मेक इन इंडिया निबंध (make in India Essay in Hindi) UP board.live

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मेक इन इंडिया निबंध (make in India Essay in Hindi) UP board.live

मेक इन इंडिया निबंध (make in India Essay in Hindi) UP board.live

आज के इस लेख मैं हमने मेक इन इंडिया पर निबंध से संबंधित जानकारी प्रदान करेंगे तो आप पोस्ट भी अंत तक बनेयदि आपने इन इंडिया पर निबंध से संबंधित जानकारी खोज रहे हैं तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़ें। तो चलिए इस लिए को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े और अगर आपको यह लेख पसंद आए तो अपने दोस्तों में जरूर शेयर करें।


मेक इन इंडिया निबंध (make in India Essay in Hindi) UP board.live

प्रस्तावना


मेक इन इंडिया भारत के प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किया गया एक अभियान है। देश में चलने वाले इस अभियान के अंतर्गत देश में किसी भी जरूरत को पूरा करने के लिए विदेश से सामान मांगने पर निर्भर ना रह कर देश के छोटे-छोटे उद्योगों को बढ़ावा दिया जाए ताकि इससे देश की आर्थिक भी मजबूत हो और देश के छोटे-छोटे उद्योगों का उद्धार हो सके।


देश में बढ़ रही बेरोजगारी और देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा देश के विकास के लिए निर्णय लिए गए। सरकार द्वारा लोगों के लिए बहुत सी योजनाएं भी चलाई गई जिससे लोगों को रोजगार के अवसर मिल सके।


इसी तरह सरकार द्वारा भेजे इन इंडिया नीति का भी प्रावधान रखा गया। सरकार द्वारा इस योजना का उद्देश्य था कि देश में होने वाला निर्यात को कम किया जा सके और देश में रोजगार के अवसर पैदा किया जा सके जिससे देश की अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा।



मेक इन इंडिया निबंध (make in India Essay in Hindi)

प्रस्तावना

मेक इन इंडिया की शुरुआत

मेक इन इंडिया का उद्देश्य

मेक इन इंडिया-

मेक इन इंडिया योजना के मुख्य उद्देश्य-

मेक इन इंडिया कब शुरू हुआ।

मेक इन इंडिया की स्थापना किसने की?

मेक इन इंडिया के क्या फायदे हैं?

निष्कर्ष

निष्कर्ष



मेक इन इंडिया की शुरुआत


साल 2013 में, बहुत से उभरते उभरते बाजार का नुकसान हो गया था और विकास दर बढ़ गई थी। उस समय, भारत एक गंभीर स्थिति में आर्थिक संकट था। वैश्विक निवेशक इस बात पर बहस कर रहे थे कि क्या भारत में निवेश करना एक अवसर या एक जोखिम होगा। इसी बीच भारत के प्रधानमंत्री ने 25 सितंबर, 2014 को 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम का आरंभ किया। 'मेक इन इंडिया' का शुभारंभ नई दिल्ली के विज्ञान भवन में हुआ था। इस योजना का मुख्य उद्देश्य यही है कि लोगों द्वारा रोजमर्रा में उपयोग किए जाने वाले समान का निर्माण इंडिया में हो अर्थात स्वदेशी हो। इस योजना को और बेहतर तरीके से प्रस्तुत करने के लिए औद्योगिक नीति व विकास विभाग द्वारा 29 दिसंबर, 2014 को एक वर्कशॉप आयोजित की गई थी। इस कार्यक्रम में नरेंद्र मोदी के साथ उनके कैबिनेट मंत्री, सभी राज्यों के मुख्य सचिव व बड़ी-बड़ी इंडस्ट्री के लीडर भी शामिल थे।


मेक इन इंडिया का उद्देश्य


इस योजना का उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था को ठीक करना है। इस अभियान के तहत देश में रोजगार बढ़ेंगे और बेरोजगारी की समस्या दूर होगी साथ में कई क्षेत्रों में कौशल विकास होगा। जिससे देश-विदेश में सभी बड़े निवेशकों का ध्यान हमारी ओर केंद्रित होगा। मेक इन इंडिया का उद्देश्य भारत में नई तकनिकी का आविष्कार और भारत में ही बनाए जाने वाले उत्पादों को बढ़ावा देना है। इस अभियान का लक्ष्य है कि विदेशी कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए जागृत करना तथा भारत में ही उत्पादों को बनाने का प्रोत्साहन दिया जाए।


इस योजना के तहत भारतीय कंपनियों के उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है। भारत में आज असाक्षरता, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, गरीबी और स्वास्थ्य सेवाओं में कमी मौजूद है। मेक इन इंडिया अभियान के जरिये इन सभी समस्याओं को भारत से दूर करने की एक बहुत ही अच्छी पहल है। भारत सरकार के अनुसार 'मेक इन इंडिया' द्वारा भारत में कई स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट और किफायती आवास योजना लोगों को मिलने की आशा है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य बड़े निवेशकों की सहायता से देश में मजबूत विकास और मूल्यवान रोजगार हर घर के लोगों तक सुनिश्चित करना है।


मेक इन इंडिया-


मेक इन इंडिया विश्व की वर्तमान स्थितियों को देखा जाए तो यह योजना भारत के लिए न सिर्फ मजबूत आर्थिक भविष्य का आधार है बल्कि समय की जरूरत भी।


दुनिया में चीनी और अमेरिकी बाजार के समक्ष भारतीय बाजार उत्पादकता में काफी पीछे है। तमाम तरह के कच्चे पदार्थों की उपलब्धता के बावजूद भी भारत का निर्यात समान आकार वाली अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले काफी कम है जिसका मुख्य कारण विनिर्माण क्षेत्र की अकुशलता रहा है।


