राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल का जीवन परिचय | Pratibha Patil biography in hindi
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट www.upoard.live पर। दोस्तों आज की पोस्ट में हम आपको प्रतिभा पाटिल का जीवन परिचय - Pratibha Patil biography in hindi के बारे में बताएंगे आप इस पोस्ट को आखिरी तक पढ़ना है यदि पोस्ट पसंद आए तो अपने मित्रों में भी शेयर करिएगा
पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल भारत देश का गौरव है। प्रतिभा जी एक सफल राजनेता, एक अच्छी समाज सेविका के रूप में जाने जाती हैं। अपने पिता से प्रेरित होकर प्रतिभा जी ने देश की राजनीति में कदम रखा था। उसी तरह प्रतिभा जी को प्रथम महिला राष्ट्रपति होने का गौरव हासिल है।
प्रतिभा पाटिल जन्म व शिक्षा (Pratibha Patil history)
श्रीमती प्रतिभा पाटिल भारत की बारहवीं और पहली महिला राष्ट्रपति रही इनका जन्म 19 दिसंबर, 1934 को महाराष्ट्र के जलगांव जिले में नंदगांव में हुआ था। इनके पिता का नाम नारायणराव पटिल थे, जो एक राजनेता थे प्रतिभा जी की प्रारंभिक शिक्षा जलगांव के R.R विद्यालय से हुई थी। इसके बाद कॉलेज की पढ़ाई उन्होंने जलगांव के मूलजी जेठा कॉलेज से की। कानून की पढ़ाई के लिए वे सरकारी लॉ कॉलेज मुंबई चली गई। आगे इन्होंने राजनीति विज्ञान एवं अर्थशास्त्र में मास्टर की डिग्री प्राप्त की स्कूल के दिनों से ही इनका रुझान खेल की तरफ रहा कॉलेज में आकर इन्होंने बहुत से खेलों में भाग लिया टेबल टेनिस कि यह बहुत बेहतरीन खिलाड़ी थी।
श्रीमती प्रतिभा पाटिल जी जितनी हृदय से सुंदर थी, उतनी ही बाहरी खूबसूरती से भी सबको आकर्षित करती थी। यही वजह है कि उन्होंने 1962 में एम् जे कॉलेज में क्वीन का खिताब जीता। 7 जुलाई 1965 को प्रतिभा जी ने देव सिंह रन सिंह शेखावत से विवाह कर लिया प्रतिभा जी के एक बेटा एवं एक बेटी है।
प्रतिभा जी ने वकालत की प्रैक्टिस जलगांव जिला कोर्ट से शुरू की प्रतिभा जी का हमेशा से सामाजिक गतिविधियों के लिए कार्य करने का मन था। वह भारतीय महिलाओं की स्थिति को सुधारने के लिए हमेशा कार्यरत रही। प्रतिभा जी का राजनीतिक सफर 27 साल की उम्र से तब शुरू हुआ, जब वह महाराष्ट्र के जलगांव सीट से विधानसभा सदस्य बने 1962 से लगातार 4 साल तक प्रतिभा जी मुक्ति नगर विधानसभा से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की टिकट प्राप्त कर जीतती रही और MLA के पद में विराजमान रही।
महाराष्ट्र के भूतपूर्व मुख्यमंत्री यशवंतराव चौहान एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता से बहुत अधिक प्रभावित हुई। यही वजह है कि राजनीति से जुड़ी हर छोटी-बड़ी बात वे इनसे पूछती और उनसे समझकर कार्य करती। महाराष्ट्र विधानसभा में कई साल भी अलग-अलग पद में कार्यरत रही। सन 1967-72 के बीच श्रीमती प्रतिभा पाटिल शिक्षा के उपमंत्री का कार्य संभाला और साथ ही साथ दूसरे मंत्रालयों के कार्य देखें।
श्रीमती प्रतिभा पाटिल जी प्रदेश कांग्रेस समिति महाराष्ट्र की अध्यक्ष एवं महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष की लीडर भी रही। वे राष्ट्रीय शहरी सहकारी बैंक एवं ऋण संस्थाओं की निदेशक, भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ की शासी परिषद की सदस्य भी रही। इसके साथ ही साथ में उनका नाम निर्वाचित किया गया। श्रीमती प्रतिभा जी 8 नवंबर 2004 को राजस्थान की गवर्नर बन गई, जहां उन्होंने 2007 तक कार्य किया। राष्ट्रपति पद के लिए कांग्रेस की तरफ से प्रतिभा पाटिल का नाम सामने रखा गया उनके सामने विरोधी के रूप में भैरो सिंह शेखावत थी।
