हरिशंकर परसाई का जीवन परिचय| Harishankar Parsai Biography in Hindi

Ticker

हरिशंकर परसाई का जीवन परिचय| Harishankar Parsai Biography in Hindi

 हरिशंकर परसाई का जीवन परिचय| Harishankar Parsai Biography in Hindi 

हरिशंकर परसाई का जीवन परिचय| Harishankar Parsai Biography in Hindi 

इस आर्टिकल में हम हरिशंकर परसाई जी के जीवन परिचय को बिल्कुल विस्तार से समझेंगे, इनकी जीवनी उन विद्यार्थियों के लिए काफी सहयोगी है जो बोर्ड के परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। क्योंकि हरिशंकर परसाई का जीवन परिचय कक्षा 10 और कक्षा बारहवीं के परीक्षा में जरूर पूछे जाते हैं, ऐसे में अगर आप इनकी जीवनी को अच्छे से पढ़ कर समझेंगे तो, आपको इससे परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने में काफी मदद मिलेगी और इस लेख में हम हरिशंकर परसाई जी के जीवन से जुड़े उन सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों को समझेंगे जो परीक्षा में पूछे जाते हैं जैसे कि,

हरिशंकर परसाई का जन्म कब हुआ था हरिशंकर परसाई जी का जन्म कहां हुआ था हरिशंकर परसाई की माता का नाम हरिशंकर परसाई की भाषा क्या है हरिशंकर परसाई जी का साहित्यिक परिचय हरिशंकर परसाई की रचनाएं और हरिशंकर परसाई जी की मृत्यु कब हुई थी आदि। इन सभी सवालों के जवाब आपको इस लेख में बिल्कुल विस्तार से मिल जाएंगे तो अगर आप harishankar parsai ka jivan Parichay अच्छे से समझना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा अंत तक जरूर पढ़ें।


हरिशंकर परसाई की जीवनी ( harishankar parsai biography in Hindi)


नाम

हरिशंकर परसाई

जन्मतिथि

22 अगस्त 1922

जन्म स्थान

होशंगाबाद, मध्य प्रदेश (भारत)

मृत्यु तिथि

10 अगस्त 1995 

मृत्यु स्थान

जबलपुर मध्य प्रदेश भारत

आयु (मृत्यु के समय)

72 वर्ष

राष्ट्रीयता

भारतीय

शिक्षा

m.a. (हिंदी)

विश्वविद्यालय

नागपुर विश्वविद्यालय

विषय

सामाजिक

भाषा

हिंदी

प्रमुख रचनाएं

'बेईमानी की परत,' 'वाला और जल तब की बात थी,', भोलाराम का जीव विकलांग श्रद्धा का दौरा,', आदि।

विधाएं

निबंध, कहानी, उपन्यास, संस्मरण

पिता का नाम

जुमक लालू प्रसाद

माता का नाम

चंपा बाई

पत्नी

ज्ञात नहीं

पुरस्कार

'साहित्य अकादमी पुरस्कार,', शहद जोशी सम्मान शिक्षा सम्मान,',

बच्चे

ज्ञात नहीं


हरिशंकर परसाई का जीवन परिचय (harishankar parsai ka jivan Parichay)


श्री हरि शंकर जी का जन्म मध्य प्रदेश में इटारसी के निकट जमानी नामक स्थान पर 10 अगस्त 1924 ईसवी को हुआ था। आरंभ से लेकर स्नातक स्तर की इनकी शिक्षा मध्यप्रदेश में हुई। नागपुर विश्वविद्यालय से इन्होंने हिंदी में m.a. की परीक्षा उत्तीर्ण की। परसाई जी ने कुछ वर्षों तक अध्यापन कार्य किया तथा साथ-साथ साहित्य सर्जन आरंभ किया।


नौकरी को साहित्य सृजन में बाधक जानकर इन्होंने उसे तिलांजलि दे दी और स्वतंत्रता पूर्वक साहित्य सृजन में जुट गए। इन्होंने जबलपुर से वसुधा नामक साहित्य मासिक पत्रिका का संपादन और प्रकाशन आरंभ किया, परंतु आर्थिक घाटे के कारण उसे बंद करना पड़ा। इनकी रचनाएं सप्ताहिक हिंदुस्तान, धर्मयुग आदि पत्रिकाओं में नियमित रूप से प्रकाशित होती रही। परसाई जी ने मुख्यता यज्ञ प्रधान ललित निबंधों की रचना की है। 10 अगस्त 1955 ईस्वी को जबलपुर में लगा दे भाषण हो गया।


हरिशंकर परसाई का साहित्यिक योगदान


परसाई जी हिंदी व्यंग्य के आधार- स्तंभ थे। इन्होंने हिंदी व्यक्ति को नई दिशा प्रदान की है और अपनी रचनाओं में व्यक्ति और समाज की विसंगतियों पर से पर्दा हटाया है। विकलांग श्रद्धा को 'दौर' ग्रंथ पर इन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ। इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश हिंदी साहित्य स्थान तथा मध्य प्रदेश कला परिषद द्वारा भी इन्हें सम्मानित किया गया। इन्होंने कथाकार, उपन्यासकार, निबंधकार, कथा संपादक के रूप में हिंदी साहित्य की महान सेवा की।


