प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हिन्दी निबंध / Essay on Prime Minister Narendra Modi

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हिन्दी निबंध / Essay on Prime Minister Narendra Modi

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हिन्दी निबंध / Essay on Prime Minister Narendra Modi

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हिन्दी निबंध,Essay on Prime Minister Narendra Modi
               प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हिन्दी निबंध

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, एक ऐसा व्यक्तित्व जिसने भारत को बुलंदियों तक पहुंचाया। जिसने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटायी। एक ऐसा प्रधानमंत्री जिसने जम्मू कश्मीर में फैले आतंकवाद की कमर तोड़ दी। वर्तमान समय में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता के रूप में जाना जाता है। ऐसी महान शख्सियत माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण घटनाओं एवं तथ्यों से आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से परिचित करवाएंगे। अगर पोस्ट अच्छी लगे तो अपने दोस्तों में भी शेयर करिए।

Table of contents-

(1) प्रस्तावना,


(2) जीवन-परिचय – 

(क) प्रारम्भिक शिक्षा

(ख) वैवाहिक स्थिति,

(ग) उच्च-शिक्षा,

(घ) प्रारम्भिक राजनैतिक सक्रियता, 


(3) मोदी जी की भूमिका –

(क) मुख्यमन्त्री के रूप में.

(ख) प्रधानमन्त्री के रूप में,

(ग) कुशल नेतृत्वकर्त्ता के रूप में,


 (4) युवाओं के आदर्श एवं प्रेरणास्त्रोत,

 (5) उपसंहार ।


नरेन्द्र मोदी : एक कुशल प्रधानमन्त्री


[रूपरेखा – (1) प्रस्तावना, (2) जीवन-परिचय – (क) प्रारम्भिक शिक्षा (ख) वैवाहिक स्थिति, (ग) उच्च-शिक्षा, (घ) प्रारम्भिक राजनैतिक सक्रियता, (3) मोदी जी की भूमिका – (क) मुख्यमन्त्री के रूप में. (ख) प्रधानमन्त्री के रूप में, (ग) कुशल नेतृत्वकर्त्ता के रूप में, (4) युवाओं के आदर्श एवं प्रेरणास्त्रोत, (5) उपसंहार ।]


प्रस्तावना — भारतीय संविधान के अनुसार प्रधानमन्त्री का पद बहुत ही महत्त्वपूर्ण पद है। वह भारत सरकार का मुखिया, भारत के राष्ट्रपति का मुख्य सलाहकार, मन्त्रिपरिषद् तथा बहुमतवाले दल का नेतृत्वकर्त्ता होता है। वर्तमान में इस अतिमहत्त्वपूर्ण पद को माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी सुशोभित कर रहे हैं, जिन्होंने 26 मई, 2014 ई० को देश के 15वें प्रधानमन्त्री के रूप में पदभार ग्रहण किया।


जीवन-परिचय – माननीय नरेन्द्र मोदी जी का पूरा नाम नरेन्द्र दामोदरदास मूलचन्द मोदी है। इनका जन्म 17 सितम्बर, 1950 ई० को गुजरात (तत्कालीन बॉम्बे राज्य) के महसाणा जिला स्थित वाडनगर ग्राम के अन्य पिछड़ा वर्ग के एक निर्धन परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम दामोदरदास मूलचन्द मोदी एवं माता का नाम हीराबेन मोदी है। बाल्यकाल से किशोरावस्था तक मोदी जी वाडनगर बस स्टैण्ड के पास अपने पिता की चाय की दुकान पर उनका हाथ बंटाते थे। मोदी जी को बाल्यकाल में अनेक विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ा, परन्तु उन्होंने हार न मानते हुए अपने उदास चरित्र बल और साहस से न केवल सभी बाधाओं को पार किया, वरन् सफलता के चरमशिखर तक भी पहुंचे। 


(क) प्रारम्भिक शिक्षा-नरेन्द्र मोदी जी ने अपनी प्रारम्भिक स्कूली शिक्षा वाडनगर से ही सन् 1967 ई० में पूर्ण की 


(ख) वैवाहिक स्थिति – नरेन्द्र मोदी जी की 13 वर्ष की आयु में ही जसोदा बेन चमनलाल के साथ सगाई और मात्र 17 वर्ष की आयु में विवाह कर दिया गया। विवाह के कुछ समय पश्चात् ही मोदी जी पर-परिवार छोड़कर देश सेवा के मार्ग पर निकल पड़े।


(ग) उच्च शिक्षा — अपने दृढ़ संकल्प और परिश्रम का परिचय देते हुए नरेन्द्र मोदी जी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का प्रचारक रहते हुए सन् 1983 ई० में गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान विषय में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की।