चीन की अर्थव्यवस्था में विनिर्माण का क्षेत्र जीडीपी में वर्तमान में करीब 26% की हिस्सेदारी रखता है अगर यह योजना सफल रहती है तो भारतीय विनिर्माण क्षेत्र भी जीडीपी की एक चौथाई हिस्सेदारी प्राप्त कर लेगा, जिससे न सिर्फ अर्थव्यवस्था के बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी बल्कि विश्व बाजार में भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर दमन की नीतियों को भी मुंह तोड़ जवाब मिलेगा।


जो भारतीय अर्थव्यवस्था कृषि क्षेत्र से सीधे सेवा क्षेत्र में परिवर्तित हो चली थी, जिस कारण अर्थव्यवस्था का मॉडल पेचीदा हो चुका था, इस योजना की सफलता भारतीय अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगी।


आजकल छोटे छोटे देश अपने यहाँ उत्पादित वस्तुओं का विदेशों में निवेश करके अपनी सम्रद्धि को बढ़ा रहे है. द्वितीय विश्व युद्ध में नष्ट हुआ जापान स्वदेशी के बल पर ही अपने पैरों पर खड़ा हो सका हैं. भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने मेक इन इंडिया का नारा दिया हैं.


इसका उद्देश्य विदेशी पूंजी को भारत में आकर्षित करना तथा उससे यहाँ उद्योगों की स्थापना करना हैं. इन उद्योगों में बनी वस्तुएं भारत में निर्मित होगी. उनकों विश्व के अन्य बाजारों में बेचा जाएगा. इससे धन का प्रवाह भारत की ओर बढ़ेगा और वह एक समृद्ध राष्ट्र बन सकेगा.


मेक इन इंडिया योजना के मुख्य उद्देश्य-


प्राचीन भारतीय अर्थव्यवस्था पूरी तरह से व्यापार आधारित अर्थव्यवस्था थी। अर्थात भारतीय अर्थव्यवस्था निर्यात के क्षेत्र में संपूर्ण विश्व में सभी अर्थव्यवस्थाओं से कई गुना मजबूती थी।


विश्व बाजार में भारतीय अर्थव्यवस्था की भागीदारी करीब 44% हुआ करती थी। इससे निर्यात आधारित अर्थव्यवस्था को पुनः निर्यात के क्षेत्र में मजबूत करने के लिए भारत के प्रधानमंत्री द्वारा मेक इन इंडिया योजना का शुभारंभ किया गया।


इसका मूल उद्देश्य भारत में निर्माताओं को आमंत्रित करना था। इसके लिए भारत सरकार ने अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों में 100% एफडीआई की अनुमति दी। इस योजना ने मीडिया (26%), अंतरिक्ष (74%) और रक्षा (49%) को पूरी तरह से शामिल नहीं किया गया।


निष्कर्ष


मेक इन इंडिया अभियान सभी मुख्य निवेशकों को एक लाभदायक अवसर उपलब्ध कराता है कि आप भारत आये और उपग्रह से पनडुब्बी, ऑटोमोबाईल से कृषि, विद्युत से इलेक्ट्रॉनिक आदि किसी भी व्यवसाय में निवेश करें। नयी दिल्ली के विज्ञान भवन में, मुकेश अंबानी, कुमार मंगलम बिरला, साइरस मिस्त्री, अजीम प्रेमजी आदि शिखर के उद्योगपतियों की मौजूदगी में अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिये मेक इन इंडिया योजना के संदर्भ में पीएम ने एक घोषणा की।


FAQ question


प्रश्न-मेक इन इंडिया कब शुरू हुआ।

उत्तर- विनिर्माण पर भारत के नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने के एक हिस्से के रूप में सितंबर 2014 में वैश्विक स्तर पर 'मेक इन इंडिया' पहल शुरू की गई थी। इस पहल का उद्देश्य भारत को सबसे पसंदीदा वैश्विक विनिर्माण गंतव्य के रूप में बढ़ावा देना है।


प्रश्न-मेक इन इंडिया की स्थापना किसने की?

उत्तर- नरेंद्र मोदी जिन्होंने कुछ ही महीना के भीतर निवेश को बढ़ावा देने नवाचार को बढ़ावा देने कौशल विकास को बढ़ाने बौद्धिक संपदा की रक्षा करने और सर्वोत्तम श्रेणी के विनिमय बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए मैं इन इंडिया अभियान शुरू किया गया।


प्रश्न-मेक इन इंडिया के क्या फायदे हैं?

उत्तर- भारत को एक विनिमाधक के रूप में विकसित करना मेक इन इंडिया के माध्यम से सरकार विभिन्न देशों की कंपनियों को भारत में कर छूट देकर अपना उद्योग भारत में ही लगाने के लिए प्रत्योसाहित करेगी जिससे कि भारत का आयात वेलकम हो सके और देश में रोजगार का सृजन हो सके।


प्रश्न-मेक इन इंडिया के बारे में आप क्या जानते हैं?

उत्तर- 'मेक इन इंडिया' इंडिया' एक क्रांतिकारी विचार है जिसने निवेश एवं नवाचार को बढ़ावा देने, बौद्धिक संपदा की रक्षा करने और देश में विश्व स्तरीय विनिर्माण बुनियादी ढांचे का निर्माण करने के लिए प्रमुख नई पहलों की शुरूआत की है। इस पहल नें भारत में कारोबार करने की पूरी प्रक्रिया को आसान बना दिया है।


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