सिंगल यूज प्लास्टिक पर निबंध || single use plastic essay

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सिंगल यूज प्लास्टिक पर निबंध || single use plastic essay

सिंगल यूज प्लास्टिक पर निबंध || single use plastic essay

नमस्कार दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में हम आपको सिंगल यूज प्लास्टिक पर निबंध लिखना बताएंगे। दोस्तों अगर आपको हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी अच्छी लगे तो अपने सभी दोस्तों को share जरूर करिएगा।


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सिंगल यूज प्लास्टिक पर निबंध || single use plastic essay

Table of contents –


1. प्रस्तावना

2. सिंगल यूज प्लास्टिक क्या है

3. प्लास्टिक के प्रयोग की शुरुआत

4. विकल्पों की आवश्यकता क्यों

5. सिंगल यूज प्लास्टिक के उदाहरण

6. सिंगल यूज़ प्लास्टिक के विकल्प

7. सिंगल यूज प्लास्टिक के हानिकारक प्रभाव

8. सिंगल यूज़ प्लास्टिक का विलोपन

9. उपसंहार

10. FAQ Questions 


''धरती को स्वच्छ बनाना है,

प्लास्टिक के विकल्पों को अपनाकर हमें अपना पर्यावरण बचाना है।''


प्रस्तावना –


दुनियाभर में प्लास्टिक प्रदूषण को बढ़ाने में सिंगल यूज़ प्लास्टिक का बड़ा योगदान रहा है। यह एक बढ़ता हुआ पर्यावरणीय खतरा है, जिसका व्यावहारिक विकल्प खोजना बहुत जरूरी होता जा रहा है। प्लास्टिक कचरे की मात्रा को कम करने के लिए हमें सिंगल यूज़ प्लास्टिक के विकल्प खोजने होंगे। कागज और कांच से लेकर बायोडिग्रेडेबल सामग्री तक, सिंगल यूज प्लास्टिक पर हमारी निर्भरता को कम करने के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं। जिनको अपनाना आज के समय की आवश्यकता है।

हमारे देश भारत में हर साल लाखो टन सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उत्पादन किया जाता है, जिनमें से अधिकांश प्लास्टिक का पुनर्नवीनीकरण नहीं किया जा सकता है। इसको एक बार प्रयोग में लाकर कचरे में फेंक दिया जाता है। यह जीव जंतुओं, वनस्पति और मनुष्य सभी के जीवन हेतु अत्यंत हानिकारक है। इसलिए भारत सरकार द्वारा भी लगातार इसको प्रतिबंधित किया जाता रहा है।


सिंगल यूज प्लास्टिक क्या है –


सिंगल यूज प्लास्टिक को हम आम भाषा में डिस्पोजेबल प्लास्टिक कहते हैं। जिस प्लास्टिक उत्पाद को हम एक बार इस्तेमाल करने के बाद दोबारा किसी उपयोग में नहीं ले सकते हैं वे सभी उत्पाद सिंगल यूज प्लास्टिक कहलाते हैं। इस तरह के उत्पादों का मुख्य रूप से आधार पेट्रोलियम होता है। यह बहुत कम लागत में बनते हैं, इसलिए आज यह सबसे ज्यादा उपयोग किया जाने वाला उत्पाद बन गया है। हालांकि इसे खरीदने एवं यूज करने में ज्यादा खर्च नहीं होता है लेकिन फेंकने के बाद इसका कचरा, उसकी सफाई और उसे नष्ट करने के लिए बहुत अधिक पैसे खर्च हो जाते हैं और इस प्रक्रिया में पारिस्थितिकी को अत्यधिक नुकसान होता है।


प्लास्टिक के प्रयोग की शुरुआत-


सर्वप्रथम प्लास्टिक की खोज वर्ष 1907 में लियो एच बेकलैंड ने की थी। तभी से प्लास्टिक का प्रयोग शुरू हुआ। शुरुआत में इसे सस्ता और सुलभ होने के कारण वरदान समझा जाने लगा। परंतु यह संपूर्ण मानव जाति के साथ-साथ पशु-पक्षियों सभी के लिए एक अभिशाप सिद्ध हुआ। मानव द्वारा प्लास्टिक के अत्यधिक प्रयोग ने पर्यावरण को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया।


विकल्पों की आवश्यकता क्यों –


सिंगल यूज़ प्लास्टिक के विकल्प को अपनाना वर्तमान समय की बड़ी आवश्यकता है। दिल्ली जैसे शहरों में सर्दियों का मौसम प्रदूषण की बेहद गंभीर स्थिति लेकर आती है। जिसका एक कारण आसपास के क्षेत्रों में कृषि अवशेषों को जलाना है। यदि एकल उपयोग वाले प्लास्टिक के स्थान पर कृषि पराली का उपयोग किया जाए तो वायु प्रदूषण की समस्या का समाधान भी हो जाएगा और प्लास्टिक के उपयोग से भी बचा जा सकता है। साथ ही किसानों के लिए आय के अतिरिक्त अवसर भी पैदा होंगे। एकल उपयोग वाले प्लास्टिक के उपयोग में वृद्धि और उपयोग के बाद इससे भरे हुए लैंडफिल के प्रबंधन की चुनौती को देखते हुए, ऐसे विकल्प बहुत आवश्यक प्रतीत होते हैं। ऐसे ही अन्य बहुत से कारण हैं जो विकल्पों की आवश्यकता को दर्शाते हैं।


