अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर निबंध || Essay on International Tiger day in Hindi
नमस्कार दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में हम आपको अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर निबंध लिखना बताएंगे। दोस्तों अगर आपको हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी अच्छी लगे तो अपने सभी दोस्तों को share जरूर करिएगा।
अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर निबंध || Essay on International Tiger day in Hindi |
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Table of contents –
1. अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस कब मनाया जाता है
2. अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस का इतिहास
3. अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस का महत्व
4. वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड फॉर नेचर (WWF) क्या है?
5. बाघों की मुख्य प्रजातियां
6. बाघों की आबादी में कमी के मुख्य कारण
7. बाघों के बारे में रोचक तथ्य
8. अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर 10 लाइन हिंदी में
9. अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर 10 लाइन अंग्रेजी में
10. FAQ'S
अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस या विश्व टाइगर दिवस कब मनाया जाता है –
अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस हर साल 29 जुलाई को मनाया जाता है। बाघों और उनके आवासों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस को वैश्विक बाघ दिवस के नाम से भी जाना जाता है।
बाघ वन्यजीवों की अमूल्य धरोहर है। बाघ अपने निवास स्थान के पारिस्थितिकी तंत्र का संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शीर्ष शिकारियों के रूप में, वे शाकाहारी आबादी को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों से बाघ की प्रजातियों में कमी देखी गई है जिसकी वजह से बाघ का संरक्षण आवश्यक हो गया है। अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस का मुख्य उद्देश्य बाघ जैसे महत्वपूर्ण जीवों की संरक्षण को बढ़ावा देना है।
इस दिन वन्य जीव संरक्षण एजेंसियों, सरकारी संगठनों,गैर सरकारी संगठनों और जनता द्वारा भी विभिन्न योजनाएं आयोजित की जाती हैं। इस दिन कई संगठनों और स्कूलों में बाघ संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। छात्रों को बाघ के महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए खेल, पोस्टर और प्रश्नोत्तरी का कार्यक्रम भी आयोजन किया जाता है।
बाघों की घटती आबादी में अवैध वन्यजीव व्यापार का प्रमुख योगदान है। कई देशों की सरकारों ने अवैध शिकार और अवैध वन्यजीव व्यापार से निपटने के लिए सख्त कानून लागू किए हैं ताकि बाघों को विलुप्त होने से बचाया जा सके।
बाघ वास्तव में एक महान जीव है और हमें इसका संरक्षण करना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाना हमें याद दिलाता है कि बाघों की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है।
अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस का इतिहास –
साल 2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग शहर में आयोजित बाघ सम्मेलन में इस दिवस को मनाने का निर्णय लिया गया था। इस सम्मेलन में 13 देशों ने भाग लिया था और उन्होंने वर्ष 2022 तक बाघों की संख्या में दोगुनी बढ़ोतरी का लक्ष्य रखा था, तब से प्रत्येक वर्ष 29 जुलाई को वर्ल्ड टाइगर डे मनाया जाता है। भारत सरकार ने बाघों के संरक्षण के लिए वर्ष 1973 में 'प्रोजेक्ट टाइगर' की शुरुआत की थी। वर्तमान में भारत में कुल 50 टाइगर रिजर्व कोर और बफर क्षेत्र हैं। WWF के अनुसार साल 2016 में बाघ की आबादी वाले विश्व के 13 देशों में बाघों की कुल संख्या 3,948 थी, वहीं भारत में बाघों की कुल संख्या 1,706 थी। भारत ने बाघ संरक्षण के लिए काफी सराहनीय कार्य किया है, वर्ष 2006 में केवल 1411 बाघ थे जो 2014 में बढ़कर 2226 हो गए थे। भारत में प्रत्येक 4 वर्ष बाद बाघ की गणना की जाती है। कर्नाटक, भारत का ऐसा राज्य है जिसमें बाघों की संख्या सबसे अधिक है।
अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस का महत्व-
वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर के अनुसार, जंगली बिल्ली की वर्तमान आबादी 3,900 है। जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, अगले वर्ष तक, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ, बाघों की आबादी वाले देशों के साथ, उनकी संख्या को दोगुना करके 6000 करने का लक्ष्य रखता है। यह दिन और भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि एक समय था जब अधिकांश अफ्रीकी महाद्वीप में बाघों को घूमते हुए देखा जाता था। हालांकि, अवैध शिकार, अवैध वन्यजीव व्यापार और निवास स्थान के नुकसान ने उनकी आबादी और सीमा को लगभग 7% तक कम कर दिया। भारत 18 राज्यों में स्थित 51 बाघ अभयारण्यों का घर है। 2018 की बाघ जनगणना में भारत के राष्ट्रीय पशु की आबादी में वृद्धि देखी गई।
वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड फॉर नेचर (WWF) क्या है?
वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड फॉर नेचर एक अंतर्राष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन है, यह संगठन वन्यजीवों के संरक्षण के लिए कार्य करता है। इसकी स्थापना 29 अप्रैल, 1961 में की गई थी। इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड के रूए मोवेर्नी में स्थित है। इस संगठन का उद्देश्य वन्य जीवों का संरक्षण तथा पर्यावरण पर मानव के प्रभाव को कम करना है। WWF वर्ष 1998 से हर 2 साल के उपरांत लिविंग प्लेनेट रिपोर्ट प्रकाशित करता है।
बाघों की मुख्य प्रजातियां –
वर्तमान में बाघों की संख्या अपने न्यूनतम स्तर पर है। बाघों की कुछ प्रजातियां पहले ही विलुप्त हो चुकी हैं। पूरी दुनिया में बाघों की कई तरह की प्रजातियां मिलती है। इनमें 6 प्रजातियां मुख्य हैं। इनमें साइबेरियन बाघ, बंगाल बाघ, इंडोचाइनीज बाघ, मलायन बाघ, सुमात्रा बाघ और साउथ चाइना बाघ शामिल हैं। बंगाल टाइगर, बंगाल टाइगर या पेंथेरा टिगरिस,प्रकृति की सबसे सुंदर प्रजातियों में से एक है। यह बाग परिवार की एक उप-प्रजाती हैं और भारत, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार एवं दक्षिण तिब्बत के क्षेत्रों में पाई जाती हैं। इसके शौर्य, सुंदरता और बलशाली रूप को देखते हुए बंगाल टाइगर को भारत के राष्ट्रीय पशु के सम्मान से भी नवाजा गया है। अन्य जीवों की अपेक्षा बाघों की देखने और सुनने की शक्ति कहीं ज्यादा होती है।
बाघों की आबादी में कमी के मुख्य कारण –
वर्ष 1915 में बाघों की कुल संख्या 1 लाख थी। 'वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड' और 'ग्लोबल टाइगर फोरम' के 2016 के आंकड़ों के अनुसार, पूरे विश्व में लगभग 6000 बाघ ही बचे हैं, इस प्रकार हम ये कह सकते हैं कि पिछले 100 सालों में टाइगरों की आबादी का लगभग 97% समाप्त हो चुकी है। भारत उन देशों में शामिल है, जिसमें बाघों की जनसंख्या सबसे अधिक है। साल 2016 के आंकड़ों के अनुसार भारत में 3,891 बाघ हैं। भारत, नेपाल, रूस एवं भूटान में पिछले कुछ समय से बाघों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु है। बाघ देश की शक्ति, शान, सतर्कता बुद्धि और धीरज का प्रतीक है। बाघ भारतीय उपमहाद्वीप का प्रतीक है और उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र को छोड़कर पूरे देश में पाया जाता है।
बाघों के बारे में रोचक तथ्य –
बाघ अपने मजबूत पैरों की सहायता से बड़ी आसानी से अपने शिकार को पकड़ लेता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बाघ के पैर इतने मजबूत होते हैं कि वह मरने के बाद भी खड़ा रह सकता है।
अगर आपका सामना कभी बाघ से हो और यदि आप सीधे वालों की आंखों में देखेंगे, तो वह आप पर हमला करने से पहले सोचेगा, या ये भी हो सकता है कि वह आप पर हमला करने का इरादा बदल दे। बाघ जब जन्म लेते हैं तो वह अंधे होते हैं, बाघ अपने जन्म के 1 सप्ताह तक देख नहीं सकते हैं।
वहीं, आधे से ज्यादा बाघ युवावस्था में ही मर जाते हैं।
बाघ करीब 5 मीटर तक की ऊंचाई कूंद सकते हैं और वह 6 मीटर तक की चौड़ाई भी आराम से फांद सकते हैं।
बाघ का वजन 300 किलो तक का होता है। वहीं उनका दिमाग 300 ग्राम का होता है।
बाघ एक शानदार तैराक होते हैं। वह 6 किलोमीटर तक की दूरी आराम से तय कर सकते हैं।
आज से करीब 100 साल पहले बाघ की 9 उपजाति पाई जाती थीं। पिछले 80 सालों में बाघों की 3 उपजातियां खत्म हो चुकी है और आज के समय में सिर्फ 6 प्रजातियां ही रह गई हैं।
आपको तो पता ही होगा कि बाघ काफी तेजी से दहाड़ते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक बंगाल टाइगर की दहाड़ रात के समय 2 किलोमीटर तक की दूरी पर भी आसानी से सुनाई दे सकती है।
अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर 10 लाइन हिंदी में–
अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर निबंध || Essay on International Tiger day in Hindi |
1. बाघ दुनिया का एक खूबसूरत जानवर है।
2. बाघ को अंग्रेजी में टाइगर कहते हैं।
3. बाघ का वैज्ञानिक नाम पेंथेरा टाइग्रिस होता है।
4. 29 जुलाई को हर साल अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के रूप में मनाया जाता है।
5. अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस को बहुत लोग ग्लोबल टाइगर डे के नाम से भी जानते हैं।
6. बाघ की चमड़ी का उपयोग जूते, लेडीस बैग, कोट आदि बनाने में किया जाता है।
7. कहते हैं कि गंजापन, दांत दर्द, जोड़ों के दर्द और फोड़े से लेकर अल्सर, बुखार और सिर दर्द बाघ के अंगों से सही हो जाते हैं।
8. आमतौर पर बाघ का रंग नारंगी रंग का होता है जिस पर काली धारियां होती हैं। लेकिन सफेद बाघों की सफेद त्वचा पर काली धारियां होती हैं।
9. इस जानवर का जीवनकाल अधिकतर 8-10 साल तक का होता है।
10. साइबेरियन टाइगर बाघ प्रजाति का सबसे खूबसूरत जानवर होता है। यह सबसे भारी बाघ होता है।
अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर 10 लाइन अंग्रेजी में –
1. International tiger day is celebrated on 29th July every year.
2. It is celebrated to noise the awareness for the conservation of tigers.
3. The day was created in 2010, at the Saint Petersburg Tiger submit in Russia.
4. The goal of this day is to promote a global system for protecting the natural habitat of tigers.
5. Tiger is one of the most powerful and strongest animal of the world.
6. Tigers are the essential part of the balanced ecosystem.
7. Gradually the number of tigers are decreasing, so we should try to save them.
8. We should raise the public awareness and support for tiger conservation.
9. This day is also known as "Global Tiger Day".
10. This day is celebrated with the slogan Their survival is in our hand.
FAQ'S –
प्रश्न - हम बाघ दिवस क्यों मनाते हैं?
उत्तर - बाघों के संरक्षण के लिए एक अभियान चलाने की, जिसे ध्यान में रखते हुए साल 2010 में आयोजन हुआ। रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में बाघ सम्मेलन का यह तय हुआ कि हर साल 29 जुलाई की तारीख को बाघों की घटती आबादी पर नियंत्रण करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जाएगा।
प्रश्न - विश्व बाघ दिवस कब मनाया जाता है?
उत्तर - विश्व टाइगर दिवस 29 जुलाई को मनाया जाता है ताकि इस जीव को संरक्षित किया जा सके।
प्रश्न - प्रोजेक्ट टाइगर क्या है?
उत्तर - प्रोजेक्ट टाइगर वर्ष 1973 में शुरू की गई पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की एक केंद्र प्रायोजित योजना है। यह देश के राष्ट्रीय उद्यानों में बाघों को आश्रय प्रदान करती है।
प्रश्न - प्रोजेक्ट टाइगर के जनक कौन हैं?
उत्तर - मध्यप्रदेश में प्रोजेक्ट टाइगर के जनक कहे जाने वाले सेवानिवृत्त पीसीसीएफ जेपी दत्ता का कहना है कि जब देश में 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर शुरू हुआ तो देश के 9 टाइगर रिजर्व में से एक कान्हा नेशनल पार्क भी था।
प्रश्न - वर्तमान में भारत में टाइगर की संख्या कितनी है?
उत्तर - कर्नाटक में भारत में बाघों की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है। कर्नाटक में बाघों की कुल 524 संख्या है।
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