Bihar board 10th social science answer key 2023-24||Bihar board half yearly exam social science answer key download
नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में चर्चा करेंगे बिहार बोर्ड सेकंड टर्मिनल एग्जाम आप लोगों के स्टार्ट होने वाले हैं कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान का महत्वपूर्ण क्वेश्चन आंसर आप लोगों को इस आर्टिकल में दिए जाएंगे तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें और अपने दोस्तों में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।
Bihar board 10th social science answer key 2023-24||Bihar board half yearly exam social science answer key download |
Click Here to Join Our PDF group
Bihar board class 10th second terminal exam question paper 2023-24 is available here after exam. If you are preparing for Science for 10th second terminal examination question paper social Science PDF from here on aglasem. This social Science question paper content objective subjective question. Therefore this Bihar board class 10th second terminal exam question paper helps you get full marks in social Science exam held by BSEB Bihar school examination board.
2023-24
Subject social science
Class 10th
Time: 3 hrs. 15 Minutes
General Instructions:-
Full Marks:- 100
Objective type question paper ke answer
खण्ड ब
Subjective question answer
1-जर्मनी के एकीकरण की क्या बाढ़एं थी।
उत्तर जर्मनी के एकीकरण सबसे बड़ी बाधा ऑस्ट्रेलिया भी थी क्योंकि यह ही नहीं चाहता था कि जर्मनी का एकीकरण हो। क्योंकि इस समय पर ऑस्ट्रेलिया का प्रभुत्व जर्मन राज्यों पर था और वह नहीं चाहती थी कि इनका एकीकरण हो और ऑस्ट्रेलिया को इस राज्यों से हाथ धोना पड़े इसलिए ऑस्ट्रेलिया जर्मनी के एकीकरण में कई तरह के हस्तक्षेप ला रही थी।
2-स्वराज पार्टी की स्थापना का मुख्य उद्देश्य क्या था
उत्तर-स्वराज पार्टी पराधीन भारत के स्वतंत्रता संग्राम के समय बना एक राजनीतिक दल था इस दल की स्थापना 1 जनवरी 1923 को देशबंधु चितरंजन दास तथा मोतीलाल नेहरू ने की थी यह दल भारतीयों के लिए अधिक स्वशासन तथा राजनीतिक स्वतंत्रता की प्राप्ति के लिए कार्य कर रहा था भारतीय भाषा में स्वराज का अर्थ है अपना राज्य।
3-राजनीतिक दलों का लोकतंत्र का प्राण क्यों कहा जाता है?
उत्तर-लोकतंत्र में सरकार जनता के द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों द्वारा चलाए जाते हैं यह प्रतिनिधि किसी न किसी राजनीतिक दल के सदस्य होते हैं जनता भी किसी न किसी राजनीतिक दल के ऊपर विश्वास करती है जिन और उनकी नीतियों का समर्थन करती है चुनाव के दौरान यही राजनीतिक दल के सदस्य गण चुनाव लड़ते हैं। चयनित होते हैं और बहुमत प्राप्त के बाद सरकार का गठन करते हैं यदि जिन दलों को बहुमत की प्राप्त नहीं होती वह विपक्ष के रूप में जनता के हित में आवाज उठाते हैं यदि राजनीतिक दल ना हो जब जनतंत्र के अंतर्गत प्रतिनिधित्व सरकार का निर्माण ही संभव नहीं उनकी समस्याओं को सुनने वाला भी कोई नहीं होगा अतः हम कह सकते हैं कि राजनीतिक दल लोकतंत्र का प्राण है।
4-मिश्रित अर्थव्यवस्था की प्रमुख विशेषताएं बताएं
उत्तर-मिश्रित अर्थव्यवस्था की मुख्य विशेषताएं निम्न है-
1-सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र का सह अस्तित्व मिश्रित अर्थव्यवस्था की सबसे प्रमुख विशेषताएं यह है कि इसमें सार्वजनिक एवं निजी दोनों क्षेत्र विद्यमान रहते हैं इन क्षेत्रों के बीच कार्यों का स्पष्ट विभाजन रहता है।
2-लोकतांत्रिक व्यवस्था मिश्रित अर्थव्यवस्था में क्रियो का निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र में विभाजन नीतियों का निर्धारण लक्षण एवं उद्देश्यों का निर्धारण संस्थाओं का आवंटन आदि सभी बातों का निर्णय जन प्रतिनिधियों द्वारा लिया जाता है।
3-आर्थिक नियोजन इसमें देश की आर्थिक विकास हेतु आर्थिक नियोजन को अपनाया जाता है इसके अंतर्गत सरकार निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र के लिए भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करती है दोनों ही क्षेत्र अपने निर्धारित लक्षण को पूरा करने के लिए कार्य करते हैं।
4-आर्थिक स्वतंत्रता मिश्रित अर्थव्यवस्था में आर्थिक स्वतंत्रता तो होती है किंतु पूंजी वाद की तुलना में कम होती है इस व्यवस्था में सामाजिक हित एवं कल्याण को ध्यान में रखकर व्यक्तिगत उद्यमियों को सीमित आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान की जाती है।
6-मृदा संरक्षण के दो उपाय बताइए
उत्तर-मृदा संरक्षण के उपाय
1-ढलान कृषि को प्रोत्साहित करना
2-पानी के बहाव को रोकना
3-सघन वृक्षारोपण करना जिससे वायु का प्रभाव कम हो.
