अनुशासन पर निबंध || Discipline Essay in Hindi

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अनुशासन पर निबंध || Discipline Essay in Hindi

अनुशासन पर निबंध || Discipline Essay in Hindi

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"अनशासन को अपनाएं

जीवन को आदर्श बनाएं।"


परिचय – किसी नियम के अधीन दरहना या नियमों के शासन में रहना ही अनुशासन कहलाता है‌। हमें जीवन के हर एक काम के लिए बेहतर अनुशासन की आवश्यकता होती है। पारिवारिक और सामाजिक जीवन में तो कहीं ज्यादा अनुशासन की आवश्यकता होती है।

यदि अनुशासन का पालन नहीं किया जाए, तो जीवन पूरी तरह खत्म हो जाएगा। अनुशासन के बिना सफलता नहीं हासिल की जा सकती। जिस देश के लोग अनुशासित हैं, जा की सेना अनुशासित हैं, वह देश निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर होता रहेगा, वह सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ता रहेगा।


अनुशासन के प्रकार - 


अनुशासन के विभिन्न लोगों द्वारा विभिन्न प्रकार बताए गए हैं। किंतु दो प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं - 


सकारात्मक अनुशासन  :-


सकारात्मक अनुशासन व्यवहार के सकारात्मक बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करता है। यह व्यक्ति में एक तरह का सकारात्मक विचार उत्पन्न करता है, कि कोई व्यक्ति अच्छा या बुरा नहीं होता, बल्कि उसके व्यवहार अच्छे या बुरे होते हैं। किसी बच्चे के माता पिता उन्हें समस्या सुलझाने के कौशल सिखाते हैं और साथ ही उन्हें विकसित करने के लिए उनके साथ काम करते हैं। माता पिता अपने बच्चे को अनुशासन सिखाने के लिए शिक्षण संस्थाओं में भेजते हैं। यह सभी पहलू सकारात्मक अनुशासन को बढ़ावा देते हैं और इसे प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।


नकारात्मक अनुशासन :-


नकारात्मक अनुशासन वह अनुशासन है जिसमें यह देखा जाता है, कि कोई व्यक्ति क्या गलत कर रहा है, जिससे उस पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। किसी व्यक्ति को आदेश देना एवं उन्हें नियमों और कानूनों को पालन करने के लिए मजबूर करना नकारात्मक अनुशासन होता है।


अनुशासन का पालन


हमें हमेशा अनुशासन में होना चाहिए और अपने जीवन में सफल होने के लिए अपने शिक्षक और माता-पिता के आदेशों का पालन करना चाहिए। हमें सुबह जल्दी उठना चाहिए, नियमित दिनचर्या के तहत साफ पानी पीकर शौचालय जाना चाहिए,दांतो को साफ करने के बाद नहाना चाहिए और इसके बाद नाश्ता करना चाहिए। बिना खाना लिए हमें स्कूल नहीं जाना चाहिए। हमें सही समय पर स्वच्छता और सफाई से अपना ग्रह कार्य करना चाहिए।

हमें कभी भी अपने माता-पिता की बातों का निरादर, नकारना या उन्हें दुखी नहीं करना चाहिए। हमें अपने स्कूल में पूरे यूनिफॉर्म में और सही समय पर जाना चाहिए। कक्षा में स्कूल के नियमों के अनुसार हमें प्रार्थना करना चाहिए। हमें अपने शिक्षकों की आज्ञा का पालन करना चाहिए, साफ लिखावट से अपना कार्य करना चाहिए तथा सही समय पर दिए गए पाठ को अच्छे से याद करना चाहिए। हमें शिक्षक, प्रधानाध्यापक, चौकीदार, खाना बनाने वाले विद्यार्थियों से बुरा बर्ताव नहीं करना चाहिए।


अनुशासन का मनुष्य के जीवन में महत्व - 


अनुशासन का मनुष्य के जीवन में महत्व कितना आवश्यक है, हम इस प्रकार से समझ सकते हैं। हम किसी न किसी अनुशासन का किसी न किसी रूप में पालन करते हैं। हम भले जी कहीं भी हो स्कूल, घर, कार्यालय, संस्थान, कारखाने, खेल के मैदान, युद्ध के मैदान या अन्य किसी स्थान पर हो।

अनुशासन इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि ऐसा करने से काम शांति से और अच्छे से हो जाता है।

कई सफल व्यक्ति जिन्होंने अपने जीवन में काफी सफलता हासिल की हो वह अपनी इस सफलता का श्रेय अनुशासन को देते हैं। अनुशासन ने ही उन्हें वह सफलता दिलाई है।

