ईधन संरक्षण पर निबंध (Fuel Conservation Essay in Hindi)
ईधन के प्रकार
जैव ईधन के उपयोग
ईधन का मतलब
ईंधन का उपयोग करने वाले क्षेत्र
ईंधन की बचत पर निबंध
हमें इधर क्यों बचाना चाहिए?
ईंधन कैसे लिखें?
इधर कौन-कौन से होते हैं?
ईंधन की बचत कैसे करें?
ईधन संरक्षण पर निबंध (Fuel Conservation Essay in Hindi) |
नमस्कार दोस्तों आज के इस लेख में अपनों को बताएंगे ईधन संरक्षण पर निबंध हिंदी में जो आप लोगों को दें कक्षा 9वी से 12वीं बोर्ड परीक्षाओं में पूछा जाता है। इसलिए को पूरा पढ़ें और अपने दोस्तों में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें साथ ही आप लोग कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं कि यह लेख कैसा लगा धन्यवाद दोस्तों।
ईंधन मूल रूप से वह पदार्थ है जो रसायनिक या परमाणु ऊर्जा उत्पन्न करता है विभिन्न कार्यों में विभिन्न प्रकार के ईंधन का उपयोग किया जाता है। इनमें से कुछ कार वार्मिंग हिटिंग खाना पकाना औद्योगिक वस्तुओं का उत्पादन चलने वाली मशीनरी आदि है। ईंधन गर्मी के रूप में रसायनिक और परमाणु ऊर्जा उत्पन्न करते हैं। यह आसानी से विभिन्न कार्यों को पूरा करने के लिए उपयोग किया जाते हैं पेट्रोल, डीजल, एलपीजी, लकड़ी, कोयला कार, गोबर, कोयला, मीथेन, कोयला गैस, जल गैस और केरोसिन ईंधन के कुछ उदाहरण है।
ईंधन पर छोटे और लंबे निबंध (long and short essay on Fuel in Hindi,Indhan per nibandh Hindi mein)
निबंध 1(300 शब्द)
प्रस्तावना-इधर को शुरू में उन पदार्थों के रूप में पहचाना जाता था जो केवल रासायनिक उर्जा ही जारी करते थे हालांकि जल्द ही उन पदार्थों को इस श्रेणी में शामिल कर लिया गया जो परमाणु ऊर्जा का उत्पादन करते थे यह विभिन्न कार्यों को पूरा करने के लिए उपयोग में लिया जाता था पूर्णविराम जिन चीजों पर हम भरोसा करते हैं और इन दिनों उनके बिना अपनी जिंदगी की कल्पना नहीं कर सकते वह ईंधन कहलाते हैं।
हमारे दिन प्रतिदिन जीवन में उपयोग किए जाने वाले ईंधन
हमारे दैनिक जीवन में उपयोग किए जाने वाले विभिन्न ईंधन हैं। यहां सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले इन दिनों पर एक नजर डाली गई है:
-पेट्रोल /डीजल /सीएनजी
कार बस स्कूटर या बाइक जिसका हम विभिन्न स्थानों पर आने जाने के लिए उपयोग करते हैं वह पेट्रोल डीजल या सीएनजी पर चलते हैं। यह पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस उसे प्राप्त द्वितीयक ईधन है। इन ईधनों के निर्माण और उत्पादन करने की लागत बहुत अधिक है और इस प्रकार यह काफी महंगे हैं।
-रसोई गैस /एलपीजी
लिक्विफाइड/तरलीकरण पेट्रोलियम गैस एलपीजी को लोकप्रिय रूप से खाना पकाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। प्राकृतिक गैसों का उपयोग विभिन्न रूटीन कार्यों जैसे कि कमरे को गर्म करने जलता पक संचालित करने आदि के लिए किया जाता है यह गैस साफ तरीके से चलती है और हवा प्रदूषित नहीं करते हैं।
भारत में ईंधन का उत्पादन
भारत विभिन्न ईधनों के उत्पादन के लिए जाना जाता है जहां भारत उन ईधनों को निर्यात करता है जो यहां प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है वही यह उन ईधनों को आयात करता है जो उपयोग के लिए पर्याप्त नहीं है।