(घ) प्रारम्भिक राजनैतिक सक्रियता - किशोरावस्था से ही नरेन्द्र मोदी जी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आर एस० एस० ) से प्रभावित थे और नियमित रूप से शाखा में जाते थे। वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् से भी जुड़े।


सन् 1971 ई० में आधिकारिक रूप से नरेन्द्र मोदी ने आर० एस० एस० की सदस्यता प्राप्त की और नागपुर शिविर से प्रशिक्षण लिया।


सन् 1987 ई० में मोदी जी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए और राजनीति की मुख्यधारा में प्रवेश किया। एक वर्ष में ही इन्हें पार्टी की गुजरात इकाई का महामन्त्री नियुक्त किया गया। इन्होंने पार्टी के कार्यकर्त्ताओं को सक्रिय बनाने का चुनौतीपूर्ण कार्य सफलतापूर्वक किया।


मोदी जी की भूमिका - मोदी जी विलक्षण प्रतिभा के धनी व्यक्ति है। इन्होंने समय-समय पर विभिन्न दायित्वों का निर्वहन किया है, जिसका संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है-


(क) मुख्यमन्त्री के रूप में - 7 अक्टूबर, 2001 ई० में मोदी जी गुजरात के मुख्यमन्त्री के रूप में नियुक्त हुए। उस समय गुजरात जनवरी 2001 ई० में आए विनाशक भूकम्पसहित अन्य विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं की त्रासदी से जूझ रहा था। ऐसी विकट परिस्थिति में उन्होंने सर्वांगीण सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए उपयुक्त ढंग से सामाजिक क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित कर राज्य के विकास हेतु अनेक कार्य किए। इसी के फलस्वरूप मोदी जी सन् 2002, 2007 तथा 2012 ई० के आम चुनावों में भारी मतों से विजयी हुए। 26 दिसम्बर, 2012 ई० को मोदी जी लगातार चौथी बार गुजरात के मुख्यमन्त्री बने। इन्होंने सरकार के नौकरशाही तन्त्र को नया स्वरूप प्रदान किया और उसको सरल बनाया, जिससे वह कुशलतापूर्वक, ईमानदारी तथा मानवीय भावना से कार्य कर सके।


(ख) प्रधानमन्त्री के रूप में - मोदी जी की प्रसिद्धि और कार्यशैली को देखकर भारतीय जनता पार्टी ने वर्ष 2014 ई० के आम चुनाव में उन्हें प्रधानमन्त्री पद का प्रत्याशी घोषित किया। इनके नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी को इस चुनाव में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त हुई। 21 मई, 2014 ई० को मोदी जी ने गुजरात के मुख्यमन्त्री पद और वडोदरा सीट से त्यागपत्र देकर उत्तर प्रदेश की वाराणसी सीट का प्रतिनिधित्व करने का निर्णय लिया। इन्होंने यह भी घोषणा की कि वह गंगा की सेवा के साथ-साथ इस प्राचीन नगरी का भी विकास करेंगे। 26 मई, 2014 ई० को भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में श्री नरेन्द्र मोदी जी को भारत के 15वें प्रधानमन्त्री के रूप में शपथ ग्रहण कराई।


प्रधानमन्त्री मोदी जी ने देश की प्रगति में तेजी लाने और प्रत्येक नागरिक तक विकास का लाभ पहुँचाने हेतु निम्नलिखित मुख्य योजनाओं की शुरूआत की-


प्रधानमन्त्री जन-धन योजना- इस योजना का उद्देश्य देश के सभी नागरिकों को वित्तीय तन्त्र में शामिल करना है।


 मेक इन इण्डिया - यह भारतीय व्यापार को सरल बनाने की एक महत्त्वपूर्ण योजना हैं, जिसके अन्तर्गत 

निवेशकों, उद्यमियों और उपभोक्ताओं को लाभ मिलना निश्चित है।


श्रमेव जयते - यह योजना श्रम सुधारों और श्रम की गरिमा से लघु और मध्यम उद्योगों में लगे श्रमिकों के सशक्तिकरण हेतु बनाई गई है।


डिजिटल इण्डिया मिशन- इस योजना का उद्देश्य प्रौद्योगिकी के माध्यम से लोगों के जीवन स्तर को सुधारना और उच्च स्तर प्रदान करना है।


