश्किल है पर असंभव नहीं है हमें खुद ही अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है।

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