अनुशासन हमारे व्यक्तिगत जीवन, करियर, काम, अध्ययन, जीवन शैली और यहां तक कि सामाजिक जीवन तक फैला हुआ है। इसलिए इसका महत्व भी हमारे जीवन के लिए बहुत अधिक है।

अनुशासन हमें आगे बढ़ने का सही तरीका, जीवन में नई चीजें सीखने, कम समय के अंदर अधिक अनुभव करने जैसे बहुत सारे अवसर प्रदान करता है।


अनुशासन सफलता की चाबी


सूरज और चांद का सही समय पर उगना और अस्त होना, सुबह और शाम का अपने सही समय पर आना और जाना, नदियां हमेशा बहती हैं, अभिभावक हमेशा प्यार करते हैं, शिक्षक हमेशा शिक्षा देते हैं और भी बहुत कुछ। तो फिर क्यों हम अपने जीवन में पीछे हैं, बिना परेशानियों का सामना किए आगे बढ़ने के लिए हमें भी अपने जीवन में सभी जरूरी अनुशासन का पालन करना चाहिए।


हमें अपने शिक्षक, अभिभावक और बड़ों की बातों को मानना चाहिए। हमें उनके अनुभवों के बारे में उनसे सुनना चाहिए और उनकी सफलता और असफलता से सीखना चाहिए। जब भी हम किसी चीज को गहराई से देखना और समझना शुरू करते हैं, तो ये हमें जीवन में महत्वपूर्ण सीख देता है। मौसम अपने सही समय पर आता और जाता है, आकाश बारिश करता है और रुकता है आदि सभी सही समय पर होती हैं जो हमारे जीवन को संतुलित बनाती है।


इसलिए, इस धरती पर जीवन चक्र को कायम रखने के लिए हमें भी अनुशासन में रहने की जरूरत है। हमारे पास अपने शिक्षक, अभिभावक, पर्यावरण, परिवार, वातावरण, और जीवन आदि के प्रति बहुत सारी जिम्मेदारियां हैं। मानव होने के नाते हमारे पास सोचने-समझने का, सही गलत के बारे में फैसला करने के लिए और अपनी योजना को कार्य में बदलने के लिए अच्छा दिमाग है। इसलिए, अपने जीवन में अनुशासन के महत्व और जरूरत को जानने के लिए हम अत्यधिक जिम्मेदार हैं।


विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व - 


अच्छे विद्यार्थी के गुणों में अनुशासन सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। अनुशासन का पालन करके ही एक अच्छा विद्यार्थी बना जा सकता है। जीवन को आनंदपूर्वक जीने के लिए विद्या और अनुशासन दोनों आवश्यक हैं। विद्या का अंतिम लक्ष्य है - इस जीवन को आदर्श तथा सुविधापूर्ण बनाना।

अनुशासन का भी यही लक्ष्य है। विद्यार्थी के लिए अनुशासित होना परम आवश्यक है। अनुशासन का गुण बचपन में ही ग्रहण किया जाना चाहिए। विद्यालय की सारी व्यवस्था में अनुशासन और नियमों को लागू करने के पीछे यही बात है। यही कारण है कि अच्छे अनुशासित विद्यालयों के छात्र जीवन में अच्छी सफलता प्राप्त करते हैं। अता अनुशासन जीवन के लिए परमावश्यक है।


अनुशासित रहने के तरीके -


हमें अपने जीवन में अनुशासन को अपनाने के लिए निम्नलिखित तरीकों का पालन कर सकते हैं, जैसे कि - 

1. एक संतुलित और नियमित दिनचर्या का पालन करना।

2. कार्यों को समय पर पूरा करने का हरसंभव प्रयास करना।

3. व्यर्थ के कार्यों से दूर रहना।

4. बुरिया तोहार कार्यों से दूरी बनाना।

5. अपने कार्यों के प्रति पूरी लगन रखना।


अनुशासन का लाभ और आवश्यकता


जीवन में अनुशासन को अपनाने से कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। अनुशासित रहने वाले व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में मान-सम्मान और सफलता प्राप्त करते हैं। सेना और रक्षा तथा अनुसंधान संगठनों में तो जीवन तथा कार्यों में अनुशासन को सर्वोपरि माना गया है, क्योंकि इन क्षेत्रों में एक सेकंड या मिनट भर की देरी या फिर एक छोटी सी चूक के कारण काफी बड़े नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। यही कारण है कि इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अनुशासन को इतना महत्व दिया जाता है और अधिकतम कार्यों में इसका पूर्ण रुप से पालन किया जाता है।


