संयोगिता चौहान का जीवन परिचय (Sanyogita Chauhan Biography in Hindi – Death reason, Johar, Age)

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संयोगिता चौहान का जीवन परिचय (Sanyogita Chauhan Biography in Hindi – Death reason, Johar, Age)

 संयोगिता चौहान का जीवन परिचय (Sanyogita Chauhan Biography in Hindi – Death reason, Johar, Age)

Sanyogita Chauhan Biography in Hindi – Death reason, Johar, Age)

संयोगिता चौहान का जीवन परिचय (जन्म तारीख, जन्म स्थान, संयोगिता कौन थी, मृत्यु, पृथ्वीराज चौहान की पत्नी, डेथ, हिस्ट्री, इतिहास, स्वयंवर, रचना, प्रेम, कथा) (Sanyogita Biography, Death in hindi) (koun Thi, Death History, latest News, Movis, date, of birth, birth place, death cause, Husband, love story, sanyukta)

हम सभी ने इतिहास के पन्नों पर बहुत सी प्रेम कथाओं की बारे में सुना है और पढ़ा भी है जैसे सलीम अनारकली, जोधा अकबर, बाजीराव मस्तानी, शाहजहां मुमताज महल इत्यादि लेकिन इन सभी कहानियों के अलावा भी कुछ ऐसी कहानियां हैं जो हमारी सामने नहीं आई हैं और इन्हीं कहानियों में एक है सम्राट पृथ्वीराज चौहान और संयोगिता की कहानी।


संयोगिता पृथ्वीराज चौहान की वो रानी थी जिसके लिए सम्राट में अजमेर से कोसों दूर कन्नौज की यात्रा की थी। तारागढ़ और अजमेर में आज भी इन दोनों की बातें होती हैं। वैसे तो हम सभी जानते हैं कि पृथ्वीराज चौहान कौन है और इतिहास में क्या जगह रखते हैं।


उनके आज हमारे चर्चा का विषय पृथ्वीराज चौहान नहीं बल्कि उनकी पत्नी व प्रेमिका संयोगिता है। इस आर्टिकल में हमने रानी संयोगिता के जीवन के ऊपर प्रकाश डाला है और आपको पूरी जानकारी देने की कोशिश की है तो इसे पूरा जरूर पढ़िएगा। 



रानी का नाम

संयोगिता चौहान

जन्म स्थान

कन्नौज

वंश

चौहान वंश

पिता का

नाम

जयचंद चौहान

पति का

नाम 

पृथ्वीराज चौहान

मृत्यु

संयोगिता चौहान की मृत्यु नहीं हुई बल्कि वह सती हुई

धर्म

हिंदू

विवाह 

12 वीं सदी


संयोगिता चौहान का जीवन परिचय 


रानी संयोगिता का जन्म कन्नौज में हुआ था। उनके पिता का नाम जयचंद था संयोगिता चौहान वंश की वीर राजकुमारी थी। पृथ्वीराज रासो काव्य के संयोगितास्वयंवर में रानी संयोगिता का उल्लेख किया गया है। काव्य में यह बात स्पष्ट किया गया है कि संयोगिता पूर्व जन्म में रम्भा नामक अप्सरा थी जिन्हें कसी ऋषि के श्राप के कारण धरती पर जन्म लेना पड़ा था उन्हें तिलोत्तमा कांति मती संजुक्ता जैसे नामों से पुकारा जाता है।


संयोगिता की प्रेम कहानी की शुरुआत 


संयोगिता जब जवान हुई तब पृथ्वीराज चौहान की वीरता के चर्चे पूरे देश भर में हो रहे थे जयचंद कन्या संयोगिता ने भी पृथ्वीराज चौहान की वीरता के कई किस्से सुन रखी थी।


पर जब पन्नाराय नामक मशहूर चित्रकार सभी वीर राजाओं के चित्रों को लेकर कन्नौज पहुंचे तब उन चित्रों को देखने के लिए स्त्रियों और पुरुषों की लंबी लाइन लग गई क्योंकि उन चित्रों में एक चित्र पृथ्वीराज चौहान का भी था।


पन्नाराय द्वारा लगाई गई चित्र प्रदर्शनी की खबर जब संयोगिता तक पहुंची तब वह भी अपनी सखियों के साथ प्रदर्शनी देखने के लिए आई और तब उन्होंने पहली बार पृथ्वीराज चौहान को देखा।


पृथ्वीराज चौहान के चित्र को देखने के बाद रानी संयोगिता की आंखें उन पर से हट ही नहीं रही थी। और उन्हें उसी वक्त राजा पृथ्वीराज चौहान से प्रेम हो गया। और उसी वक्त उन्होंने यह तय कर लिया कि अगर वह विवाह करेगी तो पृथ्वीराज चौहान से ही करेगी।


पर यह प्रेम कथा कैसे पूर्ण होगी इसके बारे में किसी को नहीं पता था क्योंकि जिस समय पृथ्वीराज चौहान सम्राट बने थे उस समय संयोगिता के पिता जयचंद और उनके बीच के संबंध अच्छे नहीं थे उनके बीच दुश्मनी थी यहां तक कि राजा जयचंद पृथ्वीराज चौहान को बिल्कुल भी पसंद नहीं करते थे।


पर आपने यह बात तो सुनी होगी किसी चीज को पूरी शिद्दत से चाहते हैं वह चीज आखिरकार हमें मिल ही जाती है और ऐसा ही कुछ रानी संयोगिता के साथ भी हुआ।


