विकसित भारत का सपना क्या है? || Sakar hota viksit Bharat ka Sapna
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की सफल अमेरिका यात्रा विश्व में भारत के बढ़ते प्रभुत्व का एक ताजा पड़ाव सिद्ध हुई। इस यात्रा ने नई उम्मीदें जगाई हैं। नए आकार लेते वैश्विक ढांचे और क्वाड जैसे मंचों पर भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया है। प्रमुख अमेरिकी उद्यमियों के साथ प्रधानमंत्री की मुलाकात और देश में उनके निवेश प्रस्ताव अवसरों के नए द्वार खोलेंगे। इस यात्रा से पुनः स्पष्ट हुआ कि प्रौद्योगिकी द्विपक्षीय रिश्तों के प्रमुख अवयव के रूप में उभरी है। उपलब्धियों भरी रही प्रधानमंत्री की इस यात्रा से उद्योग, व्यापार और तकनीकी हस्तांतरण के स्तर पर हुए सहयोग से देश की प्रगति को पंख लगेंगे। देश के युवाओं को नए अवसर प्राप्त होंगे, कौशल विकास एवं रोजगार को नई दिशा मिलने के साथ ही मेक इन इंडिया आत्मनिर्भरता एवं सतत विकास की राह आसान होगी। भारत के हर प्रदेश में व्याप्त विकास की संभावनाओं को दृष्टिगत रखते
हुए और भारत की तकनीकी एवं सामरिक आवश्यकताओं को पूर्ण करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री जी द्वारा किए जा रहे प्रयास बहुत महत्वपूर्ण हैं। विभिन्न देशों के साथ संबंधों को देश के विकास के साथ जोड़ना एवं निवेश को निरंतरता प्रदान करना भी स्वाभाविक रूप से इस यात्रा के निहित उद्देश्यों में शामिल रहे।
इस यात्रा के दौरान माइक्रोन, एप्लाइड मैटेरियल्स और लैम रिसर्च जैसी प्रमुख अमेरिकी कंपनियों द्वारा भारत में सेमीकंडक्टर परीक्षण और असेंबली सुविधा, इंजीनियरिंग सहयोग और प्रासंगिक कार्यबल के प्रशिक्षण के लिए निवेश की घोषणा हुई। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि मध्य प्रदेश में हम इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण और सेमीकंडक्टर संयंत्रों के विकास की दिशा में सोच रहे हैं। इस लिहाज से करीब 2.75 अरब डालर के कुल निवेश के साथ भारत में एक असेंबली लाइन और परीक्षण सुविधा स्थापित करने का माइक्रोन का निर्णय अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस मुहिम में अन्य निवेशक भी शामिल होंगे। सेमीकंडक्टर उद्योग को भविष्य की अपेक्षित मांग को पूरा करने के लिए कुशल मानव संसाधन की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिका की लैम रिसर्च के सहयोग से देश में सेमीकंडक्टर उद्योग के क्षेत्र में नई प्रतिभाएं विकसित होंगी। लैम रिसर्च द्वारा 60,000 भारतीय इंजीनियरों को प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया गया है। प्रधानमंत्री जी ने एडवांस्ड एप्लाइड मैटेरियल्स के गैरी डिकर्सन से भी मुलाकात की, जिन्होंने एक इंजीनियरिंग केंद्र स्थापित करने के लिए 40 करोड़ डालर के निवेश की घोषणा की है। यह केंद्र अगले चार
वर्षों में स्थापित होगा। क्वांटम इकोनमिक डेवलपमेंट कंसोर्टियम एक और प्रमुख पहल है, जिसके माध्यम से अनेक व्यावसायिक अवसर सृजित होंगे।
मध्य प्रदेश सहित पूरे देश से बड़ी संख्या में छात्र और पेशेवर अमेरिका जाते हैं। उनके लिए वीजा प्रक्रिया को सुगम बनाना भी इस यात्रा की एक प्रमुख उपलब्धि रही। इस प्रक्रिया को और सहज बनाने के लिए जहां अमेरिका बेंगलुरु और अहमदाबाद में वाणिज्य दूतावास स्थापित करेगा तो वहीं भारत भी सिएटल के अलावा दो अन्य अमेरिकी शहरों में वाणिज्य दूतावास स्थापित करने की तैयारी कर रहा है। यात्रा के दौरान अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन की उपस्थिति में आयोजित हुए एक कार्यक्रम में भारतीय विश्वविद्यालयों में सक्षम कार्यबल के पुनर्विकास के लिए नई उम्मीदें जगी हैं। ऐसे प्रयास हमारी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के पूरक के रूप में सामने आए हैं। प्रधानमंत्री जी द्वारा सरकार, उद्योग तथा शिक्षा जगत को साथ जोड़कर विकास