इसके साथ ही विद्यार्थियों के लिए तो अनुशासन सफलता का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, यदि कोई छात्र अनुशासन दिनचर्या का पालन करते हुए अपना अध्ययन करता है, तो उसे सफलता अवश्य प्राप्त होती है। यही कारण है कि छात्र जीवन में अनुशासन को सफलता का आधार माना गया है।


अनुशासन पर निबंध 10 लाइन


1. अनुशासन एक ऐसी क्रिया है जो अनुशासन में रह कर हर नियम कानून को मानने के लिए हमारे दिमाग को तैयार करती है।


2. अनुशासन पूरे जीवन में बहुत महत्व रखता है और जीवन के हर कार्यों में इसकी जरूरत होती है।


3. हमें हमेशा अनुशासन में होना चाहिए और अपने जीवन में सफल होने के लिए अपने शिक्षक और माता पिता के आदेशों का पालन करना चाहिए।


4. हमें अपने शिक्षक, अभिभावक और बड़ों की बातों को मानना चाहिए।


5. अनुशासनहीनता की वजह से जीवन में ढेर सारी दुविधा आती है और व्यक्ति को गैर जिम्मेदार और आलसी बना देता है।


6. अनुशासन में होने से ये हमें जीवन के सबसे अधिक ऊंचाइयों की सीढ़ी पर ले जाती है।


7. हमारे जीवन के कई पड़ाव पर बहुत से रास्तों पर हमें अनुशासन की जरूरत पड़ती है।


8. बचपन से ही अनुशासन का अभ्यास करना अच्छा होता है।


9. अनुशासन हमारे स्वास्थ्य और सामाजिक स्तर को सुधारने में भी हमारी सहायता करता है।


10. अनुशासन के जरिए ही हम सभी बुरी आदतों और कार्यों से दूरी बना सकते हैं।


निष्कर्ष - 


निष्कर्ष रूप में हम यह कह सकते हैं कि हम सभी को अपने जीवन को आदर्श और सफल बनाने हेतु अनुशासन में ही रहना चाहिए। हमेशा हमसे बड़े लोगों के साथ हमें अच्छे से बर्ताव करना चाहिए और उनका सम्मान करना चाहिए। हमेशा सफल इंसान बनने के लिए अनुशासन होना बहुत ही जरूरी है। जिस व्यक्ति में अनुशासन है वह जीवन में कईं सारी उपलब्धियां प्राप्त कर सकता है।


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प्रश्न- अनुशासन का महत्व निबंध कैसे लिखें?

अनुशासित व्यक्ति आज्ञाकारी होता है और उसके पास उचित सत्ता के आज्ञा पालन के लिए स्व–शासित व्यवहार होता है। अनुशासन पूरे जीवन में बहुत महत्व रखता है और जीवन के हर कार्यों में इसकी जरूरत होती है। यह सभी के लिए आवश्यक है जो किसी भी प्रोजेक्ट पर गंभीरता से कार्य करने के लिए जरूरी है।


प्रश्न- अनुशासन का हमारे जीवन में क्या महत्व?

किसी नियम के अधीन रहना या नियमों के शासन में रहना। हमारे जीवन के हर एक काम के लिए बेहतर अनुशासन की आवश्यकता होती है। पारिवारिक और सामाजिक जीवन में तो कहीं ज्यादा अनुशासन की आवश्यकता होती है। यदि अनुशासन का पालन नहीं किया जाए, तो जीवन पूरी तरह खत्म हो जाएंगा।


प्रश्न- अनुशासन कितने प्रकार के होते हैं?

अनुशासन दो प्रकार के होते हैं। एक बाहर का अनुशासन और दूसरा भीतर का या आंतरिक अनुशासन। बाहर का अनुशासन दिखावटी होता है और भीतर का अनुशासन मौलिक होता है।


प्रश्न- अनुशासन के सफलता कैसे मिलती है?

यदि आपको अपने लक्ष्य तक पहुंचने पर केंद्रित रहने में मदद करता है, आपको कठिन कार्यों से जुड़े रहने का साहस देता है, और आपको बाधाओं और असुविधाओं को दूर करने की अनुमति देता है क्योंकि आप खुद को नई ऊंचाइयों तक ले जाते हैं।


प्रश्न- अनुशासन के दो लक्ष्य क्या हैं?

अनुशासन के लक्ष्य क्या हैं? अनुशासन आपके बच्चे को खतरे से बचाता है। अनुशासन आपके बच्चे को आत्म - नियंत्रण और आत्म - अनुशासन सीखने में मदद करता है। अनुशासन आपके बच्चे में जिम्मेदारी की भावना विकसित करने में मदद करता है।



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