बचत पर हिंदी में निबंध / essay on bachat in Hindi

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बचत पर हिंदी में निबंध / essay on bachat in Hindi

बचत पर हिंदी में निबंध / essay on bachat in Hindi

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  बचत पर हिंदी में निबंध / essay on bachat in Hindi

नमस्कार मित्रों स्वागत है आपका हमारे एक और नये आर्टिकल पर। आज की पोस्ट में हम आपको बचत पर हिंदी में निबंध (Essay on bachat in Hindi)

के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे एवं इस निबंध से संबंधित सभी महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर पर भी परिचर्चा करेंगे। ये सभी महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर एनसीईआरटी पैटर्न पर आधारित हैं। तो इस पोस्ट को आप लोग पूरा पढ़िए। अगर पोस्ट अच्छी लगे तो अपने दोस्तों में भी शेयर करिए।


Table of Contents

1.प्रस्तावना

2.बचत एक प्रवृति

3.राष्ट्रीय सेवा के कार्यों में योगदान

4.फिजूलखर्ची पर लगाम

5.बचत की आकर्षक योजनांए

6.बचत और राष्ट्रीय हित

7.बचत कैसे करें?

8.बचत से खुशहाली

9.उपसंहार

10.FAQs


बचत पर निबंध हिंदी में


प्रस्तावना

‘बचत कीजिए सुंदर और सुरक्षित भविष्य बनाइए।' यह नारा आज के युग का है यों तो मनुष्य शुरू से ही बचत करता आ रहा है। लेकिन पूर्व काल में की गई बचत से आज की बचत के अर्थ में बहुत बड़ा परिवर्तन आ गया है। भूखा या अधपेट रहकर बचत नहीं करनी है, परंतु फिजूलखर्ची पर अवश्य रोग लगानी है। आजकल तो बिजली और पानी की बचत की ओर समाज का ध्यान आकर्षित किया जा रहा है। 


बचत एक प्रवृति

दरअसल बचत एक प्रवृति है जो मनुष्य को संयमित और सुखी जीवन बिताने की ओर संकेत करती है । बचत करने का आज का अर्थ है। राष्ट्र या देश की सेवा करना। आज अर्थतंत्र का युग है। अर्थ को किसी तिजोरी, गड्ढे आदि में नहीं छिपाया जाए ओर न स्वर्ण खरीकर उसे जमा कर दिया। आज अर्थ उत्पादन शक्ति से जुड़ चुका है। 


राष्ट्रीय सेवा के कार्यों में योगदान

एक व्यक्ति की बचत यदि वह डाकखाने, बैंक, कंपनियों आदि में लगी हुई है तो इसका मतलब है कि आप राष्ट्रीय सेवा के कार्यों में अपना योगदान दे रहे हैं। क्योंकि आपकी जमा-पूंजी से नया विकास हो रहा है ओर नई योजनाएं शुरू की जा रही हैं। इस प्रकार आपका धन तो बढ़ेगा ही, साथ में समाज और देश की अर्थव्यवस्था भी सुधरेगी। बचत की आदत सुखी जीवन का आधार है। उतना ही खर्च कीजिए, जितनी की आवश्यकता है। 


फिजूलखर्ची पर लगाम

फिजूलखर्ची न केवल आपके लिए कष्टदायक सिद्ध हो सकती है। अपितु, सारे समाज व राष्ट्र के लिए भी हानिकारक सिद्ध हो सकती है। इन्हीं विचारों से प्रभावित होकर मैंने बचत योजना में भाग लेना शुरू किया। तब मैं नवीं कक्षा में पढ़ती था ओर एक माह में पांच रुपए की बचत बढने लगी और पास बुक में अधिक रुपया जमा हो गया। इसी राशि को सावधि योजना में डाल दिया। गयारहवीं कक्षा पास करते-करते में पास डेढ़ हजार रुपए जमा हो चुके थे।


बचत की आकर्षक योजनांए

बचत की गई आकर्षक योजनांए हैं। डाकघर में अभी भी मेरा सेविंग अकांट था उसमें दो सौ रुपए से कुछ ज्यादा ही रकम जमा थी। एक दिन मुझे सूचना मिली। मैं आश्चर्यचकित रह गया। मुझे दो सौ रुपए पास बुक में छह माह से अधिक रखने के कारण पुरस्कार योजना में सम्मिलित किया था। और मुझे दस हजार का पुरस्कार मिला। इसे भाग्य कहूं या कर्म, यह निर्णय मैं नहीं कर सकी। मैं तो इसके लिए दोनों को ही समान महत्व देती हूं। आजकल पोस्ट-ऑफिस ने योजना को बंद कर दिया। लेकिन मेरा अकाऊंट पोस्ट ऑफिस में आज भी है। 


बचत और राष्ट्रीय हित

सवाल यह नहीं है कि बचत राशि जमा करने पर पुरस्कार मिलेगा या नहीं। मुख्य सवाल यह है कि इस प्रकार मैं अपनी सरकार, देश और जनता की सेवा कर सकूंगी और मेरा यह कार्य राष्ट्रीय हित में होगा। क्या आपको अपने राष्ट्र से प्रेम नहीं है ? क्या आप अपने देश को खुशहाल और समृद्ध नहीं देखना चाहते यदि हां, तो आपको भी बचत अभियान में अपने स्तर पर भाग लेना चाहिए। 


बचत कैसे करें?

