शाहबाज शरीफ का जीवन परिचय| Shehbaz Sharif Biography (jivani) in Hindi

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शाहबाज शरीफ का जीवन परिचय| Shehbaz Sharif Biography (jivani) in Hindi

शाहबाज शरीफ का जीवन परिचय| Shehbaz Sharif Biography (jivani) in Hindi

साहिबाबाद शरीफ- का जन्म 23 सितंबर 1951 को लाहौर पाकिस्तान में हुआ। इनके पिताजी का नाम मोहम्मद शरीर था और उनके बड़े भाई जो पाकिस्तान के तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके उनका नाम नवाज शरीफ है।

शहबाज शरीफ, की दो शादियां हुईं जिनमें पहली शादी बेगम नुसरत से साल 1973 में और 1993 मैं दूसरी शादी सदा हनी से।


शाहबाज शरीफ का जीवन परिचय| Shehbaz Sharif Biography (jivani) in Hindi


शाहबाज शरीफ पाकिस्तान राजनेता है, यह मियां मोहम्मद नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं. अब तक एक भी पाकिस्तान के पंजाब शहर के मुख्यमंत्री थे, सन 2017 यानी इस साल यह पाकिस्तान के नामित प्रधानमंत्री हैं. यह शरीफ परवाज से संबंध रखते हैं. यह 3 बार पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उन्होंने पंजाब में मेट्रो बस परियोजना जैसे कई परियोजनाएं शुरू की. शरीफ 2017 में अपने लैपटॉप योजना के लिए प्रसिद्ध है. इनकी जीवन के बारे में यहां दर्शाया जा रहा है।


Table of contents

  • शाहबाज शरीफ का जीवन परिचय shahbaz Sharif Biography in Hindi

  • शाहबाज का जन्म और शुरुआती जीवन(shahbaz Sharif born and Early Life)

  • शाहबाज शरीफ की शिक्षा( shahbaz Sharif education)

  • शाहबाज शरीफ का व्यक्तिगत जीवन ( shehjad Sharif personal life)

  • साहिबा शरीफ का राजनीतिक करियर (shehbaz Sharif political career)

  • शाहबाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ( shehbaz Sharif prime minister)


शहबाज शरीफ का जीवन परिचय Shahbaz Sharif Biography in Hindi


साहेब आज शरीफ का जन्म और शुरुआती जीवन ( shehbaz Sharif born and Early Life)


शाहबाज शरीफ का का जन्म 23 सितंबर 1991 को पाकिस्तान के पंजाब के लोहार शहर में हुआ. इनके पिता मियां मोहम्मद शरीफ एक उच्चतर और मध्यम वर्ग के व्यवसाय और उद्योगपति थे, और अतः पंजाब के अमृतसर जिले में जाति उमरा गांव में बीसवीं सदी की शुरुआत में ही बस गए थे. उनकी मां का परिवार पुलवाना का रहने वाला था. सन 1947 में जिन्ना के नेतृत्व में आंदोलन और पाकिस्तान बनाने के उनके संघर्ष के बाद, उनके माता-पिता अमृतसर से लाहौर आ गए.


शाहबाज शरीफ की शिक्षा( shahbaz Sharif education


शाहबाज शरीफ ने लोहार के गवर्नमेंट कॉलेज यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री प्राप्त की. स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद भी अपने परिवार के इत्तेफाक ग्रुप में शामिल हो गए सन 1985 में वे लोहार चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष चुने गए.


शाहबाज शरीफ का व्यक्तिगत जीवन (shehjad Sharif personal life)


शहबाज शरीफ के दो भाई हैं एक अब्बास शरीर और एक नवाज शरीफ. नवाज शरीफ 3 बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद के लिए चुने गए.

इनकी पहली शादी नुसरत साहब आज से सन 1973 में हुई. इसके 4 बच्चे हुए जिनके नाम सलमान ,हमजा, जावेरिया, राबिया, हैं सन 2003 में इन्होंने माय लार्ड की लेखिका तहमीना दुर्रानी से शादी की. वे अपने पैतृक घर राघवेंद्र पैलेस में रहते हैं. साहिबाबाद एक व्यवसाई हैं और संयुक्त रूप से 'इत्तेफाक' ग्रुप जो की बहू million-dollar के 'स्टील' का ग्रुप है, के मालिक हैं.


