जल स्वास्थ्य मिशन क्या है? || Jal swasthya mission kya hai

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जल स्वास्थ्य मिशन क्या है? || Jal swasthya mission kya hai

जल स्वास्थ्य मिशन क्या है? || Jal swasthya mission kya hai 

जल स्वास्थ्य मिशन क्या है? || Jal swasthya mission kya hai


प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल के प्र प्र पानी का कनेक्शन प्रदान करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 15 अगस्त, 2019 को लाल किले के प्राचीर से जल जीवन मिशन (जेजेएम) की घोषणा की गई थी। इस 'हर घर जल' कार्यक्रम का लक्ष्य प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नियमित रूप से और दीर्घकालिक आधार पर पर्याप्त मात्रा में निर्धारित गुणवत्ता वाला पेयजल उपलब्ध कराना है। 2019 में इस मिशन के शुभारंभ के समय (कुल 19.4 करोड़ में से) मात्र 3.23 करोड़ ग्रामीण परिवारों के पास नल के पानी के कनेक्शन थे। यह आंकड़ा गांवों में रहने वाली कुल आबादी का महज 16.7 प्रतिशत था। 14 जून, 2023 तक कुल 12.29 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों (63.2 प्रतिशत) के पास पेयजल उपलब्ध है। वर्तमान में 131 जिलों, 1,357 प्रखंडों और 1,66,880 गांवों को 'हर घर जल' के रूप में दर्ज किया गया है, जिसका अर्थ है कि इन गांवों में प्रत्येक ग्रामीण परिवार, स्कूल, आश्रमशाला, आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य केंद्र और सार्वजनिक संस्थान को नल के जरिये शुद्ध पेयजल मिल रहा है।

प्रधानमंत्री के अन्य प्रमुख कार्यक्रमों के तरह ही 'जल जीवन मिशन' गति और पैमाने की दृष्टि से विशिष्ट है। वर्तमान में यह मिशन हर सेकेंड पेयजल का एक नया कनेक्शन प्रदान कर रहा है। यह मोटे तौर पर प्रति घंटा 3,600 पानी के कनेक्शनों या प्रति दिन 86,000 से अधिक कनेक्शनों को जलापूर्ति शुरू करने योग्य. बना रहा है। इसका मतलब यह हुआ कि प्रतिदिन लगभग 3.5 लाख नागरिकों का जीवन हमेशा के लिए सकारात्मक रूप से बदल रहा है। इस मिशन के पूरा होने 5 तक कुल 16 करोड़ परिवारों को पेयजल के आपूर्ति की सुविधा उपलब्ध हो चुकी होगी। यह लगभग 70 करोड़ लोगों को ज पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के पे बराबर होगा। यह अमेरिका (33 करोड़), हो ब्राजील (21 करोड़) और इंग्लैंड (5.6 क करोड़) की संयुक्त आबादी के बराबर है। ज इतना व्यापक है इस मिशन का पैमाना । पांच राज्यों (गुजरात, तेलंगाना, गोवा, हरियाणा और पंजाब) और तीन केंद्र कर शासित प्रदेशों (अंडमान एवं निकोबार में द्वीप समूह, दमन एवं दीव तथा दादरा एवं लाइ नगर हवेली और पुदुचेरी) ने इस मिशन का के तहत शत-प्रतिशत कवरेज की सूचना सा दी है। कुल 98.9 प्रतिशत कवरेज के साथ की हिमाचल, 96.3 प्रतिशत कवरेज के साथ और बिहार भी निकट भविष्य में शत प्रतिशत के कवरेज की ओर अग्रसर हैं। मिशन साफ और शुद्ध पानी जीवन को बचाता है। हाल में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा और 'जल जीवन मिशन के तहत सुरक्षित रूप से ज से प्रबंधित पेयजल के बढ़ते कवरेज के बस्ति कारण होने वाले स्वास्थ्य 'संबंधी लाभ' थे। 

एक अध्ययन किया गया है। उसके अनुसार, जब 2024 तक 'जल 'जीवन मिशन' के तहत हर ग्रामीण घर में पेयजल उपलब्ध होगा तो यह डायरिया से होने वाली मौतों को आधा करने में मदद करेगा। चार लाख लोगों की जान बचाई जा सकेगी। इसी तरह नोबेल पुरस्कार विजेता माइकल क्रेमर के अनुसार, यदि सभी परिवारों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करा दिया जाए तो शिशुओं की मृत्यु दर में लगभग 30 प्रतिशत तक की कमी लाई जा सकती है। जेजेएम के सफल कार्यान्वयन से भारत में प्रति वर्ष पांच साल से कम आयु वाले 1.36 लाख बच्चों की मौतों की रोका जा सकेगा। आर्सेनिक और फ्लोराइड से दूषित पानी स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है। इस मिशन के शुभारंभ के समय 22,016 बस्तियों को पेयजल के स्रोतों में आर्सेनिक और फ्लोराइड के संदूषण की समस्या से जूझना पड़ रहा था। इनमें से 14,020 बस्तियां आर्सेनिक के संदूषण से प्रभावित थीं और 7,996 बस्तियां फ्लोराइड के संदूषण से पीड़ित थीं। देश के विभिन्न हिस्सों में फैली 1.79 करोड़ आबादी इस संदूषण से प्रभावित थी। आज आर्सेनिक और फ्लोराइड के संदूषण से प्रभावित इन बस्तियों को शुद्ध पेयजल की सुविधा के दायरे में ले आया गया है।