भारतीय राज्य असम का डिगबोई शहर और पश्चिमी अपतटीय अपने तेल के भंडार के लिए जाना जाता है। भारत में गैस क्षेत्र भी असम में स्थित है गुजरात में भी गैस क्षेत्र देखने को मिलते हैं। भारत में कच्ची पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के भंडार वाले कुछ अन्य स्थानों में अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, नागालैंड, राजस्थान, तमिलनाडु, त्रिपुरा और पूर्वी अपतटीय शामिल है।
निष्कर्ष-
आज हम अपनी जिंदगी की उन चीजों के बिना कल्पना भी नहीं कर सकते हैं जो की ईंधन सहायता से चलते हैं। या उनकी मदद से उत्पन्न होते हैं। ईंधन का उत्पादन एक आकर्षक व्यवसाय है हालांकि इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए अच्छी मात्रा के निवेश की आवश्यकता होती है पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस जैसे ईंधन का निर्यात करने वाले अधिकांश देशों में तेजी से अर्थव्यवस्था बढ़ रही है।
निबंध 2 (चार सौ शब्द)
प्रस्तावना-ईंधन विभिन्न प्रकार के होते हैं और विभिन्न प्रयोजनों के लिए इनका उपयोग किया जाता है। इनमें से कुछ का उपयोग उत्पादन की प्रक्रिया में किया जाता है जबकि अन्य का उपयोग लोगों को परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए किया जाता है मनुष्य लगभग अपने सभी कार्यों के लिए ईधन पर निर्भर करता है। पृथ्वी पर मौजूद हर चीज की तरह ईधन भी फायदे और नुकसान दोनों प्रदान करते हैं।
ईंधन के प्रकार
ईंधन को मुक्ता तीन प्रकार की श्रेणियों में विभाजित किया गया है यहां इन सैनिकों पर एक नजर डाली गई है।
1-ठोस ईंधन-
यह ठोस पदार्थ भी है जो गर्मी और प्रकाश ऊर्जा को दहन प्रक्रिया से उत्पन्न करते हैं। विभिन्न ठोस ईंधन है जो अलग-अलग उपयोग के लिए इस्तेमाल में लिखे जाते हैं। इनमें लकड़ी, छर्रों, लकड़ी का कोयला, पीट, कोयला, बायोमास, नगर पालिका कचरा और कोख शामिल है। तरल और गैस इंजन की तुलना में अधिक तक ठोस ईंधन आसानी से उपलब्ध होते हैं। ठोस ईंधन अन्य दो रूपों से सस्ता है।
नकारात्मक पक्ष देखा जाए तो ठोस ईंधन भारी होता है और प्रवीण के लिए मुश्किल होता है उचित बहन के लिए उन्हें हवा की अच्छी मात्र की आवश्यकता होती है ठोस ईंधन की थर्मल ऊर्जा कम है।
2-तरल ईंधन-
यह दहनसील अणु है। जो यांत्रिक ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए एक साथ लाए जाते हैं। तरल ईंधन की कुछ उदाहरणों में गैसोलीन, डीजल ,लिक्विफाइड/तरलीकृत पेट्रोलियम गैस और कंप्रेस्ड नेचुरल गैस शामिल है। क्योंकि तरल को जिस वस्तु में डाला जाए वह उसी वस्तु का रूप ले लेता है। इसलिए तरल ईंधन को लाना ले जाना अपेक्षाकृत आसान है। इन ईधनों नों को जलाने पर धूल या राख का निर्माण नहीं होता है। इन्हें आंतरिक दहन इंजन के रूप में उपयोग किया जाता है।
नकारात्मक पक्ष देखा जाए तो तरल ईंधन काफी महंगा है इनमें से अधिकतर अत्यधिक ज्वलनशील होते हैं और इस प्रकार इन का भंडार काफी जोखिम भरा है। वह बुरी गंद के लिए भी जाने जाते हैं।
3-गैसीय ईंधन
