केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (Central reserve police force) स्थापना दिवस पर निबंध हिंदी में

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केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (Central reserve police force) स्थापना दिवस पर निबंध हिंदी में

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (Central reserve police force) स्थापना दिवस पर निबंध हिंदी में

नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की स्थापना दिवस पर निबंध बताने जा रहे हैं। दोस्तों अगर आपको हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी अच्छी लगे तो अपने सभी दोस्तों को share जरूर करिएगा।


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Table of contents –


1. प्रस्तावना

2. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का गठन

3. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की स्थापना कब हुई

4. सीआरपीएफ का मुख्यालय कहां है

5. सीआरपीएफ की स्थापना क्यों की गई थी

6. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की भूमिका

7. सुरक्षा गतिविधियां

8. चुनाव के दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की 

भूमिका

9. भारत में सीआरपीएफ की भूमिका –

20. FAQ'S 


प्रस्तावना –


आंतरिक सुरक्षा के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) भारत संघ का प्रमुख केंद्रीय पुलिस बल है। यह सबसे पुराना केंद्रीय अर्धसैनिक बल(अब केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के रूप में जानते हैं) में से एक है जिसे 1939 में क्राउन रिप्रजेंटेटिव पुलिस के रूप में गठित किया गया था। क्राउन रिप्रजेंटेटिव पुलिस द्वारा भारत की तत्कालीन रियासतों में आंदोलनों एवं राजनीतिक अशांति तथा साम्राज्यिक नीति के रूप में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने में लगातार सहायता करने की इच्छा के मद्देनजर, 1936 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मद्रास संकल्प के मद्देनजर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की स्थापना की गई।


केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का गठन –


केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का गठन 27 जुलाई 1939 को किया गया था, यह 28 दिसंबर 1949 को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कानून के लागू होने पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल बन गया। इसके गौरवशाली इतिहास के 80 वर्ष पूरे हो गए हैं। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, 243 बटालियन (210 विशेष बटालियन, 6 महिला बटालियन, 15 आरएएफ बटालियन, 10 कोबरा बटालियन, 5 सिग्नल बटालियन और एक विशेष ड्यूटी ग्रुप और एक पीडीजी सहित) 43 समूह केंद्रों, 20 प्रशिक्षण संस्थाओं, 3 सीडब्ल्यूएस, 7 एडब्ल्यूएस, 3 एसडब्ल्यूएस और 100 बिस्तरों वाले चार कंपोजिट अस्पतालों और 50 बिस्तरों वाले 17 कंपोजिट अस्पतालों के गठन से बना हुआ एक बड़ा संगठन है।


केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की स्थापना कब हुई –


केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की स्थापना 27 जुलाई 1939 को हुई।


सीआरपीएफ का मुख्यालय कहां है –


सीआरपीएफ का मुख्यालय न्यू दिल्ली में है।


सीआरपीएफ की स्थापना क्यों की गई थी –


आंतरिक सुरक्षा के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल भारत संघ का प्रमुख केंद्रीय पुलिस बल है। यह सबसे पुराना केंद्रीय अर्धसैनिक बल में से एक है जिसे 1939 में क्रॉउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस के रूप में गठित किया गया था।


केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की भूमिका –


केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की महत्वपूर्ण भूमिकाओं में से एक सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है जिस पर अमूमन हमारा ध्यान नहीं जाता है, वह है केंद्र सरकार के द्वारा स्थापित स्थलों जैसे- हवाई अड्डा, पुलों, पावरहाउस, दूरदर्शन केंद्रों, सभी ऑल इंडिया रेडियो स्टेशनों, राज्यपालों के निवासस्थलों और मुख्यमंत्री आवासों की सुरक्षा करना। इसके अलावा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल राष्ट्रीय बैंकों व अन्य सरकारी स्थलों पर भी सुरक्षा में तैनात रहती है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, लोकतांत्रिक संस्थानों की सुरक्षा को सुनिश्चित करती है, और वहां किसी भी प्रकार की उग्रवादी गतिविधियों को होने से रोकती है, बेहद अशांत क्षेत्रों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की भूमिका बेहद अद्म होती है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का यह योगदान, न सिर्फ विचारणीय हैं बल्कि यह देश के हित में बेहद खास है।