योजनाओं को दीर्घकालिक रूप से टिकाऊ बनाए रखने की दृष्टि से इस कार्यक्रम में शुरू से ही समुदायों की भागीदारी को शामिल किया गया है। देश में 5.24 लाख से अधिक ग्राम स्तर की जल एवं स्वच्छता समितियों/पानी समितियों का गठन किया गया है, जिनमें महिलाओं का प्रतिनिधित्व 50 प्रतिशत है। महिला सशक्तीकरण को ध्यान में रखते हुए 22.13 लाख से अधिक ग्रामीण महिलाओं को फील्ड टेस्ट किट का उपयोग करके पानी के नमूनों का परीक्षण करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर घर और सार्वजनिक संस्थान में शुद्ध पानी पहुंच रहा है। समुदायों की भागीदारी के कारण यह कार्यक्रम एक जन आंदोलन बनगया है। केंद्र सरकार ने पांच साल की अवधि के लिए 2.08 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। जलापूर्ति में सुधार का संबंध स्वास्थ्य संबंधी देखभाल की लागत में कमी और उत्पादक समय की उपलब्धता में वृद्धि के जरिये लोगों की समग्र लागत में होने वाली महत्वपूर्ण बचत से है।

महिलाएं 'हर घर जल' कार्यक्रम के केंद्र में हैं। 2018 में लगभग 42 प्रतिशत, ग्रामीण परिवारों को अपने परिसर से बाहर होने वाली जलापूर्ति से पानी इकट्टा करना पड़ता था। इस समूची कवायद का मुख्य भार महिलाओं को वहन करना पड़ता था । यह अनुमान लगाया गया है। कि एक महिला को प्रतिदिन पानी इकट्ठा करने में आम तौर पर 45 मिनट का समय खर्च करना पड़ता था। नल के पानी की नियमित आपूर्ति महिलाओं और युवा लड़कियों को हर दिन सिर पर पानी का भारी बोझ ढोने से राहत देती है। महिलाएं अब इस बचे हुए समय एवं प्रयास का उपयोग आय सृजन की गतिविधियों, नए कौशल को सीखने तथा अपने बच्चों की शिक्षा में सहायता के लिए कर सकती हैं। किशोरियों को अब पानी लाने में अपनी मां की मदद करने के लिए स्कूल नहीं छोड़ना होगा। जल ही जीवन है और 'जल जीवन 'मिशन' का संबंध इस जीवन रेखा को हर ग्रामीण परिवार तक पहुंचाने से है। घर मैं नियमित रूप से पर्याप्त मात्रा में शुद्ध पेयजल की पहुंच सुनिश्चित करके, यह प्रतिष्ठित मिशन अभूतपूर्व पैमाने पर बेहद तेज गति से परिवारों को सशक्त बना रहा है और लोगों के जीवन को बचा रहा है। (लेखक नीति आयोग के सदस्य-स्वास्थ्य हैं)

FAQ'S -

Q. जल जीवन मिशन क्या है विस्तार से समझाइए?

जल जीवन मिशन स्कीम (JJM मिशन) की शुरुआत प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में 15 अगस्त 2019 को की गयी। देश के लगभग 50% ऐसे ग्रामीण क्षेत्र है जहां अभी भी लोगो को पानी की समस्या होती है। उन क्षेत्रों में पीने के पानी को पहुंचाने के लिए मोदी जी ने इस स्कीम का शुभारम्भ किया।

Q. जल जीवन मिशन का मुख्य उद्देश्य क्या है?

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने 15 अगस्त, 2019 को जल जीवन मिशन की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य सभी ग्रामीण परिवारों को नियमित और दीर्घकालिक आधार पर पर्याप्त मात्रा में (55 एलपीसीडी) पर्याप्त दबाव के साथ निर्धारित गुणवत्ता का पानी उपलब्ध कराना है।

Q. जल जीवन मिशन कार्यक्रम की अवधि क्या है?

वर्ष 2019 से लेकर 2024 तक केंद्र और राज्य सरकार की भागीदारी के साथ अलग-अलग रूप में बजट को निर्धारित किया गया इस मिशन के कार्यान्वयन को सफल बनाने के लिए 5 वर्ष की अवधि के रूप बजट को निम्न रूप से नीचे सूची में प्रदर्शित किया गया है।

Q. जल जीवन मिशन का निर्देशक कौन है?

राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के अतिरिक्त सचिव, मिशन निदेशक विकास शील ने 16 मई को मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र और राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव को पत्र लिखकर में यूपी में तीव्र गति से बढ़ रही जल जीवन मिशन की परियोजनाओं और इस कार्य में जुटी टीम के एक-एक सदस्य के सहयोग की सराहना की है.

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