यह गैसीय रूपों से उपलब्ध ईंधन है। जहां इनमें से कुछ ईंधन प्रकृति में स्वतंत्र रूप से उपलब्ध हैं। वहीं कुछ, जैसे प्राकृतिक गैस अन्य पदार्थों से प्राप्त होते हैं कोयला और बायोमास जैसे ठोस ईंधन से उत्पन्न गैस ईंधन को कोयला गैस और बायोमास गैस कहा जाता है। पेट्रोलियम जैसे तरल ईंधन से उत्पन्न गैसों में रिफाइनरी गैस और लिक्विफाइड/तरली कृत पेट्रोलियम गैस शामिल है।
गैस ईंधन को आसानी से पाइप लाइनों के माध्यम से स्थानांतरित किया जा सकता है। तरल और ठोस ईंधन के विपरीत गैसीय ईंधन किसी भी प्रकार के धुए का उत्पादन नहीं करते हैं। जब इन्हें संभालने की बात आती है तो यह तुलनात्मक रूप से साफ-सुथरे होते हैं उन्हें थोड़ी हवा की आपूर्ति के साथ भी जलाया जा सकता है।
नकारात्मक पक्ष देखा जाए तो यह 8 दिन ज्वलनशील होते हैं और इसलिए इनके भंडारण में जोखिम शामिल है यह काफी महंगे होते हैं और भंडारे के लिए काफी टैंकों की भी आवश्यकता होती है।
निष्कर्ष-जहां कुछ ईधन नवीकरणीय है वहीं अन्य गैर नवीकरणीय है फिर भी दूसरे इन दिनों को नवीकरणीय के लिए सैकड़ों वर्षो का समय लगता है। इस प्रकार हमें इन संसाधनों का सावधानीपूर्वक उपयोग करना चाहिए हमें हर तरह की बर्बादी से बचना चाहिए।
ईंधन- भविष्य के उपयोग के लिए सहेजें
इंधन मूल रूप से वे पदार्थ है जो रासायनिक या परमाणु ऊर्जा उत्पन्न करता है।
विभिन्न कार्यों में विभिन्न प्रकार के इन दिनों का उपयोग किया जाता है।
पेट्रोल, डीजल, एलपीजी, लकड़ी, कोयला इत्यादि इंधन के कुछ उदाहरण हैं।
ईधन को मुक्तत: तीन प्रकार की श्रेणियों में विभाजित किया गया है- ठोस ईंधन, तरल ईंधन, और गैसीय ईंधन।
ईंधन हमारे जीवन को काफी हद तक नियंत्रित करते हैं।
भारत विभिन्न ईधनों के उत्पादन के लिए जाना जाता है।
नवीकरणीय नैन का उपयोग सुरक्षित होता है।
मनुष्य लगभग अपने सभी कार्यों के लिए ईंधन पर निर्भर करता है।
ईंधन भी फायदे और नुकसान दोनों प्रदान करते हैं।
निबंध 3 (500) शब्द
प्रस्तावना- ईंधन हमारे जीवन को काफी हद तक नियंत्रित करते हैं हम खाना खाने खाने को, ताजा रखने, ठंडा करने, आने-जाने गर्म करने विभिन्न वस्तुओं के निर्माण और पता नहीं क्या-क्या करने सहित विभिन्न कार्यों को पूरा करने हेतु अपने दिन प्रतिदिन जीवन में ईंधन का उपयोग करते हैं। ईधन विभिन्न प्रकार के होते हैं। इन्हें मुख तौर पर दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है-जैव ईंधन और जीवाश्म ईंधन। वर्गीकरण अलग अलग तरीके से इन्हें उत्पन्न किए जाने के तरीके का आधार पर किया गया है।
जीवाश्म ईंधन क्या है?
जीवाश्म ईंधन को बनाने में लाखों साल लगते हैं इस प्रकार उन्हें अक्सर गैर अक्षय ऊर्जा के रूप में जाना जाता है। यह ईधन सदियों से पशुओं और पौधों के मृत अवशेषों में स्वाभाविक रूप से होने वाले परिवर्तनों से उत्पन्न होते हैं।
मुख्य रूप से तीन प्रकार के जीवाश्म ईंधन है कोयला जो एक ठोस जीवाश्म ईंधन है, तेल जो तरल जीवाश्म इंधन है, और प्राकृतिक गैस जो गैस से जीवाश्म ईंधन है। इनका प्रयोग रोजाना के कार्यों जैसे कि बिजली उत्पन्न करना, घर या ऑफिस के कमरों को गर्म करना, अपना वाहन चलाने आज के लिए किया जाता है हम इन सभी कार्यों के लिए इन ईधनों पर निर्भर हैं। इन ईधनों के इस्तेमाल से हमारा जीवन सरल और आरामदायक बन गया है।
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