प्रतिभा पाटिल राष्ट्रपति कब बनी
25 जुलाई 2007 में अपने विरोधी भैरो सिंह शेखावत को 3 लाख वोटों से हराकर श्रीमती प्रतिभा पाटिल जी राष्ट्रपति के पद पर विराजमान हो गई। 2011 तक भी इस पद में विराजमान रही।
वे 1982 से 85 तक महाराष्ट्र राज्य के जल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अध्यक्ष भी रही। 1988 90 तक महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) की अध्यक्ष रही। 1985 में श्रीमती प्रतिभा जी AICC की मेंबर बन गई 1988 में वे राष्ट्रमंडल प्रिंसीडेंसी अधिकारी सम्मेलन की मेंबर रही जो लंदन में हुई थी। ऑस्ट्रेलिया में आयोजित स्टेटस ऑफ वीमेन'कार्यक्रम में वे भारत की प्रतिनिधि के तौर से सम्मिलित हुए। 1995 में वर्ल्डस विमेंस जो बीजिंग में हुई थी, श्रीमती प्रतिभा पाटिल को प्रतिनिधि के तौर में चुना गया। प्रतिभा जी ने भारत देश की राजनीति को अपने जीवन के 28 साल दिए, उन्होंने इससे करीब से देखा वह समझा था।
प्रतिभा पाटिल सामाजिक कार्य
(Pratibha Patil social work)
राजनीति के अलावा श्रीमती प्रतिभा पाटिल जी हमेशा सामाजिक कार्यों से भी जुड़ी रही। महिलाओं के कल्याण एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास के लिए श्रीमती प्रतिभा पाटिल जी ने बहुत से कार्य किये। जलगांव जिले में महिला होमगार्ड की स्थापना की निर्धन और जरूरतमंद महिलाओं के लिए सिलाई, संगीत, एवं कंप्यूटर, की कक्षाओं भी खुलवाई। पिछड़े वर्गों गरीब और अन्य पिछड़े वर्गों, के बच्चों के लिए नर्सरी स्कूल की स्थापना भी श्रीमती प्रतिभा पाटिल जी ने की। अमरावती में दृष्टिहीनों के लिए एक औद्योगिक प्रशिक्षण विद्यालय एवं किसानों को अच्छी फसल उगाने की वैज्ञानिक तकनीकी सिखाने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र' की स्थापना की। मुंबई एवं दिल्ली में घर से दूर रहने वाली कामकाजी लड़कियों एवं महिलाओं के लिए हॉस्टल खुलवाएं।
राष्ट्रपति बनने के बाद प्रतिभा जी ने महिला विकास की ओर विशेष ध्यान दिया, महिला व बाल विकास के लिए कई नियमों का उल्लेखन प्रतिभा जी ने करवाया। प्रतिभा जी राष्ट्रपति पद पर कार्यरत रहते हुए एक अच्छी सामाजिक कार्यकर्ता भी थी। वे समय-समय पर बच्चों व महिलाओं से मिलकर उनकी समस्या सुनती थी और उसके निदान के लिए तुरंत कदम उठाती थी।
एक महिला होते हुए भी श्रीमती प्रतिभा पाटिल जी राष्ट्रपति पद तक पहुंची और सफलतापूर्वक कार्य संभाला। उन्होंने इस बात को गलत साबित कर दिया कि औरतें सिर्फ घर संभाल सकती मौका मिले तो वह देश भी बखूबी चला सकती हैं। प्रतिभा जी के राष्ट्रपति बनने के बाद देश की हर महिला उनसे विशेष उम्मीद लगाए बैठी थी, सबको उम्मीद थी कि प्रतिभा जी महिलाओं के लिए अच्छे कार्य करेंगी। इस बात को उन्होंने सच कर दिखाया और आज देश की हर महिला को प्रतिभा जी पर गर्व है। सभी के लिए श्रीमती प्रतिभा पाटिल जी एक प्रेरणा है।
इसे भी पढ़ें
👉UP board model paper 2023 class-12th sychology
👉कक्षा 12 वीं अर्थशास्त्र प्री बोर्ड पेपर सम्पूर्ण हल
👉साहित्य समाज का दर्पण है पर निबंध
👉भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण संशोधन
👉बल किसे कहते हैं बल कितने प्रकार के होते हैं।
👉छायावाद किसे कहते हैं छायावादी काव्य की मुख्य विशेषताएं।
👉पंडित जवाहरलाल नेहरू का जीवन परिचय
एक टिप्पणी भेजें