शाहबाज शरीफ का राजनीतिक करियर (shehbaz Sharif political career)


शाहबाज शरीफ का राजनीतिक करियर तब शुरू हुआ तब वे सन् 1988 में पंजाब प्रार्थी विधानसभा के लिए चुने गए, किंतु सन 1990 में उनका कार्यकाल खत्म हो गया था जब उनकी विधानसभा में खत्म हो गई थी। सन 1990 में ही उन्हें फिर से आम चुनाव में पंजाब प्रांतीय एवं राष्ट्रीय विधानसभा के रूप में चुना गया. 1993 में वे तीसरी बार विधानसभा के लिए निर्वाचित हुआ और यह विपक्ष के लीडर बने. इस समय वे यूनाइटेड किंग्डम में चिकित्सा उपचार के लिए गए हुए थे. उनकी अनुपस्थिति में चौधरी परवेज इलाही विपक्ष के अभिनय नेता हुए. उनका कार्यकाल सन 1996 में समाप्त हो गया जब विधानसभा में बंद हो गई.


सन 1997 में चौथी बार विधानसभा में चुने गए और इस बार उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री की शपथ ली. इनके इस कार्यकाल के दौरान स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, और औद्योगिक क्षेत्रों में उनके अच्छे प्रयास के चलते उनकी प्रशासन के दौर द्वारा बहुत प्रशंसा की गई. उन्होंने कई विकास परियोजनाएं शुरू की एवं प्रांत में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपराधियों पर सख्त कार्यवाही करवाई. किंतु जब जनरल परवेज मुशर्रफ देश के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बने. टशन 1999 में न्यायिक हत्याओं को करवाने के आदेश देने के आरोप में शाहबाज को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया और दोनों शरीफ भाइयों को हिरासत में लिया गया. एक गुप्त समझौते के बाद पूरे शरीफ परिवार को सऊदी अरब में स्थानांतरित कर दिया गया. परवेज मुशर्रफ का कहना था कि इसके लिए उन्होंने खुद मांग की थी. हालांकि शाहाबाद इस बात का दावा करते हैं कि वह किसी सौदे का हिस्सा नहीं है. इसके बाद 2004 में इन्होंने पाकिस्तान आने की कोशिश की किंतु इन्हें लाहौर के एयरपोर्ट से ही हटा दिया गया. इस निर्वाचन के समय ही यह मुस्लिम लीग के अध्यक्ष के रूप में चुने गए, और अभी भी इस पद पर हैं.


सन 2007 में नवाज शरीफ के साथ पाकिस्तान वापस आए. हत्या के आरोप के चलते शरीर को 2008 के आम चुनाव में हिस्सा लेने नहीं मिला. लेकिन उन्हें 2008 में इन आरोपों से बरी कर दिया गया था. तथा जून 2008 में हुए उपचुनाव में पंजाब प्राप्ति विधानसभा में दूसरी बार चुने गए और वे सन् 2008 में दूसरी बार मुख्यमंत्री बने. किंतु इस बार भी उनका कार्यकाल सन 2009 में ही समाप्त हो गया. पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ ने उन्हें इसके लिए अपात्र घोषित कर दिया, और उन्हें मुख्यमंत्री पद से एक बार फिर हटना पड़ा. किंतु सर्वोच्च न्यायालय की फिर से हुई एक बैठक के बाद उन्होंने अपना फैसला बदल दिया और वे दोबारा मुख्यमंत्री पद पर आसीन हो गए.


शाहबाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री (shehbaz Sharif prime minister)


पनामा पेपर लीक के मामले में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का नाम सामने आया जिसके चलते उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. इसलिए इसके स्थान पर पाकिस्तान के नाम प्रधानमंत्री के रूप में शाहबाज शरीफ का नाम सामने आया है.


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