बल का 7.5 प्रतिशत हिस्सा, उत्तरी पूर्व राज्यों, जम्मू और कश्मीर, बिहार व आंध्र प्रदेश में अतिवृष्टि लोगों की सुरक्षा में तैनाती किया गया है जिसमें जम्मू कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नागालैंड, त्रिपुरा व मिजोरम के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद जैसे अन्य विशिष्ट व्यक्ति शामिल हैं। इसके अलावा रि.पु.बल, भारत के प्रधानमंत्री के कार्यालय व निवासस्थल तथा अन्य केंद्रीय मंत्रियों व गणमान्य व्यक्तियों के आवासस्थानों और कार्यालयों पर भी तैनाती रहती है ताकि उनकी सुरक्षा में कोई चूक ना हो सके। फोर्स का 17.5 प्रतिशत हिस्सा, सचिवालयों, दूरदर्शन केंद्रों, दूरभाष केंद्रों, बैंकों, पन की बिजली परियोजनाओं जेल आदि व आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रों में केंद्र और राज्य सरकारों के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की रक्षा के लिए प्रतिनियुक्त किया गया है।

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 10 कॉय, तीन संवेदनशील स्थानों; कृष्ण जन्मभूमि, शाही ईदगाह मस्जिद कांप्लेक्स (मथुरा), राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद (अयोध्या) और काशी विश्वनाथ मंदिर ज्ञानवापी मस्जिद (वाराणसी) पर तैनात रहते हैं। फोर्स के 4 कॉय, माता वैष्णो देवी मंदिर कटरा, जम्मू कश्मीर में सुरक्षा के लिए मुस्तैद रहते हैं।


सुरक्षा गतिविधियां –


केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, भारत का सबसे बड़ा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल है और इसका अतीत गौरवशाली रहा और इसका वर्तमान काफी सशक्त है। इसका इतिहास, असंख्य वीर गाथाओं से भरा पड़ा है जिसमें बल के कर्मियों के प्रेरणादायक और साहसपूर्ण कार्यों का ब्यौरा है। इसके आविर्भाव के समय से यानि 1939 से ही केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने विभाजन के दंगों और छोटी रियासतों के विलय के दौरान बहुत सहयोग प्रदान किया था। वर्तमान समय में, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल पूरी दम लगाकर माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर गोरिल्ला युद्ध में लगी हुई है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल कई सालों से कठिन लड़ाइयों को लड़ती हुई आ रही है और कई बार, इसने भारतीय सेना के साथ मिलकर युद्ध भी लड़े हैं।


केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 10 बहादुर जवान शहादत को प्राप्त हुए जब 21 अक्टूबर को लद्दाख के हॉट स्प्रिंग में गश्त के दौरान, चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसपैठ कर ली थी। ऐसा ही कुछ सरदार पोस्ट कांड में हुआ, पाकिस्तानी सेना ने 9 अप्रैल 1965 को गुजरात के कच्छ के रेगिस्तान में सरदार पोस्ट पर तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल जवानों पर आक्रमण कर दिया; उस समय वहां के रि.पु. बल की दो कंपनियां तैनात थीं। पुलिस सेना की सबसे जबरदस्त लड़ाईयों में अब तक की सर्वश्रेष्ठ मुठभेड़ सरदार पोस्ट को माना जाता है। इसी प्रकार के रि.पु. बल ने 13 दिसंबर 2001 को भारतीय संसद में घुसे आतंकवादियों से मुठभेड़ की ओर जिनमें से वहां तैनात आंतरिक सुरक्षा कर्मियों में से एक महिला कर्मी मारी गई व सभी आतंकवादियों को मार गिराया गया।


साथ ही 27 जुलाई 2005 को अयोध्या पर हुए आक्रमण में भी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की भूमिका सराहनीय रही। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने 1980 के दशक के दौरान पंजाब में आतंकवाद को रोकने में अहम भूमिका निभाई है और 1990 के दशक के दौरान इसी प्रकार की स्थिति का सामना, त्रिपुरा में भी किया। 2001 में, मंत्रियों के समूह की सिफारिश के आधार पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल को देश के प्रमुख आंतरिक सुरक्षा बल के रूप में नामित किया गया था। वर्तमान में, फोर्स का एक तिहाई से अधिक हिस्सा, वामपंथी उग्रवाद को नियंत्रित करने के लिए दक्षिणपंथी अतिवादी प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया गया है।


पश्चिम बंगाल, बिहार के रोहतस इलाके और कैमूर क्षेत्रों से नक्सलवाद को दूर करने में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का अभूतपूर्व योगदान रहा है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की तैनाती और सक्रियता के कारण ही झारखंड के सारंदा जंगली क्षेत्र से नक्सली भागे, किसी समय में यह इलाका इन नक्सलियों के लिए प्रमुख अड्डा था। दस्त के दौरान ही, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल कर्मियों ने शीर्ष प्रमुख माओवादी नेता किसनाजी को 2011 में मार गिराया और सारंडा (2011 में),माद (2012 में), कटऑफ क्षेत्र (2012 में), बुरहा पहाड़ (2012 में), सिलगर पेडिया (2013 में) जैसे तथाकथित नक्सली इलाके को नक्सल मुक्त क्षेत्र बना दिया।


केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने देश में आई विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के दौरान बचाव और राहत कार्यों को किया है; जैसे ओड़िया सुपर साइक्लोन (1999), गुजरात में भूकंप (2001), सुनामी (2004) और जम्मू कश्मीर में भूकंप (2005)। सीआरपीएफ ने साबित कर दिखाया है कि यह, श्रीलंका (1987),हैती (1995), कोसोवो (2000) और लाइबेरिया (महिला दस्ता) जैसे- विभिन्न विदेशी संयुक्त राष्ट्र तैनाती के दौरान भी वीरतापूर्वक कार्य करती हैं।


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चुनाव के दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की भूमिका –


केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, एक एजेंसी है जिस पर सरकार के द्वारा पूरे देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करने का जिम्मा होता है। लोकसभा और विधानसभा दोनों ही प्रकार के चुनाव में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल को अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना होता है। इस दौरान, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल को पूरी प्रतिबद्धता के साथ प्रणाली को सुचारू रूप से कार्यान्वित करना होता है।


गृहमंत्रालय, भारत निर्वाचन आयोग, रेलवे बोर्ड और सीएपीएफ/एसएपी/बीडब्ल्यू एचजी/आईआर बटालियन के साथ समन्वय।


• "राज्य स्तर समन्वय समूह'' का गठन करते हुए राज्यों में चुनावों में समन्वय बनाए रखना।


जिन राज्यों में चुनाव हो रहा हो, वहां के फोर्स मुख्यालय पर 24×7 नियंत्रण कक्ष में सक्रिय रहना और चुनाव ड्यूटी के लिए प्रतिनियुक्त सैनिकों की आवाजाही और तैनाती को देखना।


चुनाव होने वाले राज्यों की सुरक्षा की रूपरेखा तैयार करना।


राज्य प्राधिकरण के साथ परामर्श करके क्षेत्र/बूथ की संवेदनशीलता के हिसाब से सैनिकों को तैनात करने की तैयारी करना।


सभी बलों के लिए एक विशेष पहचान पत्र जारी करना, ताकि चुनाव होने वाले राज्यों के स्थानीय अधिकारी, वहां तैनात सैनिकों के साथ आसानी से सामंजस्य बैठा पाएं और सैनिकों के कमांडर, उचित तरीके से कमांडर और नियंत्रण रख पाएं।


चुनाव में तैनात किए जाने वाले सैनिकों के लिए प्रशिक्षण का आयोजन करवाना ताकि शांतिपूर्ण तरीके से चुनावों को करवाया जा सके।


भारत में सीआरपीएफ की भूमिका –


सीआरपीएफ इन अत्यधिक अशांत क्षेत्रों में लोकतांत्रिक स्थान संस्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है, और आतंकवादियों द्वारा नागरिक समाज पर कब्जा करने से रोक रही है। सीआरपीएफ का यह योगदान हालांकि बहुत अधिक दिखाई नहीं देता, फिर भी बहुत महत्वपूर्ण है। बल का 5.68% हिस्सा देशभर में वीआईपी लोगों की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है।


FAQ'S –


प्रश्न - केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का मुख्यालय कहां है?

उत्तर - केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल भारत का सबसे बड़ा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल है। सीआरपीएफ का मुख्यालय नई दिल्ली में है।


प्रश्न - केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की स्थापना कब हुई?

उत्तर - केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल 27 जुलाई 1939 को क्रॉउन रिप्रेजेंटेटिव के पुलिस के रूप में अस्तित्व में आया जो 28 दिसंबर 1949 को सीआरपीएफ अधिनियम के लागू होने पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल बन गया।


प्रश्न - केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का क्या कार्य है?

उत्तर - हिंसक क्षेत्रों में चुनावों के दौरान बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था को बनाने के लिए राज्य पुलिस के साथ समन्वय। अति विशिष्ट व्यक्तियों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा। पर्यावरण के हनन को रोकने पर निगरानी और स्थानीय वनस्पतियों और जीवो का संरक्षण करना।


प्रश्न - भारत में सीआरपीएफ की संख्या कितनी है?

उत्तर - केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल गौरवशाली इतिहास के 79 वर्ष पूरे कर चुका है। यह बल 246 बटालियनों (208 बटालियनों, 6 महिला बटालियनों, 15 आर.ए.एफ)।


प्रश्न - सीआरपीएफ दिवस कब मनाया जाता है?

उत्तर - बल के बहादुर जवानों की गाथा को श्रद्धांजलि के रूप में हर वर्ष 9 अप्रैल को शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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