प्रश्न यह हो सकता है कि बचत कैसे करें? इसके लिए कुछ सुझाव प्रस्तुत कर रही हूं-आप जिस स्थिति में हैं, पहले स्वंय ही उसका विश्लेषण करे, पता करें कि क्या आप चाट-पकौड़ी खाते हैं। क्या आपको धुम्रपान का शौक है? क्या आप हर सप्ताह सिनेमा देखते हैं? क्या आपको अन्य कोई शौक है? इसके बाद विचार करें कि आप इनमें से किस-किस में क्या बचत कर सकते हैं? आप सभी में नहीं, कतिपय मदों से बचत शुरू करें और देखें कि आपको कैसा अनुभव होता है।


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बचत से खुशहाली

ज्यों-ज्यों बचत राशि अधिक जमा होने लगेगी, त्यों-त्यों आपकी स्वत: बचत की आदत बढ़ती जाएगी और इसी के साथ आप समय, जो अपने आप में स्वंय धन है, का भी सदुपयोग कर सकेंगे। इससे जीवन नियमित होगा और इंद्रियां वश में होती जाएंगी। सदविवेक के लिए मार्ग बनेगा, वह अलग। आपको त्यौहार, उत्सव आदि पर भी रुपए-पैसे मिलते हैं। आप-अपने अवकाश के लिए समय में भी कोई कार्य कर सकते हैं। किसी कुटीर धंधे से भी जुड़ सकते हैं । कहने का आशय यह है कि आप समय का सदुपयोग करके कुछ धन अर्जित कर सकते हैं और इसका प्रयोग बचत में कर सकते हैं।


उपसंहार

बचत राशि आपके स्वप्नों को पूरा करने में मदद करेगी। इस राशि से आवश्यकता पडने पर आप अपना रुका हुआ कार्य कर सकते हैं। अपनी पढ़ाई का खर्च स्वंय निकाल सकते हैं। ऊंची तालीम पाने में रुपए की कमी को भी पूरा कर सके हैं। आपका भविष्य इस तरह सुरक्षित रहेगा। महात्मा गांधी तो आलपिन की जगह बबूल के कांटों का प्रयोग करते थे। वह छोटे-से छोटे कागज का प्रयोग करने में नहीं चूकते थे। मिव्यियिता जीवन की सफलता की कुंजी है। मनुष्य के जीवन की सार्थकता उसी में है कि वह समाज से कम-से-कम ले और बदले में उसे अधिक-से-अधिक दे। समस्त महापुरुषों के जीवन का निचोड़ यही रहा है कि उन्होंने अपना जीवन समाज के लिए अर्पित कर दिया है। वे सभी मितव्ययी हुए हैं। जिन्होंने अपने कम से कम व्यय किया है। उन्होंने स्वावलंबी जीवन जिया है। मुझे भी बचत करने से यह अनुभव हुआ कि मेरा मन पहले से अधिक एकाग्रचित, शांत, प्रफल्लित रहा है। मुझमें लौटा है मुझे लगता है कि मेरा जीवन निरर्थक नहीं है।


FAQs


1. मनुष्य के लिए बचत क्यों जरूरी है?

उत्तर-‘बचत कीजिए सुंदर और सुरक्षित भविष्य बनाइए।' यह नारा आज के युग का है यों तो मनुष्य शुरू से ही बचत करता आ रहा है। लेकिन पूर्व काल में की गई बचत से आज की बचत के अर्थ में बहुत बड़ा परिवर्तन आ गया है।


2.बचत की प्रवृति क्यों आवश्यक है?

उत्तर-दरअसल बचत एक प्रवृति है जो मनुष्य को संयमित और सुखी जीवन बिताने की ओर संकेत करती है । बचत करने का आज का अर्थ है। राष्ट्र या देश की सेवा करना। आज अर्थतंत्र का युग है। अर्थ को किसी तिजोरी, गड्ढे आदि में नहीं छिपाया जाए ओर न स्वर्ण खरीकर उसे जमा कर दिया। आज अर्थ उत्पादन शक्ति से जुड़ चुका है। 


3.बचत कैसे करें?

उत्तर-आप जिस स्थिति में हैं, पहले स्वंय ही उसका विश्लेषण करे, पता करें कि क्या आप चाट-पकौड़ी खाते हैं। क्या आपको धुम्रपान का शौक है? क्या आप हर सप्ताह सिनेमा देखते हैं? क्या आपको अन्य कोई शौक है? इसके बाद विचार करें कि आप इनमें से किस-किस में क्या बचत कर सकते हैं? आप सभी में नहीं, कतिपय मदों से बचत शुरू करें और देखें कि आपको कैसा अनुभव होता है। 


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