प्रणब मुखर्जी का जीवन परिचय//Pranab Mukherjee Biography in hindi
प्रणब मुखर्जी का जीवन परिचय//Pranab Mukherjee Biography इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता और भारत के राष्ट्रपति प्रवण मुखर्जी तेरा वे राष्ट्रपति थे भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से ना भेजे जा चुके श्रवण कुमार मुखर्जी वर्ष 2020 में 84 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया था| 24 जून को इनका राष्ट्रपति कार्यकाल पूरा होने जा रहा है वर्ष 2012 के राष्ट्रपति चुनाव में भेज पर बीजपी आर पी एस सिगमा को पराजित कर एक पद पर निर्वाचित हुए थे।
प्रणब मुखर्जी ने अपने जीवन में देश के उत्थान के लिए हमेशा काम करते रहे एक पार्टी की विचारधारा से ऊपर उठकर स्वच्छ छवि के एक लीडर में विश्व भर में भारत के गौरव को बढ़ाने का कार्य किया।
70% से अधिक वोट प्राप्त कर राष्ट्रपति बनने वाले प्रवण मुखर्जी कांग्रेस के पास मनमोहन सिंह के बेहतर प्रधानमंत्री के विकल्प थे।
जिन्होंने भारत के पहले नागरिक राष्ट्रपति बनने से पूर्व कई अहम पदों पर कार्य किया जिनमें रक्षा मंत्री विदेश मंत्री वित्त मंत्री और संसद में लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता भी चुने जा चुके हैं। प्रवण मुखर्जी जीवन परिचय मैं एक नजर उनके अब तक के जीवन सफर पर।
इनका जन्म 11 दिसंबर 1935 को बीरपुर में जिला ब्रिटिश भारत में हुआ था वर्ष 1969 में कांग्रेस पार्टी ने सांसद का टिकट दिया 1969 से 2017 तक यह देश के देश की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाते रहे।
इंदिरा गांधी के विश्वास पात्रों में से एक थे जिन्होंने हमेशा बुरे वक्त में पार्टी का साथ दिया इनका विवाह वर्ष 1957 में सुभ्रा मुखर्जी के साथ संपन्न हुआ था सुभ्रा मुखर्जी का 2015 में देहांत हो चुका है।
प्रणब मुखर्जी के परिवार में उनके दो बेटे हैं जिनका नाम अभिजीत, इंद्रजीत है। अभिजीत कांग्रेस पार्टी के युवा नेता हैं उनकी बेटी शर्मिष्ठा क्लासिक डांसर है।
आरंभिक जीवन
इनके माता-पिता राजनीति में सक्रिय थे इस कारण मुखर्जी बचपन से ही राजनीति में रुचि रखते थे उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय से राजनीति और इतिहास विषय में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है।
प्रणब मुखर्जी अच्छे अर्थशास्त्री भी है। जो भारत के वित्त मंत्री के पद पर भी रह चुके हैं। उन्होंने भारत की इकोनामिक पर कई पुस्तकें भी लिखी हैं जो प्रकाशित हो चुकी हैं।
कॉलेज की पढ़ाई के बाद मुखर्जी नौकरी की तलाश में निकले उन्हें एक पोस्ट ऑफिस में नौकरी मिल गई। मुखर्जी यहां पर कई वर्षों तक कार्य कर रहे थे। साथ ही राजनीति में गहन अध्ययन करते रहे इसके बाद उन्होंने विवि विद्या नगर के एक महाविद्यालय में पॉलिटिकल साइंस के आचार्य के रूप में पढ़ाने का अवसर मिला।
छाती पत्रिका पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते रहे। 6-7 वर्षों तक सेवा देने के बाद कांग्रेस पार्टी में एमपी चुनाव में उन्होंने टिकट दे दिया। यही उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई। इंदिरा गांधी के कार्यालय में होने कैबिनेट में शामिल किया गया।
गाड़ी की मौत के बाद राज्य के साथ उनके संबंध अच्छे नहीं थे इस पर उन्होंने नए राजनीतिक मोर्चे का ऐलान कर दिया कांग्रेस समाजवादी पार्टी CSP।
राजनीतिक जीवन
बताया जाता है राजीव गांधी और प्रणब मुखर्जी के संबंध कुछ अच्छे नहीं थे इसकी वजह प्रधानमंत्री पद था मुखर्जी स्वयं को इस पद पर देखना चाहते थे। मगर राजीव के बन जाने से उनमें निराशा के भाव पैदा हो गए और नई पार्टी बना ली।
हालांकि कुछ समय बाद उनके संबंधों में सुधार भी हो गया और बने प्रथम राजनीतिक दल का कांग्रेस में विलय कर दिया गया इस दौरान प्रणब मुखर्जी भारत के चुनाव आयोग आयुक्त बन चुके थे।
कांग्रेश की तीन पीढ़ी में साथ देने वाले प्रणब मुखर्जी ने सोनिया गांधी के राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष बनने में भी अहम भूमिका निभाई जिनका पारितोषिक के रूप में उन्हें मनमोहन सिंह की सरकार में में भारत के रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री के पद पर काम करने का सौभाग्य प्राप्त हो चुका है।
नहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के रूप में प्रणब दा को जाना जाता है, एक समय था जब जैसा यह कहते सोनिया वैसा ही करती थी। 2004 के चुनाव में प्रणब मुखर्जी के लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत गए।
इस पर यूपीए सरकार में उन्हें प्रधानमंत्री पद के सिवाय वह सारे पद मिले। 2012 में पार्टी ने उन्हें राष्ट्रपति उम्मीदवार भी बनाया और जीत गए।
प्रवण मुखर्जी कैबिनेट मंत्री योजना आयोग अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर भी काम कर चुके हैं।
प्रणब मुखर्जी की उपलब्धियां और पुरस्कार
वर्ष 2010 मैं इन्हें एशिया के सबसे अच्छे वित्त मंत्री का खिताब दिया गया।
वर्ष 2011 में वॉल्वरहैम्टन यूनिवर्सिटी द्वारा डोक्ट्रेड की मानद उपाधि से सम्मानित किया।
बेस्ट सांसद का पुरस्कार जीत चुके हैं।
पदम विभूषण से सम्मानित किए जा चुके हैं।
1984 में एक पत्रिका की सूची में विश्व के टॉप 5 वित्त मंत्रियों में शुमार।
मृत्यु
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मृत्यु 31 अगस्त 2020 को दिल्ली में हुई थी, तब यह 84 बार करते थे दिल्ली के सेना अस्पताल में भर्ती थे तथा मस्तिष्क में रक्त के थक्के के चलते उनका देहांत हो गया इससे पहले वह कोरोना पॉजिटिव भी पाए गए.
प्रणब मुखर्जी द्वारा लिखी गई पुस्तकें
वर्ष 1969 में मिड-टर्म पोल
उत्तरजीविता से परे - वर्ष 1984 में भारतीय अर्थव्यवस्था का उभरते आया
वर्ष 1987 में ट्रैक बंद
वर्ष 1992 में राष्ट्रीय से पहले चुनौतियां
वर्ष 1992 में संग्राम और साक्षात्कार की सागा
डेकोरेशन ईयर्सः 1996 - 2012
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प्रणब मुखर्जी का जीवन परिचय//Pranab Mukherjee Biography in hindi |
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