भ्रष्टाचार मुक्त भारत पर निबंध//corruption free Indian essay in Hindi
नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आप लोगों को बताएंगे भ्रष्टाचार मुक्त भारत पर निबंध हिंदी में, किसी भी राष्ट्र के विकास में भ्रष्टाचार एक बहुत बड़ी समस्या होती है जिसका यदि निवारण नहीं किया गया तो संपूर्ण राष्ट्र का विनाश संभव है। तो दोस्तों आप लोग इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें और अपने दोस्तों में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।
भ्रष्टाचार मुक्त भारत पर निबंध//corruption free Indian essay in Hindi |
Table of contents
प्रस्तावना
भ्रष्टाचार देश की संपत्ति का अपराधिक दुरुपयोग है भ्रष्टाचार का अर्थ है भ्रष्ट आचरण अर्थात नैतिकता और कानून के विरुद्ध आचरण जब व्यक्ति को ना तो अंदर की लज्जा या धर्माधर्म का ध्यान रहता है जो अनैतिकता है तो वह संसार में जघन्य से जघन्य पाप कर सकता है। अपने देश जातिवाद समाज को बड़ी से बड़ी हानि पहुंचा सकता है और मानवता को भी कलंकित कर सकता है। दुर्भाग्य से आज भारत इस भ्रष्टाचार रूपी शहस्त्रों मुख वाले दानों की जड़ों में फंसकर तेजी से विनाश की ओर बढ़ता जा रहा है।
भ्रष्टाचार के विविध रूप
पहले किसी घोटाले की बात सुनकर देशवासी चौक जाती थी आज नहीं सकते पहले घोटाले के आरोपी लोक लज्जा के कारण अपना पद छोड़ देते थे पर आज पकड़े जाने पर भी वे इस साल से जेल जाते हैं जैसे किसी राष्ट्र सेवा के मिशन पर जा रहे हैं इसीलिए समूचे प्रशासन तंत्र में भ्रष्ट आचरण धीरे-धीरे सामान बनता जा रहा है आज भारतीय जीवन का कोई भी क्षेत्र सरकारी और गैर सरकारी सार्वजनिक या निजी ऐसा नहीं जो भ्रष्टाचार से अछूता हो यद्यपि भ्रष्टाचार इतना गणित रूपों में मिलता है कि उसे वर्गीकृत करना सरल नहीं है फिर भी उसे मुक्ता निम्नलिखित वर्गों में बांटा जा सकता है।
राजनीतिक भ्रष्टाचार
भ्रष्टाचार का सबसे प्रमुख रूप राजनीति है जिसकी छत्रछाया में भ्रष्टाचार के सारे रूप पनपते और संरक्षण पाते हैं संसार में ऐसा कोई भी कुकृत्य अनाचार या हथकंडा नहीं है। जो भारत में लोकसभा और विधानसभा का चुनाव जीतने के लिए ना अपनाया जाता हो कारण यह है कि चुनाव में विजय दल को सरकार बनाता है देश की वर्तमान दुर्दशा के लिए यह भ्रष्ट राजनेता ही दोषी हैं जिनके कारण देश में अनेकानेक घोटाले हुए हैं।
प्रशासनिक भ्रष्टाचार
इसके अंतर्गत सरकारी अर्द्ध सरकारी गैर सरकारी संस्थाओं संस्थानों प्रतिष्ठानों या सेवाओं में बैठे हुए सारे अधिकारी आते हैं। जो जातिवाद भाई भतीजावाद किसी प्रकार के दबाव या अन्याय किसी कारण से आयोग व्यक्तियों की नीतियां करते हैं। उन्हें पदोन्नत करते हैं स्वयं अपने कर्तव्य की अवहेलना करते हैं और ऐसा करने वाले अधीनस्थ कर्मचारियों को प्रश्रय देते हैं। या अपने किसी भी कार्य आचरण से देश को किसी मोर्चे पर कमजोर बनाते हैं।
व्यवसायिक भ्रष्टाचार
इसके अंतर्गत विभिन्न पदार्थों में मिलावट करने वाले घटिया माल तैयार करके बढ़िया के मूल्य बेचने वाले निर्धारित दर से अधिक मूल्य वसूलने वाले वस्तु विशेष का कृत्रिम अभाव पैदा करके जनता को दोनों हाथों से लूटने वाले कर चोरी करने वाले तथा अन्याय भ्रष्ट और तौर तरीके अपनाकर देश और समाज को कमजोर बनाने वाले व्यवसाई आते हैं।