स्वच्छ भारत अभियान - यह योजना सन् 2019 ई० तक भारत को गन्दगी रहित बनाने की है। इनके अतिरिक्त प्रधानमन्त्री आवास योजना, प्रधानमन्त्री सुरक्षा बीमा योजना, जीवन ज्योति बीमा योजना, सुकन्या समृद्धि एकाउण्ट, अटल पेंशन योजना, कौशल विकास योजना, मुद्रा बैंक योजना, डिजी-लोकर, गोल्ड मोनेटीजेशन स्कीम, गरीब कल्याण योजना, जन औषधि योजना, कृषि सिंचाई योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, नई मंजिल योजना सुरक्षा बन्धन योजना, स्मार्ट सिटी आदि योजनाएँ प्रधानमन्त्री द्वारा चलाई जा रही है। इन सभी योजनाओं की विशेषता यह है कि इनको घोषणा के साथ ही इनका क्रियान्वयन आरम्भ हो गया। इन सभी पर एक साथ तेजी के साथ कार्य हो रहा है। जैसे-जैसे ये योजनाएँ अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ेगी, देश के विकास को नई ऊंचाइयाँ प्राप्त होगी। इसमें कोई सन्देह नहीं है।


भारत के 500 और 1000 रुपये के नोटों का विमुद्रीकरण- भारत के 500 और 1000 रुपये के नोटों के विमुद्रीकरण, जिसे मीडिया में छोटे रूप में नोटबन्दी कहा गया, की घोषणा 8 नवम्बर, 2016 ई० को रात 8 बजे प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अचानक राष्ट्र को किए गए सम्बोधन के द्वारा की गई। इस घोषणा में 8 नवम्बर की आधी रात से देश में 500 और 1000 रुपये के नोटों को बन्द करने की घोषणा की गई। प्रधानमन्त्री के इस साहसिक कदम का उद्देश्य काले धन पर नियन्त्रण एवं जाली नोटों से छुटकारा पाना था। इससे आतंकवाद जैसी समस्या पर भी कुछ नियन्त्रण पाया गया।


(ग) कुशल नेतृत्वकर्त्ता के रूप में - माननीय नरेन्द्र मोदी जी अपने कुशल और सधे हुए नेतृत्व के लिए जाने जाते हैं। इसका प्रथम परिचय उन्होंने अपने प्रधानमन्त्री पद के शपथ-ग्रहण समारोह में विभिन्न राज्यों और राजनैतिक पार्टियों के प्रमुखोसहित सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों को आमन्त्रित करके दिया। संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए गए उनके भाषण को दुनियाभर में प्रशंसा मिली। प्रधानमन्त्री मोदी जी ने किसी भारतीय प्रधानमन्त्री के रूप में 17 वर्ष के लम्बे अन्तराल के बाद नेपाल, 28 वर्ष बाद ऑस्ट्रेलिया, 31 वर्ष बाद फिजी और 34 वर्ष बाद सेशेल्स देशों की द्विपक्षीय यात्राएँ कीं। मोदी जी ने संयुक्त राष्ट्र, ब्रिक्स, सार्क और जी-20 शिखर सम्मेलनों में न केवल भाग लिया, वरन् वैश्विक, आर्थिक और राजनैतिक मुद्दों पर भारत की छवि को सुदृढ़ किया। उनकी जापान यात्रा द्वारा दोनों देशों के सम्बन्ध और मजबूत तथा मधुर हुए। मंगोलिया की यात्रा करनेवाले वह पहले भारतीय प्रधानमन्त्री हैं। उन्होंने अमेरिका, चीन व दक्षिण कोरिया की यात्राओं द्वारा भारत में पूँजी निवेश को सरल बनाया। फ्रांस और जर्मनी की यात्राओं से उन्होंने देश को यूरोप से जोड़ने का प्रयास किया। भारत की आर्थिक भागीदारी को बढ़ाने के लिए उन्होंने अगस्त 2015 ई० में संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा की, जो 34 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमन्त्री की पहली यात्रा थी। पाँच मध्य एशियाई देशों की यात्रा द्वारा मोदी जी ने इन देशों के बीच ऊर्जा, व्यापार, संस्कृति और अर्थव्यवस्था से सम्बन्धित महत्त्वपूर्ण समझौते किए। भारत-अफ्रीका फोरम में, जिसमें 54 अफ्रीकी देशों ने भाग लिया, भारत- अफ्रीका सम्बन्धों को मजबूत बनाने की दिशा में व्यापक विचार-विमर्श किया गया।


भारत को वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाने के प्रयास हेतु नरेन्द्र मोदी जी ने जहाँ स्वयं इतनी यात्राएँ कीं, वहाँ अन्य देशों के शिखर पुरुषों को देश में आने का आमन्त्रण भी दिया। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमन्त्री टोनी अबॉट चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना, रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन एवं जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल सहित विश्व के कई अन्य नेताओं ने भारत का दौरा किया, जिससे इन देशों के बीच सहयोग बढ़ाने तथा तकनीकी सम्बन्धों को विकसित करने में सफलता मिली। वह दिन दूर नहीं जब मोदी जी के नेतृत्व में सम्पूर्ण विश्व अपने मार्ग-निर्देशन के लिए भारत की ओर देखने के लिए विवश होगा।