हरिशंकर परसाई की रचनाएं


परसाई जी अपनी कहानियों उपन्यासों तथा निबंधों में व्यक्ति और समाज की कमजोरियों, विसगतियो और जीवन पर गहरी चोट करते हैं इनकी प्रमुख रचनाएं निम्नलिखित है।


1). कहानी -संग्रह- हंसते हैं, रोते हैं,', जैसे उनके दिन फिरे।

2). उपन्यास- रानी नागफनी की कहानी,' ,तट की खोज।

3). निबंध संग्रह-तब की बात और थी,', भूत के पांव पीछे बेईमानी की परत सदाचार का ताबीज शिकायत मुझे भी है और अंत में

इनकी समस्त रचनाओं का संग्रह परसाई ग्रंथावली के नाम से प्रकाशित हो चुका है।


हरिशंकर परसाई का जीवन परिचय| Harishankar Parsai Biography in Hindi 

हरिशंकर परसाई की साहित्य में स्थान

परसाई जी हिंदी साहित्य के एक समर्थ व्यंग्यकार थे। इन्होंने हिंदी निबंध साहित्य में हास्य व्यंग्य प्रदान निबंधों की रचना करके एक विशेष अभाव की पूर्ति की है। इनकी शैली का प्राण त्याग और विनोद है। अपनी विशिष्ट शैली से परसाई जी ने हिंदी साहित्य में अपना प्रमुख स्थान बना लिया है।


निष्कर्ष


यहां पर इस लेख में हमने हरिशंकर परसाई की संपूर्ण जीवनी को एकदम विस्तार से देखा, हमने यहां इनके जीवन से जुड़े लगभग सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों को समझा, जिससे कि आपको हरिशंकर परसाई का जीवन परिचय अच्छे से समझ में आ जाए। और आपको बता दें कि यह जीवन परिचय उन विद्यार्थियों के लिए लाभदायक तू ही है जो बोर्ड की परीक्षा की तैयारी कर रहे है। लेकिन साथ ही प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए भी यह अजीब ने काफी सहायक है। तू अगर आप किसी प्रतियोगी परीक्षा तैयार कर रहे हैं तो इस लेख को पूरा ध्यान पूर्वक से जरूर पढ़ें क्योंकि इससे आपको परीक्षा में काफी मदद मिल सकती है।


इसी के साथ हम आशा करते हैं कि आपको यह लेख जरूर पसंद आया होगा और हमें उम्मीद है कि, इस आर्टिकल की सहायता से आपको harishankar parsai biography in hindi अच्छे से समझ में आ गया होगा। अगर आपके मन में इस लेख से संबंधित कोई प्रश्न हो तो आप हमें नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं। साथ ही इस harishankar parsai ki jivani को आप अपने सहपाठी एवं मित्रों के साथ शेयर जरूर करें।


हरिशंकर परसाई के बारे में पूछे जाने वाले कुछ प्रश्न और उनके उत्तर


प्रश्न-हरिशंकर परसाई कौन थे?

उत्तर- हरिशंकर परसाई एक भारतीय लेखक थे। वे आधुनिक हिंदी साहित्य के विख्यात व्यक्ति कार और ठिठोलिया थे और अपनी सरल और सीधी शैली के लिए जाने जाते थे।


प्रश्न-हरिशंकर परसाई जी का जन्म कब हुआ था?

उत्तर- हरिशंकर परसाई का जन्म 22 अगस्त 1922 में हुआ था।


प्रश्न- हरिशंकर परसाई जी का जन्म कहां हुआ था?

उत्तर- हरिशंकर परसाई जी का जन्म होशंगाबाद में हुआ था।


प्रश्न- हरिशंकर परसाई की माता और पिता का नाम क्या था?

उत्तर- हरिशंकर परसाई के माता का नाम चंपाबाई था और पिता का नाम जुमक लालू प्रसाद था।


प्रश्न- हरिशंकर परसाई की कहानियों के नाम बताइए।

उत्तर- हरिशंकर परसाई के द्वारा रचित कहानियां – भोलाराम का जीव, हंसते हैं रोते हैं, जैसे उनके दिन फिर आदि।


प्रश्न- हरिशंकर परसाई की मृत्यु कब हुई थी।

उत्तम- हरिशंकर परसाई की मृत्यु 10 अगस्त 1995 को मध्यप्रदेश के जबलपुर में हुई थी। मृत्यु के समय उनकी आयु 72 वर्ष थी। 


इसे भी पढ़ें


👉UP board model paper 2023 class-12th sychology


👉बिहारीलाल का जीवन परिचय


👉मिल्खा सिंह का जीवन परिचय











👉तत्व किसे कहते हैं।


👉बल किसे कहते हैं बल कितने प्रकार के होते हैं।


👉छायावाद किसे कहते हैं छायावादी काव्य की मुख्य विशेषताएं।


👉पंडित जवाहरलाल नेहरू का जीवन परिचय


👉मीराबाई पर निबंध।


👉नंबी नारायणन का जीवन परिचय।













Post a Comment

और नया पुराने

inside

inside 2