सिंगल यूज प्लास्टिक के उदाहरण –


सिंगल यूज प्लास्टिक में प्लास्टिक की थैलियां, पॉलिथिन, स्ट्रॉ, प्लास्टिक के गिलास, प्लास्टिक के सोडा व पानी की बोतलें, प्लास्टिक के कप, प्लेट, डिस्पोजेबल प्रोडक्ट्स और खाद्य पैकेजिंग आइटम आदि शामिल हैं। ये सभी केवल एक बार उपयोग किए जाते हैं और फिर रिसाइकल के लिए कचरे के रूप में फेंक दिए जाते हैं।


सिंगल यूज़ प्लास्टिक के विकल्प-


वर्तमान समय में सिंगल यूज प्लास्टिक के बहुत सारे विकल्प उपलब्ध हैं। जिनमें से प्रमुख इस प्रकार से हैं।


कागज़ – कागज सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रभावी विकल्प हो सकता है। कागज अक्षय संसाधनों से बना है, यह है बायोडिग्रेडेबल है और इसका पुनर्नवीनीकरण किया जा सकता है। पेपर पैकेजिंग भी प्लास्टिक पैकेजिंग की तुलना में हल्की और कम भारी हो सकती है, जिससे शिपिंग लागत कम हो जाती है।

हालांकि, कागज जलरोधक नहीं है, इसलिए यह सभी अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त नहीं है।


कांच – सिंगल यूज प्लास्टिक का दूसरा विकल्प ग्लास यानी की कांच है। कांच गैर-विषाक्त है और इसे असीमित रूप से पुनर्नवीनीकरण किया जा सकता है, जिससे यह पर्यावरण के अनुकूल विकल्प बन जाता है। ग्लास पैकेजिंग भी बहुत टिकाऊ है, इसलिए इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के उत्पादों के लिए किया जा सकता है। हालांकि, कांच भारी है, जो शिपिंग लागत बढ़ा सकता है।


बायोडिग्रेडेबल सामग्री – इस प्रकार की सामग्री एकल‌ उपयोग प्लास्टिक का एक बढ़िया विकल्प है। ये सामग्रियां नवीकरणीय संसाधनों जैसे मकई, गन्ना और बांस से बनाई जाती है। वे कंपोस्टेबल भी हैं, जिसका अर्थ है कि उन्हें स्वाभाविक रूप से तोड़ा जा सकता है। हालांकि, बायोडिग्रेडेबल सामग्री प्लास्टिक की तुलना में अधिक महंगी हो सकती है और सभी अनुप्रयोगों के लिए उपर्युक्त नहीं हो सकती है।


सिंगल यूज प्लास्टिक के हानिकारक प्रभाव –


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सिंगल यूज प्लास्टिक बायोडिग्रेडेबल नहीं होते हैं और आमतौर पर एक जमीन के अंदर चले जाते हैं जहां यह दब जाता है या यह पानी में चला जाता है और कुछ दिनों के बाद यह नदी नालों के माध्यम से समुद्र में चला जाता है। प्लास्टिक मिट्टी और जल निकायों में प्रवेश करके छोटे कणों में टूट जाते हैं, लेकिन वे विघटित नहीं होते हैं।


सिंगल यूज प्लास्टिक सबसे अधिक वर्षों तक मिट्टी और पानी में रहते हैं और विषाक्त रसायनों को छोड़ते हैं और इस तरह हमारे सुंदर ग्रह और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं।


सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग मनुष्य, जानवरों और समुद्री जीवों के लिए बहुत हानिकारक है।


जल निकायों में या समुद्री जलीय जंतु अपने भोजन के साथ प्लास्टिक के कणों का सेवन करते हैं। प्लास्टिक को पचाया नहीं जा सकता है और इस तरह उनकी आंत में फंस जाता है और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं।


बहुत बार पशु कचरे में से खाने की सामग्री के साथ प्लास्टिक की थैलियों को भी खा लेते हैं जिससे उनकी मृत्यु तक हो जाती है।


प्लास्टिक की थैलियों का उत्पादन विषाक्त पदार्थों को छोड़ता है जो इसके उत्पादन में शामिल लोगों में गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है।


सिंगल यूज़ प्लास्टिक का विलोपन –


किसी भी चीज को खुद से अलग करने हैं निकाल देने की क्रिया या भाव विलोपन कहलाता है। सिंगल यूज प्लास्टिक का विलोपन मानव जीवन के साथ-साथ समस्त प्राणी जगत के हित के लिए अत्यंत आवश्यक है।