की नई चुनौतियों के समाधान खोजने का जो तंत्र विकसित किया जा रहा है, उसे प्रकट किया। भी इस कार्यक्रम से बल मिलेगा। खनिज सुरक्षा साझेदारी के मामले में अमेरिकी सहयोग पर बनी सहमति भी भारतीय हितों के लिए बहुत लाभदायक है। इसके माध्यम से महत्वपूर्ण एवं दुर्लभ धातुओं के लिए चीन पर निर्भरता समाप्त होगी और ईवी बैटरियों के निर्माण में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। इसके अतिरिक्त ड्रोन और सोलर पैनल आदि के विनिर्माण को भी गति मिलेगी। महत्वपूर्ण धातुओं से संबंधित इस समूह में शामिल होने वाला भारत बारहवां देश बना है। भारत-अमेरिका रक्षा औद्योगिक सहयोग रोडमैप की घोषणा भी भारत को सामरिक मोर्चे पर सशक्त बनाएगी। इसी कड़ी में भारत के हल्के लड़ाकू विमानों के लिए जीई एफ414 एयरोइंजन के घरेलू उत्पादन के लिए हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड यानी एचएएल और अमेरिकी दिग्गज कंपनी संभव हुआ है। जनरल इलेक्ट्रिक के बीच हुआ समझौता भी मील का पत्थर सिद्ध होगा।
इन इंजनों का प्रयोग एचएएल द्वारा विकसित तेजस विमानों में किया जाएगा। अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को
संबोधित करना भी प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिकी यात्रा का एक विशिष्ट पहलू रहा। उन्होंने इस मंच से भारत का वास्तविक चित्रण किया। उन्होंने जनअभिलाषाओं की पूर्ति की ओर केंद्रित, भागीदारी एवं मित्रता से ओतप्रोत अपने संबोधन से वहां उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके संबोधन के दौरान श्रोताओं द्वारा 79 बार करतल ध्वनि से भारत के मंगलगान को प्रसन्नतापूर्वक स्वीकार किया गया और आदरणीय प्रधानमंत्री जी को 15 बार स्टैंडिंग ओवेशन देकर उनके प्रति सम्मान प्रकट किया।
इसमें कोई संदेह नहीं कि विकसित राष्ट्र की संकल्पना के साथ अमृतकाल में भारत के कदम तेजी से सिरमौर राष्ट्र के रूप में स्थापित होने की दिशा में बढ़ रहे हैं। विगत नौ वर्षों में देश की आभा में प्रभावशाली परिवर्तन हुए हैं। सामरिक, वैश्विक और तकनीकी हर क्षेत्र में भारत की आवाज बुलंद हुई है। मोदी जी के असाधारण नेतृत्व में भारत एक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है। दशकों तक वैश्विक परिदृश्य में सम्मान से वंचित भारत आज संपूर्ण विश्व का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। आज वैश्विक मंच से चाहे योग का विषय हो, आतंक विरोधी अभियान का मुद्दा हो या जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटना, भारत मुश्किलों से जूझ रही दुनिया को सही दिशा दिखा रहा है। यह प्रधानमंत्री जी के संकल्पों द्वारा ही संभव हुआ है।
— मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री है।
FAQ'S
Q. विकसित भारत का सपना क्या होना चाहिए?
एक ऐसा भारत, जहां कृषि, उद्योग और रोजगार बेहतर तालमेल के साथ काम करें, जहां ऊर्जा और शुद्ध पानी का समान रूप से वितरण हो सके। भारत एक ऐसा राष्ट्र बने, जिसमें किसी भी काबिल व्यक्ति की गुणवत्तापरक शिक्षा पाने की चाह में कभी आर्थिक और सामाजिक परिस्थितियां आड़े न आने पाएं।
Q. विकसित भारत का लक्ष्य क्या है?
भारत वर्ष 2047 तक विकसित देश के लक्ष्य को प्राप्त करना:
इसका मतलब यह होगा कि घरों में बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल, स्वच्छ जल, बेहतर स्वच्छता, विश्वसनीय बिजली, सुरक्षित वातावरण, किफायती आवास और अवकाश गतिविधियों पर खर्च करने के लिये पर्याप्त विवेकाधीन आय तक पहुँच होगी।
Q. भारत एक विकसित देश कब बनेगा?
हाइलाइट्स नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने साल 2022 में इंडिपेंडेंस डे पर अपने भाषण में कहा था कि आने वाले समय में भारत की अर्थव्यवस्था पूरी दुनिया में सबसे तेज होगी। उन्होंने साल 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का लक्ष्य रखा है।
Q. क्या भारत एक विकसित देश है या विकासशील देश और क्यों?
विकसित देश, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, ब्रिटेन, कनाडा आदि देशों की अपेक्षा भारत में प्रति व्यक्ति आय कम है तथा जनसंख्या का जीवन-स्तर निम्न है। अत: इसे विकासशील देश कहा जाता है।
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