गुरु नानक देव जी का जीवन परिचय || Guru Nanak Dev Ji biography in Hindi

Ticker

गुरु नानक देव जी का जीवन परिचय || Guru Nanak Dev Ji biography in Hindi

गुरु नानक देव जी का जीवन परिचय || Guru Nanak Dev Ji biography in Hindi


Guru Nanak Dev Ji biography in Hindi,गुरु नानक देव जी का जीवन परिचय,Guru Nanak Ji ka Jivan Parichay,गुरु नानक का जन्म कहां हुआ था,गुरु नानक का उपदेश क्या था,गुरु नानक देव पर निबंध,biography of Guru Nanak in Hindi,Guru Nanak Dev Ji biography,गुरु नानक देव जी की जन्म कथा,गुरु नानक देव जी के पुत्र,गुरु नानक देव जी का असली नाम क्या था
गुरु नानक देव जी का जीवन परिचय || Guru Nanak Dev Ji biography in Hindi

"निराकार को मानकर सामाजिक कुरीतियों से लड़े वो,

स्थापना कर खालसा की सिखों के प्रथम गुरु बने वो।"


गुरु नानक देव जी सिख धर्म के संस्थापक और सिखों के प्रथम गुरु हैं। वे एक महान क्रांतिकारी, समाज सुधारक और राष्ट्रवादी गुरु थे। उनका जन्म कार्तिक पूर्णिमा को संबद्ध १५२६ (1526)‌ अंग्रेजी वर्ष (१४६९/1469) को तलवंडी, जो वर्तमान में शेखुपुरा (पाकिस्तान) ननकाना साहिब के नाम से प्रसिद्ध स्थान है, में हुआ था।


गुरु नानक साहिब जी का जन्मदिन प्रतिवर्ष कार्तिक महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। गुरु नानक जी के पिता मेहता कालू चंद खत्री और माता तृप्ता देवी थीं।


गुरु नानक देव जी एक अद्भुत एवं विलक्षण और तर्कशील बालक थे। बचपन में उन्होंने दैवीय चीजों के प्रति अपने अलौकिक एवं अद्भुत ज्ञान से अपने शिक्षक को आश्चर्यचकित कर दिया था। मात्र 13 वर्ष की आयु में वे फारसी एवं संस्कृत भाषा के ज्ञाता हो गए थे।


उनका विवाह माता सुलखणी जी से हुआ, जिनके 2 पुत्र श्रीचंद एवं लख्मीचंद थे।


गुरु नानक जी ने देश-विदेश के विभिन्न धार्मिक स्थलों का प्रवास किया एवं सिखी के उपदेश दिए। गुरु नानक जी मुस्लिम धार्मिक स्थलों जैसे कि मक्का मदीना आदि भी गए। उनके प्रवास का मुख्य उद्देश्य लोगों में ईश्वर की सच्चाई और एक राष्ट्र केंद्रित विचार के प्रति जागरूकता पैदा करना था। उन्होंने सिख धर्म के विभिन्न उपदेश केंद्रों की स्थापना की।


सिख विचार का बीजारोपण निश्चित ही भारत में हुआ। लेकिन इसका प्रभाव वैश्विक है।


1520 में बाबर ने भारत पर आक्रमण किया। गुरु नानक जी ने बाबर के इन कृत्यों का विरोध बड़े ही कड़े शब्दों में किया। बाबर द्वारा उनकी गिरफ्तारी सिख इतिहास की दृष्टि से स्वतंत्रता आंदोलन का प्रारंभ है।


गुरु नानक साहब जी ने करतारपुर शहर, जो कि उनके द्वारा 1522 में बसाया गया था, में अपना शेष जीवन बताया था।


वहां प्रतिदिन कीर्तन एवं लंगर की प्रथा का शुभारंभ किया गया। जब गुरु साहिब ने देखा कि उनका अंत समय आ गया है तो उन्होंने भाई लहणा जी (गुरु अंगददेव जी) को द्वितीय नानक के रूप में 1539 को स्थापित किया अर्थात गुरु पद प्रदान किया एवं कुछ दिनों के पश्चात 22 नवंबर 1539 को परमात्मा में विलीन हो गए।


एक समाज सुधारक के रूप में गुरु नानक साहिब जी ने महिलाओं की स्थिति, गरीबों एवं दलितों की दशा को सुधारने के लिए कार्य किए।


उन्होंने जाति प्रथा एवं मुस्लिम शासकों की नीतियों का विरोध किया। वे जन्म से ही एक काव्यकार थे। उन्होंने 947 शब्दों की रचना की।


गुरु नानक देव जी ने ग्रहस्थ जीवन में रहते हुए अपना आध्यात्मिक व सामाजिक जीवन को जीने की कला समझायी। गुरु नानक साहिब जी द्वारा स्थापित सिख जीवन दर्शन का आधार मानवता की सेवा, कीर्तन, सत्संग एवं एक सर्वशक्तिमान ईश्वर के प्रति विश्वास है। इस प्रकार उन्होंने सिख धर्म की आधारशिला रखी।


इसे भी पढ़ें👇👇👇👇



👉रहीम दास का जीवन परिचय


👉अशोक बाजपेई का जीवन परिचय


👉हरिशंकर परसाई का जीवन परिचय






Post a Comment

और नया पुराने

inside

inside 2