4-अतिचारण को नियंत्रित करना
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
11-रूसी क्रांति के प्रभाव की विवेचना कीजिए
उत्तर-इस क्रांति के पश्चात श्रमिक अथवा सर्वहारा वर्ग की सट्टा रूस में स्थापित हो गई तथा इसने अन्य क्षेत्रों में भी आंदोलन को प्रोत्साहित दिया रूसी क्रांति के बाद विश्व विचारधारा के स्तर पर दो खेलों में विभाजित हो गया. साम्यवादी विश्व एवं पूंजीवादी विश्व इसके पश्चात यूरोप भी दो भागों में विभाजित हो गया पूर्वी एवं पश्चिमी यूरोप धर्म सुधार आंदोलन के पक्ष और साम्यवादी क्रांति से पहले यूरोप में वैचारिक आधार पर इस तरह का विभाजन नहीं देखा गया था।
द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात पूंजीवादी विश्व कथा सोवियत रूस के बीच शीत युद्ध की शुरुआत हुई और आगामी 4 दशकों तक दोनों खेमो के बीच शास्त्रों की होड़ चलती रही।
रूसी क्रांति के पश्चात आर्थिक आयोजन के रूप में एक नवीन आर्थिक मॉडल आया आगे पूंजीवादी देशों ने भी परिवर्तित रूप में इस मॉडल को अपना लिया इस प्रकार स्वयं पूंजीवाद के चरित्र में भी परिवर्तन आ गया।
12-भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में गांधी जी के योगदान की विवेचना कीजिए
उत्तर-भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में महात्मा गांधी का महत्वपूर्ण योगदान रहा जनवरी 1915 ईस्वी में दक्षिण अफ्रीका से लौट के बाद अहमदाबाद में साबरमती आश्रम की स्थापना की 1919 ई से 1947 ई तक राष्ट्रीय आंदोलन में गांधीजी की अग्रणी भूमिका रही गांधी जी के द्वारा बिहार के चंपारण में 17 ग्रह का प्रथम प्रयोग किया गया चंपारण एवं खेड़ा में कृषक आंदोलन अहमदाबाद में मजदूर आंदोलन का नेतृत्व प्रदान कर गांधी जी ने प्रभावशाली राजनेता के रूप में अपनी राष्ट्रीय पहचान बनाई प्रथम विश्व युद्ध के अंतिम दौर में इन्होंने कांग्रेस होम रूल एवं मुस्लिम लीग के नेताओं के साथ घनिष्ठ संबंध स्थापित किया रोलेट एक्ट के विरोध में इन्होंने सत्याग्रह की शुरुआत की महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन 1920 21 सविनय अवज्ञा आंदोलन 1930 ई भारत छोड़ो आंदोलन 1942 ई के द्वारा राष्ट्रीय आंदोलन की नई दिशा प्रदान की और अंततः 15 अगस्त 1947 ई को देश आजाद हुआ।
13-बिहार के आर्थिक पिछड़ेपन के कर्म को लिखिए
उत्तर-बिहार के पिछड़ेपन के कारण आर्थिक दृष्टि से बिहार के पिछड़ेपन के कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार हैं-
1-तेजी से बढ़ती जनसंख्या बिहार में जनसंख्या काफी तेजी से बढ़ रही है इसके चलते विकास के लिए साधन कम हो रही है अधिकांश साधन जनसंख्या के भारत पोषण में चला जाता है।
2-आधारिक संरचना का अभाव किसी भी देश या राज्य के लिए आधारित संरचनाओं का होना जरूरी होता है लेकिन बिहार इस मामले में काफी पीछे है राज्य में सड़क बिजली एवं सिंचाई का अभाव है साथ ही शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं भी कम है।
3-कृषि पर निर्भरता बिहार की अर्थव्यवस्था पूरी तरह कृषि पर आधारित है यहां की अधिकांश जनता कृषि पर ही निर्भर है लेकिन हमारे कृषि की भी हालत ठीक नहीं है हमारे कृषि काफी पीछे रह गई है।
14-भारतीय कृषि की निम्न उत्पादकता को कारण सहित समझाइए
उत्तर-खेती को जनसंख्या का बढ़ता बोझ भी निम्न उत्पादकता का महत्वपूर्ण कारण है-
कनिकी कारक सिंचाई सुविधाओं को पर्याप्त का अभाव उच्च उत्पादकता वाले बीजों की अन उपलब्धता किसानों के पास मृदा परख तकनीक का अभाव और किटो रोगाणुओ और चूहा जैसे अन्य कृंतको से बचाव की वैज्ञानिक पद्धति की जानकारी ना होना इसके अतिरिक्त किसानों द्वारा उर्वरकों एवं कीटनाशकों के उचित अनुपात में प्रयोग न करना आदि कारण है।
इसे भी पढ़ें
कक्षा 9 अंग्रेजी सेकंड टर्मिनल एग्जाम पेपर
कक्षा 10 विज्ञान सेकंड टर्मिनल एग्जाम पेपर
कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान आंसर की सेकंड टर्मिनल एग्जाम
एक टिप्पणी भेजें