समाचार-पत्र के महत्त्व पर निबंध / samaachaar-patra ke mahattv par nibandh
समाचार-पत्र के महत्त्व पर निबंध / Essay on Importance of Newspaper
समाचार-पत्रों की उपयोगिता पर निबंध
समाचार-पत्र
अथवा
समाचार-पत्रों का महत्त्व / की उपयोगिता
[रूपरेखा - (1) प्रस्तावना, (2) जन्म तथा विकास, (3) समाचार-पत्रों के प्रकार, (4) समाचार-पत्रों की आवश्यकता, (5) समाचार-पत्रों का दायित्व, (6) समाचार-पत्रों की शक्ति, (7) उपसंहार ।]
प्रस्तावना - वर्तमान समय में समाचार पत्रों का महत्त्व निर्विवाद है। समाचार पत्र ही वह सबसे प्रबल - साधन है जिसके द्वारा हम विश्व की गतिविधियों का ब्यौरा अपने घर पर ही बैठकर आसानी से प्राप्त कर लेते हैं।
जन्म तथा विकास- समाचार पत्रों का जन्म सर्वप्रथम इंग्लैण्ड में सत्रहवीं शताब्दी में ठहराया गया है। भारत में सबसे पहला समाचार पत्र 'इण्डिया गजट' के नाम से प्रकाशित हुआ। ईसाइयों ने अपने धर्म के प्रचार के लिए समाचार पत्र छापने शुरू किये। मुद्रण कला के आविष्कार के साथ ही समाचार-पत्रों का विस्तार होता गया। आज समाचार पत्र देश-विदेश में होने वाली घटनाओं से जनसामान्य को प्रबुद्ध तथा जागरूक बना रहे हैं।
समाचार-पत्रों के प्रकार- समाचार पत्र के कई प्रकार होते हैं, जैसे- दैनिक, साप्ताहिक तथा मासिक सभी समाचार पत्र विश्व में होने वाली घटनाओं की अधिकाधिक जानकारियाँ देते हैं।
समाचार पत्रों की आवश्यकता - मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। इस कारण वह समाज में होने वाली दिन-प्रतिदिन की घटनाओं को जानने के लिए उत्सुक रहता है। इन सबके बारे में समाचार-पत्र ही एक ऐसा सशक्त साधन है जिसके द्वारा जानकारी हासिल की जा सकती हैं।
सरकार तथा जनता के मध्य की कड़ी समाचार-पत्र ही होते हैं। सरकार की नीति तथा विचारों को हम समाचार पत्र के माध्यम से ही जान सकते हैं। जनता के आक्रोश को सरकार तक पहुँचाने का माध्यम समाचार-पत्र ही हैं।
समाचार-पत्रों का दायित्व- समाचार पत्रों का सबसे बड़ा उत्तरदायित्व शक्तिसम्पन्न होने पर भी सन्तुलित एवं मर्यादित होना चाहिए। समाचार पत्रों को जनसामान्य का भली प्रकार दिशा-निर्देश करना चाहिए।
समाचार पत्रों की शक्ति-समाचार-पत्र किसी भी समस्या को लेकर जनता को प्रबुद्ध तथा जागरूक बनाकर सरकार से उसकी बात को स्वीकार करने के लिए विवश कर सकते हैं।
उपसंहार - आज मानव की जिज्ञासा प्रवृत्ति प्रतिपल नूतन दिशा की ओर अग्रसर है। मानव के लिए इस दिशा में समाचार-पत्रों का महत्त्वपूर्ण योगदान हैं। कष्टप्रद स्थिति तब सामने आती है जब समाचार-पत्र अपने स्तर से गिरकर लोभ के वशीभूत होकर गलत समाचारों का प्रकाशन कर देते हैं। इस ओर विशेष ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता है। ये उन्नति के सन्देशवाहक हैं।
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