भ्रष्टाचार मुक्त भारत पर निबंध//corruption free Indian essay in Hindi |
शैक्षणिक भ्रष्टाचार
शिक्षा जैसा पवित्र क्षेत्र भी भ्रष्टाचार के संक्रमण से अछूता नहीं रहा। आज योग्यता से अधिक सिफारिश वा चापलूसी को बोलबाला है। बिना परिश्रम किए अनैतिक माध्यमों से आगे बढ़ने की लालसा से शिक्षा का निरंतर पतन हो रहा है।
भ्रष्टाचार के कारण
भ्रष्टाचार सबसे पहले उच्चतम स्तर पर पनपता है और तब क्रमसा नीचे की ओर फैलता जाता है कहावत है यथा राजा तथा प्रजा आज यह समस्त भारतीय जीवन में ऐसा व्याप्त हो गया है कि लोग ऐसे किसी कार्यालय आदित्य की कल्पना तक नहीं कर पाते जो भ्रष्टाचार से मुक्त हो भ्रष्टाचार का कारण है वह भौतिकवादी जीवन दर्शन जो अंग्रेजी शिक्षा के माध्यम से पश्चिम से आया है यह जीवन पद्धति विशुद्ध भोगवादी है। खाओ पियो और मौज करो ही इसका मूल मंत्र है जो परंपरागत भारतीय जीवन दर्शन की पूरी तरह विपरीत है।
सांसारिक सुख भोग के लिए सर्वाधिक आवश्यक वस्तु है धन अकूत धन किंतु धर्म अनुसार जीवन यापन करता हुआ कोई भी व्यक्ति इतना अमर्यादित धन कदापि एकत्र नहीं कर सकता किंतु जब वह देखता है कि हर वह व्यक्ति जो किसी महत्वपूर्ण पद पर बैठा है हर उपाय से पैसा बटोर कर चरम सीमा तक विलासिता का जीवन जी रहा है तो उसका मन भी डिवांडोल होने लगता है।
भ्रष्टाचार मुक्त भारत पर निबंध 100 शब्दों में
किसी व्यक्ति संस्था या समाज के आचरण का दूषित हो जाना भ्रष्टाचार कहलाता है भ्रष्टाचार एक प्रकार का दीमक है जो समाज को आंतरिक रुप से खत्म कर रहा है भ्रष्टाचार के उन्मूलन के बिना एक समर्थ राष्ट्र की कल्पना करना असंभव है।
जो समाज या व्यक्ति अपनी नैतिक मूल्यों और सदाचार का पालन नहीं करता वह धीरे-धीरे भ्रष्ट हो जाता है भारत में सरकार और राजनीतिक दल अपने भ्रष्ट तरीकों के लिए जाने जाते हैं भारत में कोई भी चुनाव के लिए खड़ा हो सकता है और अपना राजनीतिक दल बना सकता है ज्यादातर नेता ऐसे हैं जिनका पिछला रिकॉर्ड अपराधी प्रवृत्ति का है जब देश ऐसे लोगों द्वारा नियंत्रित किया जाएगा तो भ्रष्टाचार होना लाजमी है।
FAQ
1-भ्रष्टाचार पर निबंध कैसे लिखें?
उत्तर-भ्रष्टाचार के प्रकार परिणाम व उपाय अपनाकर इमानदारी से ना करना भ्रष्टाचार है अतः ऐसा व्यक्ति भ्रष्टाचारी है समाज में आए दिन इसके विभिन्न स्वरूप देखने को मिलते हैं भ्रष्टाचार के संदर्भ में यह कहना मुझे अनुचित नहीं लगता वही व्यक्ति भ्रष्ट नहीं है जिन्हें भ्रष्टाचार करने का अवसर नहीं मिला।
2-भ्रष्टाचार का मुख्य कारण क्या है?
उत्तर-कुछ लोगों में सम्मान अथवा पद की आकांक्षा होती है तो कुछ में धन की लोलुपता। ऐसे व्यक्ति असंतोष और लोलुपता के कारण ही वे न्याय अन्याय में अंतर नहीं कर पाते हैं। तथा भ्रष्टाचार की और उन में खो जाते हैं भाषावाद क्षेत्रीयता संप्रदायिकता जातीयता आज भी भ्रष्टाचार को प्रोत्साहित करती है।
3-भ्रष्टाचार के तीन प्रकार कौन से हैं?
उत्तर-भ्रष्टाचार को विभिन्न तरीकों से परिभाषित और वर्गीकृत किया जा सकता है भ्रष्टाचार के सबसे आम प्रकार या श्रेणियां आपूर्ति बनाम मांग भ्रष्टाचार भव्य बनाम छोटा भ्रष्टाचार, पारंपरिक बनाम अपरंपरागत भ्रष्टाचार और सार्वजनिक बनाम निजी भ्रष्टाचार है।
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