Happy New year 2022: 1 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है नया साल

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Happy New year 2022: 1 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है नया साल

 Happy New year 2022: 1 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है नया साल।

 Happy New year 2022: 1 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है नया साल
  • नव वर्ष मनाने की शुरुआत कब और कैसे हुई
  • भारत में नव वर्ष
  • भारत में नववर्ष /भारत में इस दिन से होता है नया साल का आरंभ
  • हिंदू नववर्ष का महत्व -(importance off Hindu New year
  • शुरुआत
  • जश्न मनाने के अनोखे तरीके
  • सांता क्लॉज
  • आओ जानते हैं कि कुछ देश अपनी परंपरा के अनुसार नए साल का उत्सव कैसे मनाते हैं


नव वर्ष मनाने की शुरुआत कब और कैसे हुई………

दुनिया भर में नए वर्ष का जश्न लोग अपने- अपने ढंग से मनाते हैं। लेकिन यह जाने से पहले कि यह कहां-कहां वाक्य से मनाया जाता है, आओ जानते हैं कि नववर्ष मनाने की शुरुआत कब और कैसे हुई और इसके संबंध में कौन सी बातें प्रचलित हैं।


शुरुआत - ऐसा माना जाता है की नया साल आज से लगभग 4000 वर्ष पहले बेबीलोन नामक स्थान पर मनाया गया था। 1 जनवरी को मनाया जाने वाला नया वर्ष दरअसल, ग्रेगोरियन कैलेंडर पर आधारित है। इसकी शुरुआत रोमन कैलेंडर से हुई है।


इस पारंपरिक रोमन कैलेंडर का नया वर्ष 1 मार्च से शुरू होता है, लेकिन रोमन के प्रसिद्ध सम्राट जूलियस सीजर ने 46 वर्ष ईसा पूर्व में इस कैलेंडर में परिवर्तन किया था। इसमें उन्होंने जुलाई का महीना और इसके बाद अपने भतीजे के नाम पर अगस्त महीना जोड़ दिया। दुनिया भर में तब से लेकर आज तक नया साल 1 जनवरी को मनाया जाता है।


भारत में नव वर्ष : भारत में नया साल विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग तिथियों पर मनाया जाता है ज्यादातर यह तिथि या मार्च और अप्रैल के महीने में पढ़ती हैं, पंजाब में नया साल बैसाखी के रूम में 13 अप्रैल को मनाया जाता है। सिख धर्म को मनाने वाले इसे नानकशाही कैलेंडर के अनुसार मार्च में होली के दूसरे दिन मनाते हैं जैन धर्म के लोग नववर्ष को दिवाली के अगले दिन बनाते हैं।


भारत में नववर्ष /भारत में इस दिन से होता है नया साल का आरंभ

हिंदू धर्म में नववर्ष का आरंभ चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा से माना जाता है। हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान ब्रह्मा ने इसी दिन सृष्टि की रचना प्रारंभ की थी इसलिए इस दिन से नए साल का आरंभ भी होता है। इस्लामी कैलेंडर के अनुसार मोहर्रम महीने की 1 तारीख को नया साल हिजरी शुरू होता है।


वैसे ही भारत में नया साल सभी स्थानों पर अलग-अलग तिथियों पर मनाया जाता है। ज्यादा तर यह मार्च और अप्रैल के महीने मैं पढ़ती है। पंजाब में नया साल बैसाखी के रूप में 13 अप्रैल को मनाया जाता है स्विफ्ट धर्म को मनाने वाले इसे नानकशाही कैलेंडर के अनुसार मार्च में होली के दूसरे दिन मनाते हैं जैन धर्म के लोग नववर्ष को दिवाली के अगले दिन मनाते हैं यह भगवान महावीर स्वामी की मोक्ष प्राप्ति के अगले दिन से शुरू होता है।


हिंदू नववर्ष का महत्व -(importance off Hindu New year)


 Happy New year 2022: 1 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है नया साल


हिंदू नव वर्ष या हिंदू कैलेंडर (Hindu calendar) के महत्व का अनुसार इस बात से लगाया जा सकता है, कि आज भी हम अपने व्रत एवं त्यौहार हिंदू कैलेंडर और हिंदू तिथियों के आधार पर ही मनाते हैं, घर में शादी या फिर कोई और शुभ कार्य सभी कुछ हिंदू कलैंडर या पंचांग देख कर ही किए जाते हैं, और कहा जाता है कि इसी दिन सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की शुरुआत की थी, जिसके कारण इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है।


जश्न मनाने के अनोखे तरीके

विश्व भर में नया साल अनोखे ढंग से मनाया जाता है, इसे मनाने की हर देश की अपनी अपनी अलग परंपरा है जिसके पीछे कुछ प्रत्येक भी हैं आओ जानते हैं कि कुछ देश अपनी परंपरा के अनुसार नए साल का उत्सव कैसे बनाते हैं ।


आओ जानते हैं कि कुछ देश अपनी परंपरा के अनुसार नए साल का उत्सव कैसे मनाते हैं-


दक्षिण अफ्रीका महाद्वीप: दक्षिण अमेरिका के देशों में नए साल के दिन लोबिया के साबुत बीज और शलगम की पत्तियां खाने की प्रथा है। शलगम की पत्तियां रूपा का प्रतीक और लोबिया के बीज पैसों के प्रतीक माने जाते हैं।


स्पेन: स्पेन में नव वर्ष की रात को 12:00 बजे के बाद ताजी अंगूर खाने की परंपरा है। उनके अनुसार ऐसा करने से वे साल भर स्वस्थ रहते हैं।


चीन : चीन में 1 महीने पहले से ही नए साल की तैयारियां शुरू हो जाते हैं। लोग अपने घरों में साफ-सफाई कर रंग रोमन करवाते हैं यहां नए वर्ष पर लोग लाल रंग को बहुत शुभ माना जाता है इसलिए लोग इस दिन लाल रंग की ड्रेस पहनते हैं।



सांता क्लॉज - सेंट निकोलस घर-घर जाकर उपहार देते थे. वह लाल, क्रिसमस का पहला रंग पहनते हैं. वह रक्षक की तरह सभी के लिए अच्छी इच्छा और प्रेम लाते हैं.


मोमबत्तियां- क्रिसमस की मोमबत्ती हमें याद दिलाती है कि यीशु दुनिया की रोशनी है. वह प्रकाश है जिसका हमें अनुसरण करना चाहिए और उस के माध्यम से हम जीवन के अंधेरे में अपना रास्ता खोज लेंगे.


कैंडी कैन- कैंडी बेंत का सफेद यीशु की पवित्रता का प्रतिनिधित्व करता है, और लाल धारियों वह खून का प्रतीक है जो उसने हमारे लिए बाहर था.


तारा- क्रिसमस स्टार बेथलेहम के पहले सितारे का प्रतिनिधित्व करता है जो उस रात को पैदा हुआ था. जब यीशु का जन्म हुआ था. यह भी प्रतीक है कि मसीह दुनिया की रोशनी है और सभी मानव जाति के लिए एक चमत्कार उम्मीद है.


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Written by - ROSHANi KUSHWaH




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