युवाओं के आदर्श एवं प्रेरणास्त्रोत- माननीय मोदी जी की प्रत्येक योजना का लक्ष्य युवाओं को प्रोत्साहित करके उनकी शक्ति को देश के विकास में लगाना है। इन्होंने जिस ईमानदारी से देश को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने और युवाओं को पूरी पारदर्शिता के साथ रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का बीड़ा उठाया है, उससे देश के युवा उनके मुरीद हो गए हैं। वे देश के युवाओं की आशा के अनुरूप केवल योजनाओं की घोषणा में विश्वास नहीं करते, वरन् उनके क्रियान्वयन द्वारा ठोस परिणाम प्राप्त करके देश को प्रगति के पथ पर ले जाना चाहते हैं। देश के युवा स्वयं देख चुके है कि वे जिन योजनाओं की घोषणा करते हैं, उनका क्रियान्वयन भी उसी क्षण से आरम्भ हो जाता है, जिससे युवाओं का उनके प्रति विश्वास तथा श्रद्धा और अधिक सुदृढ़ होती है। उनकी सुकन्या समृद्धि योजना, अटल पेंशन योजना, नई मंजिल योजना, मेक इन इण्डिया, मुद्रा बैंक योजना आदि अधिकांश योजनाएँ युवाओं को दृष्टिगत रखते हुए ही आरम्भ की गई हैं।


उपसंहार - प्रधानमन्त्री के रूप में माननीय मोदी जी ने देश की जनता को यह विश्वास दिलाया है कि उन्हें जो दायित्व सौंपा गया है, उसे वह पूरी निष्ठा और प्राणपण से निभाएँगे। कर्मठ, समर्पित और दृढ़ निश्चयी नरेन्द्र मोदी जी सवा अरब भारतीयों के सपनों और आकांक्षाओं के लिए आशा की एक किरण बनकर आए हैं। उनकी यह वचनबद्धता और सभी भारतीयों को उनके प्रति श्रद्धावनत कर आनन्द से अभिभूत कर देती है।


       Frequently Asked Questions (FAQ)


Q. नरेंद्र मोदी जी ने 15वें प्रधानमंत्री के रूप में पदभार कब ग्रहण किया?


उत्तर- 26 मई 2014 ईस्वी को देश के 15 प्रधानमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण किया था।


Q. माननीय नरेंद्र मोदी जी का पूरा नाम क्या है?


उत्तर- नरेंद्र मोदी जी का पूरा नाम नरेंद्र दामोदरदास मूलचंद मोदी है।


Q. मोदी जी का जन्म कब और कहां हुआ?


उत्तर- 17 सितंबर 1950 ईस्वी को गुजरात के महसाणा जिला स्थित वाडनगर ग्राम के अन्य पिछड़ा वर्ग के एक निर्धन परिवार में हुआ था।


Q. नरेंद्र मोदी जी के पिता का क्या नाम है?


उत्तर- नरेंद्र मोदी जी के पिता का नाम दामोदर दास मूलचंद मोदी है।


Q. मोदी जी के माता जी का क्या नाम है?


उत्तर- नरेंद्र मोदी जी के माता जी का नाम हीराबेन मोदी है।


Q. नरेंद्र मोदी जी मुख्यमंत्री के रूप में कब नियुक्त किए गए।

उत्तर- 7 अक्टूबर 2001 ईस्वी में मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त हुए।


Q. नरेंद्र मोदी जी ने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ कब ग्रहण की।

उत्तर- 26 मई 2014 ईस्वी को भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में श्री नरेंद्र मोदी जी को भारत के अंदर में प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण कराई।


Q. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की प्रमुख योजनाएं कौन सी हैं? 


उत्तर- प्रधानमन्त्री आवास योजना, प्रधानमन्त्री सुरक्षा बीमा योजना, जीवन ज्योति बीमा योजना, सुकन्या समृद्धि एकाउण्ट, अटल पेंशन योजना, कौशल विकास योजना, मुद्रा बैंक योजना, डिजी-लोकर, गोल्ड मोनेटीजेशन स्कीम, गरीब कल्याण योजना, जन औषधि योजना, कृषि सिंचाई योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, नई मंजिल योजना सुरक्षा बन्धन योजना, स्मार्ट सिटी आदि योजनाएँ प्रधानमन्त्री द्वारा चलाई जा रही है। 


Q.  नोट बंदी कब और किसके द्वारा की गई।

उत्तर- भारत के 500 और 1000 रुपये के नोटों के विमुद्रीकरण, जिसे मीडिया में छोटे रूप में नोटबन्दी कहा गया, की घोषणा 8 नवम्बर, 2016 ई० को रात 8 बजे प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अचानक राष्ट्र को किए गए सम्बोधन के द्वारा की गई। इस घोषणा में 8 नवम्बर की आधी रात से देश में 500 और 1000 रुपये के नोटों को बन्द करने की घोषणा की गई।


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