यद्यपि भारत सरकार प्लास्टिक के प्रयोग व बिक्री पर लगातार प्रतिबंध लगाती आ रही है परंतु जब तक हम खुद इसका प्रयोग करना बंद नहीं करेंगे तब तक इसका विलोपन करना किस प्रकार संभव होगा। प्लास्टिक के हानिकारक प्रभावों को देखते हुए हमें तत्काल इसको अपने जीवन से निकाल फेंकना चाहिए। हम प्लास्टिक की थैलियों में सामान लाने के बजाए कपड़े के थैले का प्रयोग कर सकते हैं। डिस्पोजल बर्तनों के लिए कागज के बने बर्तन या पत्तल का प्रयोग पर्यावरण को नुकसान से बचाएगा।

"सिंगल यूज़ प्लास्टिक का अगर हो जाए विलोपन,

स्वच्छता और खुशहाली में फले फूले जनजीवन।"


उपसंहार –


सिंगल यूज प्लास्टिक के विकल्पों का उपयोग करके हम अपने पर्यावरण में प्लास्टिक प्रदूषण की मात्रा को कम कर सकते हैं और इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित कर सकते हैं। ये विकल्प हमारे पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने और अधिक टिकाऊ भविष्य सुनिश्चित करने में हमारी मदद कर सकते हैं।

''बेहतर विकल्पों को अपनाएं,

सिंगल यूज प्लास्टिक से पर्यावरण बचाएं।"


Frequently Asked Questions (FAQ) –


प्रश्न - सिंगल यूज प्लास्टिक का निबंध कैसे लिखें?

उत्तर - सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग मनुष्य, जानवरों और समुद्री जीवों के लिए बहुत हानिकारक है। जल निकायों में समुद्री जलीय जंतु अपने भोजन के साथ प्लास्टिक के कणों का सेवन करते हैं। प्लास्टिक को पचाया नहीं जा सकता है और इस तरह यह उनकी आंत में फंस जाता है और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं।


प्रश्न - सिंगल यूज प्लास्टिक का मतलब क्या है?

उत्तर - सिंगल यूज प्लास्टिक से अभिप्राय एक बार इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक प्रोडक्ट से है। सिंगल यूज प्लास्टिक को केवल एक बार प्रयोग करके फेंक दिया जाता है। इनमें प्लास्टिक की थैलियां, डिस्पोजल प्लास्टिक, सोडा व पानी की बोतलें शामिल हैं।


प्रश्न - सिंगल यूज प्लास्टिक हानिकारक क्यों है?

उत्तर - यह खतरनाक इसलिए है क्योंकि यह मिट्टी की गुणवत्ता को खराब करता है, पानी को दूषित करता है क्योंकि हर कैटेगरी के प्लास्टिक में रंग, केमिकल आदि होते हैं। हमारे घरों के कचरे से लेकर पड़ोस के कूड़ेदान तक सिंगल यूज़ प्लास्टिक कचरे में सबसे ज्यादा होता है। यही कचरा नालो से बहकर नदियों और समुद्र तक पहुंचता है।


प्रश्न - हमें प्लास्टिक की क्या जरूरत है?

उत्तर - प्लास्टिक उन उत्पादों में शामिल है जिनका हम प्रतिदिन उपयोग करते हैं जो हमें सुरक्षित रखने में मदद करते हैं। वे साइकिल हेलमेट, बाल सुरक्षा सीटों और ऑटोमेटिव एयर बैग में है जो हमारी और हमें कनेक्ट करने वाले सेल फोन की सुरक्षा करते हैं। प्लास्टिक हमारे द्वारा खाए जाने वाले और अपने परिवारों को परोसे जाने वाले खाद्य पदार्थों को पहले से कहीं अधिक सुरक्षित और ताजा रखने में भी मदद करता है।


प्रश्न - प्लास्टिक से कौन-कौन सी बीमारी होती हैं?

उत्तर - प्लास्टिक के यूज़ से सबसे ज्यादा दो बड़ी बीमारियों का खतरा रहता है। एक अस्थमा और दूसरी पलमोनरी कैंसर। दरअसल प्लास्टिक में मौजूद टॉक्सिन से सबसे पहले व्यक्ति अस्थमा की समस्या से जूझता है, जिसमें उन्हें सांस लेने में परेशानी होती है।

यह Blog एक सामान्य जानकारी के लिए है इसका उद्देश्य सामान्य जानकारी प्राप्त कराना है। इसका किसी भी वेबसाइट या Blog से कोई संबंध नहीं है यदि संबंध पाया गया तो यह एक संयोग समझा जाएगा।  

यहां पर आपको सिंगल यूज प्लास्टिक पर निबंध के बारे में बताया गया है जो हर भारतीय को जरूर पता होने चाहिए। इस प्रकार की अन्य जानकारी के लिए आप nityastudypoint.com पर विजिट कर सकते हैं। दोस्तों अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई हो तो अपने सभी दोस्तों को social media platform WhatsApp, Facebook or telegram पर share करिएगा।


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