पृथ्वीराज चौहान को देखने के बाद संयोगिता के दिमाग में ख्याल आया। उन्होंने चित्रकार पन्नाराय को अपने समक्ष में लाकर अपनी एक सुंदर चित्र बनाने की बात कही और उस चित्र को पृथ्वीराज चौहान के सामने पेश कराने की बात कही।


चित्रकार पन्नाराय ने संयोगिता के कहे अनुसार उनकी बहुत ही सुंदर चित्र बनाएं और उसे पृथ्वीराज चौहान के सामने प्रस्तुत किया। राजकुमारी संयोगिता को देखने के बाद पृथ्वीराज चौहान का हाल भी कुछ ऐसा ही हुआ जैसे उन्हें देखकर संयोगिता का हुआ था और पृथ्वीराज चौहान की राजकुमारी संयोगिता से प्रेम करने लगे।


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पृथ्वीराज चौहान और संयोगिता की प्रेम कहानी में बाधा

पृथ्वीराज चौहान के प्रेम में मुग्ध संयोगिता की प्रेम कथा के बारे में जब उनके पिता जयचंद को पता चला तब उन्होंने अपनी पुत्री का विवाह किसी और राजा से करने का मन बना लिया।


उन्होंने अपनी पुत्री संयोगिता को अपने पास बुलाया और उन्हें साफ साफ कह दिया कि उनकी शादी पृथ्वीराज से नहीं हो सकती है क्योंकि उन्हें पृथ्वीराज से नफरत थी।


अपनी पुत्री के विवाह का निश्चय करने के बाद राजा जयचंद ने अश्वमेध यज्ञ किया और यज्ञ संपन्न हो जाने के बाद उन्होंने अपनी पुत्री के स्वयंबर की घोषणा कर दी इतिहास के पन्नों पर राजा जयचंद को पृथ्वीराज चौहान और रानी संयोगिता के प्रेम का दुश्मन भी माना जाता है।


राजकुमारी संयोगिता का स्वयंवर 


अपनी पुत्री संयोगिता का विवाह करने के लिए राजा जयचंद ने सभी बड़े-बड़े राजाओं को स्वयंवर में आमंत्रित किया लेकिन उन्होंने पृथ्वीराज चौहान को स्वयंवर का निमंत्रण नहीं भेजा था।


पृथ्वीराज चौहान के इस अपमान के बाद भी जयचंद नहीं रुके उन्होंने पृथ्वीराज की लोहे की एक मूर्ति बनाई और उन्हें द्वारपाल के स्थान पर रख दिया। राजकुमारी संयोगिता को इस बात की खबर नहीं थी कि पृथ्वीराज चौहान को स्वयंवर में आमंत्रित नहीं किया गया है।


इसलिए जब वह माला डालने के लिए दरबार में पहुंची तो उन्हें पृथ्वीराज चौहान कहीं नहीं दिखे जिसके बाद वह द्वारपाल के स्थान पर खड़े लोहे की मूर्ति पर माला डालने के लिए चली गई लेकिन उसी समय पृथ्वीराज चौहान महल में प्रवेश कर रहे थे जिससे संयोगिता ने मूर्ति को माला ना पहना कर पृथ्वीराज को माला पहना दिया।


इस दृश्य को देखकर राजा जयचंद आग बबूला हो गए और वह संयोगिता की हत्या करने के लिए आगे बढ़े लेकिन तब सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने संयोगिता का हाथ पकड़ा और उन्हें अपने घोड़े पर बैठा कर उन्हें अपने साथ दिल्ली लेकर चले गए।


रानी संयोगिता और सम्राट पृथ्वीराज चौहान की प्रेम कथा का अंत


कहते हैं ना प्रेम करने वाले लोगों को मिलवाने से ज्यादा उन्हें अलग करने वाले लोग होते हैं। यहां भी कुछ ऐसा ही था रानी संयोगिता और सम्राट पृथ्वीराज चौहान के विवाह के पश्चात संयोगिता के पिता जयचंद पृथ्वीराज चौहान के सबसे बड़े दुश्मन मोहम्मद गौरी के साथ मिल गए।


उन्होंने अपनी पूरी सेना मोहम्मद गौरी को दे दी जिसके बाद मोहम्मद गौरी ने पृथ्वीराज चौहान पर आक्रमण किया और उन्हें अपना बंदी बना लिया जिसके बाद पृथ्वीराज चौहान ने किस तरह मोहम्मद गौरी को मारा और किस तरह आत्महत्या की उसके बारे में तो हम सभी जानते हैं।


रानी संयोगिता की मृत्यु


पृथ्वीराज चौहान की मृत्यु की खबर जब रानी संयोगिता तक पहुंची तब उन्होंने सती होने का निर्णय लिया और अपनी सारी बंदियों वह अन्य रानियों के साथ अग्निकुंड में कूदकर सती हो गई।


संयोगिता और पृथ्वीराज चौहान के जीवन पर बनाई जाएगी फिल्म


आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सम्राट पृथ्वीराज चौहान और रानी संयोगिता की प्रेम कथा के ऊपर फिल्म बनाई जाएगी। इस फिल्म में अक्षय कुमार राजा पृथ्वीराज चौहान का किरदार निभाते नजर आएंगे और उनकी पत्नी संयोगिता का किरदार मानुषी छिल्लर निभाएंगी। यह एक बहुत ही बड़ी बजट वाली फिल्म होने वाली है। जो शायद इसी साल बड़े पर्दे पर आ जाएगी।


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